दो प्रखंडों को जोड़ने वाले पथ को लेकर ग्रामीणों में तनाव
नवादा : जिले के पकरीबरावां-कौआकोल प्रखंडों को जोड़ने वाले पथ को अवरुद्ध कर दिये जाने की शिकायत कौआकोल प्रखंड के बारा और ढाव के आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को शिकायत जिला उपविकास आयुक्त सावन कुमार व प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को देकर कार्य पर रोक लगाने की मांग की।
इस बाबत साधु शरण प्रसाद, छोटन सिंह, नवल किशोर सिंह, प्रभु महतो सहित कई दर्जन लोगों ने अपने दिये आवेदन में बताया कि बारा और ढाव की आबादी लगभग 5000 के आस-पास की है। जिसे जिला मुख्यालय नवादा व प्रखंड मुख्यालय कौआकोल जाने का एक मात्र रास्ता पकरीबरावां थाना क्षेत्र के ज्यूरी पंचायत के अकौना व ज्यूरी गांव होकर जाना पड़ता है। पथ विहीन गांव होने के कारण बारा से औकौना तक कि लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक ग्रामीणों ने दो वर्ष पूर्व 2017 में आपसी चंदा संग्रहित व श्रमदान से मिट्टी, ईंट के टुकड़े तथा बालू को गांव के कला आहार पर डालकर पथ बनाया था।
पथ का रूप लेते ही दोनों गांव वासियों में खुशी के आंसू छलक आये थे। दो पहिया से लेकर चार पहिया तक के वाहन दौड़ने लगे। लोगो का हर काम आसान सा हो गया था। जब चाहते तब वे अपने जरूरत के जगहों पर आना जाना करते। लेकिन पांच दिनों पूर्व उनके चेहरे पर फिर वह गुलामी की जंजीर का अहसास होने लगा। क्योंकि उनके रास्ते पर मनरेगा के तहत उसी पर मिट्टी का कार्य रोजगार सेवक संतोष कुमार पीओ से मिलकर उस राते को ही बन्द कर दिया। जिसके कारण छोटे से बड़े वाहनों काआवागमन बंद हो गया है।
थानाध्यक्ष समेत तीन पर परिवाद दायर
नवादा : थाना परिसर में महिला के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए पकरीबरांवा थाना प्रभारी सरफराज इमाम सहित तीन लोगों के विरूद्ध अदालत में परिवाद दायर किया गया है। पकरीबरांवा थाना क्षेत्र के रेवार गांव निवासी बिपिन सिहं द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दायर परिवाद में कहा गया है कि 2 मई की रात्रि लगभग 11:30 बजे थानाध्यक्ष सरफराज इमाम, सअनि प्रभु नारायण तथा चौकिदार लखन रजवार परिवादी के घर आये तथा परिवादी को वारंटी बताते हुए मारपीट कर थाना लेते चले गये। दूसरे दिन जब परिवादी के छोटे भाई की पत्नी आशा देवी तथा पतोहु स्वीटी कुमारी खाना लेकर थाना पहंची तो थानाध्यक्ष ने दोनो महिला के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए अकारण हाजत में बंद कर दिया। जमानत पर मुक्त होने के बाद परिवादी पूरी घटना की जानकारी हासिल कर अदालत में परिवाद दायर किया। जिसमें यह भी कहा गया है कि परिवादी को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद भी थाना प्रभारी ने उन दोनो महिलाओं के साथ छेड़छाड़़ किया।
भादवि की धारा 323/341/504/354बी धारा में दायर परिवाद में थानाध्यक्ष समेत सअनि प्रभु नारायण तथा चौकिदार लखन रजवार को अभियुक्त बनाया गया है। इधर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने परिवाद को अपने न्यायालय में रखते हुए जांच साक्ष्य के लिये 23 मई निर्धारित किया है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दिया योगदान
नवादा : द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पद पर राजेश कुमार सिन्हा ने मंगलवार को अपना योगदान देते हुए न्यायालय के कार्य का संचालन किया। उल्लेखनीय है कि यह न्यायालय मद्य निषेध अधिनियम का विशेष न्यायालय भी है।
खलिहान में लगी आग, फसल खाक
नवादा : जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के अपसढ गांव में मंगलवार की दोपहर गांव स्थित देवी स्थान के पास अचानक आग लग जाने से खलिहान में रखे लाखों रुपये का गेहूं, बिचाली व गेंहू का भूसा जलकर राख हो गया।
मुखिया राजकुमार सिंह ने बताया कि लगभग 12 बजे देवी स्थान स्थित एक खलिहान में अचानक आग लगने का शोर हुआ। ग्रामीण दौड़े तो देखा कि जगदेव रविदास का मवेशी घर जलकर राख हो गया। घटना के दौरान खलिहान में रखा सैकड़ों बोझा गेहूं, लगभग पांच पुंज में लाखों रुपये का रखा हुआ बिचली खलिहान में रखा हुआ गेहूं का भूसा तथा पास स्थित 15 ताड़ का पेड़ आग की चपेट में आने से झुलस गया है।
ग्रामीणों द्वारा आग लगने की सूचना वारिसलीगंज पुलिस को देकर दमकल भेजने को कहा गया। लेकिन वारिसलीगंज के दमकल में गड़बड़ी रहने के कारण नवादा से तीन दमकल पहुंचकर आग पर काबू पाया।
घटना में गांव के जगदीश रविदास, हरी रविदास ,घुटन रविदास, सनोज रविदास ,अजीत रविदास, श्याम नंदन सिंह, महेश्वर सिंह ,अनिरुद्ध सिंह, रुदल सिंह, सिधन सिंह, चंद्रिका सिंह ,सुमन सिंह आदि किसानों के लाखों रुपये मूल्य का बिचाली, गेहूं का भूसा व अन्य सामान जलकर राख हो चुका है। घटना की सूचना मिलते ही पंचायत के मुखिया राजकुमार सिंह, अंचलाधिकारी उदय कुमार व थाना अध्यक्ष इंसपेक्टर विनोद कुमार घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है ।
रमजान के प्रथम रोजा पर कई घरों में हुआ इफ्तार पार्टी का आयोजन
नवादा : रमजान आज से शुरू हो गया। रमजान के पहला रोजा पर कई मुस्लिम समुदाय के लोगों का घर पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। रमजान के पाक महीने को नेकियों का महीना भी कहते है।
रमजान शुरू होते ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दिया। रमजान शुरू होते ही फलो की कीमत आसमान छू दिया। जो फल कल तक 60 और 100 रूपये किलो बिक रहा था। उस फल की कीमत 100-150 पर पहुंच गया।
चांद के मुताबिक ही रमजान की तिथि तय की गई। 30 दिनों के रोजे के बाद शव्वाल की पहली तारिख को ईद उल फितर मनाई जाती है। पूरे महीने रोजे के बाद जो ईद होती है उसी को ईद उल फितर कहा जाता है। इसे मिठी ईद भी कहा जाता है। रोजा के दौरान रोजादार पूरे दिन पांच वक्त की नवाज अदा करते है। शेहरी से रोजा की शुरूआत करते है तो इफतार कर रोजा खोलते है। कहा जाता है कि रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए इसलिए खास होता है कि इसी महीने में लाइल्लत-उल कदर की खुबसूरत रात में मोहम्मद साहब को कुरान से परिचित कराया गया था। लोगों का मानना है कि इस महीने में जो भी दुआ की जाती है अल्लाह उस पर अमल जरूर करते हैं। क्योंकि नर्क के दरवाजे बंद हो जाते है और जन्नत की दरवाजे हमेषा खुले रहते है। जिस तरह बारिष के मौसम में आसमान से गिरने वाली बुन्दे एकजुट होकर गंदगी को किनारे लगा देती है, वैसे ही रमजान के महीने में अल्लाह की रहमत रूपी बारिश इंसान को पाक साफ कर देती है। रमजान के पाक महीनों में अल्लाह अपने बंदों पर दिल खोलकर रहमतों की बारिश करते है। भूखे प्यासे रहकर इबादत में खो जाने वाले रोजेदार लोग अल्लाह को अपने पास होने का अहसास करते हैं।
