शिविर में गर्भवती महिलाओं का किया गया प्रसव पूर्व जांच
सारण : जिले के सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया गया। इस अभियान के तहत जिले के गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच किया गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में शिविर लगाकर स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एमबीबीएस चिकित्सक द्वारा गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गयी। साथ ही उच्च जोख़िम गर्भधारण महिलाओं की पहचान कर उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया।
सीएस डॉ माधवेश्वर कहा ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। गर्भावस्था के दौरान 4 प्रसव पूर्व जाँच प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लाता है। सम्पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच के आभाव में उच्च जोख़िम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती। इससे प्रसव के दौरान जटिलता की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है। जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।
गर्भवती महिलाओं की हुई ये जांच:
डीपीसी रमेश चन्द्र प्रसाद ने बताया कि उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जाँच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जाँच की गयी। साथ ही उच्च जोखिम गर्भधारण महिलाओं को भी चिन्हित किया गया एवं बेहतर प्रबंधन के लिए दवा के साथ जरुरी परामर्श दिया गया।
कुपोषण से पीड़ित महिलाओं पर विशेष जोर:
गड़खा सामुदायिक केंद्र के केयर इंडिया के बीएम प्रशांत सिंह ने बताया कि प्रसव पूर्व जाँच में एनीमिक महिला को आयरन फोलिक एसिड की दवा देकर इसका नियमित सेवन करने की सलाह दी गयी। एनीमिक महिलाओं को हरी साग- सब्जी, दूध, सोयाबीन, फ़ल, भूना हुआ चना एवं गुड खाने की सलाह दी गयी। साथ ही उन्हें गर्भावस्था के आखिरी दिनों में कम से कम चार बार खाना खाने की भी सलाह दी गयी। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जाँच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
गर्भावस्था में ये पांच टेस्ट कराना जरूरी:
•ब्लड टेस्ट
•यूरिन टेस्ट
•ब्लड प्रेशर
•हीमोग्लोबीन
•अल्ट्रासाउंड
उच्च जोख़िम गर्भधारण के कारण:
• गर्भावस्था में 7 ग्राम से खून का कम होना
• गर्भावस्था में मधुमेह का होना
• एचआईवी पॉजिटिव होना(एडस पीड़ित)
• अत्यधिक वजन का कम या अधिक होना
• पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना
• उच्च रक्तचाप की शिकायत होना
उच्च जोख़िम गर्भधारण के लक्षण :
• पूर्व की गर्भावस्थाओं या प्रसव का इतिहास
• दो या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो
• बच्चा पेट में मर गया हो या मृत पैदा हुआ हो
• कोई विकृत वाला बच्चा पैदा हुआ हो
• प्रसव के दौरान या बाद में अधिक रक्त स्त्राव हुआ हो
• गर्भवती होने से पहले कोई बीमारी हो
• उच्च रक्तचाप
• दिल या गुर्दे की बीमारी
• टीबी या मिरगी का होना
• पीलिया या लिवर की बीमारी
• हाइपोथायराइड से ग्रसित होना
पोषण माह के सफ़ल क्रियान्वयन के लिए अभिसरण समिति की हुई बैठक
सारण : पोषण माह के सफल क्रियान्वयन के लिए सदर अनुमंडल के अनुमंडलीय पदाधिकारी अरूण कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रखंडस्तरीय अभिसरण समिति की बैठक आयोजित की गयी। अभियान की रूपरेखा, लक्ष्य, कुपोषण एवं एनीमिया की स्थिति, एनएचएफएस के आकड़ों से तुलना, गंभीर कुपोषित बच्चों का शीघ्र चिन्हित किया जाना एवं कोविड-19 से संबंधित निर्देशों का पालन करते हुए कार्रवाई किए जाने पर चर्चा की गई। एसडीओ अरूण कुमार सिंह ने कहा कि कुपोषण स्तर में सुधार के लिए बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ उपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। पोषण माह के दौरान शीघ्र स्तनपान, छह माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना है। साथ ही पोषण माह के दौरान पोषण वाटिका को बढ़ावा दिया जाना है। अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है।
कुपोषण दर में प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत व एनिमिया दर में 3 प्रतिशत कमी लाना उद्देश्य:
एसडीओ अरूण कुमार सिंह ने कहा कि पोषण अभियान के तहत विभिन्न विभागों के समन्वय से निर्धारित सीमा के अंदर बच्चों में अल्प वजन, बौनापन एवं दुबलापन की दर में कमी लाई जानी है। योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के कुपोषण दर में प्रतिवर्ष दो फीसद एवं किशोरी व महिलाओं के एनीमिया दर में प्रतिवर्ष तीन फीसद की कमी लाने की दिशा में संयुक्त प्रयास किया जा रहा है।
