डीयू के नए कुलपति प्रो.राजेश सिंह ने किया ज्वाइन
दरभंगा : देश में उच्च शिक्षा की हालत बेहद खराब है। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है। इस संकट ने नई चुनौतियां दी हैं। इस संकट में छात्र विश्वविद्यालय से दूर हुए हैं। शैक्षणिक कलेंडर पटरी से उतर गया। इसे बेहतर करने की जरूरत है। नई शिक्षा नीति के तहत गोरखपुर विश्वविद्यालय को देश के 50 विश्वविद्यालयों में शामिल कराना ही लक्ष्य है। बिहार का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) 13.9 फीसदी है, जो कि देश में सबसे कम हैं। सबसे अधिक तमिलनाडु का 48.7 प्रतिशत है। सूबे का जीईआर 24 फीसदी है, जिसे बहुत अच्छा नहीं सकते हैं।
यह बातें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के नवागत कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहीं। उन्होंने शनिवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत जीईआर 50 फीसदी करने का लक्ष्य है। एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेम वर्क) के तहत प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय शामिल नहीं है। अगले दो सालों में गोरखपुर विश्वविद्यालय को देश के टॉप 50 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल किया जाएगा। दूसरा लक्ष्य है कि जीईआर को बढ़ाने के लिए डिजिटल एजुकेशन सेंटर विकसित करने का।
इनको लागू करने के बाद से तीन वर्षों में विश्वविद्यालय में काफी बदलाव दिखाई देगा। इस मौके पर शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. रविशंकर सिंह, मुख्य नियंता प्रो. प्रदीप यादव, प्रो. हर्ष सिन्हा, प्रो. मानवेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. सुधीर श्रीवास्तव, प्रो. विजय कुमार, प्रो. विनय कुमार सिंह, प्रो. शरद मिश्रा, प्रो. अनिल राय, प्रो. हिमांशु पांडेय, डॉ. सुधाकर लाल श्रीवास्तव, डॉ. केशव सिंह आदि ने कुलपति का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया।
अंतरराष्ट्रीय होगा शोध पीठ:
प्रो राजेश सिंह ने कहा कि महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ को एक अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाना चाहता हूं। जिससे की विश्व पटल पर इसकी इसकी पहचान हो सके। भारत के विश्वविद्यालयों में विदेशी फैकल्टी कम है। यह एक अवसर है विश्वविद्यालय को विदेश शिक्षकों से जोड़ने का। प्रयास यह रहेगा कि गोरक्षनाथ शोध पीठ के लिए विदेशी शिक्षकों को आकर्षित कर ला पाऊं।
इसके लिए विश्वविद्यालय में सभी धर्मों तथा हिंदी के साथ-साथ विभिन्न विश्व प्रख्यात भाषाओं जैसे फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीस आदि की पढ़ाई भी होनी चाहिए। इसे अंतरराष्ट्रीय धार्मिक शिक्षा के केन्द्र के तौर पर विकसित करने की मंशा है। इसमें दूसरे धर्म व भाषा की शिक्षा मिलेगी। आने वाले समय में छात्र उन पर शोध कर सकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा :
प्रो राजेश सिंह ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों में योग्यता की कमी नहीं है। लेकिन बेहतर माहौल न मिलने के कारण हम उन्हें आकार नहीं दे पा रहे हैं। भारत में हर साल करीब 7.5 लाख बच्चे विदेशों में उच्च शिक्षा में 60 हजार करोड़ रुपये मनी एक्सचेंज के रूप में खर्च करते हैं। जबकि भारत में हर वर्ष एजुकेशन का बजट 33 हजार करोड़ का है। इसे रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। बताया कि महामारी के दौरान हावर्ड विश्वविद्यालय एवं अन्य पश्चिमी विश्वविद्यालयों ने हजारों ऑनलाइन कोर्स चलाएं। इनमें 90 फीसदी भारतीय बच्चों ने भाग लिया। 10 लाख ऑनलाइन प्रमाण पत्र भी भारतीय बच्चों ने हावर्ड व अन्य विश्वविद्यालयों से प्राप्त किया। ऐसा हम भी कर सकते थे।
