अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी तानाशाही का प्रतीक

0

दरभंगा : कामेश्वरसिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर स्थित मिथिला लोकमंथन कार्यालय में गुरुवार को विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों एवं पत्रकार संघों की बैठक हुई, इसमें छात्र पत्रकार लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। ए न्यूज़ बिहार व मिथिला लोक मंथन चेतना के तत्वाधान में अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थितियों पर विचार किया गया। इसमें अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की गई तथा इसे लोकतंत्र के लिए अशुभ बताया गया।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के डॉ मनीष कुमार ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला तानाशाही का प्रतीक होता है। ललित नारायण मिथिला विवि के समाजशास्त्र विभाग के सहायक अध्यापक एवं पत्रकार डॉ शंकर कुमार लाल ने कहा कि राष्ट्रवादी पत्रकारिता करने वाले पत्रकार की गिरफ्तारी पुनः देश को परतंत्रता की ओर खींच रही है।

swatva

लोकमंथन कार्यक्रम के संयोजक तथा प्रज्ञा प्रवाह के चेतना के उपाध्यक्ष डॉ कन्हैया चौधरी ने कहा कि अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी सच्ची घटनाओं और उसे और उसे आवाज देने वाले आर भारत के पत्रकार अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी तथाकथित विदेशी के इशारे पर भारत में रह रहे राजनेताओं द्वारा करवाई गई है दैनिक भास्कर के पत्रकार राहुल कुमार गुप्ता ने कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि पत्रकार अपनी जान की परवाह किए बिना समाज को एक दिशा देते हैं, जब आवाज देकर सबके सामने लाते हैं। एक ऐसे पत्रकार के रूप में अर्णब गोस्वामी का नाम सर्वोपरि है। उनकी गिरफ्तारी पत्रकारों की आवाज दबाने के लिए की गई है इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एनयूजे बिहार के उपाध्यक्ष कृष्ण कांत ओझा ने किया। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के गणमान्य प्रतिनिधि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विभिन्न प्रेस मीडिया के पत्रकार फोटोग्राफर और कलाकार आदि उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here