छपरा : बिहार के दवा विक्रेताओं के संगठन बीएसएसआर यूनियन द्वारा राज्य सरकार के तुगलकी फरमान जारी करने के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ ने कहा कि बिहार के अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में दवा प्रतिनिधियों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही उनके वहां पकड़े जाने पर अर्थदंड का भी प्रावधान लगाया गया है। जबकि पूरे भारत में इस तरह का कोई भी संकल्प पत्र किसी भी राज्य सरकार में जारी नहीं हुआ है। बिहार सरकार का यह निर्णय मजदूर विरोधी है। जबकि हड़ताली दवा विक्रेताओं का कहना था कि एक्ट 1940 के तहत यह प्रावधान है कि मेडिकल प्रतिनिधि किसी भी अस्पताल में अपनी कंपनी की दवा का प्रमोशन कर सकते हैं। इस प्रदर्शन में सैकड़ों प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिसमें सचिव एमके ओझा संदीप कुमार सुभाष मिश्रा जैसे लोग उपस्थित रहे।
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