लोकनायक जन्मभूमि पर जयप्रभा क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला
छपरा : लोकनायक जयप्रकाश जी की जन्मभूमि सिताब दियारा में जयप्रभा क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला जिसमें वीर कुंवर सिंह की धरती आरा की टीम और बलिया के बीच खेला गया आरा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 12 ओवर में 99 रन बनाकर ऑल आउट हो गए वहीं बलिया की टीम ने 7 ओवर में 8 विकेट सुरक्षित रखकर मैच को जीत लिया हजारों की संख्या में दर्शकों के बीच मैच का रोमांचक खेल बहुत ही अद्भुत रहा वहीं विजेता और उपविजेता टीम को समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित होकर टॉफी प्रदान किए और मैन ऑफ द मैच सत्यम, मैन ऑफ द सीरीज विकी यादव,और बेस्ट बॉलर रामू,ने लिया इस टूर्नामेंट के अध्यक्ष अनूप कुमार ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहन बढ़ाया।
विजई टीमों को आर्थिक राशि देकर प्रदान किया वही मुखिया प्रतिनिधि साड़ा पंचायत मुन्ना साह, ने खिलाड़ियों को राशि देकर विजय खिलाड़ियों का राशि देकर पुरस्कृत किया समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि खेल में हार और जीत लगा रहता है कोई एक टीम हारती है और दूसरी जीतती है पर सबसे बड़ी बात है कि खेल में एक जिले से दूसरे जिले,एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रेम और सद्भावना का बढ़ोतरी होती है मैच को सफल बनाने में विकास सिंह,रिकी, ऋषिकेश कुमार, करण,सूरज और ग्रामीण युवा सभी उपस्थित रहे।
जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल का नया मंच बनकर तैयार
छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल का नया मंच बनकर तैयार हो गया है और कुर्सियों की स्थिति को बदल दिया गया है। पहले मंच की ओर देखने के लिए मुड़ना होता था। इसी तरह मंच पर भी कुर्सियों को दीक्षान्त को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस अवसर पर सीवान जिला परिषद अध्यक्ष संगीता जी, राजेश्वर चौहान, इंद्रदेव सिंह पटेल, प्रोफेसर हरिश्चंद्र, प्रो U S ओझा जी, आदि उपस्थित थे।
सबने सीनेट हॉल को देखकर प्रसन्नता व्यक्त किया और कुलपति महोदय को बधाई दिया। सदस्यों को कुलपति प्रो० फारूक अली ने प्रशासनिक भवन के सामने बन रहे मंच को भी दिखाया। कुलपति महोदय ने कहा कि ऑफलाइन दीक्षांत समारोह होने पर इसी मंच पर सभी कार्यक्रम किए जाएंगे मंच के बगल में आधुनिक सुविधाओं से लैस सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध होगी जिसे ओपन थिएटर के रूप में विकसित किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि सीनेट हॉल में अभी और आधुनिक सुविधाओं, जैसे हाई क्वालिटी कैमरा, प्रोजेक्टर और डिस्प्ले सिस्टम को भी लगाया जाएगाI जूनियर इंजीनियर सर्फुद्दीन को इसका इनचार्ज बनाया गया है, ये हॉल हमेशा बंद रहेगा और यदि कोई कार्यक्रम करवाना चाहते हैं तो विश्व विद्यालय से अनुमति लेनी होगी I
जिम्मेदारी पूर्वक कार्य निर्वहन करने का निर्देश कर्मचारियों व अधिकारियों को दिया गया
छपरा : नगर निगम के महापौर सुनीता देवी और नगर आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय के अध्यक्षता में नगर निगम सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। जहां बैठक में 45 वार्ड के जमादार और सफाई इंस्पेक्टरों के साथ 26 जनवरी राष्ट्रीय पर्व को लेकर शहर की सभी वार्डों में समुचित सफाई की व्यवस्था हो तथा कूड़ा कचरा रहित हो और स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का गहन मंथन किया गया।
बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा करते हुए जहाँ सफाई कर्मियों की कमी है। वहां पर सफाई कर्मी को लगाना तथा जहां सफाई कर्मियों की संख्या अधिक है वहां से विरमित कर नये स्थान पर लगाना जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई और संबंधित कर्मचारियों अधिकारियों को भी जिम्मेदारी पूर्वक कार्य निर्वहन करने का निर्देश दिया गया, जबकि बैठक में उप नगर आयुक्त हरिश्चंद्र, नगर निगम के अभियंता सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव, सिटी मैनेजर आरिफ सेराज, प्रधान सहायक मकसूद हसन आरिफ, लेखापाल भानु प्रताप सिंह, सहित कई अन्य कर्मचारी शामिल रहे।
मास्क को लेकर जागरूकता बनी रही तो 2025 तक हो जायेगा टीबी का खात्म
छपरा : “अगर लोगों में फेस मास्क को लेकर जागरूकता बनी रहे तो साल 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करना बहुत आसान हो जाएगा।” वास्तव में कोरोना वायरस से संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों लोग फेस मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। फेस मास्क टीबी मरीजों के लिए भी उतना ही जरूरी है, जितना कि एक कोरोना के मरीज को है। उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह प्रभारी टीबी ऑफिसर डॉ० अजय कुमार शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि खांसने व छींकने से टीबी रोग के लक्षण भविष्य में दिखने लगते हैं।
इसके लिए पहले भी मास्क लगाना अनिवार्य था, लेकिन कोविड-19 के समय मास्क द्वारा इससे बचाव ज्यादा संभव है। उन्होने कहा कि टीबी के मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। फेस मास्क लगे होने की वजह से लोगों में एक-दूसरे से टीबी नहीं फ़ैल सकती। टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्युललोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़े पर पड़ता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है।
