स्नातक चुनाव को लेकर रालोसपा की बैठक
नगर के मेधा आश्रम विद्यालय के प्रांगण में रालोसपा क्रयकर्ताओं एवं बुद्धिजीवियों की एक बैठक आयोजित की गयी, जिसमें सर्वसम्मति से रालोसपा नेता एवं वरीय अधिवक्ता जयवर्धन को सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया। मौजूद लोगों ने आगामी पटना स्नातक विधान परिषद चुनाव में अधिवक्ता जयबर्धन को समर्थन देने का निर्णय लिया।
इस मौके पर अधिवक्ता जयवर्धन ने बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार, सिंचाई, युवाओं का पलायन जैसे ज्वलंत मुद्दों को दूर करने का संकल्प लिया।इन्हीं मुद्दों को लेकर अधिवक्ता जयवर्धन चुनाव मैदान में आयेंगे। मौके पर कौशल कुमार, राजीव कुमार, अधिवक्ता संजीव कुमार, गोपाल कृष्ण,श्रीराम सिंह,सुदिन सिंह, जुगनू जी,आलोक ,राणा मुरारी सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
सफाईकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, कूड़ो से पटा शहर
बाढ़ : गत एक सप्ताह से नगर परिषद के सभी दैनिक वेतन भोगी सफाईकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने के कारण पूरे नगर परिषद क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े-कचरों का अंबार लगा हुआ है और ऐसे में नगर परिषद के अधिकारी एवं स्थायी कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी सफाईकर्मियों व कर्मचारियों से वार्ता कर शहर को कूड़े-कचरों से निजात दिलाने का कोई सार्थक पहल करने में अब तक विफल हैं।
‘उमानाथ मंदिर-घाट’ पर लगने बाली माघी पूर्णिमा मेले में सुदूर क्षेत्रों से आने बाले लाखों श्रध्दालुओं का तांता लगेगा और सभी श्रध्दालु रविवार को पवन माघ के पूर्णिमा पर यहां उत्तरायण भागीरथी गंगा नदी में स्नान कर ‘उमानाथ-महादेव’ पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। लेकिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं सफाईकर्मी अपनी मांग पर अड़े नगर परिषद गेट पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की बैनर लगाकर जमे हुये हैं।
शहर के चप्पे-चप्पे में गंदगी का अंबार लगते जा रहा है। यहां गन्दगीयों के अंबार लगे रहने के कारण लोगों को आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बहीं सड़कों पर वाहनों का चलना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन शहर की साफ-सफाई को लेकर न तो अनुमंडल प्रशासन और न तो नगर परिषद के अधिकारियों को कोई फिक्र है।
जिस शहर के सफाई मजदूर हड़ताल पर हो और वहां पर अचानक लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं तो शहर में गंदगीयों का आलम क्या होगा ? दैनिक वेतन भोगी मजदूर के हड़ताल पर जाने से शहर की साफ- सफाई पर क्या असर पड़ रही है ? इस पर जब नगर प्रबंधक मनीष कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि-मात्र 13 सरकारी कर्मचारी के बल पर ही बाढ़ के 27 वार्डों की सफाई बारी-बारी से करायी जा रही है जो ना काफी है।
वही वार्ड जमादार का कहना है कि हम लोग किसी भी कीमत पर आउटसोर्सिंग के जरिये काम नहीं करेंगे। क्योंकि वहां लूट का अड्डा है और जब तक हमारी नौकरी स्थायीकरण नहीं की जाती है, तब तक हम लोग काम पर नही लौटेंगे। ऐसे परस्थिति में बाढ़ शहर के लोगों को जीना दूभर हो गया है। फिलहाल बाढ़ शहर नरक में तब्दील हो गया है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी