08 जनवरी : सारण की मुख्य खबरें

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वर्चुअल दीक्षांत समारोह को लेकर कुलपति ने लिया जायजा

छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के होने वाले वर्चुअल दीक्षांत समारोह को लेकर कुलपति डॉक्टर फारुक अली ने समारोह को लेकर होने वाली तैयारियां का जायजा लिया तथा प्रेस वार्ता कर समारोह से संबंधित सभी जानकारियां दी. जिसमें 15 से लेकर 20 जनवरी के बीच होने वाली वर्चुअल दीक्षांत समारोह की तैयारी को लेकर सीनेट हॉल का निरीक्षण किया तथा सभी संबंधित तैयारियों का भी जायजा लिया वही इस अवसर पर रजिस्टर, परीक्षा नियंत्रक, पीआरओ सहित कई अधिकारी साथ में शामिल रहे।

लूटपाट के बाद अपराधियों का पीछा कर रहे युवक को लगी गोली, युवक घायल

छपरा : जिले के एकमा थाना क्षेत्र के केसरी गांव में लूटपाट के बाद अपराधियों का पीछा कर रहे एक युवक को गोली मारकर घायल कर दिया गया है इसके साथ ही अपराधी हथियार लहराते हुए आराम से फरार हो गए हैं इस घटना में घायल युवक की पहचान केसरी गांव निवासी विकाश ठाकुर के रूप में की गई है इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार जलील मियां का केसरी में मुर्गा का दुकानदार है वे बुधवार की शाम को दुकान बंद कर के नहर के रास्ते जा रहे थे।

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इसी दौरान एक बाइक सवार दो व्यक्ति पीछे से आए और उनसे केशरी जाने का रास्ता पूछने लगे इस दौरान गांव में रास्ता बताने के लिए साइकिल रोके तो बाइक सवार ने उनका मोबाइल छीन लिया वही इस बात पर जलील मियां जोर-जोर से चिल्लाने लगे जलील मियां की आवाज सुनकर आसपास के लोगों के साथ विकाश ठाकुर नाम का युवक भी घटनास्थल पहुंच गया ग्रामीण और विकाश ठाकुर बाइक सवार व्यक्तियों का पीछा करने लगे इस दौरान अपराधियों ने भागते हुए दो गोली चलाई जिसमें एक गोली विकाश ठाकुर की बांह पर लगी।

वही स्थानीय नागरिक विकास को गोली लगने के बाद एकमा पीएचसी लेकर गए। वही डॉक्टरों ने गम्भीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे छपरा रेफर कर दिया गया इस घटना के बाद पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं वही जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद है जिसके कारण एक महीने के अंदर दूसरी बार इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है वहीं घायल छपरा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है और गोली निकाल दी गई है फिलहाल वे छपरा सदर अस्पताल में इलाज जारी है।

कोविड 19 को लेकर तीन जगहों पर किया गया सफल मॉक ड्रिल का आयोजन

छपरा : वैश्विक महामारी कोरोना के नियंत्रण को लेकर जिले में टीकाकरण कार्य को लेकर शुक्रवार को तीन जगहों पर टीकाकरण का सफल मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर 25-25 लाभार्थियों को कोविड-19 का डमी टीका लगाया गया।मॉक ड्रिल के दौरान जिलाधिकारी डॉ० नीलेश रामचन्द्र देओरे ने सदर अस्पताल स्थित पारा मेडिकल संस्थान में टीकाकरण का निरीक्षण किया।

जिलाधिकारी ने बताया जिले के तीनों कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना के वैक्सीन का ड्राइ रन किया गया। यह प्रक्रिया वैक्सीन देने की प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास था। जिसमें वैक्सीन देने के प्रत्येक चरणों को निभाया गया। डीएम ने टीकाकरण सत्र स्थल पर कर्मियों को ड्रेस कोड में रहने का निर्देश दिया।

