14 फरवरी : आरा की मुख्य खबरें

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आरा की मुख्य ख़बरें

ब्लेड से गला रेत खुदकुशी की कोशिश

आरा : भोजपुर मुख्यालय आरा के टाउन थानान्तर्गत अबरपुल में शनिवार की देर शाम एक युवक ने ब्लेड से गला रेत कर खुदकुशी की कोशिश की गयी। इसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। आरा में प्राइमरी इलाज के बाद उसे पटना रेफर कर दिया गया है। खुदकुशी का प्रयास करने वाला अबरपुल मोहल्ला निवासी भोला साह का पुत्र मो.बबलू है। घटना का कारण घरेलू विवाद बताया जा रहा है। हालांकि पत्नी और उसके परिजनों द्वारा अलग-अलग दलील दी जा रही है।

घटना के संबंध में जख्मी युवक के पुत्र शाहिल ने बताया कि शनिवार की देर शाम उसकी मम्मी घर पर नहीं थी। तभी पापा ने ब्लड से अपना गला रेत लिया। दूसरी ओर युवक की पत्नी नरगीस ने बताया कि पति जमीन को लेकर सास-ससुर से विवाद था। इस कारण सास-ससुर ने उसे घर से निकाल दिया था। शनिवार की शाम जब वह घर से बाहर किसी काम से गई थी इसी बीच उसके पति ने ब्लेड से खुद का ही गला रेत लिया।

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इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना रेफर कर दिया गया है। जख्मी के परिजनों का कहना है कि शनिवार की शाम किसी बात को लेकर जख्मी युवक ने अपनी पत्नी नरगिस को एक तमाचा मार दिया था। इसको लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई। उसके बाद युवक ने ब्लेड से अपना गला रेत लिया।

युवा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के साथ मारपीट

आरा : शहर के नवादा थाना क्षेत्र के पश्चिमी ओवरब्रिज पर शनिवार की शाम युवा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव प्रिंस सिंह बजरंगी के साथ पुलिस ने मारपीट की। स्कॉर्पियो सवार लोगों ने जदयू नेता की कार रोक कर उनकी जमकर पिटाई कर दी। इसमें जदयू नेता जख्मी हो गये, उनका एक हाथ फ्रैक्चर हो गया। उनका इलाज सदर अस्पताल में कराया जा रहा है। जख्मी जदयू नेता ने डीआईयू टीम पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस मारपीट किये जाने से इंकार कर रही है।

शहर के विष्णु नगर में रहने वाले प्रिंस सिंह बजरंगी उर्फ सर्वेश कुमार युवा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के अलावे सासाराम विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी भी हैं। जख्मी जदयू नेता ने बताया कि शनिवार की शाम वह अपने साथी रोहित के साथ कार से कोईलवर के साइट पर जा रहे थे तभी ओवरब्रिज पर स्कॉर्पियो सवार लोगों ने उसकी कार रोक ली। जदयू नेता के अनुसार स्कॉर्पियो में सवार लोग डीआईयू टीम के थे और सिविल ड्रेस में थे। इस दौरान कार से उतार कर उनके साथ मारपीट की जाने लगी। पिटाई कर दिये जाने के बाद डीआईयू इंचार्ज पहुंचे और बोलने लगे कि इनको छोड़ दो। गलत आदमी को पकड़ लिया गया है। उसके बाद सभी चले गये।

