अरसों बाद सारण वासियों को मिली नई सौगात
छपरा : बीमारी का इलाज किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी भरा होता है। खासकर जब डॉक्टर सीटी स्कैन कराने की सलाह दे तो मरीज के ऊपर पांच से सात हजार रुपये के खर्च का बोझ बढ़ जाता है। इस कारण गरीब मरीज सिटी स्कैन कराने की नहीं सोच पाता है। एक लंबे अरसे के बाद सारण वासियों को नयी सौगात मिल गयी है। छपरा सदर अस्पताल को सिटी स्कैन मशीन प्राप्त हो गयी है।
करीब 1.25 करोड़ की लागत से इस मशीन की खरीदारी की गयी है। सिविल सर्जन डॉ० माधवेश्वर झा ने बताया नये साल में सारणवासियों के लिए खुशी की खबर है कि अब सिटी स्कैन के लिए पटना या किसी निजी अस्पताल में नहीं जाना पड़ेगा। अब सदर अस्पताल में यह यह सुविधा उपलब्ध होगी। सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने सिटी स्कैन रूम का निरीक्षण किया और एक सप्ताह के अंदर सेवा शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होने बताया पीपीपी मोड में सिटी स्कैन मशीन का संचालन किया जायेगा। इसके लिए मरीजों को शुल्क भी देना पड़ेगा।
निजी अस्पताल में जिस सिटी स्कैन का शुल्क 8 हजार रूपये है तो यहां लगभग 3 हजार रूपये देना होगा। सदर अस्पताल सिटी स्कैन मशीन से लैस हो जाएगा। इससे जिले के मरीजों को आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी। फिलहाल इसकी सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीजों को निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ता है। इस दौरान जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा, डीएस रामइकबाल प्रसाद, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन, कल्पना कंपनी के प्रतिनिधि कुमार राणा समेत अन्य मौजूद थे।
निजी व सरकारी अस्पताल के मरीजों को मिलेगी सुविधा :
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया यहां पर सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पताल के मरीज भी अपना सिटी स्कैन करा सकते हैं। जो निजी अस्पतालों से काफी कम शुल्क पर सिटी स्कैन किया जायेगा। यह सुविधा सभी तरह के लोगों के लिए है। यहां पर बाहर फ्लैक्स बोर्ड पर सिटी स्कैन के शुल्क के बारे में जानकारी प्रदर्शित कर दी गयी है। ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो सके।
सड़क दुघर्टना में घायल व्यक्तियों के इलाज में होगी सहुलियत :
सिविल सर्जन ने कहा सिटी स्कैन की सुविधा नहीं होने से सदर अस्पताल में सड़क हादसे में घायल मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती थी। इस सुविधा के शुरू होने से उनका इलाज आसानी किया जा सकेग।
एक ही रूम में मिलेगी कई सुविधाएं :
सदर अस्पताल के एक ही रूम में कई सुविधाओं को शुरू किया गया है। पहले से संचालित एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कक्ष में ही सिटी स्कैन मशीन को स्थापित किया जा रहा है। मरीजों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा एक ही छत के नीचे कई सुविधाएं मिल सकेंगी।
कब पड़ती स्कैन की जरूरत :
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया सिटी स्कैन मशीन मुख्य रूप से सिर की बीमारी और सिर की गहरी चोट की जड़ तक पहुंचने का अच्छा साधन है। इसका पता चल जाने के बाद डॉक्टरों के लिए दवा और ऑपरेशन का चुनाव करना आसान हो जाता है। अचानक बेहोश होना, उल्टी अधिक होना, सिर में लगातार तेज दर्द बना रहना, धुंधला दिखना, हाथ और पैरों का काम नहीं करना या फिर सड़क दुर्घटना में सिर में चोट लगने पर चिकित्सक सिटी स्कैन की सलाह देते हैं।
कोरोना काल में भी जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए विभाग कृतसंकल्पित
छपरा : वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर विभाग कृतसंकल्पित है। जिले में 14 से 31 जनवरी 2021 तक मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन किया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है।
