Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

swatva samachar
बिहार अपडेट मधुबनी

02 जनवरी : मधुबनी की मुख्य खबरें

कोविड-19 वैक्सीन के रख-रखाव के लिए मधुबनी को मिला 20 आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर

मधुबनी : कोविड-19 टीकाकरण को सुरक्षित तरीके से लोगों तक पहुंचाने की विस्तृत कार्ययोजना का खाका स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग तैयार कर लिया गया है। कोरोना वैक्सीन की कोल्ड चेन मेंटनेंस से जुड़ी तैयारियां तेज हो गई हैं। वैक्सीन को रखने के लिए 7 बड़ा व 13 छोटा आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर (आईएलए) सदर अस्पताल लाया गया है। इनमें ही वैक्सीन को सुरक्षित नियत तापमान पर रखा जाएगा। वहीं प्रखंड स्तर पर भी वैक्सीन को सुरक्षित रखने की योजना पर राज्य स्वास्थ्य समिति कार्य कर रही है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ० एसके विश्वकर्मा ने बताया कि आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर में दो से आठ डिग्री तक तापमान पर तथा डीप फ्रिज में -10 से -25 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है जिसमे वैक्सीन को रखा जाएगा।

17 डीप फ्रीजर व वाल्क-इन-कूलर आना शेष :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा ने बताया बातया बीएमएसआईसीएल से कोविड 19 वैक्सीन के को रख-रखाव के लिए 17 डीप फ्रीजर का आवंटन किया गया है। ऐसी उम्मीद है कि यह सभी उपकरण बहुत जल्द जिले को प्राप्त हो जाएँगे। फिलहाल राज्य मुख्यालय से 7 बड़ा व 13 छोटा आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर प्राप्त हुआ है।

अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता :

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने यह बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीकाकरण के लिए क्यों चुना गया है, उनके मुताबिक इस पर मंत्रालय ने कहा है, सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है कि उन्हें सबसे पहले टीके की खुराक मिले। टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान- पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे।

14000 स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा तैयार :

जिले में अब पहले चरण में 14000 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगेगा जिसमें सरकारी व निजी स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा तैयार कर लिया गया है। इन सभी लोगों का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसी तरह से आईसीडीएस के कर्मियों का डाटा बेस तैयार किया गया है। जिनका प्रथम चरण में टीकाकरण कार्य किया जाना है।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन –

– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

सुरक्षित व संस्थागत प्रसव की ओर महिलाओं ने बढ़ाया कदम

मधुबनी : जिले में गृह प्रसव को दरकिनार कर महिलाओं ने सुरक्षित व संस्थागत प्रसव की तरफ अपना कदम बढ़ाया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव को अधिकाधिक बढ़ावा देने के लिए किये गये प्रयासों का सकारात्मक असर दिख रहा है। गर्भवती महिलाओं के प्रसव प्रबंधन की दिशा में आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर लायी गयी जागरूकता, स्वास्थ्य केंद्रों पर आधारभूत संरचना में बदलाव से संस्थागत प्रसव की तस्वीर बदल रही है।

सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी है। संस्थागत प्रसव अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी की देख-रेख में कराया जाता है। अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने को तमाम सुविधाएं अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं।

संस्थागत प्रसव में 23 प्रतिशत का हुआ इजाफा :

हाल ही जारी किये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 5 के अनुसार जिले में संस्थागत प्रसव में बदलाव देखने को मिला है। बीते पांच सालों में संस्थागत प्रसव के फायदों के प्रति आयी जागरूकता के कारण इसमें 23.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पूर्व में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे—4 की रिपोर्ट बताती है कि संस्थागत प्रसव दर 50.3 प्रतिशत था, जो अब 73.7 प्रतिशत हो गया है। वहीं एनएफएचएस—4 में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव दर 39.9 प्रतिशत रहा था। यह दर बीते पांच सालों में बढ़ कर 52.4 प्रतिशत हो गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा अनुमंडलीय व सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव संबंधी विभिन्न सुविधाएं प्रदान की गयी हैं।

गृह प्रसव दर में भी आयी कमी :

आमजनों में संस्थागत प्रसव के प्रति आयी जागरूकता के कारण घरों में होने वाले प्रसव दर भी घटे हैं। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार यह आंकड़ा 13.2 फीसदी था। एनएफएचएस—5 के मुताबिक वर्तमान में यह दर 7.8 प्रतिशत है। यानि घरों में प्रसव दर 5.4 फीसदी घटा है। घरों में प्रसव कई मायनों में जोखिम होता है। प्रसव के समय किसी भी आपात स्थिति से निबटने की सुविधाओं की कमी के कारण प्रसूता की जान भी चली जाती है। प्रसव के समय मां व शिशु की सुरक्षा कई मायनों में महत्वपूर्ण है।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन –

– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

98 फीसदी बच्चों को पिलाई गई विटामिन-ए की खुराक

मधुबनी : जिले में चलाए गए चार दिवसीय विटामिन-ए अभियान में 98% बच्चों को विटामिन- ए की खुराक पिलाई गई। यह प्रतिशत जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्राप्त किया गया है। इसमें 5 प्रखंडों में 100% बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलायी गयी। वहीं अन्य प्रखंडों में भी काफी बेहद बढ़िया परिणाम मिला है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले में 9 माह से 5 वर्ष तक के 6 लाख 6 हजार 64 बच्चों को विटामिन- ए की खुराक देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके लिए 23 से 26 दिसंबर तक चलाए गए. सघन अभियान में 5 लाख 91 हजार 702 बच्चों को खुराक पिलाई गई। इन बच्चों में 9 माह से 1 वर्ष के कुल 35 हजार 392 बच्चे, वहीं 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के 5 लाख 56 हजार 310 बच्चे शामिल हैं।

खुराक पिलाने में कोविड प्रोटोकॉल का रखा गया था ध्यान :

विदित हो की इस बार बच्चों को अपने घर के से चम्मच में ही खुराक पिलाई गई थी। कोरोना संक्रमण के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा केवल दवा उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन खुराक लेने के लिए चम्मच नहीं उपलब्ध कराई गई थी। चम्मच लाभार्थी को अपने घर से ही लानी थी।

इन प्रखंडों में हुआ लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा :

विटामिन- ए की खुराक अभियान के तहत बासोपट्टी में 100%, जयनगर में 100%, झंझारपुर में 102%, खुटौना/ लौकहा में 100%, मधुबनी शहरी अर्बन में 100% बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई गई। वहीं वही अंधराठाढ़ी में 99%, बाबूबरही में 98%, बेनीपट्टी में 96%, घोघरडीहा में 97%, विस्फी में 97%, हरलाखी में 98%, कलुआही में 96%, खजौली में 97%, लदनिया में 99%, लखनौर में 97%, लौकही में 96%, मधेपुर में 97%, मधवापुर में 98%, पंडौल में 98%, फुलपरास में 97% राजनगर में 95% तथा रहिका में 94% बच्चों को विटामिन- ए की खुराक पिलाई गई।

क्या है विटामिन ए खुराक :

प्रत्येक 6 माह में विटामिन- ए टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है। विटामिन ए शिशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं। विटामिन-ए की कमी शरीर के सभी अंगों के लिए नुकसानदेह है, पर इसका प्रभाव केवल आंखों पर ही परिलक्षित होता है। इसे खत्म करने के लिए शिशुओं को विटामिन- ए की खुराक देना जरूरी है। इससे उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अभियान के द्वारा सभी बच्चों को उनमें विटामिन- ए की कमी को दूर किया जाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर सीएस को दिया निर्देश

मधुबनी : कोविड-19 के नियंत्रण के लिए टीकाकरण को लेकर विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। विभाग की ओर से जिला स्तर की तैयारियां पूरी कर ली है। जिले में टीकाकरण को लेकर 6.47 लाख सिरिंज का आंवटन किया गया है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र लिखकर सभी सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। कार्यपालक निर्देशक ने सिरिंज के आपूर्ति के लिए बीएमएसआईसीएल के निर्देशक को पत्र लिखा है।

कोविड टीकाकरण के मद्देनजर जल्द ही अप्रूव्ड परिवहन (ट्रांसपोर्ट) के माध्यम से सिरिंज की आपूर्ति की जाएगी। ऑटो डीजेबल (एडी) सिरिंज एक बार इस्तेमाल होने के बाद ऑटोलॉक हो जाती है। कोविड-19 टीकाकरण को लेकर जिला व प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। प्रत्येक सप्ताह तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। कोविड-19 वैक्सीन के भंडारण के लिए सभी स्तर पर कोल्ड चेन गृहों एवं उपकरणों को सुदृढ़ किया जाएगा तथा कोविड-19 के वैक्सीन को नियमित टीकाकरण के वैक्सीन से अलग संधारित किया जाएगा। साथ ही टीकाकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले सिरिंजों के लिए भी अलग से स्थल चयनित कर रखा गया है।

रिएक्शन होने पर तुरंत निपटा जाएगा :

यदि किसी को टीकाकरण से प्रतिकूल प्रभाव (रिएक्शन) होता है तो उससे तुरंत निपटा जाएगा। इसके लिए हर टीकाकरण स्थान पर एडवरस इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन टीम होगी। साथ ही हर सीएचसी पर एक एंबुलेंस तैनात होगी, जो जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को उपचार के लिए बड़े अस्पताल तक लाएगी।

