युवकों ने रक्तदान कर समाज को दिया नया संदेश
दरभंगा : रक्तदान को जीवनदान मानते हुए दरभंगा के दो किशोरों-प्रत्यूष नारायण (बेलादुल्ला) तथा अनुभव चक्रवर्ती (बंगाली टोला) ने भारत विकास परिषद्, विद्यापति शाखा, दरभंगा तथा एपेक्स फाउंडेशन, दरभंगा के संयुक्त तत्त्वावधान में आज स्वयं ही 18 वर्ष की अवस्था पूर्ण करते ही दो किशोरों ने डीएमसीएच, दरभंगा के ब्लड बैंक में जाकर स्वैक्षिक रक्तदान कर समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है। दोनों ने संकल्प लिया कि वे लोग आगे भी प्रतिवर्ष कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करते रहेंगे तथा अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करेंगे।
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र प्रत्यूष नारायण ने रक्तदान करते हुए कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा मानवीय धर्म है। रक्तदान समाजसेवा का सर्वोत्तम माध्यम है। अब तक मानव रक्त को किसी भी प्रयोगशाला में नहीं बनाया जा सका है। इसलिए स्वैच्छिक रक्तदान ही रक्त-आपूर्ति का बेहतर उपाय है। उसने कहा कि रक्तदान से काफी प्रसन्नता एवं संतुष्टि हो रही है कि उनका रक्त जरूरतमंदों की जान बचाएगा।
सीएम कॉलेज, दरभंगा के स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र अनुभव चक्रवर्ती ने कहा कि हमारे अस्पतालों में प्राय: रक्त की कमी रहती है, जिससे गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों को काफी कठिनाई होती है। जागरूकता की कमी के कारण बिहार में रक्तदान का प्रतिशत अभी भी काफी कम है। इस कमी को दूर करने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए तथा स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना चाहिए।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद्, विद्यापति शाखा, दरभंगा के सचिव डॉ आरएन चौरसिया, स्वयंसेवक प्रकाश कुमार झा, ब्लड बैंक के सहायक अनिल कुमार पोद्दार, नसीरुद्दीन आदि उपस्थित रहे।
मुरारी ठाकुर