क्षय उन्मूलन से निजात के लिए हो रहा है प्रयास :
टीबी के नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा ने कहा कि क्षय उन्मूलन से निजात पाने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में छह माह दवा निःशुल्क दी जाती है|, साथ ही साथ क्षय रोग से ग्रसित मरीज को पांच सौ रुरूपये प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है। पौष्टिक आहार द्वारा हम क्षय रोग एवं एड्स से बच सकते हैं। एचआईइवी वायरस द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट होने के बाद प्रकट होने वाले लक्षणों के द्वारा एड्स नामक बीमारी पनपती है। जो व्यक्ति एचआईवी एचआइवी ग्रसित होते हैं, उन्हें समय रहते दवा के द्वारा ठीक किया जा सकता है।
टीबी और कोरोना दोनों से बचाएगा मास्क :
खाँसी और छींक से दोनों के फैलने की संभावना रहती का खतरा है। इसलिए हम अगर मास्क लगाते हैं तो वह कोरोना से हमारी रक्षा करने के साथ ही टीबी से भी बचाएगा। दोनों बीमारियों के लक्षण में समानता है। ऐसे में आम जनता के साथ स्वास्थ्यकर्मियों को भी गलतफहमी हो सकती है। इससे बचने के लिए मरीजों की जांच कराते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। जिससे लोगों को अलर्ट किया जा सके।
दो हफ्ते से ज्यादा खांसी हो तो टीबी की जांच कराएं :
टीबी से बचने के लिए भी लगभग यही तरीके अपनाने की सलाह दी जाती है, जैसे- खांसने या छींकने पर अपने मुंह और नाक को अपनी मुड़ी हुई कोहनी या कपड़े से ढकें, रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने के लिए पोषक आहार का सेवन करें, उचित वायु संचार बनाये रखें और यदि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी हो तो टीबी की जांच कराएं।
टीबी के लक्षण :
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना।
• खांसी के साथ खून का आना।
• छाती में दर्द और सांस का फूलना।
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना।
• रात में पसीना आना।
पल्स पोलियो राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान 31 जनवरी से
छपरा : जिले में कोरोनावायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा रहा है। राज्य स्वास्थ समिति के निर्देशानुसार सप्ताह में 4 दिन टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जिले में 31 जनवरी से पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की जाएगी। इस दौरान कोविड-19 का टीकाकरण नहीं किया जाएगा।
इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया है। जारी निर्देश में कहा गया है कि पूर्व में 17 जनवरी से संचालित किए जाने वाले राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया था। भारत सरकार के निर्देशानुसार पल्स पोलियो राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान को 31 जनवरी से संचालित किए जाने का निर्देश दिया गया है।
अतः निर्देशित है कि 31 जनवरी से राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान को संचालित किया जाए। पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान सभी चयनित सत्र स्थलों पर कोविड-19 का टीकाकरण उक्त अवधि में स्थगित रहेगा तथा पल्स पोलियो अभियान की समाप्ति के पश्चात ही कोविड-19 का टीकाकरण संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही पल्स पोलियो अभियान के प्रचार प्रसार हेतु आईसी सामग्रियों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
सदर अस्पताल में होगा कोविड-19 का टीकाकरण :
पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि पल्स पोलियो अभियान के दौरान राज्य के सभी सदर अस्पताल व जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोविड-19 का टीकाकरण यथावत जारी रहेगा। इसे सुनिश्चित करने हेतु सम्मानित पदाधिकारियों का आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।
सप्ताह में 4 दिन हो रहा है कोविड-19 का टीकाकरण :
जिले में सभी चयनित सत्र स्थलों पर सप्ताह में 4 दिन कोविड-19 टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। निर्देशानुसार शुक्रवार बुधवार एवं राजकीय अवकाश को छोड़कर ही कोविड-19 टीकाकरण संचालित किया जा रहा है। यानी प्रत्येक सप्ताह सोमवार, मंगलवार , गुरुवार और शनिवार को ही स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा रहा है।
कोरोना योद्धाओं का हो रहा है टीकाकरण :
प्रथम चरण में कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रतिदिन प्रत्येक सत्र स्थल पर 100 – 100 लाभार्थियों को टीका कृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पंजीकृत लाभार्थियों को ही टिकट दिया जा रहा है। प्रत्येक टीकाकरण स्थल पर 5-5 कर्मियों को लगाया गया है।
सभी टीकाकरण सत्र स्थलों पर चुनाव बूथ के अनुसार टीकाकरण रूम बनाया गया है। प्रत्येक सत्र स्थल पर तीन कमरा उपलब्ध है। पहला कमरा लाभार्थियों को टीका लेने के लिए वेटिंग एरिया, दूसरा कमरा टीकाकरण के लिए एवं तीसरा टीकाकरण के पश्चात 30 मिनट तक लाभार्थी की निगरानी के लिए बनाया गया है। वही ऑब्जरवेशन रूम में पर्याप्त संख्या में बेड एवं कुर्सी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।