जारी पत्र में बताया गया है कि निर्देशों का पालन करते हुए हुए मिशन परिवार विकास अभियान संपादित कराएंगे। दो चरणों में अभियान चलाया जायेगा। 14 से 20 जनवरी तक दम्पती संपर्क सप्ताह एवं 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जायेगा। मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन सभी स्वास्थ्य संस्थानों में किया जायेगा। अभियान के पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की जायेगी। जिसमें सभी सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा।
ऐसे पूरा होगा अभियान :
• मिशन परिवार विकास अभियान के पहले योजना (9 से 13 जनवरी)
• दम्पती संपर्क सप्ताह (14 से 20 जनवरी)
• मिशन परिवार विकास अभियान के प्रथम या दूसरे दिन(14 जनवरी अथवा 15 जनवरी)
• परिवार नियोजन सेवा सप्ताह ( 21 से 31 जनवरी)
• अभियान के पश्चात समेकित भौतिक एव वित्तीय प्रतिवेदन
14 से 20 जनवरी तक चलेगा दम्पती संपर्क सप्ताह :
सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी 14 से 20 जनवरी तक दम्पती संपर्क सप्ताह का आयोजन करेंगे। आमजन में जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार के तहत सही उम्र में शादी, शादी के कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर, प्रसव पश्चात या गर्भपात पश्चात परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधान, परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया जाना है। साथ ही परिवार कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध अस्थायी एवं स्थायी उपायों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह :
इस अभियान के दौरान एफडीए प्लान के अनुसार यह सुनिश्चित हो कि स्वास्थ्य संस्थान में परिवार कल्याण ऑपरेशन के लिए शल्य कक्ष, स्ट्रा लाइजेशन रूम और पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड तैयार रहे। गुणवत्तापूर्ण एडीएस कैंप का आयोजन करना सुनश्चित किया ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। बंध्याकरण व नसबंदी से संबंधित राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा उपलब्ध कराये गये बंध्याकरण सेवा पुस्तिका एवं ओटी रजिस्टर को पूर्ण रूप से भरा जाये। प्रत्येक लाभार्थी को संस्थान छोड़ने से पूर्व निर्देश कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा।
बंध्याकरण या नसबंदी सेवा के लाभार्थियों को मिलेगी नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा :
जारी पत्र में कहा गया है कि नसबंदी शिविर का आयोजन नजदीकी सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से समन्वय स्थापित करते हुए किया जाना सुनिश्चित करें। नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से चिह्नित इच्छुक लाभार्थी को नसबंदी कैंप में लाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जायेगी। बंध्याकरण एवं नसबंदी सेवा के लाभार्थियों को 102/108 एंबुलेंस द्वारा उनके घर तक पहुंचाने की नि:शुल्क सुविधा प्रदान की जायेगी।
गृह प्रसव को दरकिनार कर महिलाओं ने सुरक्षित व संस्थागत प्रसव को बढाया कदम
छपरा : जिले में गृह प्रसव को दरकिनार कर महिलाओं ने सुरक्षित व संस्थागत प्रसव के तरफ अपना कदम बढ़ाया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव को अधिकाधिक बढ़ावा देने के लिए किये गये प्रयासों का सकारात्मक असर दिख रहा है। गर्भवती महिलाओं के प्रसव प्रबंधन की दिशा में आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर लायी गयी जागरूकता और स्वास्थ्य केंद्रों पर आधारभूत संरचना में बदलाव से संस्थागत प्रसव की तस्वीर बदल रही है।
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी है। संस्थागत प्रसव अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी की देख-रेख में कराया जाता है। अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए भी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति यथा रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटने को तमाम सुविधाएं अस्पतालों में उपलब्ध होती हैं।
संस्थागत प्रसव में 11 प्रतिशत का हुआ इजाफा :
