नवादा : चिकित्सकों की मानवीय संवेदना किस कदर मर चुकी है इसका अहसास आज तब हुआ जब दर्द से तड़प रहे एक जख्मी युवक का ईलाज महज इसलिए उन्होंने नहीं किया क्योंकि वह दूसरे जिले में हुई एक दुर्घटना का शिकार हुआ था। मामला नवादा के शाहपुर ओपी क्षेत्र का है।
बताया जाता है कि शाहपुर ओपी क्षेत्र के शाहपुर-गिरियक पथ पर मोटरसाइकिल व यात्री बस की आमने—सामने की टक्कर में शेखपुरा जिला बरबीघा बाजार के शमाचौक मुहल्ले के पंकज कुमार गंभीर रूप से जख्मी हो गए। बाइक पर उनके साथ रही 4 वर्षीय खुशी कुमारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी। थानाध्यक्ष विजय कुमार ने जख्मी को ईलाज के लिए तीन किलोमीटर दूर शेखपुरा जिला स्थित शेखपुरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल कराया। लेकिन वहां के चिकित्सक ने दूसरे जिले का मामला बताकर ईलाज करने से इंकार कर दिया।
थानाध्यक्ष ने बताया कि घटनास्थल से बौढी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी 9 किलोमीटर है जबकि शेखोपुरसराय की 3 किलोमीटर। यहां तक कि वारिसलीगंज पुलिस इंस्पेक्टर मृत्युंजय कुमार के अनुरोध को भी चिकित्सकों ने मानने से इंकार कर दिया। बाद में जख्मी को ईलाज के लिए बरबीघा के निजी नर्सिंग होम में दाखिल कराने पर विवश होना पड़ा। ऐसे में चिकित्सक की भूमिका पर सवालिया निशान लगना शुरू हो गया है।
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