दूषित पानी एवं संक्रमित खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
नवादा : गर्मी के महीनों की शुरुआत होते ही कई प्रकार के रोगों में बढ़ोतरी हो जाती है। इन महीनों में मियादी बुखार यानि टायफायड के मरीजों की भी संख्या में इजाफ़ा हो जाता है। अन्य बुखारों की अपेक्षा मियादी बुखार अधिक गंभीर रोग की श्रेणी में आता है। सही समय पर बेहतर प्रबंधन के अभाव में इससे जान जाने का भी ख़तरा बढ़ जाता है।
क्या है मियादी बुखार
मियादी बुखार यानि टायफायड फीवर सालमोनेलाटायफ़ी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह बैक्टीरिया सामान्यत: दूषित पानी एवं संक्रमित खाद्य पदार्थों में ही पनपते हैं। साथ ही यह बैक्टीरिया पानी में लम्बे समय तक जीवित रहने में समर्थ भी होते हैं। जिसके कारण दूषित पानी या संक्रमित भोजन सेवन करने से व्यक्ति मियादी बुखार से ग्रसित हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में प्रतिवर्ष 1 से 2 करोड़ लोग मियादी बुखार के शिकार होते हैं जिनमें लगभग 13 लाख से 16 लाख लोगों को सही समय पर ईलाज नहीं मिलने के कारण जान गँवानी पड़ती है।
सिविल सर्जन डा.श्रीनाथ ने बताया कि मियादी बुखार के लिए दूषित पानी एवं संक्रमित आहार सेवन मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है। साफ़ पानी एवं ताज़ा भोजन सेवन कर से इस रोग से बचा जा सकता है. मियादी बुखार को लक्ष्णों के आधार पर पहचाना जा सकता है.दस्त नियमित बढने वाला तेज बुखार के साथ दस्त एवं उल्टी , बदन दर्द ,कमजोरी,सिरदर्द, पेट दर्द ,भूख न लगना , बच्चों में दस्त की शिकायत एवं बुखार के साथ बड़ो में कब्ज की शिकायत मियादी बुखार के लक्ष्ण होते हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसे लक्ष्ण दिखाई देने पर मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सकीय सलाह जरुर लेनी चाहिए। ईलाज के तौर पर ऐसे मरीजों को एंटीबायोटिक की डोज दी जाती है जिसे मरीज को लगभग 2 हफ़्तों तक दवा खानी होती है। मरीज घर पर ही रहकर संतुलित एवं सुपाच्य भोजन के साथ पर्याप्त मात्रा में नारियल का पान एवं फलों के जूस सेवन के साथ दवा का सेवन कर सकता है।
बचाव के लिए यह करें
दुषित पानी एवं संक्रमित या बासी भोजन खाने से बचें, बाहर का खाना खाने से बचें, ठेले पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों का सेवन नहीं करें, फ़ल या सब्जी को हमेशा साफ़ पानी से धोएं, बाहर मिलने वाले बर्फ का इस्तेमाल ना करें, खाना खाने से पहले साबुन से हाथ अच्छी तरह धोएं, नियमित बुखार के साथ उल्टी या दस्त होने पर डॉक्टर से जरुर मिलें, बिना चिकित्सकीय सलाह के बुखार की दवा नहीं खाएं,
इनका विशेष रखें ध्यान
जीवाणुओं की वृद्धि तेज हो जाती है यदि पके हुये भोजन को 2 घंटे से अधिक रूम तापमान में रखा जाता है। खाद्य पदार्थों को 6 डिग्री सेल्सियस से नीचे या 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रखने पर जीवणुओं के संक्रमण से खाद्य पदार्थों को सुरक्षित किया जा सकता है। कच्चे फ़ल, मीट, मछली या अन्य कच्चे खाद्य पदार्थों को खाने से दूर रखना चाहिए क्योंकि इनमें जीवाणुओं की संख्या अधिक होती है। खाने के साथ रखने से जीवाणुओं का खाने में संक्रमण फैलने की पूरी संभावना होती है। सभी कच्चे फ़ल, सब्जी, मीट या मछली को अच्छी तरह साफ़ पानी में धोकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।