कुंवर सिंह महाविद्यलय में बिहार पृथ्वी दिवस पर किया गया पौधरोपण
दरभंगा : कुंवर सिंह महाविद्यालय लहरिया सराय में आज मंगलवार को राष्ट्रीय सेवा योजना कुंवर सिंह इकाई द्वारा बिहार पृथ्वी दिवस को सफल बनाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस पखवाड़ा मेंकुंवर सिंह महाविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के द्वारा पौधरोपण किया गया।
यह कार्यक्रम कुंवर सिंह महाविद्यालय लहरिया से दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह के अध्यक्षता में किया गया। पांच आदत मोहम्मद रहमतुल्लाह ने कहा आगामी पृथ्वी दिवस को सफल बनाने के लिए महाविद्यालय द्वारा गोद लिया गया रुदल गंज, तारालाही एवं महा विद्यालय परिसर में 1000 से ऊपर पौधे लगाए गए। पर्यावरण के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। कोरोनावायरस बीमारी बचाव के लिए एवं पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए वृक्षारोपण अभियान एवं स्वच्छता अभियान चलाना आवश्यक है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किए गए संकल्प जल जीवन हरियाली को पर्यावरण आंदोलन के रूप में समझना होगा तभी पृथ्वी सुरक्षित रहेगा।
इस अवसर पर प्रोफ़ेसर पी सी साह, डॉक्टर कामेश्वर पासवान, छात्र नेता शंकर कुमार सिंह, हर्षवर्धन सिंह, कंहैया कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, अमित कुमार, विश्वनाथ पासवान बिरजू कुमार तेजू पंडित फुलेश्वर मंडल, अंशु कुमार आदि उपस्थित होकर वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाएं।
प्रशासनिक व्यवस्था में स्वयं सेवकों की मदद लेगी पुलिस
दरभंगा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ माधव नगर के पदाधिकारीगण पुलिस थाना कोलार के नवनियुक्त थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया से मुलाकात कर उनको आश्वस्त किया गया की संघ के स्वयंसेवक निरंतर सामाजिक कार्य, लोगों की सहायता और पुलिस व प्रशासन की मदद करता रहा है इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाग – तात्या टोपे, माधव नगर (कोलार रोड) में पुलिस व प्रशासन के सहयोग व सहायता प्रदान करने हेतु तत्पर है।
स्वयंसेवकों का उपयोग कोलार रोड की प्रशासनिक व्यवस्था आवागमन व्यवस्था, जन जागरण, बाजारों को सुव्यवस्थित एवं संचालित करने हेतु उपयोग कर सकते हैं। जिस पर थाना प्रभारी द्वारा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संघ को आश्वस्त किया गया कि आवश्यकता पड़ने पर वे संघ के स्वयं सेवकों की मदद लेंगे एवं इस हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया गया।
साथ ही संघ के स्वयंसेवकों द्वारा थाना प्रभारी एवं स्टाफ का तालियों से स्वागत किया गया एवं इस विषम परिस्थिति में पुलिस व प्रशासन द्वारा दी जा रही सेवाओं के लिए सभी कोरोना योद्धाओं का आभार प्रकट किया गया। जिस में उपस्थित माधव नगर कार्यवाह श्री संजेश जी सहगल ,सहकार भारती प्रदेश में महामंत्री श्री उमाकांत दीक्षित, डॉ शैलेंद्र भारती, कोमल चौहान, श्रीनिवास जी, पारस जावा, उपस्थित रहे!
समसामयिक परिदृश्य एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन
दरभंगा : ।राजनीति विज्ञान विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा “समसामयिक परिदृश्य एवं आत्मनिर्भर भारत” विषय पर ऐतिहासिक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश के कई विद्वानों व विषय विशेषज्ञों ने शिरकत की।
इस मौके पर मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्यप्रदेश के माननीय कुलपति महोदय प्रो० श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि उदार प्रवृति के लोगों के लिये पूरा धरा परिवार है। हम सदैव प्रसन्नतापूर्वक एक दूसरे से मिलते थे आज इस अदृश्य कोरोना शक्ति के कारण संशयग्रस्त हैं। कोरोना का चेन टूटना चाहिये नहीं तो यह दिन प्रतिदिन घातक होता चला जायेगा। इसके कारण गतिशून्यता की स्थिति उतपन्न हो गयी है। पर्यटन, होटल, कार्यालय, संगठित व असंगठित क्षेत्र सभी बाधित हो चुके हैं। विकास की गति उल्टी दिशा में जा रही है। मानो विकास की यात्रा ठप पड़ गयी हो। पीएम मोदी ने समय रहते इसके आहट से लॉकडाउन को लाया और उन्होंने कहा कि मैं जानता हूँ कि हम इससे हर तरह से प्रभावित हुए हैं लेकिन मानवीय जान के सामने किसी चीज की कीमत नहीं है।
आज पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बात की है निश्चित ही यह उनका चुनौती व साहसिक भरा दोनों फैसला है। हमलोगों को भी चाहिये कि हम इस विपदा के घड़ी में सरकार का साथ दें और देशी वस्तु खरीदें जिससे ज्यादा से ज्यादा पूंजी देश के अंदर ही रहें जिससे कि हम हर क्षेत्र में खुद समृद्ध हों। उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों के काल की चर्चा करते हुए कहा कि सबके काल में कुछ न कुछ अच्छा हुआ है। आज हमारे देश की स्थिति यह है कि हम कैसी भी विपदा की घड़ी में अगले 2-5 सालों का अन्न का स्टॉक रखे हुए हैं जिससे हमें किसी पर आश्रित न होना पड़ रहा है। अब वो समय आ गया है कि हम इसी तरह सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बने व गांधी के स्वदेशी के परिकल्पना को धरातल पर लाएं। भारत सदैव से ऋषि व कृषि के परंपरा को मानने वाला देश रहा है।
प्रख्यात गाँधीयन स्कॉलर प्रो० अनिल दत्त मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि आज विश्व लीडरविहीन हो चुका है। नैतिकता खत्म हो चुका है जिसका परिणाम है कि आज कोरोना जैसे महामारी पूरे विश्व को अपने महाजाल में फंसा लिया है। मौजूदा दौर के नेताओं में कथनी व करनी में फर्क है। उन्होंने गांधी की परिकल्पना को रेफरेंस करते हुए कहा कि आज गांधी किताबों में सिमटकर रह चुके हैं। जबकि दुनिया को अगर आगे बढ़ना है तो गांधी के फार्मूले को अपनाना ही होगा। आगे उन्होंने कहा कि गांधी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं एक विचारधारा, एक दर्शनशास्त्र का नाम है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ गांधी के स्वदेशी पर बात हो रही है तो दूसरी ओर देश के अंदर विश्वविद्यालय, एयरपोर्ट आदि निजी उद्योगपति के हाथों बेचा जा रहा है। हम चाइनीज वस्तुओं का विरोध कर रहे हैं बल्कि जरूरत है सभी विदेशी सामानों का बहिष्कार करने का और स्वदेशी को बढ़ावा देने का। उन्होंने कहा कि जाति, वर्ग व धर्म के स्तर पर देश व समाज में तनाव को कम करने की जरूरत है। ताकि समाज में सामंजस्य बढ़े। युवाओं को रोजगार देने की चुनौती है। सर्वे भवन्तु सुखिनः के सूत्र को आत्मसात करना होगा। समरसता से ही मानव समाज व प्रकृति को बचाया जा सकता है। उन्होंने नेहरू, इंदिरा, राजीव, चौधरी चरण सिंह के किये हुए कामों को लेकर पीएम मोदी के मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया के परिकल्पना को देश के आत्मनिर्भर होने में बेहतरीन कदम बताया व एग्रो बेस्ड उद्योग आदि पर भी जोर डाला।
राज नारायण महाविद्यालय, हाजीपुर के प्राध्यापक प्रो० आर० के० वर्मा ने कहा कि गाँधीजी साम्राज्यवादी शोषण व पूंजीवाद के खिलाफ थे। गाँधीजी का मानना था कि स्वदेशी अपनाकर व गांवों को मजबूत कर ही हिंदुस्तान आत्मनिर्भर हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में आजादी के बाद की सभी सरकारें काम तो की लेकिन उनके विचार में सामान्यतया समरूपता कभी नहीं रही। 90 के दशक में सरकार ने आधुनिकीकरण हो इस पर बल दिया लेकिन पच्छिमीकरण हावी न हो इसको भी ध्यान में रखा और भारत विश्व से कैसे कदम से कदम मिलाकर चले इस पर बखूभी काम किया। वाजपेयी जी के दौर में स्वदेशी की बात चली व एफडीआई को नकारा गया। पीएम मोदी की चर्चा व सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार स्वदेशी व विदेशी के बीच एक बैलेंस बनाकर चल रही है जो निश्चित ही काबिलेतारीफ है।
उन्होंने कहा कि “वोकल फॉर लोकल” सिर्फ शब्दों का इंद्रजाल न हों ये सरकार को ध्यान रखना चाहिये। पीएम मोदी के पास मौका है कि अगर उन्होंने हिम्मत दिखाई है “वोकल फार लोकल” की तो इस साहसिक फैसले को आत्मसात कड़ें। डगर मुश्किल है लेकिन कठिन नहीं। देश फिलहाल कठिन दौर से जा रहा है अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है। डर है कि कहीं वो ऋणात्मक दिशा की ओर न बढ़ जाए। बाजार, उद्योग-धंधे, संरचना व मानव को बचाना भी सरकार की सबसे बड़ी जवाबदेही है। सरकार ने 20 लाख करोड़ के मदद की घोषणा की है तो सरकार को चाहिये कि गांधी के स्वदेशी को अपनाये और आत्मनिर्भर बने और सामूहिक प्रयास से कोरोना से जंग लड़े।
इस ऐतिहासिक वेबिनार के मौके पर बोलते हुए विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो० जितेंद्र नारायण परिनियामक की भूमिका में दिखें व सभी आगत अतिथियों का स्वागत व उपस्थति सदस्य से परिचय करवाया।
विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान के विभागीय प्राध्यापक प्रो० मुनेश्वर यादव ने भी संक्षिप्त समीक्षा करते हुए कार्यक्रम के अंत में आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रश्नोत्तरी सत्र में डॉ० चंदन कुमार ठाकुर, कुमार मदन मोहन, हिमांशु कुमार, विजय शंकर, प्रो० रजनीश कुमार, शबनम कुमारी, शिप्रा कुमारी आदि ने भाग लिया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान के विभागीय प्राध्यापक प्रो० अखिलेश जायसवाल समेत कई शिक्षकों व कई शोधार्थी श्री संतोष कुमार, वंदना कुमारी, साक्षी कुमारी, सुशील कुमार सुमन, राहुल कुमार तकनीशियन गणेश कुमार पासवान आदि समेत छात्र नेता सह राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी संदीप कुमार आदि ने भी भाग लिया।
मुरारी ठाकुर