जदयू नेता के अनुसार अपराध और पुलिस के खिलाफ आवाज उठाने पर जिले के वरीय अफसर के निर्देश पर उनके साथ मारपीट की गयी है। कुछ दिनों पूर्व भी उनको झूठे मुकदमे में फंसाया गया था। उन्होंने कहा कि इस मामले को सरकार और पार्टी में सरकार में हाई लेवल तक ले जायेंगे। इधर, एसपी हर किशोर राय ने बताया कि जदयू नेता प्रिंस सिंह बजरंगी के एक साथी विपुल कुमार जमीन धोखाधड़ी में आरोपित है। डीआईयू टीम उनके साथी को गिरफ्तार करने गयी थी। जदयू नेता साथी को बचाने के लिये पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव प्रिंस सिंह बजरंगी और उनके साथी पर पहले भी हमला किया गया था। पांच माह पहले 27 सितंबर को जगदेव नगर में दोनों को गोली मार दी गयी थी। उसमें जदयू नेता के साथी मिथुन सिंह की मौत हो गयी थी तथा जदयू नेता गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे। जदयू नेता के अनुसार उस घटना के बाद उनको गार्ड दिया गया था। लेकिन कुछ दिनों के बाद गार्ड को वापस कर लिया गया। इसे लेकर उन्होंने वरीय अफसरों से बात की थी। उसके बाद जिले में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर उन्होंने पुलिस के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस भी की थी। उसके बाद से ही पुलिस उनसे खार खायी हुई है।

जदयू नेता प्रिंस सिंह बजरंगी का पुलिस के साथ रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। करीब आठ साल पहले भी पुलिस कस्टडी में उनकी पिटाई हो चुकी है। तब काफी बवाल मचा था और भोजपुर एसपी व एएसपी का तबादला भी कर दिया गया था। मामला तीस नवंबर 2014 का है। उस समय प्रिंस सिंह बजरंगी और कुमुद पटेल जदयू छात्र समागम के नेता थे।

आरा में सीएम नीतीश के कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़ने को लेकर दोनों छात्र नेताओं का पुलिस के साथ विवाद हो गया था। उस मामले में पुलिस प्रिंस सिंह बजरंगी और कुमुद पटेल को रात में घर से उठाकर ले गयी थी। दोनों नेताओं को बड़हरा थाने में बंदकर बेरहमी से पिटाई की गयी थी। सिगरेट से भी दोनों को जलाने का आरोप लगा था। उसके बाद आरा में जमकर बवाल मचा था। तब सरकार और पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। दोनों नेताओं की पिटाई को गंभीरता से लेते हुये नीतीश सरकार ने तत्कालीन एसपी राजेश कुमार और एसडीपीओ दीपक रंजन का तबादला कर दिया था।

बताया जाता हैं कि डीआईयू की टीम स्कार्पियो से सिविल में बड़हरा थाना के कांड से जुड़े एक आरोपित को गिरफ्तार करने के फिराक में लगी हुई थी। इस दौरान सूचना मिली थी कि एक वांछित आरोपित सफारी गाड़ी से जा रहा है। जिसके बाद टीम ने सिविल में ओवरब्रिज पुल के पास घेराबंदी की। लेकिन, गाड़ी में वांछित आरोपित नहीं मिला। इस दौरान वांछित के भाई को उठाकर ले गई। हालांकि, वांछित का भाई कोर्ट से जमानत पर हैं।

कोईलवर थानाध्यक्ष निलंबित

आरा : भोजपुर जिले के कोईलवर थानान्तर्गत कायमनगर इलाके से अवैध शराब की बरामदगी के मामले में आखिरकार थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा पर निलंबन की गाज गिर गई। मद्यनिषेध विभाग,पटना के आईजी अमृत राज के आदेश के आलोक में भोजपुर एसपी हर किशोर राय ने अवैध शराब की बरामदगी को लेकर कोईलवर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अवैध शराब बरामदगी के बाद जिले में किसी थानाध्यक्ष पर निलंबन का यह पहला मामला है। निलंबन की पुष्टि एसपी हर किशोर राय ने भी की है।

मालूम हो कि उत्पाद विभाग, पटना की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि कोईलवर थाना व मुफस्सिल थाना की सीमा से सटे कायमनगर-जीरो माइल इलाके में अवैध शराब का निर्माण व बिक्री हो रही है। जिसके बाद 29 जनवरी को मद्यनिषेध विभाग, पटना के आईजी के निर्देश पर गठित टीम ने छापेमारी की थी। इस दौरान कोईलवर के कायमनगर इलाके में दो सौ लीटर देसी शराब के साथ विनोद कुमार को धर दबोचा गया था। वह जमीरा का निवासी था। इसे लेकर थाना में केस दर्ज किया गया था। बाद में वापस लौटी टीम ने मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर आईजी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए विभागीय कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया था।