आगे उन्होंने कहा कि पूर्वाभ्यास या ड्राई रन का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्वास्थ्य प्रणाली में कोविड-19 टीकाकरण को रोल-आउट करने के लिए निर्धारित तंत्रों के साथ परीक्षण करना, ज़िला या प्रखंड स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके संधारण के लिए को-विन पोर्टल के उपयोग व उसके परिचालन का आकलन करना है। वहीं सोनपुर में अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ० माधवेश्वर झा, डीएमओ डॉ० दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविंद कुमार, डीएस डॉ राम इकबाल प्रसाद, डीएमईओ भानु शर्मा समेत अन्य मौजूद थे।

इन स्थानों पर हुआ मॉक ड्रिल :

• पारा मेडिकल संस्थान, सदर अस्पताल छपरा
• अनुमंडलीय अस्पताल, सोनपुर
• प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, इसुआपुर

सुबह 9 से शाम 5 बजे तक हुआ ड्राई रन :

डीएम डॉ नीलेश रामचन्द्र देओरे ने बताया कि जिले में सुबह 9 बजे से हीं ड्राई रन यानि मॉक ड्रिल का कार्य शुरू कर दिया गया। टीकाकरण के दौरान कक्ष में एक बार में एक ही व्यक्ति की एंट्री दी जा रही थी। ड्राइ रन में प्रत्येक केंद्र पर इनरॉल 25 स्वास्थ्यकर्मियों को चुना गया था। उन्हें एक मैसेज भेजा गया कि जिसमें उनके टीके के स्थान, वैक्सीन की कंपनी, दिन तथा एएनएम की जानकारी थी। तय समय पर पहुंचने पर तीन कमरों वाले वैक्सीनेशन सेंटर के पहले कमरे में उनके हाथ धोने की व्यवस्था थी। दूसरे में उनके पहचान पत्र का मिलान को-विन पोर्टल से किया गया। वहीं तीसरे कमरे में उन्हें टीके का पूर्वाभ्यास किया गया। टीका पड़ने के बाद आधे घंटे तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गयी। पोर्टल पर डेटा को भरा गया ताकि फिर 28 दिन बाद उन्हें उसी कंपनी का टीका पड़ सके।

चुनाव बूथ की तर्ज पर बनाया गया था टीकाकरण कक्ष :

जिलाधिकारी डॉ नीलेश रामचन्द्र देओरे ने बताया ड्राई रन के दौरान टीकाकरण कक्ष को चुनाव बूथ के तर्ज पर बनाया गया था। जिसमें तीन कक्ष था। पहला कक्ष लाभार्थियों के टीका लेने के लिए प्रतिक्षालय, दूसरा कक्ष टीकाकरण के लिए एवं तीसरा कक्ष टीकाकरण के पश्चात 30 मिनट तक लाभार्थी के अवलोकन (अर्ब्जवेशन) के लिए।

रिएक्शन होने पर तुरंत निपटने की तैयारी :

सीएस डॉ माधवेश्वर झा ने बताया ड्राई रन के दौरान टीकाकरण से रिएक्शन होता है तो उससे निपटने के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गयी थी। इसके लिए हर टीकाकरण स्थान पर एडवरस इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन टीम तैनात थी। हर टीकाकरण सत्र पर एक एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी थी ताकि जो जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को उपचार के लिए बड़े अस्पताल तक ले जाया जा सके।

तापमान का रखा गया ख्याल :

ड्राइ रन के दौरान टीके को कोल्ड चेन प्वाइंट से केंद्र तक लाने एवं टीकाकरण की तमाम प्रक्रिया को व्यवहार और प्रयोग के तौर पर परखा गया। इस दौरान वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए निर्धारित तापमान की जांच तथा वैक्सीन को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने की तैयारियों का आकलन किया गया।

सुपरविजन के लिए टीम का किया गया था गठन :

मॉक ड्रिल के दौरान तीनों टीकाकरण स्थल पर सुपरविजन के लिए एक एक टीम का गठन किया गया था। टीम के द्वारा मॉक ड्रिल के दौरान सभी कार्यों की गहनता से सुपरविजन किया गया।

ऐसे हुआ था टीकाकर्मी टीम का गठन :