जन आंदोलन बनेगा पोषण अभियान:
सदर शहरी क्षेत्र के सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने कहा कि पोषण अभियान कार्यक्रम के तहत बच्चों में विकास की कमी कुपोषण एनीमिया ना हो उसका विशेष ध्यान रखना है। इस अभियान को जन आंदोलन के स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य छोटे बच्चों महिलाओं और किशोरियों के कुपोषण को कम करना है। साथ ही एनीमिया और गंभीर कुपोषण को रोकने के लिए लोगों को स्तनपान, मातृ पोषण और किशोर पोषण के संबंध में जागरूक करना है। इस बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनरेगा पीओ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जीविका के सदस्य, सदर ग्रामीण के सीडीपीओ समेत सभी महिला सुपरवाइजर शामिल थी।
कोरोना महामारी के दौर में मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी
छपरा : जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन संक्रमितों की आंकड़ा में कमी आयी है। कोरोना से संक्रमित होने वाले व्यक्ति जल्द स्वस्थ्य भी हो रहे है। लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना आवश्यक है। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी व मास्क के साथ पौष्टिक भोजन सबसे ज्यादा आवश्यक है। पौष्टिक भोजन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय के गाइडलाइंस के अनुसार भोजन में विटामिन सी को शामिल करके लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। गर्भवती एवं गर्भ में पल रहे बच्चे, बुजुर्ग, दस वर्ष से कम आयु के बच्चों, गंभीर बीमारियों के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इनको कोरोना अपनी चपेट में आसानी ले सकता है। इन सभी को कैल्शियम कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन युक्त भोजन करना चाहिए। इसके अलावा भोजन में फलों को शामिल करना चाहिए।
मानसिक रूप से भी मजबूत होना जरूरी:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक कोविड19 का कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया है, ऐसे में हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इससे मुकाबला तो कर ही सकते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने पर किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता मानसिक रूप से स्वत: विकसित हो जाती है। कोविड19 के मामले में लोगों का जितना शारीरिक रूप से ताकतवर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) होना जरूरी है उतना ही मानसिक रूप से भी मजबूत होना जरूरी है।
आयुर्वेदिक पद्धतियां अपनाकर रहे स्वस्थ:
कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक पद्धतियां अपनाकर हम खुद को स्वस्थ रखेंगे तो कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर भी उससे आसानी से लड़ा जा सकता है। निश्चित तौर पर इन दिशा निर्देशों का पालन कर हर कोई आने वाले खतरे से बच सकता है। आयुष मंत्रालय के सुझाव को अपने जीवन में अवश्य उतारें। साथ ही लोगों को भी इन दिशा-निर्देशों का पालन करने का सुझाव दें।
• ऐसे कर सकते हैं अपना बचाव
• प्रतिदिन गर्म पानी का सेवन करें।
• हल्दी, जीरा, लहसुन और धनिए का खाने में इस्तेमाल करें।
• 10 ग्राम च्वयनप्राश सुबह और शाम लें। मधुमेह होने पर शुगर फ्री च्वयनप्राश ले सकते हैं।
• दिन में एक या दो बार 150 एमएल गर्म दूध में आधी चम्मच हल्दी डालकर लें।
• नारियल का तेल या देशी घी सुबह और शाम नाक में डालें।
• एक चम्मच नारियल तेल मुंह में रखें, इसे पीना नहीं है। 2 से 3 मिनट बाद इसे गर्म पानी के साथ बाहर निकाल देना है।
• कफ या गले में खराश होने पर लौंग पाउडर के साथ शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार ले सकते हैं।
16-29 सितंबर तक चलेगा कृमिमुक्ति, सघन दस्त नियंत्रण एवं विटामीन-ए खुराक कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्यशाला
सारण : 16 से 29 सिंतबर तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम, सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा एवं विटामीन-ए खुराक कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए ऑनलाईन मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और जिला स्वास्थ्य समिति के संयुक्त तात्वाधान में वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता सारण के सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने की। बेविनार को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर ने तीनों कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी तथा कहा कि कार्यक्रम के दौरान कोरोना से बचाव के लिए जारी किये गये निर्देशों का पालन हर हाल में करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा आशा, एएनएम व सेविका को क्षेत्र भ्रमण के दौरान मास्क, गल्बस और सेनिटाईजर प्रयोग करना होगा। इसके साथ उन्होने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी। सिविल सर्जन ने कहा कि कोरोना काल में एक साथ तीन कार्यक्रमों का संचालन करना चुनौती पूर्ण है। लेकिन फिर भी जिला इसे बखूबी करने के लिए तैयार है। इसको लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है। उन्होने कहा कि कंटेंनमेंट जोन वाले एरिया कार्यक्रम नहीं चलाया जायेगा। वेबिनार में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार, डक्यूमेंटेशन ऑफिसर सरिता मलिक शामिल थी।
वेबिनार का संचालन सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने किया।
16 से 29 सितंबर तक संयुक्त रूप से चलेगा कार्यक्रम:
वेबिनार को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अयज कुमार शर्मा ने कहा कि 16 से 29 सिंतबर तक तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलेंगे, जिसमें सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, विटामिन-ए खुराक और राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम शामिल है। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। उन्होने कहा कि दस्त से होने वाले मृत्यु दर को कम करने के लिए डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा चलेगा। डायरिया से 0 से 5 वर्ष तक बच्चों में 10 गुणा मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। इसको लेकर आशा घर जाकर बच्चों को जिंक और ओआरएस का पैकेट का वितरण करेंगी। सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर जिंक-ओआरएस कॉर्नर की स्थापना की जायेगी। दस्त से पीड़ित बच्चों को पहचान कर बेहतर उपचार की सुविधा मुहैया करायी जायेगी।
1 से 19 साल तक बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अयज कुमार शर्मा ने बताया कि कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी जाएगी. साथ ही गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 माह से 5 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को विटामिन ए सिरप की खुराक पिलाना भी सुनिश्चित करेगी। इसके लिए आशा पहले विटामिन ए सिरप के साथ उपलब्ध चम्मच में खुराक डालने के बाद उक्त लाभार्थी के चम्मच में खुराक डालकर संबंधित परिवार के द्वारा ही चम्मच से बच्चों को अनुपूरण सुनिश्चित कराएगी। ऐसे बच्चें जिन्हे सांस लेने में समस्या एवं सर्दी-खांसी या कोरोना संक्रमित के संपर्क में आये हो उन्हें एल्बेंडाजोल की दवा नहीं दी जायेगी। इसके साथ ही पहले व अंतिम तिमाही वाली गर्भवती महिला को भी यह दवा नहीं दी जायेगी। सिर्फ दूसरे तिमाही वाली गर्भवती महिला को एल्बेंडाजोल की दवा दी जायेगी। एल्बेंडाजोल की दवा का हल्का साइड इफैक्ट पड़ता है। जैसे दवा सेवन करने बाद जी मिचलना, पेट दर्द या उल्टी हो सकता है।
9 से पांच वर्ष तक बच्चों को विटामिन-ए की खुराक:
यूनिसेफ के जिला समन्वयक आरती त्रिपाठी ने बताया कि जिले में 9 से पांच वर्ष तक बच्चों को विटामिन-ए की छमाही खुराक दी जायेगी। 9 से 12 माह तक बच्चों को 1 एमएल और 12 माह से 5 वर्ष तक बच्चों को डेढ़ एमएल विटामिन-ए सिरप पिलाया जायेगा। इसके लिए आशा घर -घर जाकर बच्चों को दवा पिलायेंगी। अभिभावक को खुद का चम्मच प्रयोग करना होगा। सारण में 5 लाख 17 हजार 995 बच्चों को दवा दी जायेगी। कंटेंनमेंट जोन में यह अभियान नहीं चलेगा। शहरी क्षेत्र के लिए 18 वोलेंटियर्स और 2 दो सुपरवाइजर लगाये गये हैं।
समुदायिक व गांव स्तर पर होगी गतिविधि:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता द्वारा भ्रमण के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। जिसमें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूची बनायी गयी है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जायेगा। कोविड-19 महामारी को देखते हुए आशा द्वारा नान- कंटेनमेंट जोन के घरों में ओआरएस का वितरण किया जायेगा। कंटेंनमेंट जोन में गतिविधियों का आयोजन नहीं होगा। डीसीएम ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान कुछ विशेष क्षेत्रों में अभियान पर अधिक बल दिया जायेगा। जैसे- उपकेंद्र जहां पर एएनएम न हो अथवा लंबी छूटी पर हो, सफाई की कमी वाले स्थानों पर निवास करने वाली जनसंख्या क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र- शहरी, झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों। छोटे गांव, टोला, बस्ती, कस्बे जहां साफ-सफाई, साफ पानी की आपूर्ति एवं व्यवस्था की सुविधाओं की कमी हो।
कार्यकर्ताओं की बदौलत खड़ी एक मात्र पार्टी भाजपा : विवेक ठाकुर