हाल ही जारी किये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे—5 के अनुसार जिले में संस्थागत प्रसव में बदलाव देखने को मिला है। बीते पांच सालों में संस्थागत प्रसव के फायदों के प्रति आयी जागरूकता के कारण इसमें 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पूर्व में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे—4 की रिपोर्ट बताती संस्थागत प्रसव दर 62 प्रतिशत था, जो अब 73 प्रतिशत हो गया है। वहीं एनएफएचएस—4 में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव दर 44 प्रतिशत रहा था। यह दर बीते पांच सालों में बढ़ कर 57.2 प्रतिशत हो गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा अनुमंडलीय व सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव संबंधी विभिन्न सुविधाएं प्रदान की गयी हैं।
गृह प्रसव दर में भी आयी कमी :
आमजनों में संस्थागत प्रसव के प्रति आयी जागरूकता के कारण घरों में होने वाले प्रसव दर भी घटे हैं। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार यह आंकड़ा 17.3 फीसदी था। एनएफएचएस—5 के मुताबिक वर्तमान में यह दर 8.7 प्रतिशत है। यानि घरों में प्रसव दर 8.5 फीसदी घटा है। घरों में प्रसव कई मायनों में जोखिम होता है। प्रसव के समय किसी भी आपात स्थिति से निबटने की सुविधाओं की कमी के कारण प्रसूता की जान भी चली जाती है। प्रसव के समय मां व शिशु की सुरक्षा कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना लागू :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जननी सुरक्षा योजना चलायी जा रही है। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर, ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं। जिसमें साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशाओं को प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रुपये आशाओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।
स्वास्थ्य संस्थानों में दी जाती है ये सेवाएं :
• सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था
• निःशुल्क दवा की व्यवस्था
• गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुँचाने की निःशुल्क व्यवस्था
• प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन
• नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण हेतु शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनश्चित कराने की व्यवस्था एवं साथ ही साथ जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाता है ।
बेघर और बेसहारा बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देगी युवा रोटी बैंक
छपरा : आर्थिक तंगी के चलते जो बेसहारा बच्चें शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते हैं। युवा क्रांति रोटी बैंक उन बच्चों को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। जो की पहले से ही हर शाम ज़रूरतमंद लोगों को भोजन कराती है। अब वहीं सभी बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रही है और पढ़ाई में कमजोर बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहा है। जगह नहीं मिलाने के कारण से सदस्यों ने छपरा जंक्शन परिसर के पार्किंग स्टैंड को ही इन बच्चों के लिए शिक्षा का प्रांगण बना लिया है और सदस्यों द्वारा शाम 6 से 8 बजे तक बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है।
संस्थापक ई० विजय राज ने कहा शिक्षा से ही संस्कार है। मेरे मन में एक दिन विचार आया कि शहर में निशुल्क शिक्षा भी देनी चाहिए, अपने शहर में ट्यूशन देने के कई केंद्र हैं। संरक्षक जानकी शरण सिंह ने कहा की शिक्षा गरीब बच्चों से दूर होती जा रही है इन्हीं सब बातों ध्यान में रखते हुए युवा क्रांति रोटी बैंक के सभी सदस्यों ने निर्णय लिया की हम सब को ये पहल करनी चाहिए और उसके बाद युवा क्रांति रोटी बैंक ने निशुल्क शिक्षा स्थान का शुभारंभ किया।
सलाहकार रितेश रंजन ने कहा पिछले 3 साल से भोजन के साथ साथ बच्चो को यह शिक्षा देना समाज के लिए एक अच्छी पहल है। सदस्य राशिद रिज़वी ने कहा यह सभी बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि ट्यूशन या कोचिंग दिला सके इस लिए हम सब को आगे आना चाहिए और इन्हे शिक्षा देना चाहिए।
