समाज में कुशल व्यवहार का परिचय दें छात्र : कुलसचिव
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति के मार्गदर्शन में चल रहे छात्रों की स्वविकास हेतु संवाद कार्यक्रम में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय आज शनिवार को छात्रों से विहैवियर ऑफ़ द स्टूडेन्ट्स इन सोसाईटी विषय पर चर्चा की तथा समाज में छात्रों का भूमिका कैसी हो इसकी बारीकी बताई।
छात्रों से संवाद के क्रम में उन्होंने कहा कि यदि हमलोग छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर कार्य करें तो समाज को बड़ा फायदा मिल सकता है। जैसे यदि कहीं पर बिजली बल्ब जल रही है और वहां उसकी जरूरत नहीं है तो आप स्वेच्छा से उसे बन्द कर दें, कहीं रोड किनारे या अन्यत्र पानी की नल खुली है और पानी बर्बाद हो रही है तो आप उसे बन्द कर सकते हैं। रोड या अन्यत्र बिना मतलब का पाॅलीथीन या अन्य कचरे को यत्र-तत्र नहीं फेंककर उसे कुड़ेदान में फेंकने की कोशिश करनी चाहिए। इन सभी छोटी-छोटी कार्यों से समाज को भला हो सकेगा।
आज के संवाद में अलग-अलग महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों के 25 छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने एक-एक मिनट अंग्रेजी में बोला। ऐसी उम्मीद की गई कि छात्रों द्वारा अच्छे सुझावों पर अन्य छात्र भी अमल करेंगे। सबसे अच्छा विचार व्यक्त करने वाले में डी.डी.ई (रेगुलर) के छात्र अंकित कुमार को रनर ट्रॉफी दी गई वहीं डीडीई (रेगुलर) के ही छात्रा आरफा मोहसीन को नकद राशि दी गई। सभी छात्रों ने समाज में कुशल व्यवहार का आश्वासन दिया।
पांडुलिपि संरक्षण पर पांच दिवसीय कार्यशाला का होगा आयोजन
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के महाराजा कामेश्वर सिंह पुस्तकालय (राज लाइब्रेरी) के तत्वावधान में आगामी 20 से 24 जनवरी 2020 को राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के सौजन्य से पांडुलिपि संरक्षण पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित होगी। विदित हो कि राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के साथ महाराजा कामेश्वर सिंह पुस्तकालय का पांडुलिपि संरक्षण हेतु एकरारनामा हो चुका है।
राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। प्रस्तावित कार्यशाला में मिशन के निदेशक डॉक्टर पीजा की सहभागिता संभावित है। संसाधन पुरुषों में बीएचयू के डॉक्टर डीके सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डॉ बीके सिंह, एनआरएलसी लखनऊ के इलियास अहमद समेत देश के कई नामी पांडुलिपि विशेषज्ञ कार्यशाला को संबोधित करेंगे।
महाराज कामेश्वर सिंह पुस्तकालय के निदेशक प्रोफेसर भवेश्वर सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि यहां पूर्व में भी मिशन के सौजन्य से कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी है। कार्यशाला के निदेशक प्रो सिंह जबकि प्रो मुनेश्वर यादव कार्यशाला के संगठन सचिव मनोनीत किए गए हैं। आयोजन समिति की आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आज की आयोजन समिति की बैठक प्रो भवेश्वर सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें प्रो चंद्र भानु प्रसाद सिंह, प्रो रमन झा, प्रो हिमांशु शेखर, प्रो केके साहू एवं डॉक्टर संतोष कुमार झा उपस्थित रहे।
नशा मुक्त समाज-निर्माण में हमारी भूमिका पर संगोष्ठी आयोजित
दरभंगा : नशामुक्ति अभियान में सबों की भागीदारी आवश्यक है। विशेषकर बिहार में सरकार ने नशा मुक्त समाज-निर्माण की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाया है। जरूरत है कि हम सब आम लोगों को जागरूक कर इसे वास्तविक रूप प्रदान करें। नशापान विशेष रूप से युवा पीढ़ी को बर्बाद कर विध्वंसक कार्यों में लगा रही है। उक्त बातें संदीप विश्वविद्यालय, मधुबनी के कुलपति प्रो समीर कुमार वर्मा ने दरभंगा यूनेस्को क्लव तथा एनएसएस एवं एनसीसी, सीएम कॉलेज, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित करते हुए कहा।
उन्होंने अपनी युवावस्था की यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह इस महाविद्यालय के परिसर में नियमित रूप से खेलने आया करते थे, पर आज मुख्य अतिथि के रूप में आना अच्छा लग रहा है। अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा कि नशासेवन से मुक्ति का विषय समसामयिक तथा जनसरोकार से जुड़ा हुआ है।
किसी भी बुरे चीज की लत नशा है, चाहे वह शराब हो, सिगरेट हो या अत्यधिक मोबाइल देखना ही क्यों न हो। नशासेवन समाज के लिए विध्वंसक तथा अनेकानेक बुराइयों की जड़ है। प्रधानाचार्य ने कहा कि दुनिया का हर धर्म हमें मानवता की सीख देता है। मानवसेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। यदि व्यक्ति वास्तविक रूप से धार्मिक हो जाए तो अधिकांश समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी।
