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दरभंगा बिहार अपडेट

5 सितंबर : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

एबीवीपी ने चलाया सदस्यता अभियान

दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महारानी कल्याणी महाविद्यालय इकाई द्वारा सदस्यता अभियान कॉलेज सह प्रभारी शुभम कुमार झा के नेतृत्व में चलाया गया।

इस अवसर पर शुभम कुमार झा ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सदस्यता अभियान इस महाविद्यालय में पूरे जोर-शोर से चला है, दुनिया की सबसे बड़ी छात्र संगठन से जुड़ने को लेकर आम छात्रों में भी उत्साह है, ज्ञान ,शील ,एकता के मूल मंत्र के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में आम छात्र जुड़ रहे हैं।

वही इस अवसर पर महाविद्यालय छात्र संघ उपाध्यक्ष गौतम कुमार झा ने कहा कि संगठन की सबसे बड़ी पर्व सदस्यता अभियान है, संगठन के उद्देश्यों को लेकर हम लोग छात्रों के बीच रख रहे हैं ,और छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं, इस वर्ष महारानी कल्याणी महाविद्यालय में भी प्रतिदिन सैकड़ों छात्र संगठन के साथ जुड़ रहे हैं , और सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं संगठन से जुड़ के कार्य करने की सबसे बड़ी लाभ छात्रों को परिसर के अंदर की समस्याओं को न सिर्फ उठा सकते है, बल्कि उसके समाधान के साथ छात्र हित , राष्ट्रहित में कार्य करने का भी संगठन के माध्यम से अवसर प्राप्त होता है।

इस सदस्यता अभियान में नीतीश कुमार, वैभव कुमार, अजय कुमार, प्रिंस कुमार, आनंद कुमार झा के साथ अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

शिक्षक दिवस पर सम्मान सह प्रोत्साहन कार्यक्रम का आयोजन

दरभंगा : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में आज गांधी सदन के सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान सह प्रोत्साहन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शूरुआत दीप  प्रज्वलन एवं पुष्प गुच्छ माननीय कुलपति महोदय को देकर किया गया। अपने अध्यक्षीय उद्धबोधन में कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि शिक्षक दिवस केवल शिक्षकों के लिए नही होता है बल्कि शिक्षा से जुड़े तमाम लोगों के लिए होता है चाहे शिक्षक हो या गैर शिक्षक । इस अवसर पर निदेशालय ने शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सम्मान एवं प्रोत्साहन देकर सराहनीय कार्य किया। इस प्रकार के सम्मान एवं प्रोत्साहन से न केवल सम्मान प्राप्त करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहन मिलता है बल्कि दूसरे कर्मी भी इसके द्वारा प्रेरित होते है। कुलपति ने कहा कि जब मैं विश्वविद्यालय में आया था तो दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के लिए एक लाख नामांकन का लक्ष्य अनायास ही रखा था। लेकिन मुझे खुशी है कि इस समय पचासी हज़ार नामांकन है और हम उस लक्ष्य के बहुत ही करीब है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में निश्चय ही निदेशालय के सभी कर्मियों का योगदान है वे सभी बधाई के पात्र है। कार्यक्रम के प्रारंभ में निदेशक प्रो. सरदार अरविंद सिंह ने कुलपति महोदय एवं आगंतुकों का स्वागत किया । अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर के वृद्धि में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ल.ना. मिथिला विश्वविद्यालय का बहुत बड़ा योगदान है । निदेशालय में जुलाई 2019 सत्र में 30000+ से अधिक नामांकन हुए है जो एक रिकॉर्ड है। इस उपलब्धि में निदेशालय सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों का भरपूर योगदान रहा है। निदेशालय उनके प्रति कृतज्ञ है। इसलिए शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान सह प्रोत्साहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षकों में डॉ. विजय कुमार, उपनिदेशक, डॉ. अरविंद कुमार मिलन, डॉ. शम्भू प्रसाद, डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र, डॉ. सुबोध कुमार, सुश्री निधि वत्स, डॉ. शुभ्रा, डॉ. किरण कुमारी, डॉ. सगुफ़्तह जबीन,

डॉ. स्वर्णरेखा, श्री शुभग लाल दास, डॉ. शैलजा, श्री मिर्जा रुहिल्ला बेग, श्री ज्ञान प्रकाश तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर निदेशालय कर्मी जयशंकर चौधरी, सुनील पासवान, कृष्ण कुमार, मुकुंद कुमार झा, राजेश कुमार एवं शिक्षकों में डॉ. शम्भू प्रसाद, डॉ. अरविंद मिलन, डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र, डॉ. शगुफ्ताह जबीन, डॉ. किरण कुमारी को सम्मानित किया गया। मंच संचालन डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अरविंद कुमार मिलन ने किया।

मिथिला विश्वविद्यालय को मिले केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा : गोपाल जी ठाकुर