60 से अधिक नए कोर्स चलाए जाएंगे :
प्रो राजेश सिंह ने कहा कि विवि में 60 से अधिक नए कोर्स चलाए जाएंगे। यह ऐसे कोर्स होंगे, जिससे छात्रों को बेहतर रोजगार मिल सके। विदेश में चलने वाले कोर्सों को इसमें शामिल किया जाएगा। कहा कि रिसर्च पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो भी छात्र बेहतर रिसर्च करेगा और जो शिक्षक अच्छे पब्लिकेशन देंगे, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
रिसर्च के लिए बनेगा 100 करोड़ का फंड :
उन्होंने बताया कि रिसर्च को बढ़ावा देने की जरूरत है। विश्वविद्यालय को भी रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद करनी चाहिए। इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपए का फंड तैयार करने की योजना है।
शिक्षकों और कर्मचारियों ने किया स्वागत, टूटी सोशल-डिस्टेंसिंग का मानक:
शनिवार को नए कुलपति का स्वागत करने की होड़ विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों में दिखी। दोपहर 12 बजे नवागत कुलपति चार्ज लेने के लिए प्रशासनिक भवन पहुंचे। वहां पहले से निवर्तमान कुलपति प्रो. वी के सिंह मौजूद रहे। उत्साहित शिक्षकों व कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण को लेकर कोई भय या सतर्कता नहीं दिखी। कुलपति कक्ष में लोग एक दूसरे से सट कर खड़े रहे।
ज्ञात हो कि प्रो राजेश सिंह पुर्णिया विश्वविद्यालय के साथ ल ना मि विश्वविद्यालय दरभंगा एवं के एस डी संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति के प्रभार में थे। राजभवन पटना में त्यागपत्र देने के उपरांत गोरखपुर विश्वविद्यालय में योगदान देने हेतु कल ही सबेरे यहां से प्रस्थान किये थे। 02-03 सितंबर को उनके त्याग पत्र दिये जाने को लेकर दो तरह के समाचार टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित हुए , जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।
कल प्रो हनुमान प्रसाद पांडे द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय एवं संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार ग्रहण करने एवं प्रो राजेश सिंह द्वारा गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर योगदान किये जाने से अब स्थिति स्पष्ट हो गई है।
कुंवर सिंह महाविद्यालय में सभी काउंटर हुआ कंप्यूटराइज
दरभंगा : कुंवर सिंह महाविद्यालय में सभी काउंटर को कंप्यूटराइज एवं एडमिशन, एग्जामिनेशन फॉर्म भरना, एवं अन्य कार्य को ऑनलाइन संपन्न कराने हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षा डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह प्रधानाचार्य ने की ऑनलाइन एक्सपर्ट ने एडमिशन ऑनलाइन लेने की प्रक्रिया, फॉर्म भरने की प्रक्रिया ,कैशलेस मोड की प्रक्रिया पर विस्तृत रूप से जानकारी दियाहै
निकट भविष्य में पूरे कॉलेज को ऑनलाइन करने हेतु सारी प्रक्रिया ऑनलाइन करने हेतु संकल्प लिया गया के इस दौड़ में जबकि हर जगह कैस का आवागमन नेट बैंकिंग,गूगल पे, फोन पे, स्मार्ट पे, पेटीएम के द्वारा किया जा रहा है तो कॉलेज क्यों पीछे रहे इस मौके पर विज्ञान, कला, वाणिज्य काउंटर पर रहने वाले सभी कर्मचारी काउंटर इंचार्ज मौजूद थे सभी ने इस पूरी प्रक्रिया को समझा और कैशलेस काउंटर करने पर सहमति जताई डॉ अशोक कुमार सिंह राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम पदाधिकारी ने आए हुए अतिथि एवं सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
उचित आहार-विहार एवं जनजागरूकता से हारेगा कोरोना : डॉ प्रवीर
