पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में मरीज उतने गंभीर नहीं हो रहे हैं, जितनी पहली और दूसरी लहर में हो रहे थे। इस कारण अभी तक वेंटिलेटर की जरूरत काफी कम पड़ी है। इसके बावजूद हर स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में वेंटिलेटर तैयार है। पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में चालू हालत में रखे गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वेंटिलेटरों को क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं। वेंटिलेटर संचालन के लिए आवश्यक सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अस्पतालों में अतिरिक्त वेंटिलेटर लगाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसके लिए अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि अगर अतिरिक्त वेंटिलेटर की आवश्यकता है तो इसकी जानकारी विभाग को दें।
पांडेय ने कहा कि पीएसए संयंत्रों को भी हर तरह से चालू रखने के आदेश दिये गए हैं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मरीजों तक ऑक्सीजन का प्रवाह तय मानक के अनुसार हो सके। वेंटिलेटर संचालन और ऑक्सीजन थेरेपी के लिए चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। श्री पांडेय ने कहा कि कोविड से बचाव का वैक्सीन सर्वोत्तम उपाय है।