7 मार्च : गया की मुख्य ख़बरें

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5 अगस्त : गया की मुख्य ख़बरें

पुलिस की कार्रवाई से बालू माफिया मे हडकंप

गया : पुलिस की सक्रियता से खनन माफियाओं मे हडकंप मचा हुआ है। मगध मेडिकल थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक के नेतृत्व में चली कार्रवाई में 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में खनन विभाग के एक अधिकारी का भी नाम शामिल है। अधिकारी पर आरोप है कि वह बालू माफियाओ के पक्ष में बिचौलिये की भूमिका निभा रहे थे। फिलहाल पुलिस खनन विभाग के अधिकारी की भुमिका की पड़ताल कर रही है। इस संबंध में प्रशिक्षु डीएसपी सह मगध मेडिकल थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने बताया कि बीती रात्रि को बालू लदे 14 वाहनों को पकड़ा गया। इनमें 18 चक्के वाले सात ट्रक, 12 चक्के वाले तीन हाईवा और 4 ट्रैक्टरों को पकड़ा गया है। इन वाहनों में निर्धारित मात्रा से अधिक बालू लोड पाया गया। इसके बाद संबंधित ठेकेदार, चालक समेत 19 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इस मामले में आगे की कार्रवाई में पुलिस जुटी हुई है। ज्ञात हो कि मगध मेडिकल थाना अंतर्गत खिरियाबा बालू घाट पर सोमवार कि रात पुलिस ने बड़ी कार्रवाई  की थी पुलिस द्वारा टेलर, हाईवा समेत 14 बालू लदे वाहनों को जब्त किया गया। प्रशिक्षु डीएसपी सह मगध मेडिकल थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार रजक को गुप्त सूचना मिली कि उक्त बालू घाट पर अनियमितता हो रही है  और बालू चोरी का खेल धड़ल्ले से जारी है। सूचना के बाद सोमवार की रात को पुलिस दल बल के साथ बालू घाट पर पहुची और बालू लदे वाहनों की जांच की इस दौरान पाया कि चलान में बालू उठाव की जितनी मात्रा लिखी है उससे कहीं अधिक लोड किया गया है।

(पंकज कमार सिन्हा)

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नीति आयोग से पुरस्कृत हुआ गया

गया : जिलाधिकारी गया अभिषेक सिंह के प्रतिनिधि अपर समाहर्ता राजकुमार सिन्हा को एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट के तहत 3 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया एवं कई आयामों पर निर्धारित मानदंड के आधार पर भारत के आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों को एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल किया गया और कई कार्यक्रम बनाए गए ताकि इनका त्वरित विकास किया जा सके। एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम चैंपियन ऑफ चेंज का आधारशिला छह मापदंडों पर आधारित है जिसमें स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, बुनियादी अवसंरचना और कौशल विकास के मामले में पिछड़े जिलों को तेजी से बदलने पर टिका है। गया की तरह पूरे भारत में अन्य 117 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स हैं जिन्हें नियमित रूप से नीति आयोग द्वारा डैशबोर्ड के माध्यम से पर्यवेक्षण किया गया और यह चैंपियंस ऑफ चेंज डैशबोर्ड है। जिसके माध्यम से प्रत्येक जिला इन उपरोक्त क्षेत्रों में अपनी मासिक प्रगति अपलोड करता रहा है हाल ही में प्रगति पर प्रकाश डालने के लिए नीति आयोग ने जे आईसीए फण्ड जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी के माध्यम से पुरस्कार प्रणाली के साथ इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया। इस कार्यक्रम के तहत नीति आयोग द्वारा 974 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया एवं इन परिव्यय का बड़ा हिस्सा जिलों को चुनौती पद्धति पर प्रदान किया जाएगा और जो जिला वृद्धिशील प्रगति के आधार पर गणना की गई महीने में 1 रैंक हासिल करता है उसे 10 करोड़ रुपये का एक बार आवंटन प्राप्त होगा और इसी तरह दूसरी रैंक हासिल करने वाले जिले को पाँच करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त होगा और विभिन्न क्षेत्रों में पहली रैंक हासिल करने वाले जिले को कुल पाँच क्षेत्रों में तीन-तीन करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

 

गया ने जनवरी महीने में स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया और दिसंबर में गया को डेल्टा की रैंक 80 वीं और व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य और पोषण में 50 वीं स्कोर के साथ 103 वें स्थान मिला है लेकिन तीव्र प्रगति के कारण जनवरी में इस क्षेत्र में विभिन्न संकेतकों में सुधार हुआ जैसे- संस्थागत प्रसव में इज़ाफ़ा, टीबी रोगियों का पता लगाने का सफल अभियान, जीवित जन्म शिशुओं की संख्या में बृद्धि, टीकाकरण का आच्छादन में बढ़ोतरी और कई अन्य इलाज शामिल हैं। इन महीनों गया ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में 59.2 का स्कोर बनाया। जिसने गया को भारत के एस्पिरेशनल जिलों की सूची में 5 वें डेल्टा रैंक में डाल दिया एवं जिसके फलस्वरूप गया जिला को अब नीति आयोग से 3 करोड़ रुपये का  पुरस्कार दिया गया है। जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में गया ने जिस त्वरित प्रगति के साथ एस्पिरेशनल जिले के टैग से बाहर निकलने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किया इससे स्पष्ट है कि जल्द ही देश में एक विकसित जिले का स्थान हासिल करने में सफल होगा।

(धीरज गुप्ता)

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