गोपालगंज : भारत के सविंधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने कभी कहा था कि अंग्रेजी उस शेरनी के दूध के समान है जो इसे पीता है वो शेर बन जाता है। इस शेरनी के दूध को बिहार के हर युवा को पिलाने के लिए एक मुहिम चलाई जा रही है। और इस तरह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवक-युवतियों को अंग्रेजी के लाभ को पहुंचाकर युवा वर्ग को स्वालंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में देश की प्रतिष्ठित संस्था ब्रिटिश लिंग्वा के तहत इस सपने को साकार किया जाएगा।
गौरतलब है कि गोपालगंज जिले के सोशल एंटरप्रेन्योर, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बिपिन बिहारी फॉउन्डेशन के चेयरमैन कुंज बिहारी श्रीवास्तव ने यह एक विशेष जिम्मेदारी स्वीकार की है कि ब्रिटिश लिंग्वा के मूल उद्देश्य को गांव-गांव तक पहुचायेंगे। उक्त बातें मीडिया को जानकारी देते हुए कुंज बिहारी श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार की दशा को देखते हुए समाज मे एक जनचेतना की जरूरत है कि यहां के छात्र-छात्राएं अंग्रेजी में निपुण हो एवं दुनिया में परचम लहराए। इस बाबत समाज के समान विचारधारा वाले लोगों को आगे आने की जरूरत है।
ब्रिटिश लिंग्वा के संस्थापक एवं जाने-माने लेखक डॉ बीरबल झा ने कहा बिहार विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो सकता है बशर्ते यहां के युवा चाहे। अंग्रेजी समाज को जोड़ने का काम करती है न कि तोड़ने का। इसे एक स्किल के रूप में देखना चाहिए। हर युवा को मातृ भाषा व राष्ट्रभाषा के साथ-साथ अंग्रेजी पर भी पूर्ण अधिकार प्राप्त करना चाहिए। यह रोजी-रोटी की भाषा बन चुकी है। अतएव समाज के युवा वर्ग को अंग्रेजी आंदोलन से जुड़कर अपने आप को मजबूत करते हुए देश की मजबूती में हाथ बंटाना चाहिए।
बिहार के छात्र-छात्राओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अंग्रेजी की कमी को दूर कर उन्हें निखारने और संवारने की जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करेगी “बिहार अंग्रेजी आंदोलन”। संयोजक बनाये जाने पर कुंज बिहारी श्रीवास्तव ने डॉ बीरबल झा के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा की वह डॉ झा के इस संकल्प को पूरा करने के लिए शीघ्र ही बिहार के सभी जिलों में जिला संयोजक बनाएंगे। इस तरह गांव- गांव के सभी युवक-युवतियों को अंग्रेजी आंदोलन से जोड़ा जायेगा और अंग्रेजी कौशल क्षमता से लैश की जायेगी।