कुलपति द्वारा विभाग निरीक्षण में अनुपस्थित मिले उर्दू एवं संस्कृत के सभी छात्र
छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति ने इतिहास विभाग में निरीक्षण किया। डॉ० नीलेश कुमार पीजी प्रथम सेमेस्टर का क्लास चल रहा था। कुलपति प्रो० फारूक अली जी ने छात्रों से कहा कि यदि क्लास नहीं चलता है, तो मेरे मोबाइल पर तुरंत सूचना दो। उर्दू एवं संस्कृत मे कोई छात्र नहीं उपस्थित था।कुलपति ने अध्यक्ष को मोबाइल से छात्रों को बुलाने के लिए कहा।
कामर्स मे डॉ० स्निग्धा का क्लास चल रहा था। छात्रों की संख्या 11 थी। डॉ० अनिल कुमार गोप का ही केवल 3rd सेमेस्टर का क्लास चल रहा था। राजनीति शास्त्र मे डॉ० विकास चौहान का पीजी 1st सेमेस्टर का क्लास चल रहा था। ज्योति कुमारी 200 किलोमीटर दूर से क्लास करने आती हैं। कुलपति ने बताया कि ज्योति से सभी छात्रों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
अर्थशास्त्र मे डॉ० पियूष भदानी का क्लास चल रहा था। 14 विद्यार्थियों की संख्या थी। अंग्रेजी विभाग में क्लास चल रहा था।डी यस डब्ल्यू प्रो यू यस ओझा जी का क्लास चल रहा था। 15 की संख्या थी। भूगोल विभाग का क्लास चल रहा था।भौतिकी का क्लास चल रहा था। सर्वाधिक संख्या उसी मे थी।रसायन विज्ञान का क्लास छूट चुका था। निरीक्षण मे माननीयकुलपति महोदय के साथ सी सी डी सी प्रोफेसर हरिश्चंद साथ में थे।
शनिवार से की गई टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत
छपरा : जिले में शनिवार से टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। जिसके तहत जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों व कर्मचारियों को टीकाकरण शुरू किया गया। पहले दिन जिलाधिकारी डॉ निलेश रामचंद्र देवरे सदर अस्पताल के टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे और उन्होंने अपना टीकाकरण कराया। टीकाकरण के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि टीका लेने के बाद कहा कि कोविड का टीका कोरोना से जंग जीतने के लिए रामबाण साबित हो रहा है। टीका लगवाने के बाद आधा घंटे तक निगरानी में रहा।
इसके बाद कार्य एवं दायित्व को बखूबी से निर्वहन किया। कोरोना पर हमेशा के लिए विजय पाने के लिए दूसरी डोज लगवाने का इंतजार है। टीका लगवाने का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। यह टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है। यह वैक्सीन भारत में बनी है। टीकाकरण स्थलों पर जब भी समय आये तो टीकाकरण आकर अवश्य करा लें। डीएम ने बताया कि कोविडशील्ड का टीका सुरक्षित और असरदार है।
मानक के अनुरूप पूरी की गयी औपचारिकताएं :
जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड का टीकाकरण दो बार कराया जायेगा, पहला टीका लगने के 28 दिन बाद दूसरा टीका लगाया जायेगा। टीकाकरण से पहले जिलाधिकारी द्वारा पंजीकरण, पहचान पत्र सहित सभी औपचारिकताएं निर्धारित मानक के अनुरूप पूरी की। इसके बाद कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाई। टीकाकरण के बाद जिलाधिकारी आधे घंटे के लिए निगरानी रूम में रुके। उन्होंने कहा कि कोविड टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हैं।
निर्भिक होकर कराएं टीकाकरण :
टीकाकरण के बाद एडीएम डॉ. गगन ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद किसी तरह साइड इफेक्ट नहीं हुआ। जो भी लोग वैक्सीन लिए, उन्हें भी कोई दिक्कत नहीं हुयी। वैक्सीन के बाद सभी लोग पूरी तरह स्वस्थ दिखे। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने अन्य लोगों से भी उत्साह के साथ निर्भिक होकर वैक्सीनेशन कराने की अपील की। उन्होंने बताया वैक्सीन लेने से किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न नहीं होगी। समाज व परिवार की सुरक्षा के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है।
87 प्रतिशत टीकाकरण के साथ बिहार में चौथे स्थान पर है सारण जिला :
जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि प्रथम चरण में 87 प्रतिशत टीकाकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया। अब 16076 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा चुका है। शेष स्वास्थ्य कर्मियों को शनिवार को भी टीकाकरण किया जा रहा है। शत प्रतिशत लक्ष्य हर हाल में हासिल करना है। 87 प्रतिशत लक्ष्य के साथ सारण जिले को बिहार में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। इसे प्रथम स्थान पर ले जाना हमारा लक्ष्य है।
पुलिस लाईन में पुलिस पदाधिकारियों का टीकाकरण :