दरभंगा : रोग प्रतिरोधक क्षमता को स्थाई रूप से बढ़ाने की कोई दवा नहीं है,बल्कि यह पौष्टिक व संतुलित आहार, व्यवस्थित दिनचर्या,योग- प्राणायाम,शारीरिक श्रम- व्यायाम तथा तनाव मुक्त दिनचर्या से प्राप्त किया जा सकता है।भोजन में फल-फूल,हरी सब्जी,दाल- दूध,अंकुरित अनाज तथा अल्प ड्राई फ्रूट्स के सेवन से हमारी रोग निरोधी क्षमता स्वत: बढती है जो हमें कोरोना जैसे बीमारी से लड़ने में मदद करता है।उक्त बातें रोटरी क्लब दरभंगा मिटाउन द्वारा ‘शिक्षक दिवस’ के उपलक्ष में शिक्षकों एवं छात्रों के लिए कोरोना महामारी के संबंध में सही व पूर्ण जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित बेवीनार को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध चिकित्सक डा प्रवीर सिन्हा ने कहा।उन्होंने अनेक मिथकों की चर्चा करते हुए कहा कि केवल 2 से 3% केस ही सीरियस होते हैं,जबकि भारत में 1.5 से 2% ही मृत्यु दर है। अपने उचित आहार-विहार तथा जन जागरूकता से कोरोना को हराया जा सकता है।
चिकित्सक डॉ अनिल नारायण सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव में मास्क का प्रयोग तथा शारीरिक दूरी रखना रामबाण है।इसका वायरस हमारी नाक,आंख व मुंह से शरीर में पहुंचकर श्वसन नली को मुख्यतः प्रभावित करता है। इससे फेफड़े हृदय,लीवर, किडनी और गुर्दा आदि भी प्रभावित होता है।सुरक्षा ही कोरोना का बचाव है।वैसे देश-विदेश में अनेक दवा व वैक्सीन ट्रायल में हैं,पर यह अगले वर्ष में ही आम लोगों के लिए उपलब्ध हो पाएंगे।
चिकित्सक डा अमिताभ सिन्हा ने कहा कि अभी भी लोगों में कोरोना के बारे में सही व पूर्ण जानकारी नहीं है, क्योंकि यह नई बीमारी है, जिसके लक्षण बदलते रहे हैं। यह सिर्फ अपने लक्षणों से नहीं,बल्कि जांच से ही पकड़ में आता है।संक्रमित व्यक्ति, वृद्ध तथा बीमार व्यक्ति को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।उन्होंने रोटरी क्लब द्वारा कोविड-19 में की गई समाजसेवा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि भारत में क्लब की 400 शाखाएं हैं,जिनमें डेढ़ लाख सदस्य समाजसेवा से सीधे जुड़े हुए हैं।
डा कैलाश प्रसाद सिंह ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा में लक्षण के आधार पर इलाज होता है।यह सस्ती पद्धति है,जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।इसमें ऐसी दवा दी जाती है,जिससे बीमारी हो ही नहीं,पर यदि हो जाए तो उसका भी अचूक इलाज किया जाता है। वेबीनार में डा अभिषेक सराफ,डा बीबी शाही,डा अंजू कुमारी,डा रंजीत कुमार, डा अयोध्यानाथ झा,डा भक्तिनाथ झा,डा शंभू मंडल, प्रो एम आई अहमद,डा विनोद सिंह,भैरव चौधरी,डा आलोक कुमार,रंजीत कुमार चौरसिया,अशोक कुमार चौधरी,डा संजीव मिश्रा, संजय मिश्र आदि सहित 60 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया।
चिकित्सक डा राजेश कुमार ने बताया कि आज लोग सामाजिक लांछना से बचने के लिए कोरोना जांच नहीं कराते हैं और ऐसे कुछ संक्रमित लोग समाज में दूसरों को भी अनजाने में संक्रमित करते हैं।हमें व्हाट्सएप पर मिल रही गलत जानकारी से बचते हुए, विशेषज्ञों से ही सही जानकारी लेनी चाहिए।उन्होंने बताया कि कोरोना बीमारी कोई कलंक नहीं है, क्योंकि अनेक गणमान्य लोग आगे आकर स्वयं के संक्रमित होने की जानकारी दी और दूसरों से भी जांच कराने का आग्रह किया है।
क्लब के सचिव विशाल गौरव के संचालन एवं आयोजकत्व में आयोजित वेबीनार में अतिथियों का स्वागत करते हुए क्लब के अध्यक्ष डा नीरज प्रसाद ने क्लब के मिडटाउन शाखा की गतिविधियों की पूरी जानकारी दी,जबकि धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा आर एन चौरसिया ने वेबीनार का आउटकम प्रस्तुत किया।
मुरारी ठाकुर