सम्मानित अतिथि के रूप में मद्य निषेध विभाग, दरभंगा के अधीक्षक गणेश प्रसाद ने कहा कि सरकार के नशाबंदी के बाद अब विशेष रूप से युवाओं में ड्रग्स, नशीले इंजेक्शन आदि के रूप में नशा के सेवन की प्रवृत्ति बढ़ी है। नशा के कारण व्यक्ति, परिवार व समाज को काफी नुकसान हो रहा है। नशाबंदी का सरकारी प्रयास सार्थक एवं प्रशंसनीय है, जिसमें हम सभी की सार्थक भागीदारी आवश्यक है। मानव सेवा समिति, दरभंगा के संस्थापक डॉ जयशंकर झा ने कहा कि नशा मुक्त समाज-निर्माण में अपना योगदान देना बड़ी समाजसेवा है। इस कार्य में शिक्षितों तथा युवाओं का अधिक योगदान होना चाहिए।
इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में खुल्द महफूज-प्रथम, सुधांशु कुमार रवि एवं राकेश कुमार नायक-द्वितीय तथा मो आफताब आलम तथा आशीष कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र तथा मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आतिका बद्र, निखिल कुमार झा, जयप्रकाश साहू, नीरज कुमार, कोमल कुमारी, श्रेया कुमारी, शशिकांत सिंह यादव, नारायण साहू, अमरजीत कुमार, मधु कुमारी तथा जूही कुमारी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में प्रो इंदिरा झा, डॉ जयशंकर झा, डॉ आरएन चौरसिया, डॉ रीता दुबे, एनएसएस पदाधिकारी डॉ प्रीति त्रिपाठी,डा रूपेन्द्र झा,मनोरंजन प्रसाद अग्रवाल, रतन कुमार खेरिया, रामबाबू साह, राघवेंद्र कुमार, अशोक कुमार पंसारी,क्लब के सचिव संजय झुनझुनवाला,अमरनाथ साह, मारवाड़ी महिला शाखा की अध्यक्षा नीलम पंसारी, अरबाज खान,अमरनाथ कुमार तथा नीरज कुमार आदि सहित एक सौ से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पाग, चादर, मोमेंटो तथा पुष्प-गुच्छ से किया गया। संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आरएन चौरसिया के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में आगत अतिथियों का स्वागत करते हुये क्लब के अध्यक्ष विनोद कुमार पंसारी ने नशा मुक्त समाज के निर्माण में एनएसएस तथा एनसीसी के छात्र-छात्राओं से पूर्ण सहयोग करने की अपील की। धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस पदाधिकारी प्रो अखिलेश राठौर ने किया।
मनाई गई बाबा भीमराव अंबेडकर की 63वीं महापरिनिर्वाण दिवस
दरभंगा : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रभारी निदेशक डॉ. शंभू प्रसाद की अध्यक्षता में आज अपराह्न 3:30 में बाबा भीमराव अंबेडकर की 63वीं महापरिनिर्वाण दिवस निदेशालय के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा मनाया गया।
इस अवसर पर प्रभारी निदेशक डॉ. शंभु प्रसाद ने कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने भीतर बाबा साहब के द्वारा दिए गए बहुमूल्य विचारों को अगर समाहित कर एवं इस ओर कार्य करें तो निश्चित ही हमारे अंदर स्व-विकास के साथ-साथ कार्य के प्रति भी तटस्थ होंगे। जहाँ तक मैं समझता हूं मनुष्य में सकारात्मक परिवर्तन तभी आ सकता है जबतक हम बाबा जैसे महान व्यक्तित्व विषेस व्यक्ति के विचारों को आत्मसाथ करें। कार्यक्रम में सभी शिक्षकों तथा कर्मियों ने बाबा अम्बेडकर के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।
अंतर महाविद्यालय एथलेटिक्स प्रतियोगिता के तिथि व स्थान में हुआ परिवर्तन
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2019-20 में आयोजित होने वाली अंतर महाविद्यालय एथलेटिक्स (पु०/म०) प्रतियोगिता का आयोजन जो पूर्व में एमएलएसएम महाविद्यालय द्वारा दिनांक 07-09 दिसंबर, 2019 तक किया जाना था।
उसके तिथि एवं स्थल में अपरिहार्य कारणवश परिवर्तन किया गया है। अब उक्त प्रतियोगिता का सेलेक्शन ट्रायल विश्वविद्यालय खेल एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा दिनांक 10-11 दिसंबर ,2019 तक डॉ० नागेंद्र झा स्टेडियम में किया जायेगा। उक्त प्रतियोगिता में निम्नलिखित खेलों में महाविद्यालय के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं।
इस प्रतियोगिता में 100 मीटर रेस, 200 मीटर रेस, 400 मीटर रेस, 1500 मीटर रेस, 5000 मीटर रेस, शॉट-पुट, जेवलिन, लॉन्ग जम्प, हाई जम्प, डिसकस थ्रो शामिल है।
प्रत्येक महाविद्यालय से प्रत्येक खेलों में एक ही एंट्री मान्य होगी। प्रतिभागि उपर्युक्त विधाओं में से किन्ही दो में ही भाग ले सकते हैं। उक्त जानकारी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के खेल पदाधिकारी प्रो० अजय नाथ झा ने दी।
मुरारी ठाकुर