• सुरक्षाकर्मी (वैक्सीनेशन पदाधिकारी-1): भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए
• सत्यापनकर्ता (वैक्सीनेशन पदाधिकारी-2): लाभार्थियों को सत्यापित करना चुनाव बूथ अनुसार
• टीकाकर्मी (वैक्सीनेटर पदाधिकारी-1): लाभार्थी का टीकाकरण करना
• सहयोगकर्मी/ उत्प्रेरक(वैक्सीनेशन पदाधिकारी-3) टीकाकर्मी को सहयोग देना, टीकाकरण के पश्चात् 30 मिनट तक लाभार्थी का अवलोकन करना
• सहयोगकर्मी/ उत्प्रेरक(वैक्सीनेशन पदाधिकारी-4) टीकाकर्मी को सहयोग देना, टीकाकरण के पश्चात् 30 मिनट तक लाभार्थी का अवलोकन करना

पोखरा के सौंदर्यीकरण के लिए सभी कर्मचारी देंगे 1 दिन का वेतन

छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में कुलपति प्रोफेसर फारुख अली की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय कैंपस में पोखरा को लेकर विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी सेवानिवृत्त कर्मचारी तथा संघ के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की गई।

जिसमें पोखरा के सौंदर्यीकरण को लेकर सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के अनुसार सभी कर्मचारी अपने 1 दिन का वेतन लगभग तेरह लाख रुपये से विश्वविद्यालय कैंपस में पोखरे का सौंदर्यीकरण तथा फुटपाथ को बनाने का निर्णय लिया गया। जहां बैठक में रजिस्टार सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य प्रतिनिधि बीएसडब्ल्यू प्रोफेसर विवेक ओझा, सी सी डी सी प्रोफेसर हरीशचंद्र जैसे पदाधिकारी उपस्थित रहे वही कार्यक्रम के समापन के अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर यू एस ने कार्यक्रम मेआने वाले अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

जिले को कालाजार मुक्त करने के लिए विभाग कृत संकल्पित

छपरा : कालाजार को लेकर व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बिहार कालाजार उन्मूलन की ओर अग्रसर है। इसी कड़ी कालाजार के रोकथाम को लेकर केयर इंडिया के राज्यस्तरीय टीम के द्वारा दरियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी। केयर इंडिया के राज्य स्तरीय टीम में खुशबू प्रियंबदा, पुष्कर कुमार शामिल थे।

इस दौरान दरियापुर में बढ़ कालाजार मरीजों की संख्या में कमी लाने को लेकर योजना पर चर्चा की गयी। साथ हीं सबसे अधिक प्रभावित छोटका बनिया गांव में कैंप लगाकर मरीजों की जांच करने पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मेजर सत्येंद्र सिंह, मुखिया महेश राय, वार्ड सदस्य मोतीलाल राय, स्वास्थ्य प्रबंधक संजीव कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार, शेशांक शेखर, तेजनारायण गुप्ता, घनश्याम कुमार, कल्याण कुमार व अन्य मौजूद थे।

सारण में तीन प्रखंड कालाजार से अधिक प्रभावित :

बिहार में 38 जिलों में से 33 जिला कालाजार से प्रभावित है। 2 सितंबर 2014 को कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की शुरूआत की गयी थी, उस समय 33 जिलों के 458 प्रखंड में से 130 प्रखंड कालाजार से प्रभावित थे। वर्ष 2014 में 8028 कालाजार के मरीज प्रतिवेदित हुए थे जो अब मात्र 1344 रह गये हैं। बिहार में कालाजार अक्रांत प्रखंडों की 130 से घटकर मात्र 4 प्रखंड रह गए हैं। सारण जिले के गड़खा, परसा, दरियापुर, सिवान जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड कालाजार प्रभावित है। कालाजार उन्मूलन को सफल बनाने के लिए वर्ष में चार बार सक्रिय मरीज खोज अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष में 02 बार छिड़काव तथा प्रत्येक नये मरीज के प्रतिवेदित होने पर दवा का छिड़काव भी कराया जा रहा है।

रोगी को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है राशि :

कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है।

वहीं आशा को कालाजार के रोगियों को अस्पताल लाने की दिशा में प्रोत्साहन राशि 100 रुपये प्रति मरीज की दर से भुगतान किया जाता है। कालाजार मरीजों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत भुगतान प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। अब नये संकल्प के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भर्ती होने वाले मरीजों को वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा राशि का भुगतान किया जाता है।

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