दरभंगा : सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मिथिला की पहचान और शान पाग, पान और मखान को लेकर दिल्ली पहुंचे है और अगला कदम मिथिला विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाना होगा। उक्त बातें उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि दिसंबर माह तक दरभंगा से हवाई सेवा प्रारंभ हो जाएगी। राज मैदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल मैदान बनवाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षाकर्मियों के आर्थिक समाधान के बिना सम्यक् शिक्षा की बात बेमानी होगी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि परिवर्तन के अनुरूप शिक्षण और शिक्षा में परिष्कार तो होना चाहिए, वैश्विक भी होना चाहिए। लेकिन जड़ें भारतीय होनी चाहिए। इस संदर्भ में महात्मा गांधी का दर्शन आज भी प्रासंगिक है।

समारोह के मुख्य अतिथि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रामेश्वर सिंह ने गांधीजी के शिक्षा दर्शन और समकालीन चुनौतियों पर गंभीर विमर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी सबके लिए शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने के हिमायती थे। गांधीजी श्रम की महत्ता की बात करते थे, हुनर पर जोर देते थे, लेकिन अक्षर ज्ञान को पर्याप्त नहीं मानते थे।

गांधी जी का शिक्षा दर्शन और समकालीन चुनौतियाँ विषयक आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विधायक संजय सरावगी ने कहा कि संशय और कठिनाई में जो शिक्षा आत्मसम्मान और विश्वास जगाए वही सार्थक है। संगोष्ठी का विषय प्रवेश करते हुए इतिहासकार डॉ धर्मेंद्र कुंवर ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्लेटो से तुलना करते हुए कहा कि डा राधाकृष्णन ने शिक्षा को इसी रूप में लिया जो हमारे अन्दर सदगुन, कौशल की क्षमता का विकास करें। आगत अतिथियों का स्वागत प्रति कुलपति प्रोफेसर जयगोपाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ चन्द्रभानु प्रसाद सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन सीसीडीसी. डॉ मुनेश्वर यादव ने किया। कार्यक्रम का आरंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ। छात्राओं ने स्वागत गान ‘मंगलमय दिनु आज हे पाहुन छथि आयल’ प्रस्तुत किया। आगत अतिथियों ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा निवेदित की। शिक्षक दिवस के अवसर पर गत सितंबर से अद्यतन सेवा निवृत्त कुल बाईस शिक्षकों में से उपस्थित तेरह शिक्षकों को पाग, चादर और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। महामहिम राष्ट्रपति के कर कमलों से हाल में ही सम्मानित होने वाले डॉ रामजी ठाकुर जो गत सदी के नब्बे के दशक में इसी विश्वविद्यालय से सेवा निवृत्त हो चुके हैं, को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय विभागों के अध्यक्ष, संकायाध्यक्ष, पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

दरभंगा : महरानी अधिरानी रमेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया गया। महाविद्यालय के राष्ट्रिय सेवा योजना इकाई के अधिकारी डाॅ मुकेश प्रसाद निराला के संयोजकत्व में इस कार्यक्रम को किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य के साथ सभी सहायक प्राचार्य  कर्मचारी छात्र व छात्रा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए एन एस एस पदाधिकारी डाॅ निराला ने इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण वताते हुए कहा कि यह दिवस सभी अध्यापको के लिए प्रेरणारूपी माना जाता है प्रत्येक शिक्षको को अपने कर्तव्यो के लिए प्रेरित करने के साथ ही याद भी  दिलाता है कि समाज को आगे ले जाने में शिक्षको की भूमिका अहम होता हैं यह उक्ति भारत के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का है। महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डाॅ बागीश कुमार मिश्र ने अपने विचारो को प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिक्षकों की भूमिका समाज में अन्यतम होता हैं। समाज को नयी ऊर्जाओं के साथ विकसित करना अपने लक्ष्यों को प्राप्ति करना सभी को समादर करना अपनी अहमियता को जानना आदि जितने भी गुणग्राहिता रूपी काम उपलब्ध हैं उसको भलीभाति समझते हुए समझाना शिक्षको की जिम्मेदारी होती हैं। आज की शिक्षा में अर्थ की ही प्रधानता रहती हैं क्योंकि अभी का समय अर्थप्रधानयुग के रूप में परिलक्षित है इस तरह की उक्ति को जो भी व्यक्त करते हैं वो गलत नही करते हैं परन्तु अर्थ की प्रधानता सभी समय में रहा हैं और रहेगा भी। हम अपने वच्चो को अर्थोपार्जन के लिए मानवीय शिक्षा देना भूल रहे हैं इसके लिए वच्चो का अभिभावक तथा किसी न किसी रूप में शिक्षक भी दोषी हैं इसी के लिए आज हमारा समाज असुरक्षित होता जा रहा हैं। जव तक शिक्षा का उद्देश्य सद्भावना से नही जुड़ेगा तव तक हम कुपोषित होते  ही रहेंगे। अतः सभी शिक्षकों का यह मौलिक कर्तव्य वनता है कि वच्चों को वास्तविक शिक्षा देने के साथ मौलिक शिक्षा, नीति शिक्षा, आदि देना आवश्यक हैं। वस्तुतःयही हमारी संस्कृति भी रही हैं और अपनी संस्कृति की रक्षा करना भी शिक्षानीति ही हैं। अतः सभी शिक्षको को अपने आचरणो के द्वारा प्रेरित करना होगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के सहायक प्राचार्य डाॅ विश्वनाथ वनर्जी, डाॅ विवेकानन्द पासवान, डाॅ श्रीकान्त तिवारी, डाॅ विजय कुमार मिश्र, डाॅ मैथिली कुमारी, डाॅ प्रमोद कुमार मिश्र, डाॅ राज किशोर मिश्र आदि नें भी अपने अभिप्राय को व्यक्त किया वहुत ही विलक्षण दृष्टान्तो के साथ। महाविद्यालय के छात्र मोनु कुमार मिश्र ने सभी गुरुओं के प्रति प्रणाम निवेदन करते हुए कहा कि वर्तमान काल में जो गुरुजीलोग अर्थ के विना पढाना नही चाहते हैं। यहा तक कि वच्चो में वहुमुखी प्रतिभा रहने पर भी वह आदर नही करते है वच्चो को। इसीलिए वे वच्चे अपने गुरु के प्रति समर्पित नही हो पाते। परन्तु संस्कृत जगत इस क्षेत्र में अन्य वच्चो की अपेक्षा वहुत ही भाग्यशाली माने जाते रहे है और भाग्यशाली माने जाते रहेंगे। छात्रो की भूमिका में मुकेश अंकित रवि भास्कर दीपांशु अभिनन्दन अभिनव आदि अत्यन्त सचेष्ट रहे। महाविद्यालय के सहायक व विश्वविद्यालय के सीनेटर पंकज मोहन मिश्र तथा अन्य सदस्य गण के साथ कर्मचारी मनोज राम आदि भी उपस्थित रहे।

