अब प्रसव केंद पर होगी नवजात शिशुओं की व्यापक जांच

0

पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं की व्यापक जांच अब सरकारी अस्पतालों के प्रसव केंद्र पर ही होगी। बीमारियों को पकड़ने हेतु प्रसव केंद्र पर तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को समय-समय पर ट्रेनिंग देकर दक्ष बनाया जा रहा है। ऐसा कर शिशुओें की बीमारियों को जानकर उनका त्वरित इलाज किया जा सकेगा। नवजात बच्चों में त्वरित गति से यह पता लगाया जा सकेगा कि कहीं उनमें पाये जाने वाले कई प्रकार की खतरनाक बीमारियों में से किसी के लक्षण तो नहीं हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) अंतर्गत कॉम्प्रीहेंसिव न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग (नवजात शिशुओं की व्यापक जांच) प्रारंभ करने को लेकर दो चरणों में कार्यशाला चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में दो दिवसीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला मंगलवार को संपन्न हुआ। दूसरे चरण का कार्यशाला 25-26 अप्रैल को होगा। इन कार्यक्रमों में प्रत्येक जिले से दो-दो चिकित्सा पदाधिकारी (एक शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एक प्रसुति व स्त्री रोग विशेषज्ञ) भाग ले रहे हैं। प्रथम चरण में 19 जिलों यथा पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, गोपालगंज आदि समेत अन्य जिलों के चिकित्सा पदाधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। दूसरे चरण में भी 19 अन्य जिलों के चिकित्सा पदाधिकारी प्रशिक्षित होंगे।

swatva

पांडेय ने कहा कि अनुवांशिक लक्षणों या गर्भावस्था के दौरान कुछ जटिलताओं की वजह से नवजात बच्चे कुछ गंभीर बीमारियों के साथ जन्म लेते हैं। यदि उसे समय रहते प्रसव केंद्र पर पकड़ लिया जाता है, तो बहुत हद तक उस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों में पाए जाने वाली गंभीर बीमारियों की सर्जरी निःशुल्क की जाती है। जन्म के तुरंत बाद शिशु के रोने से पता चलता है कि वह संभावित रूप से ठीक है, लेकिन उसके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए कई तरह के टेस्ट की जरूरत होती है। कुछ बच्चे दुर्लभ विकारों के साथ पैदा होते हैं और इस तरह की समस्याओं का पता लगाने के लिए ही स्क्रीनिंग टेस्ट करवाए जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here