नेपाल-भारत मैत्री परिषद ने मनाया स्थापना दिवस
अररिया : सीमावर्ती क्षेत्र में कार्यरत नेपाल भारत मैत्री परिषद ने अपना स्थापना दिवस मनाया। जोगबनी मेन बाजार के एक ट्रांसपोर्ट परिसर में दोनों देश के बड़ी संख्या कार्यकर्ता व अधिकारियों मौजूद थे।
इस दौरान विक्रम संवत 2076 को लेकर एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। स्थापना दिवस पर एक दूसरे को मुंह मीठा भी कराया गया। दोनों तरफ से वक्ताओं ने भारत-नेपाल के संबंध को और मजबूत बनाने तथा मैत्रीपूर्ण कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एकराज ख़ातिवाड़ा ने की। उन्होंने दोनों देश के रिश्ते में और मधुरता लाने की बातें कही। मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामभरम पुरवान, सचिव मंजू रेग्मी, समन्वयक सुरेश ठाकुर विद्रोही, यशोदा दहाल हसन अंसारी उर्फ नन्हें, मो. शमसाद, नसीम खान, तबरेज हक, डॉ. आरडी यादव, दीपक सुबेदी, कृष्ण कुमार साह, हरिनारायण मंडल, कमला बस्नेत, नवीन दहाल, संतोष पासवान, सुदेश रेग्मी, पूर्व डीएसपी रूप नारायण न्यौपने सहित अन्य लोग मौजूद थे ।
विवादित कब्रिस्तान में शव दफनाने से रोका, हुआ बवाल
अररिया : आरएस ओपी क्षेत्र के वार्ड संख्या तीन में मोमिन टोला के पास विवादित कब्रिस्तान में लाश दफनाने से रोकने पर विवाद हो गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के घंटों मशक्कत के बाद विवाद को सुलझाया जा सका।
इसके बाद शव को दूसरी जगह रजोखर स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया। जानकारी के अनुसार मोमिन टोला के सामने बिहार सरकार की तीन एकड़ आठ डिसमिल जमीन तुलसी सहनी, कैलाश सहनी व हरी सहनी के नाम वर्ष 1988 में बंदोबस्ती की गई थी। इसी जमीन के एक टुकड़े पर वर्षों से शवों को दफनाया जाता था। करीब छह माह पहले विधायक की अनुशंसा पर कब्रिस्तान घेराबंदी योजना स्वीकृत हुई थी।
इस पर चारदीवारी निर्माण शुरू करने पर बंदोबस्तधारियों ने आपत्ति जतायी और इसकी शिकायत एसडीओ कोर्ट में दर्ज करायी। तत्कालीन एसडीओ प्रशांत कुमार ने उक्त भूखंड पर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दिया। इसी जमीन पर रविवार को मोमिन टोला के मो. बलवा के शव को दफनाने उनके परिजन व ग्रामीण पहुंचे थे। क्रब खोदा जा चुका था, लेकिन दफनाने से पहले ही दूसरे पक्ष के लोगों ने इसे रोक दिया।
इसके बाद मामला बढ़ता चला गया। सूचना पर पुलिस व सीओ ने पहुंचकर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। विवाद बढ़ता चला गया। नौबत नोकझोंक से लेकर हाथापाई तक की आ गई। इसके बाद डीएसपी केडी सिंह, डीसीएलआर मो. सलीम अख्तर ने मोर्चा संभाला, लेकिन विवाद थमता नहीं देख और पुलिस को बुलाया गया। फिर लोगों को समझा बुझाकर शव को दफनाने के लिये रजोखर कब्रिस्तान ले जाया गया। जहां पुलिस की मौजूदगी में शव को दफनाया गया। इस दौरान एसपी धुरत सायली भी पहुंचीं।
घंटों चला हाईवोल्टेज ड्रामा: अररिया आरएस में विवादित कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर घंटों विवाद चलता रहा। एक पक्ष जहां विवादित कब्रिस्तान में ही शव को दफनाने के लिये अड़ा हुआ था वहीं प्रशासन विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए उक्त कब्रिस्तान की जगह दूसरी जगह शव दफनाने के लिये राजी करने में लगा था। कई राउंड की वार्ता के बाद भी जब मामला नहीं सुलझा तो पुलिस को हल्की सख्ती बरतनी पड़ी और मामले को बिगड़ता देख जिले के एक दर्जन थानों की पुलिस को आरएस बुलाना पड़ा। दरअसल डीएसपी केडी सिंह का कहना था कि जब उक्त कब्रिस्तान का मामला न्यायालय में लंबित है। तो यहां शव नहीं दफनाकर दूसरे कब्रिस्तान में दफनाना ही बेहतर होगा। जबकि दूसरे पक्ष के लोगों का कहना था कि वे लोग वर्षों से इसी कब्रिस्तान में मय्यत को दफनाते आते हैं। निषेधाज्ञा लगने की उन लोगों कोई जानकारी नहीं है। हालांकि पुलिस का कहना था कि चूकि आज सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद दस्तावेज के आधार पर मामले को सुलझा लिया जायेगा। लेकिन दूसरे पक्ष से जुटे लोगों में कुछ लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं थे।
पलासी में मारपीट, 10 लोग घायल
अररिया : पलासी थाना क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर आपसी विवाद को लेकर हुई मारपीट की घटना में दस व्यक्ति घायल हो गए। जिसमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। सभी घायलों को उपचार के लिए पीएचसी पलासी में भर्ती कराया गया है।
शनिवार को मारपीट में हसनपुर गांव के गोकुल विश्वास व पूनम देवी, दीपनगर गांव की फूलो देवी तथा बनगामा गांव के फुलाई सिंह व शुक्रवार की शाम को पनडुब्बी गांव के दयानंद मंडल, इंदरलाल मंडल, संजय मंडल, अनारवती देवी, उषा देवी, चंदन मंडल घायल हो गया। इस घटना की बाबत डॉ जहांगीर आलम ने कहा कि सभी घायल खतरे से बाहर हैं।
संजीव कुमार झा