अध्यक्षा आकृति रचना ने युवा क्रांति रोटी बैंक के इस पहल की बहुत ही सराहना की और लोगों कहा कि हमारी संस्था लोगों को भोजन के साथ-साथ शिक्षा देने का भी कार्य कर रही है। युवा क्रांति रोटी बैंक के सभी सदस्यों का जोश समाज को आगे बढ़ाने में काम आता रहा है। इन सभी बच्चों के पौष्टिक भोजन के लिए अतुल कुमार बॉम्बे जिम ने बीड़ा उठाया और कहा जो भी प्रयास हो हमारी टीम इनके लिए अहम भूमिका निभाएगी। अमित कुमार रेलवे चाइल्ड लाइन छपरा का अहम योगदान रहा। इस कार्य में सदस्य बवाली सिंह, सनी खान, प्रतीक जी, संतोष सिंह, मनीष मणि, विवेक सिंह, निशांत गुप्ता, लड्डू जी, गौतम बंसल, रौशन गुप्ता, पिंटू, संदीप मनमन, एवं और भी बहुत सदस्यों की अहम भूमिका रहती है।
सदर अस्पताल में लाए गए 6 बड़ा व 10 छोटा आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर
छपरा : कोविड 19 टीकारकरण को सुरक्षित तरीके से लोगों तक पहुंचाने की विस्तृत कार्य योजना स्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब-करीब तैयार कर ली गई है। कोरोना वैक्सीन की कोल्ड चेन मेंटनेंस से जुड़ी तैयारियां तेज हो गई है। वैक्सीन को रखने के लिए 6 बड़ा व 10 छोटा आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर सदर अस्पताल में लाए गए। इनमें ही वैक्सीन को सुरक्षित नियत तापमान पर रखा जाएगा। वहीं प्रखंड स्तर पर भी वैक्सीन को सुरक्षित रखने की योजना पर राज्य स्वास्थ्य समिति कार्य कर रही है। जिला प्रततिरक्षण के कोल्ड चेन टेक्निशियन शक्ति कुमार ने बताया आइसलाइंड रेफ्रिजरेटर में दो से आठ डिग्री तक तापमान पर तथा डीप फ्रिज में -10 से -25 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है। वैक्सीन को इन्हीं फ्रिज में रखा जाएगा।
21 डीप फ्रीजर व वाल्क-इन-कूलर आना शेष :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा ने बातया कोविड 19 वैक्सीन को रख-रखाव के लिए 21 डीप फ्रीजर का मांग किया गया है। ऐसी उम्मीद है कि यह सभी उपकरण बहुत जल्द जिले को प्राप्त हो जायेगा। फिलहाल राज्य मुख्यालय से 6 बड़ा 10 छोटा आइसलाइंड रिफ्रिजरेटर प्राप्त हुआ है। इसके साथ हीं जिलास्तर पर वैक्सिन को रखने के लिए 9000 लीटर क्षमता वाला वाल्क-इन-कूलर की मांग की गयी है।
9000 लीटर के क्षमता वाला वाल्क-इन-कूलर होगा स्थापित :
जिले में क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोरेज रूम का बनाया जा रहा है। यहां पर 9000 लीटर के क्षमता वाला वाल्क-इन-कूलर स्थापित किया जायेगा। इसको लेकर विभाग की ओर से कार्य तेजी से किया जा रहा है। सारण प्रमंडल में फिलहाल सारण में ही वाल्क-इन कूलर स्थापित किया जायेगा। सिवान व गोपालगंज जिले के आवांटित वैक्सीन को सारण में ही रखा जायेगा। क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोरेज रूम से ही सिवान व गोपालगंज में टीका का सप्लाई किया जायेगा।
अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता :
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीकाकरण के लिए क्यों चुना गया है, इस पर मंत्रालय ने कहा है, सरकार अत्यंत जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता दे रही है कि उन्हें सबसे पहले टीके की खुराक मिले। टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे।
7500 सरकारी व 2300 निजी स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा तैयार :
जिले में अब 7500 सरकारी व 2300 निजी स्वास्थ्य कर्मियो का डाटा तैयार कर लिया गया है। इन सभी लोगों का डाटा कोविन पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इसी तरह से आईसीडीएस के करीब 7000 कर्मियों का डाटा बेस तैयार किया गया है। जिनका प्रथम चरण में टीकाकरण कार्य किया जाना है।
जयप्रकाश विश्व विद्यालय के तालाब का किया जायेगा सौन्दर्यीकरण
छपरा : जयप्रकाश विश्व विद्यालय तालाब के किनारों पर बैठने का शेड विकसित किया जाएगा। इस कार्य हेतु माननीय कुलपति फारुक अली ने कहा कि इस कार्य के लिए विश्व विद्यालय के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों की एक बैठक जनवरी के दूसरे सप्ताह में की जाएगी और डीपीआर शिक्षक प्रतिनिधि एवम गैर शिक्षक प्रतिनिधि के समक्ष रखा जाएगा। यदि सभी पूर्णतया विश्व विद्यालय के विकास की इस योजना से सहमत होंगे. तो सब से एक दिन का वेतन देने का आग्रह किया जाएगा. जिससे यह कार्य सबके सहयोग से ही संपन्न होगा.