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि दूसरे चरण में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों व कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा रहा है। पुलिस कर्मियों के टीकाकरण के लिए पुलिस केंद्र में टीकाकरण स्थल बनाया गया है। जहां पर प्रशिक्षित कर्मियों के द्वारा टीका लगाया जा रहा है। इस मौके पर अपर समहर्ता डॉ. गगन, सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा, डीएस डॉ. रामइकबाल प्रसाद, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, एसएमओ डॉ रंजितेश कुमार, एसएमसी आरती त्रिपाठी, डीएमएंडई भानू शर्मा, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद, सीफार के डीसी गणपत आर्यन समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
नागरिकों को लिए उपलब्ध कराई जाएगी नि: शुल्क एंबुलेंस सेवा
छपरा : स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सुविधाजनक बनाने के लिए विभाग के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक नई पहल की गई है। अब जिले के सभी नागरिकों को नि: शुल्क एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी वर्ग के लोगों को एंबुलेंस सेवा 102 निशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की गयी है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र लिखकर जिला अधिकारी तथा सिविल सर्जन को दिया है।
जारी पत्र के माध्यम से कहा गया है कि पहले से एंबुलेंस सेवा 102 की सुविधा आठ श्रेणी के मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एंबुलेंस सेवा के लिए इस शर्त के साथ राशि उपलब्ध कराई है कि राज्य सरकार अपने सभी नागरिकों को निशुल्क एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराएगी इस आलोक में यह आदेश जारी किया गया है। इस सुविधा को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
पहले आठ श्रेणी के लोगों को मिली थी एंबुलेंस की सुविधा :
एंबुलेंस सेवा निशुल्क रूप से पहले गर्भवती महिला को घर से अस्पताल या प्रखंड स्तरीय सरकारी अस्पतालों से जिला स्तरीय अस्पताल तथा प्रसव के उपरांत अस्पताल से जच्चा बच्चा को घर पहुंचाने के लिए उपलब्ध कराई जाती थी। इसके अलावा 1 वर्ष तक के शिशुओं को निशुल्क सुविधा दी जाती थी।
60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, दुर्घटना में घायलों, मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित बच्चों, कालाजार मरीजों, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेफर मरीजों और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा तैयार पीएचएच धारकों को निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। अब यह सीमा समाप्त कर दी गई है और सभी श्रेणी के मरीजों को यह सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
अधिकारी करेंगे एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिग :
एंबुलेंस सेवा 102 को ऑनलाइन लाइव भी किया जा रहा है।मरीजों की समस्याओ को ध्यान में रखते हुए एक नया मोबाइल एप लंच किया है। जिसके तहत राष्ट्रीय 102 एंबुलेंस सेवा की निगरानी की जायेगी। इस एप्लीकेशन से अधिकारी एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिग कर सकेंगे।
102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी। लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है। इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी।
एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी :
जैसे ही कोई मरीज या परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जाएगा। इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे। इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी। टेक्नीशियन को भी मरीज के पास पहुंचने पर संबंधित जानकारी एप पर डालनी होगी। साथ ही किस अस्पताल में ले जा रहे हैं, यह भी विवरण दर्ज कराना होगा। एंबुलेंस में पहले से जीपीएस लगा है। मोबाइल एप से निगरानी और बेहतर होने का दावा है।
यह होती थी समस्या :
कई बार एंबुलेंस मरीज तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे मरीज को समय से इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे में मरीज या तीमारदार को बार-बार फोन करना पड़ता है, लेकिन फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति भी उन्हें एंबुलेंस की सही लोकेशन नहीं बता पाता था। अब एप की सुविधा शुरू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी।