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दरभंगा बिहार अपडेट

9 अगस्त : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

पृथ्वी दिवस के अवसर पर किया गया पौधरोपण

  • मिशन 2.51 करोड़ वृक्षारोपण के तहत वृक्षारोपण शुरू

दरभंगा : बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर आज रविवार को आईटीआई, रामनगर, बहादुरपुर के प्रांगण में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, दरभंगा के द्वारा जल-जीवन- हरियाली अभियान के अंतर्गत मनरेगा के सौजन्य से जिला स्तरीय कार्यक्रम मिशन 2.51 करोड़ वृक्षारोपण का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त डॉ कारी प्रसाद महतो ने कहा कि जल- जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत दरभंगा जिले के लिए निर्धारित 7.60 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य पूरा करने के लिए जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में गठित तैयारी समिति की बैठक कई बार की जा चुकी है। पंचायत स्तर, प्रखंड स्तर, जिला स्तर पर समिति बनाई गयी है। सभी विभागों से समन्वय स्थापित किया गया है, फोरेस्ट विभाग से समन्वय स्थापित किया गया है, जिनके द्वारा पौधा उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण थोड़ी सी परेशानी हुई है, लेकिन इस अभियान को हर हाल में पूरा किया जाएगा, जिन पंचायतों में या स्थलों में बाढ़ है, वहाँ 31 अगस्त तक वृक्षारोपण किया जाएगा। पानी घटने के पश्चात वृक्षारोपण कार्यक्रम चलता रहेगा और जिले में सालों भर वृक्षारोपण कर इस अभियान को पूरा किया जाएगा। निजी क्षेत्र में भी जो लोग पौधारोपण करना चाहते हैं, उन्हें मनरेगा के अंतर्गत पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। पौधों में टिम्बर या फलदार पौधों का चयन वे अपने अनुसार कर सकते हैं।

सरकारी स्तर पर सभी सरकारी भवन के परिसर में, सड़क के किनारे, नहर के किनारे व खाली जमीन पर पौधारोपण किया जा रहा है। जो लोग अपने भवन परिसर में उपलब्ध जमीन में पौधारोपण करना चाहते हैं, वे पौधे प्राप्त कर पौधारोपण कर सकते हैं।

आज पृथ्वी दिवस के अवसर पर आईटीआई, रामनगर, बहादुरपुर के प्रांगण में उप विकास आयुक्त डॉ कारी प्रसाद महतो, आईटीआई के प्राचार्य, बहादुरपुर के प्रखंड प्रमुख, प्रखंड विकास पदाधिकारी, बहादुरपुर, देकुली पंचायत के मुखिया, तथा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों द्वारा फलदार एवं टिंबर वाले पौधे लगाए गये।

इसके अलावा सभी प्रखंडों एवं पंचायतो में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए और लक्ष्य अनुसार वृक्षारोपण किया गया। अलीनगर प्रखंड के जयंतीपुर में, बहेड़ी प्रखंड के प्रखंड मुख्यालय में, बेनीपुर प्रखंड के सझुआर और मकरमपुर में, बिरौल के नेवरी में, दरभंगा सदर में मखाना रिसर्च सेंटर में, गौड़ाबौराम प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय समाहौती,कसरौर, बेलवारा में, घनश्यामपुर प्रखंड के जनता उच्च विद्यालय, शिवनगर घाट में, हनुमाननगर के कोल्हन्टा स्कूल में, हायाघाट के पंचायत समुदायिक भवन मिर्जापुर में, जाले प्रखंड के प्रखंड मुख्यालय में, केवटी प्रखंड के प्रखंड मुख्यालय में, किरतपुर प्रखंड के ईदगाह परिसर झगरुआ में, कुशेश्वरस्थान पश्चिमी के प्रखंड मुख्यालय में, कुशेश्वरस्थान पूर्वी के प्रखंड मुख्यालय में, मनीगाछी के नेहरा पूर्वी में, सिंहवाड़ा के खादी ग्रामोद्योग केंद्र में, एवं तारडीह के महथौर में प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए और वृक्षारोपण किया गया।

दृढ़ इच्छा शक्ति एवं सही निर्णय कोरोना से जंग में सबसे जरूरी : डॉ एसएन सर्राफ

दरभंगा : हड्डी एवं जोड़ सप्ताह के अवसर पर बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ एस एन सर्राफ, डॉ प्रियंका सर्राफ एवं डॉ अभिषेक सर्राफ ने दरभंगा पब्लिक स्कूल (दिल्ली मोड़ एवं रामबाग) के शिक्षकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को संबोधित किया। लगभग 2 घंटे तक चले इस ऑनलाइन सत्र का विषय “परिवार में कोरोना संकट कैसे करें मुकाबला” रखा गया था। लगभग 125 शिक्षकों के परिवारों को संबोधित करते हुए डॉ एस एन सर्राफ ने बहुत ही जोर देते हुए कहा कि मेडिकल विज्ञान अपनी जगह है पर मरीज की इच्छाशक्ति, सही निर्णय और परिवार के सदस्यों के सहयोग की इस जंग में बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने संक्रमण से बचाव को महत्व देते हुए कहा कि यह बीमारी शख्सियत नहीं गलतियां देखती हैं. अपने निजी अनुभव को साझा करते हुए डॉक्टर सर्राफ ने बताया कि इस बीमारी से जंग शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक; चारों स्तर पर लड़ी जानी है. विदित हो कि डॉ एस एन सर्राफ जुलाई में कोरोना से संक्रमित हो गए थे और अब वह पूर्णतया स्वस्थ हैं।

इस संवादात्मक सत्र में जानी-मानी चिकित्सका डॉ प्रियंका सर्राफ ने अपने संबोधन में तीन बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया. सबसे पहले बिंदु में उन्होंने “फार्मूला ऑफ सिक्स” की बात की; जहां उन्होंने लक्षण के रूप में 6 चीजों पर गौर करने को कहा. यह 6 चीजें हैं – शरीर का तापमान, पल्स, ऑक्सीजन, खांसी, सांस फूलना और 6 मिनट तक चलने का हमारे शरीर पर कोई असामान्य असर।

दूसरे बिंदु में उन्होंने कुछ सामान्य मेडिकल उपकरण को यथासंभव घर पर रखने का सुझाव दिया. इनमें थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर (ऑक्सीजन स्तर जांच के लिए) और ब्लड प्रेशर मशीन मुख्य हैं. जहां तक हो सके, ऑक्सीजन का सिलेंडर घर पर आपातकालीन स्थिति के लिए रख सकते हैं।

तीसरे बिंदु में डॉ प्रियंका सर्राफ ने पांच दवाइयों का उल्लेख किया जिन्हें घर पर रखा जाना चाहिए. इसमें विटामिन सी, पैरासिटामोल, जिंक टैबलेट, अजीट्रॉल (एंटीबायोटिक) एवं कफ सिरप के बारे में बताया.

डॉक्टर अभिषेक सर्राफ ने अपने परिवार के सदस्यों को कोरोना से जूझते देखने का निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि इसमें अवसाद और घबराहट आम है. इसीलिए एक परिवार के रूप में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए भी हमें भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के साथ खड़ा होना पड़ेगा. धैर्य और मनोबल की महत्ता को किसी हाल में भी नकारा नहीं जा सकता है.

दरभंगा पब्लिक स्कूल (दिल्ली मोड़ एवं रामबाग) के प्रबंधन से विशाल गौरव ने बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि इस सत्र में जिस व्यावहारिक अनुभव को साझा किया गया है; वह किसी भी किताबी ज्ञान से अधिक मूल्यवान है। साथ ही उन्होंने बताया कि दरभंगा पब्लिक स्कूल के शिक्षकों को आज जो भी जानकारी प्राप्त हुई है वह समाज में आगे उन सभी संदेशों के संवाहक के रूप में जिम्मेदारी लेंगे।

बाढ़ राहत व बाढ़ निरोधक कार्य में जुटे अधिकारी

दरभंगा : नेपाल की तराई में कमला बलान, बागमती व कोसी नदी के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश होने के कारण इन नदियों में आई बाढ़ से दरभंगा जिला वर्तमान में बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में संबंधित अंचलाधिकारियों एवं प्रखंड के वरीय प्रभारी पदाधिकारियों द्वारा लगातार भ्रमण कर बाढ़ राहत कार्य एवं बाढ़ निरोधक कार्य कराए जा रहे हैं। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा लगातार बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की निगरानी की जा रही है तथा संबंधित अधिकारियों/अभियंताओं को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं।

आपदा प्रबंधन शाखा, दरभंगा द्वारा जारी प्रतिवेदन के अनुसार दरभंगा जिला के सदर दरभंगा, बहादुरपुर, हायाघाट, हनुमाननगर, जाले, सिंहवाड़ा, केवटी, बहेड़ी, बिरौल, बेनीपुर, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर, किरतपुर, कुशेश्वरस्थान व कुशेश्वरस्थान पूर्वी, कुल 15 प्रखंड के कुल 220 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 167 पंचायत पूर्णतः एवं 53 पंचायत अंशतः प्रभावित हैं। प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार अब तक 1024 गांव के 20 लाख 02 हजार 100 परिवार प्रभावित हुए हैं। सभी बाढ़ प्रभावित स्थानों पर बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के लिए सामुदायिक रसोई चलाकर भोजन की व्यवस्था कराई गयी है। वर्तमान में पानी से घिरे 1024 गांवों में 431 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 2 लाख 56 हजार 951 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया जा रहा है। जरूरतमंद लोगों के बीच अस्थायी आश्रय बनाने के लिए आवश्यकतानुसार पॉलीथिन शीट्स का वितरण करवाया जा रहा है। अभी तक 47 हजार 456 पॉलिथीन शीटस का वितरण करवाया जा चुका है।

पानी से घिरे गांवों में सूखा खाद्य पैकेट का वितरण करवाया जा रहा है। अबतक 10760 सूखा फ़ूड पैकेट का वितरण करवाया गया है एवं अन्य प्रखंडों से जिला भंडार गृह से आवश्यकता अनुरूप पैकेट्स मांगने एवं वितरित करने का निर्देश दिया गया है।

बाढ़ प्रभावित पानी से घिरे गांवों के लोगों के आवागमन की सुविधा एवं राहत कार्यों के लिए 462 निजी एवं 60 सरकारी, कुल 522 नाव चलवाये जा रहे हैं। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 10 मोटरबोट भी चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 03 टीमें लगायी गयीं हैं, जिनमें 90 व्यक्ति 17 मोटरवोट के साथ तैनात किए गए हैं, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार रेकी कर बचाव एवं राहत कार्य कर रहे हैं।

एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम द्वारा मेडिकल टीम एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ साथ गंभीर बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को भी गांवों से बाहर लाने ले जाने की सुविधा प्रदान की जा रही है।

बाढ़ प्रभावित गांवों में 180 स्थलों पर स्वास्थ्य शिविर का संचालन किया जा रहा है, जहाँ लगातार लोगों का उपचार किया जा रहा है। अबतक 14800 लोगों का उपचार किया गया है तथा तथा उन्हें निःशुल्क दवा मुहैया कराई गई है।

पानी को शुद्ध पेयजल बनाने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के बीच 01 लाख 20 हजार हैलोजन टेबलेट वितरित किए गए हैं। स्वच्छता बनाये रखने के लिए बाढ़ प्रभावित गांव के नालियों एवं कचड़े वाले स्थलों पर 300 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया है। पीएचईडी द्वारा लगातार नए आश्रय स्थलों पर चापाकल हलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के उपचार एवं उनकी देखभाल के लिए 07 पशु कैप कार्यरत हैं, जिनमें अबतक 550 पशुओं का उपचार किया गया है।

कृषि मंत्री ने की समीक्षा बैठक, फसल क्षति के आकलन का दिया निर्देश

दरभंगा : जिला अतिथि गृह के सभागार में कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग मंत्री द्वारा विभागीय समीक्षा की गई। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिला में 1,47,492 हे0 खेती योग्य भूमि है जिसमें 99,137 हे0 में धान की अच्छी फसल लगी थी जिसमें 83, 564 हेक्टेयर भूमि बाढ़ या अतिवृष्टि के कारण जलप्लावित है।

मंत्री द्वारा बाढ़ का पानी हटने के बाद 01-01 प्लॉट का सर्वे कराने का निर्देश दिया साथ ही यह भी सुनिश्चित करने कहा कि कोई भी प्रभावित किसान छूटे नहीं। किसान अभी कोरोना तथा बाढ़ दोनों का सामना कर रहे हैं। संयुक्त निदेशक इसका प्रभावी रूप से मूल्यांकन करते रहेंगे। सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण को निर्देश दिया गया कि अभी आम के पेड़ में जाली लगने की शिकायत मिल रही है, इसलिए ग्रुप बनाकर इसका सर्वेक्षण करें तथा किसानों को भरपूर सहायता दें।

जिला पशुपालन पदाधिकारी,दरभंगा द्वारा बताया गया कि अभी 08 जगहों पर पशु आश्रय स्थल चल रहा है। जिनमें केवटी, हनुमाननगर, हायाघाट, दरभंगा सदर, किरतपुर, सिंहवाड़ा, कुशेश्वरस्थान एवं बहादुरपुर अंचल शामिल हैं, इस आश्रय स्थलों पर 400 क्विंटल से अधिक पशुचारा का वितरण करवाया जा चुका है। अभी तक 8 पशुओं के मरने की सूचना है, जिनमें से चार के लिए भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में पशु-दवा उपलब्ध है।
माननीय मंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि अभी सभी कर्मी को पशु आश्रय स्थल एवं प्रखंड में सतत भ्रमणशील रखें, जिससे किसानों को कोई परेशानी न हो।

जिला मत्स्य पदाधिकारी,दरभंगा द्वारा बताया गया कि 76 हेक्टेयर में 178 तालाब की मछली बाढ़ के पानी से प्रभावित हुई है। माननीय मंत्री द्वारा उन्हें निर्देश दिया गया कि विभागीय एस.ओ.पी के तहत आकलन सुनिश्चित करें तथा विभाग को भेजें, ताकि मछुआरा भाई को इस त्रासदी में लाभ मिल सके।

माननीय मंत्री ने जिला उद्यान पदाधिकारी को निर्देश दिए कि दरभंगा जिला माछ, मखान, पान के लिए प्रसिद्ध है,यहाँ के आम की मांग पूरे बिहार तथा राज्य के बाहर भी है। अतः आप इससे संबंधित एफ.पी.ओ. बनाएं जिससे किसान अपने उत्पादन को बेच सके, उन्हें प्रेरित करें ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका विपणन हो सके।

माननीय मंत्री केवटी में पशुपालन आश्रय स्थलों का निरीक्षण किए एवं राहत सामग्री की समीक्षा किए तथा आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में माननीय विधायक जाले श्री जीवेश कुमार मिश्रा, माननीय विधान पार्षद श्री अर्जुन सहनी, भाजपा नेत्री महिला मोर्चा अध्यक्ष मुजफ्फरपुर श्रीमती सुनीग सहनी, जिला कृषि पदाधिकारी श्री राधा रमन, संयुक्त निदेशक (शष्य), संयुक्त निदेशक (पशुपालन), परियोजना निदेशक (आत्मा), जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण), सहायक निदेशक (उद्यान), सहायक निदेशक (रसायन)उपस्थित थे।