कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहे उर्वरक लाइसेंसियों का 15 दिनी प्रशिक्षण सम्पन्न
नवादा : कृषि विज्ञान केंद्र,ग्राम निर्माण मण्डल सर्वोदय आश्रम सोखोदेवरा के बैनर तले 15 जनवरी से शुरू हुए उर्वरक अनुज्ञप्तिधारकों का समेकित पोषक तत्व प्रबंधन विषयक पन्द्रह दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स का विधिवत समापन शुक्रवार को किया गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र देकर मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ० तरुण कुमार उपाध्याय ने सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षित अनुज्ञप्तिधारकों को समेकित पोषक तत्व प्रबंधन का मानव जीवन एवं पशुओं के जीवन मे प्रभाव पर विस्तार से जानकारी दिया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ० रंजन कुमार सिंह ने संबोधित करते प्रशिक्षणार्थियों से अपील किया कि प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए तकनीकों व जानकारियों को किसानों तक सही ढंग से पहुँचाया जाए एवं उन्हें उचित सलाह दिया जाए,जिससे कि वृहद स्तर पर किसान लाभान्वित हो और उत्पादन के साथ ही फसलों की गुणवत्ता तथा भूमि की उर्वरा शक्ति का संतुलन बना रहे।
उन्होंने उर्वरक विक्रेताओं को किसानों का मार्गदर्शक बताते हुए प्रशिक्षण में सीखे गए तकनीकों को किसानों के बीच साझा करने की अपील की। मौके पर पशु शल्य विशेषज्ञ डॉ० अखिलेश कुमार सिंह, पशु चिकित्सक डॉ० संजय कुमार, कृषि वैज्ञानिक निरंजन प्रसाद सिंह, डॉ० धनन्जय कुमार, डॉ० जयवंत कुमार सिंह, कल्पना सिन्हा,विकास कुमार,सुमिताप रंजन,सुमित कुमार,रविकांत चौबे,रौशन कुमार,पिंटू पासवान आदि मौजूद थे।
कादिरगंज में तसर उद्योग से जुड़े बुनकरों की स्थिति बदहाल
नवादा : जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर बसे कादिरगंज बाजार में करीब एक सौ साल से तसर कपड़ों का निर्माण चल रहा है। यहां का बने तसर कपड़ों की बिक्री बिहार, झारखंड, यूपी, दिल्ली व मुंबई समेत अन्य राज्यों में होती है। राजनेता से लेकर आमलोग भी तसर कपड़ों की खरीदारी कर इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन बुनकरों की स्थिति बदहाल बनी हुई है। हैंडलूम चलाने वाले बुनकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
कादिरगंज अंदर बाजार में पटवा परिवार के करीब 250 घर हैं। खासकर तसर कपड़ा निर्माण से पटवा परिवार के लोग ही जुड़े हैं। इस व्यवसाय में करीब दो हजार लोग कार्य कर रहे हैं। पटवा परिवार के अधिकांश घरों में हैंडलूम का संचालन हो रहा है और तसर कपडा़ें का निर्माण किया जा रहा है। सरकार की ओर से आर्थिक सहयोग नहीं मिलने से तसर उद्योग विकसित नहीं हो पा रहा है। बुनकरों की स्थिति बदहाल बनी हुई है। तसर उद्योग से जुड़े बुनकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
सरकार ने की थी सिल्क सिटी बनाने की घोषणा:-
सरकार की ओर से कादिरगंज तसर उद्योग को विकसित कर सिल्क सिटी बनाने की घोषणा की गई थी। केंद्र सरकार के सुक्ष्म व लघु उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह समेत अन्य नेताओं ने कादिरगंज पहुंचकर तसर उद्योग का जायजा भी लिया था। उद्योग से जुड़े बुनकरों में काफी खुशी देखी जा रही थी। लेकिन अभीतक उद्योग कों विकसित करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे कुछ दिन पूर्व राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर कादिरगंज को सिल्क सिटी बनाने के लिए मांग उठाया गया था। अब देखना यह है कि इस दिशा में कब तक कार्य आरंभ होता है।
मार्केंटिग की व्यवस्था नहीं होने से बढ़ी परेशानी
– सरकार की ओर से तसर कपडा़ें के लिए स्थानीय स्तर पर मार्केंटिग की कोई व्यवस्था नहीं है। इस उद्योग से जुड़े व्यवसायी को दिल्ली, मुंबई, यूपी समेत अन्य राज्यों में जाकर कपड़ों की बिक्री करनी पड़ती है। कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन होने से ट्रेन आदि का परिचालन ठप हो गया। इसके कारण लोग बाहर नहीं जा सके और व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया। बुनकर भी अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अन्य स्थानों पर मजदूरी कर रहे हैं।
75 फीसद हैंडलूम है बंद पड़ा
– कादिरगंज तसर कपडा़ निर्माण को लेकर 200 हैंडलूम का संचालन हो रहा है। जिसे पटवा परिवार के बुनकरों द्वारा चलाया जाता है। लेकिन पूंजी के अभाव में करीब 75 फीसद हैंडलूम बंद पड़ा है।
कहते हैं बुनकर
– कादिरगंज पचोहिया प्राइवेट बुनकर सहयोग समिति लिमिटेड के अध्यक्ष सुधीर कुमार, बुनकर चंदन कुमार, बुलंद कुमार, बाल्मिकी प्रसाद समेत कई लोगों ने बताया कि यहां दो सौ हैंडलूम का संचालन होता है। जिसे पटवा परिवार के बुनकर चलाते हैं। तसर कपडा़ें का निर्माण कर दिल्ली, मुंबई, यूपी समेत अन्य राज्यों में जाकर बिक्री करते हैं।