पहले हेल्थ केयर वर्कर, डॉक्टरों का होगा टीकाकरण :

सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने बताया टीकाकरण के लिए जो भी गाइडलाइन आ रही है, उस पर कार्य किया जा रहा है। पहले हेल्थ वर्कर एवं डॉक्टरों का टीकाकरण होगा। इसके बाद दूसरे चरण में 50 साल से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण होगा। आने वाले समय में जरूरत के हिसाब से और व्यवस्थाएं मजबूत होंगी। जब तक वैक्सीन नहीं आती, सभी के लिए मास्क व सैनिटाइजर के साथ सामाजिक दूरी बनाए रखना जरूरी है।

एक स्थल पर 100 लोगों को टीका लगेगा :

गाइडलाइन के अनुसार जहां वैक्‍सीन दी जाएगी, वहां तीन कमरे होंगे। पहला वेटिंग रूम होगा, दूसरा वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्‍जर्वेशन रूम। तीनों जगह सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करना होगा। वैक्‍सीन देने वाली टीम में एक वैक्‍सीन ऑफिसर और चार वैक्‍सीनेशन कर्मी होंगे। टीकाकरण रूम में किसी महिला को वैक्‍सीन मिलते वक्‍त एक महिला स्‍टाफ मेंबर की मौजूदगी अनिवार्य होगी। टीकाकरण की एक साइट पर दिनभर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा।

माकपा कार्यालय मे शनिवार को मनाया गया संकल्प दिवस

मधुबनी : जिले के जयनगर स्थित माकपा कार्यालय मे शनिवार को अखिल भारतीय किसान संधर्ष समिति एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर संकल्प दिवस मनाया गया। किसान सभा के स्थानीय ईकाई के संयोजकत्व मे आयोजित संकल्प सभा मे समर्थको ने देश की वर्तमान स्थिति पर क्षोभ व्यक्त करते हुये संविधान की रक्षा एवं लोकतंत्र कि बहाली का संकल्प लिया।

सभा मे वक्ताओ ने देश मे लोकतंत्र पर उत्पन्न गंभीर खतरा और संवैधानिक मूल्यो मे गिरावट पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि दुनियां का सबसे बडा़ लोकतांत्रिक देश भारत आज विश्व मे उपहास का पर्याय बनकर रह गया है।लोकतंत्र कि हालत यह है कि अन्नदाता सड़क पर जबकी सेवक एसी मे चैन की निन्द सो रहा है।

वक्ताओ ने कहा कि देश मे संविधान पर गंभीर संकट खडा़ है। आज देश के सत्ताशीर्ष पर ऐसे अराजक तत्वो का वर्चस्व है जिन्होने सदैव संविधान का अनादर किया है। उन्होने किसान कानून को अबिलम्ब रद्द करने की मांग करते हुये कहा कि यह कानून किसानो की जमीन पर कब्जा व फसलो को औने पौने कीमत पर हथियाने के लिये लाया गया है।मौके पर अंचल सचिव उपेन्द्र यादव, कुमार राणा प्रताप सिंह, रामजी यादव, शशि भूषण प्रसाद, अली हसन, सुकेन्द्र प्रसाद, पवन कुमार यादव, रुद्र नारायण यादव, रामबुझावन यादव, तेतर यादव, मुनेश्वर सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

विद्युत विभाग ने मुफ्त उपभोक्ताओं के खिलाफ कमर कस ली

मधुबनी : जिले के अंधराठाढ़ी प्रखंड परिक्षेत्र में विद्युत विभाग ने लंबे समय से बिना बिजली बिल का भुगतान किए बिजली जलाने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कमर कस ली है। अंधराठाढ़ी और हररी फिटर के कनीय विद्युत अभियंता के द्वारा अभियान चलाया गया। इस दौरान देवहार, अंधरा, पस्टन, मंदना, गिदरगंज सहित दर्जनों गांव के घरेलू व व्यावसायिक बिजली उपभोक्ताओं से बकाये बिल की वसूली की गयी। जबकि दर्जनों व्यावसायिक व घरेलू उपभोक्ताओं का लाइन काटा गया।

अभियंता सरबर आलम ने बताया कि राकेश कामत, चंदेश्वर चौधरी, दीनावा मंडल, संजीव कुमार आदि इस अभियान में शामिल है। दो हजार से अधिक बिजली बिल होने पर उस उपभोक्ता का लाइन काट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से वैसे उपभोक्ताओं के खिलाफ यह अभियान अब लगातार चलता रहेगा, जिनपर विभाग का दो हजार रुपये से ज्यादा का बकाया होगा। उन्होंने कहा उपभोक्ताओं से ससमय बिल भुगतान करने की अपील भी की गई है।