सारण : भाजपा के वरिष्ठ नेता सह राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर ने छपरा में कार्यकर्ताओं के बैठक में कहा कि भाजपा ही एक इसी पार्टी है जहा पूरी पार्टी का कार्यकर्ताओं के बदौलत खड़ी है । आज देश में कोरोना काल में भाजपा के एक एक कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर जनता की सेवा में लगे रहे । केंद्र की सरकार एवं बिहार सरकार ने इस महामारी में मिलकर गरीबों को हर संभव सहायता मुहैया कराया है,भाजपा के छोड़कर किसी भी दल ने इस महामारी में जनसेवा के लिए कही नहीं दिखाई दिए है।
हम काम के बदौलत जनता के पास जाकर केंद्र एवं बिहार सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को बताना है । छपरा विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने बैठक को संबोधित करते कहा की दोनों सरकार ने को काम किया है उसी के साथ हम जनता से जाकर एनडीए के पक्ष में समर्थन के लिए अपील करेंगे ,बैठक का अध्यक्षता जिला अध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने किया ,संचालन जिला उपाध्यक्ष रंजीत सिंह ने किया धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य अरुण कुमार ने ने किया । बैठक पूर्व एमएलसी महाचंद्र प्रसाद सिंह के प्रतिनिधि अशोक सिंह के आवास पर हुआ,बैठक में महामंत्री शांतनु कुमार ,सत्यानंद सिंह, विधान सभा प्रभारी श्री निवास सिंह,पूर्व जिला उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान। राजेश फैसंन,वशिष्ठ सिंह, सुशील सिंह, दुलमुल सिंह सुनील सिंह आदि लोग सामिल हुआ।
आरएसए के कार्यकर्ताओं ने नामंकम में हो रही दिक्कतों को ले किया प्रदर्शन
सारण : आरएसए के कार्यकर्ताओं के द्वारा जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर नामांकन में हो रही दिक्कतों को लेकर विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन एवं पुतला दहन किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए।नेताओ द्वारा कहा गया कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में स्नातक पार्ट वन नामांकन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हुई है ,लेकिन सरवर प्रॉब्लम की वजह से छात्र छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है।
लॉकडाउन जैसी स्थिति में बच्चों को एक एक घंटा साइबर कैफे में खड़ा रहना पड़ रहा है। सब कुछ ठीक होने के बाद भी आवेदन की अंतिम चरण में पेमेंट फेल हो जा रहा है । जिस वजह से आवेदन प्रक्रिया की गति ना के बराबर है। पिछली गलती को विश्वविद्यालय प्रशासन इस बार भी दोहरा रहा है। यू एम आई एस वेबसाइट संचालक की गलती की वजह से पिछली बार लगभग 10000 विद्यार्थी नामांकन से वंचित रह गए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आरएसए के संरक्षक मनीष पांडे मिंटू, विशाल सिंह ,संयोजक परमेंद्र कुमार सिंह, विकास सिंह सेंगर ,परमजीत कुमार, विश्वविद्यालय अध्यक्ष अंशु कुमार, भूषण सिंह ,कुणाल सिंह समेत अनेकों कार्यकर्ता थे।
मशरख पीएचसी में शोक सभा का हुआ आयोजन
सारण : मशरक प्रखंड के पीएचसी में मंगलवार को पीएचसी प्रभारी डॉ अनंत नारायण कश्यप की अगुवाई में मांझी और सोनपुर में सड़क दुघर्टना में मृत दो स्वास्थ्य कर्मी की आत्मा की शांति के लिए एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पीएचसी में कार्यरत सभी स्वास्थ्य कर्मी ने भाग लिया। कोविड-19 की ड्युटी के दौरान सड़क दुघर्टना में मांझी सामुदायिक केंद्र के बीएमएन की मौत हो गई। छपरा गुदरी निवासी शंकर राय की 26 वर्षीय पुत्री श्वेता कुमारी मांझी पीएचसी में डांटा आपरेटर बीएमएनई के पद पर कार्यरत थी।
वही साथ में सोनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डांटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत गोरखनाथ सिंह की भी मृत्यु सड़क दुघर्टना में हो गई। दोनों स्वास्थ्य कर्मी की मौत सड़क दुघर्टना में हों गयी। पीएचसी प्रभारी डॉ अनंत नारायण कश्यप ने शोक सभा में कहां कि श्वेता समाजसेवा में रूची रखती थी। गरीब, असहाय लोगों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती थी। हंसमुख स्वभाव की श्वेता समाजसेवा के लिए लियो क्लब की महिला शाखा फेमिना से जुड़ी थी।उसका जीवन हंसमुख और सार्वजनिक जीवन में हर दिल अजीज थी।
पीएचसी में दोनों मृत स्वास्थ्य कर्मी की आत्मा के शांति के ईश्वर से प्रार्थना करतें हुए श्रृद्धांजलि अर्पित किया गया। मौके पर पीएचसी मैनेजर परवेज रजा, एकाउंटेंट जगनारायण,अरूण सिंह, रूपेश कुमार तिवारी, फार्मासिस्ट अरबिंद कुमार, प्रेम कुमार, प्रमेन्द्र कुमार,गीता कुमारी,पूजा कुमारी,लीला देवी समेत दर्जनों कर्मी उपस्थित रहे।