अप्रैल 2020 से लॉकडाउन होने के बाद ट्रेन का परिचालन बंद हो गया। इसके कारण बाहर जाना मुश्किल हो गया। स्थानीय स्तर पर मार्केटिग की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण बुनकरों के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। इस समय 75 फीसद हैंडलूम बंद पड़ा है। बुनकर अन्य स्थानों पर मजदूरी कर रहे हैं। जबकि सरकार की ओर से कादिरगंज को शिल्क सिटी बनाने की घोषणा की गई थी। लघु एवं सूक्षम उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई नेता व अधिकारी पूर्व में जायजा भी ले चुके हैं। लेकिन इस दिशा में कोई कार्य आरंभ नहीं किया गया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैंडलूम चलाने वाले बुनकर। पूंजी के अभाव में 75 फीसद हैंडलूम बंद पड़ा है।
सतर्क रहें और गिरेगा पारा, अगले एक सप्ताह तक जारी रह सकता है ठंड व कनकनी का कहर
नवादा : नवादा के लोग सतर्क रहें, फिलहाल तापमान में गिरावट जारी रहेगा। तापमान गिरने का मतलब साफ है अभी वर्फीली ठंड से निजात नहीं मिलने वाला है। अगले दो-तीन दिनों में न्यूनतम पारा और नीचे जाने की संभावना बनी हुई है। 1-2 फरवरी को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है। सुबह में घना कोहरा बना रहेगा।
कृषि विज्ञान केंद्र सोखोदेवरा के मौसम विज्ञानी रौशन कुमार ने कहा कि ठंड में इजाफा होने का अनुमान है। 30 जनवरी से 3 फरवरी के बीच अधिकतम तापमान 16 डिग्री और न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। यही स्थिति रही तो कनकनी भी बढ़ेगी। तब लोगों की परेशानी बढ़ेगी। उड़ीसा में प्रतिचक्रवात की स्थिति के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में लोगों को सचेत रहने की जरुरत है। खासकर बुजुर्गों व बच्चों की सेहत का ख्याल रखना जरुरी हो गया है।
शुक्रवार की सुबह कुहासा के बीच बूंदाबांदी ने ठंड में और इजाफा कर दिया है। शुक्रवार की अहले सुबह 6 बजे करीब बूंदाबांदी हुई। इससे कुहासा तो छट गया लेकिन सर्द हवाओं से ठंड में बेतहाशा वृद्धि हो गई। पछुआ हवा का चलना जारी है। जो लोगों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। मकर संक्रांति यानि 14 जनवरी के बाद से ठंड में काफी वृद्धि हो गई है। वर्फीली हवाओं ने मानव से लेकर पशु-पक्षी तक को परेशान कर रखा है। फिलहाल लोग ठंड से निजात पाने का तरीका ढूंढ रहे हैं।
कृषि कानून के खिलाफ एकजुट महागठबंधन कार्यकर्ता सड़क पर उतर मानव कतार में हुए शामिल
नवादा : कृषि कानूनों के खिलाफ नवादा में महागठबंधन कार्यकर्ता एकजुट दिखे। सभी दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और मानव कतार में शामिल हुए। किसानों के फसल उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और कृषि कानूनों काे वापस लेने के लिए आंदोलनरत किसानों के समर्थन में 30 जनवरी शनिवार को राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा मानव शृंखला का आयोजन किया गया था। जिसे महागठबंधन दलों का समर्थन मिला था। आयोजन कमोवेश नवादा में सफल रहा।
विधायक नीतू व जिलाध्यक्ष सतीश कुमार मंटन के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता नवादा नगर से लेकर सभी प्रखंड मुख्यालयों और ग्रामीण इलाके में चाैक चौराहों पर महागठबंधन दलों के नेता, कार्यकर्ता व समर्थक मानव शृंखला बनाकर कृषि कानूनों का विरोध किया। महागठबंधन के जिले के सभी चार विधायक इस दौरान सड़क पर दिखे।
नवादा में प्रजातंत्र चौक पर नवादा सदर से राजद विधायक विभा देवी और पार्टी के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव, गोविंदपुर विधायक मो. कामरान सद्भावना चौक पर मानव शृंखला में शामिल हुए। हिसुआ से कांग्रेस विधायक नीतू सिंह व कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश कुमार मंटन जिला पार्टी कार्यालय के पास सड़क पर मानव कतार में शामिल हुए।
कांग्रेस कार्यालय के पास विधायक व जिलाध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बंगाली पासवान, पार्टी नेता अक्षय कुमार उर्फ गोरे लाल सिंह, राजिक खान, नदीम हेयात, राजू यादव सहित अन्य कार्यकर्ता कतार में खड़े हुए। रजौली में विधायक प्रकाश वीर के नेतृत्व में कार्यकर्ता मानव शृंखला में शरीक हुए। जिले के अन्य हिस्से में भी महागठबंधन दलों राजद, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने मानव शृंखला बनाया।
मानव शृंखला में शामिल भाकपा माले से जुड़ी महिलाएं नवादा में अंबेडकर चौक के समीप भाकपा माले के कार्यकर्ता व समर्थक मानव कतार में खड़े हुए। यहां पर काफी संख्या में महिलाएं भी कतार में खड़ी थी। इस दौरान माले कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। रैन बसेरा के समीप माकपा जिला सचिव नरेश चंद्र शर्मा, दिनेश कुमार अकेला आदि के नेतृत्व में भाकपा, माकपा व अन्य वाद दलों के नेताओं ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।