विभागीय सूत्रों के अनुसार मद्यनिषेध विभाग, पटना के आईजी अमृत राज ने अवैध शराब की बिक्री व निर्माण में असफल रहने को लेकर कोईलवर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करने का आदेश भोजपुर एसपी को दिया था। जिसके आधार पर एसपी ने थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

अकेली मौत से लड़ रही 1 दिन की नन्ही जान

आरा : आरा सदर अस्पताल में 1 दिन की एक असामान्य बच्ची जिंदगी की जंग लड़ रही है। अकेली ही मौत को चुनौती दे रही है, लेकिन पिता उसकी लड़ाई में साथ नहीं है। डॉक्टर ने कल ही पटना रेफर कर दिया, लेकिन पिता ने साफ-साफ लिखकर दे दिया है कि बच्ची मरे या जिए, उसे वह पटना लेकर नहीं जाएंगे। 5 किलो 225 ग्राम की इस बच्ची का सिर काफी बड़ा है।

बच्ची की देखरेख में लगे डॉ अजय कुमार पांडेय ने बताया कि केवल सिर का वजन 3.5 Kg होगा। जन्म से ही उसकी हालत नाजुक है। SNCU के ICU वार्ड में भर्ती है। बच्ची के जन्म के बाद उसकी नानी ऊपरवाले से कह रही थी- ‘कइसन दे देलअ रे बाबा।’ नानी और पिता की बात सुनकर लोग तो यही कह रहे हैं कि बेटी है, इसलिए उसे इस हाल पर छोड़ दिया है। बेटा रहता तो पाई-पाई जोड़ कर अब तक पटना चले गए होते।

बच्ची के पिता सुशील कुमार आरा के शाहपुर निवासी हैं। 4 बच्चियों के बाद यह 5वीं बच्ची है। सुशील सैलून चलाता है। हालांकि बच्ची के मामा ने कहा है कि मदद मिल जाए तो बच्ची को वह आगे इलाज के लिए ले जाने को तैयार है। इसके बाद पिता ने भी मदद की गुहार लगाई है।

बच्ची की देखरेख कर रहे डॉ अजय कुमार पांडेय ने बताया कि शंट सर्जरी के जरिए दिमाग का पानी बाहर निकाला जाता है। इस ऑपरेशन की व्यवस्था भोजपुर जिले में कहीं नहीं है। बड़े अस्पतालों में ही ऐसी सर्जरी की जाती है। उन्होंने बताया कि जिस तरह एक तालाब का पानी दूसरे में डाला जाता है, उसी तरह की प्रक्रिया इस सर्जरी में होती है। शंट डालकर पानी को दिमाग से निकाला जाता है। इस सर्जरी में लाखों का खर्च आता है।

आरा सदर अस्पताल में शनिवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब जन्मी बच्ची का सिर सामान्य आकार से कई गुणा बड़ा है। जन्म के बाद उसे देखने के लिए अस्पताल में भीड़ उमड़ पड़ी। डॉक्टर भी उसे देखकर अचंभित हैं। जन्म से ही बच्ची की हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल के SNCU के ICU वार्ड में भर्ती कराया था। तब से ही उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा जीन की गड़बड़ी की वजह से होता है।

अगर गर्भवती महिला रेगुलर चेकअप न कराए तो इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं। बच्ची को जन्म देने वाली 28 वर्षीया पूनम देवी आरा के शाहपुर इलाके के निवासी सुशील कुमार की पत्नी हैं। उन्हें पहले से 4 बेटियां और एक बेटा है। शनिवार को प्रसव पीड़ा के बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन कर प्रसव की सलाह दी थी। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार शाम 4 बजे के बाद से ही इस बच्ची को देखने कोई नहीं आया। ICU में भर्ती मरीज के किसी एक परिजन को वार्ड के बाहर रहना होता है। बच्ची के कपड़े बदलने या दूध पिलाने के लिए उसके परिजनों को कई बार आवाज लगाया गया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

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