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6 फ़रवरी : बढ़ की मुख्य ख़बरें

बाढ़ को जिला बनाने के लिए एक दिवसीय उपवास सह धरना

बाढ़  : अनुमंडल मुख्यालय परिसर में ‘बाढ़’ को जिला बनाये जाने को लेकर बाढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के वैनर तले एक दिवसीय उपवास सह धरना का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष राणा सुधीर कुमार सिंह और संयोजन प्रो०रामानन्द झा ने किया।

उपवास सह धरना कार्यक्रम में अनुमंडल के कई गांवों के ग्रामीण, कार्यकर्ता, अधिवक्ता, चिकित्सक, शिक्षक, बुद्धिजीवीयों सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। इस उपवास सह धरना कार्यक्रम को संबोंधित कड़ते हुए सभी वक्ताओं ने एक स्वर से एक ही मांग रखी कि राज्य सरकार अतिप्राचीन अनुमंडल बाढ़ के लोगों के साथ करीब चार दशकों से बाढ़ को जिला बनाये जाने के नाम पर छलावा करती आ रही है।

बिहार का सबसे पुराना अनुमंडल बाढ़ अब तक जिला नहीं बन पाया है। कई वक्ताओं ने जिला बनने के बाद बाढ़ के वासियों को मिलने वाली फायदे को गिनाते रहे। विदित हो कि जिला बनाने के मुद्दे को लेकर 17 नवंबर 2019 को पहले भी बाढ़ एनएस कॉलेज के मैदान में महाकुंभ का आयोजन किया गया था।

बाढ़ जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रो0 रामानन्द झा ने कहा कि जबतक बाढ़ को जिला का दर्जा नहीं मिलेगा तबतक क्रमिक रुप से आंदोलन होता रहेगा।जनांदोलन चलते रहेगा। अध्यक्ष राणा सुधीर कुमार सिंह ने कहा  कि घर घर जन सम्पर्क कर लोगों को जागरूक कर गाँव-गाँव में  यह आंदोलन किया जायेगा और साथ ही इसके बाद त्रिदिवसीय उपवास सहधरना का भी आयोजन किया जायेगा। अगर इसके बाद भी जिला नहीं बना तो अनिश्चित कालीन अनशन सह धरना का आयोजन किया जायेगा।

इस धरना का संचालन शिक्षक शशीभूषण सिंह ने किया। इनके अलावा इस धरना को उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा, वीरेंद्र प्रसाद यादव, जितेंद्र प्रसाद सिंह, चिकित्सक विद्यानंद सिंह, वरुण शर्मा, नंदकिशोर प्रसाद, शशि भूषण सिंह, अधिवक्ता जयवर्धन, अधिवक्ता राणा मुरारी सिंह, नवलेश सिंह मंटून, रामबदन सिंह,  राजन सिंह, मनोज कुमार सिन्हा, अधिवक्ता वशिष्ठ नारायण चौरसिया, आनंद मोहन, अमोदी सिंह, अभिरंजन कुमार, सुरेश चंद्र प्रसाद सिंह, जितेंद्र पाठक, परमानंद सिंह, अधिवक्ता सुभाष रंजन, सुरेश प्रसाद सिंह, बबलू यादव, राज नंदन तिवारी, संजय पांडे, राहुल सिंह, चंदन पांडे, मुन्ना भगत, बाबा चंदन, सुबोध सिंह, अर्जुन प्रसाद, रामसागर सिंह, भोली यादव, जितेंद्र झा, रणबीर सिंह, नरेंद्र प्रसाद सिंह, शिक्षक पुरुष, व्योम नारायण तिवारी, ठाकुर विजय सिंह, निरंजन सिंह, नंदलाल शर्मा, शिव शक्ल सिंह,पारसनाथ सिंह, अधिवक्ता भोला पासवान, रामबालक पासवान, राम नरेश यादव, अवधेश सिंह सहित सैकड़ों लोगो ने संबोधित किया।

 सरस्वती प्रतिमा विसर्जन पर निकाली गई भव्य झांकी

बढ़ : अनुमंडल के बूढ़ानउद्दीनचक में हर बर्ष बड़ी मां के नाम से चर्चित मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर काफी धूमधाम से पूजा-अर्चना की जाती है और इसमें काफी दूर-दराज से लोग आकर शामिल होते हैं।

ऐसी मान्यता है कि जो भी युवा इस पूजा-अर्चना में श्रध्दा रखते हैं, उन्हें कोई न कोई जॉब मिल जाता है तथा श्रध्दालुओं की मन की मुरादें पूरी होती है। इस सरस्वती पूजा के संयोजक कौशलेंद्र राजू ने बताया कि वीणा धारिणी क्लब की खासियत यह है कि विसर्जन के समय काफी भीड़-भाड़ होने के बावजूद भी शांतिपूर्ण तरीके से विसर्जन करते हैं, साथ ही हर साल नये-नये सामाजिक सरोकार से संबंधित झांकियां (जल संचय, रक्तदान, सास-बहू इत्यादि) भी प्रदर्शित करते हैं।

बाढ़ के बुढ़ानउद्दीनचक गांव में सरस्वती पूजा काफी धूमधाम से मनायी गयी। इसमें वीणा धारिणी क्लब के सदस्यों द्वारा क्षेत्रीय विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू,एसडीओ सुमित कुमार एवं कई विद्वानों, मीडियाकर्मियों तथा सामाजिक क्रयकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया।

 पूजा पंडाल में भक्ति भावना के साथ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना और हवन किया गया। वहीं बाढ़ अनुमंडल की सबसे भव्य मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन की झांकी हाथी-घोड़े,गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी। करीब एक दर्जन झांकी के साथ माता की प्रतिमा निकाली गयी हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम माता के दर्शन और झांकी देखने के लिये उमड़ पड़ी। लोग

वीणा धारणी क्लब बुढ़ानउद्दीनचक की ओर से सरस्वती पूजा कई वर्षों से बाढ़ अनुमंडल में इस तरह की झांकी निकाली जाती है। मूर्ति विसर्जन के समय पूरे शहर के लोग सड़कों पर आ जाते हैं। लोग अपने कामों को छोड़कर घंटों पहले सड़क के दोनों ओर विसर्जन के समय झांकी देखने के लिये अपनी जगह ले लेते हैं।

अनुमंडल की सबसे बड़ी सरस्वती प्रतिमा और भव्य झांकी के साथ विसर्जन में हजारों की संख्या में लोग गाजे-बाजे के साथ झूमते-नाचते उत्तरवाहिनी गंगानदी उमानाथ घाट पर पहुंच कर प्रतिमा विसर्जन करते हैं। थानाध्यक्ष संजीत कुमार की चुस्त-दुरुस्त पुलिस सुरक्षा में शांतिपूर्ण ढंग से झांकी का समापन एवं प्रतिमा विसर्जन किया गया।

सत्यनारायण चतुर्वेदी