फारुख अली भी एक दिन का वेतन देंगे। यह योजना कार्यान्वित हो जाने के बाद विश्व विद्यालय की सुन्दरता बढ़ जाएगी. यदि इस कार्य को करने हेतु सबकी सहभागिता होती है तो सबको इस योजना में अपनेपन का भाव होगा. शिक्षक संघ के प्रतिनिधि एवं शिक्षकेतर संघ के सचिव ने कहा कि यदि विश्व विद्यालय के विकास की बात है, तो सबको इस योजना में शामिल होकर माननीय कुलपति फारुक अली जी का साथ देने हेतु आग्रह किया जाएगा और इस योजना को सफल बनाया जाएगा।
इनरव्हील क्लब छपरा ने किया सेनेटाइजर व मास्क वितरण
छपरा : इनरव्हील क्लब छपरा ने समाज सेवा के मासिक कार्यक्रम के अंतर्गत सेनेटाइजर और मास्क वितरण किया और यह कार्यक्रम जुलाई माह से अनवरत चलती रही है। राजेंद्र सरोवर पर टहलने वाले एरिया को सैनिटाइज किया गया और मजदूरों के बीच मास्क बांटे गए। इस अवसर पर क्लब प्रेसिडेंट बिणा सरन, सेक्रेटरी मधुलिका तिवारी इत्यादि उपस्थित थी।
“छपरा शिशु पार्क” की, की गई सफाई
छपरा : नववर्ष के अवसर पर शिक्षा, दीक्षा व लियों क्लब फेमिना के बैनर तले “छपरा शिशु पार्क” की सफाई की गई। ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष नव वर्ष के अवसर पर युवा और बच्चे व महिलाए छपरा के एकमात्र पार्क शिशु पार्क में घूमने व पिकनिक मनाने आते हैं। इस वक्त पार्क की स्थिति दयनीय है और पूरी तरह गंदगियों से भड़ा पड़ा है।
जिसे मद्देनजर रखते हुए युवाओं ने गंदगी को साफ करने का बीड़ा उठाया ताकि 1 जनवरी को आने वाले लोगों को तकलीफ़ न हो और हमारा पार्क साफ व स्वच्छ दिखे। इस मौके पर शिक्षा दीक्षा संस्थापक रौशन गुप्ता, प्रियांशु गुप्ता अतुल कुमार, मनीष कुमार मनी, संजीव चौधरी, करण कुमार, सौरव, सिप्पू और छोटे-छोटे बच्चे थे। वहां लियो क्लब ऑफ छपरा फेमिना की अध्यक्ष लियो भारती, लियो सुमन, लियो शिवांगी मौजूद थे।
सी० एन० गुप्ता ने की कृषि मंत्री से विभिन्न समस्याओं पर चर्चा
छपरा : स्थानीय विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने सूबे के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह से मिलकर विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की और इसके निवारण की मांग की इस दौरान विधायक ने कृषि मंत्री को बाजार समिति में किराया दर वृद्धि को कम करने की मांग की। उन्होंने कृषि मंत्री को बताया कि बाजार समिति से एक बड़ा तबका अपने व्यवसाय से जुड़ा हुआ है, मेरी मांग को पूरा कर देने से उनके रोजगार और उनके जीवकोपार्जन को उन्नत करने में मदद मिलेगी।
इस दौरान सी० एन० गुप्ता ने इफको (IFFCO) की रैक की संख्या दुगुनी करने की मांग छपरा में की है। विधायक ने किसी मंत्री को बाजार समिति के विभिन्न समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि बाजार समिति का विकास सीधे तौर पर हमारे व्यापारीयों, किसानों और काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को लाभ पहुंचाएगा। इस संबंध में विधायक ने कृषि मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जिसमें विभिन्न मांगों की चर्चा थी। इस दौरान कृषि मंत्री ने विधायक की मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया और कहा कि आप जिस प्रकार से छपरा के विकास में निरंतर लगे रहते हैं आपका यह मांग जरूर पूरा किया जाएगा इसके बाद विधायक ने कृषि मंत्री को साधुवाद दिया और कहा कि निश्चित तौर पर यह मांग पूरी होगी तो सीधे लाभ इसका आमजन को मिलेगा।