सफलता के लिए अनुशासन, समयपालन, कठिन मेहनत तथा धैर्य जरूरी : कुलपति

दरभंगा : शिक्षा-प्राप्ति का उद्देश्य मात्र जानकारी हासिल कर जीविकोपार्जन करना ही नहीं है, बल्कि प्राप्त ज्ञान का समाजहित में सकारात्मक उपयोग आवश्यक है। प्रयोग के बिना ज्ञान अधूरा है। समाज के दूसरे व्यक्तियों के साथ तारतम्यता बैठाना तथा वातावरण से तालमेल बनाए रखना ही ज्ञान का सदुपयोग है। हमारी ज्यादा जिम्मेदारी है कि हम सब अपने समाज और राष्ट्र को निरंतर आगे बढ़ाएं। यूं तो शिक्षारंभ व्यक्ति के जन्म के साथ ही प्रारंभ हो जाता है, पर यहां स्नातक एवं स्नातकोत्तर का दीक्षारंभ अपना विशेष महत्त्व रखता है। उक्त बातें मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह ने सीएम कॉलेज, दरभंगा के कर्पूरी-ललित भवन में स्नातक प्रथम खंड तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने नव नामांकित छात्र-छात्राओं का विश्वविद्यालय की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय विश्वविद्यालय में ही नहीं, वरन प्रदेश में भी अव्वल है। शिक्षक दिवस के अवसर पर दीक्षारंभ की शुरुआत सुखद लग रहा है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए छात्रों से कहा कि आप बड़े भाग्यशाली हैं कि आपका नामांकन इस प्रतिष्ठित महाविद्यालय में हुआ है। इस महाविद्यालय ने अनेकानेक उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें प्रधानाचार्य के साथ ही यहां के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। बेहतर भविष्य हेतु छात्रों एवं शिक्षकों को कदम से कदम मिलाकर चलना आवश्यक है। यहां छात्र विभिन्न क्षेत्रों से पढने आते हैं, जिन्हें कॉलेज की विशेष जानकारी, इसके उद्देश्यों, उपलब्धियां तथा सुविधाओं के बारे में विशेष जानकारी इन 6 दिनों के कार्यक्रम में मिलेगी। उन्होंने समय का सम्मान करते हुए उसके सदुपयोग का छात्रों से आह्वान किया। कुलपति ने महाविद्यालय की उपलब्धियों की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए छात्रों से कहा कि अनुशासन, समयपालन, कठिन मेहनत तथा धैर्य ही जीवन में सफलता दिलाता है। अंत में उन्होंने सभी नव नामांकित छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल एवं मंगलमय भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि आज सी एम कॉलेज में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। वर्तमान कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय कि न सिर्फ तस्वीर,बल्कि तकदीर भी बदल रही है। परीक्षाओं का नियमितीकरण हो, दीक्षांत समारोह का आयोजन हो, नैक मूल्यांकन हो या इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन हो, सबमें मिथिला विश्वविद्यालय प्रदेश में आगे आ रहा है। प्रधानाचार्य ने कुलपति को आश्वस्त किया कि हमारा महाविद्यालय विश्वविद्यालय,सरकार तथा यूजीसी के सभी निर्देशों  को पूरा करने में हमेशा आगे रहेगा। उन्होंने कहा कि छात्र नियमित रूप से समय पर वर्ग में उपस्थित हो तो वे न सिर्फ डिग्री प्राप्त करेंगे, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान के साथ समाज से भी जुड़ेंगे। महाविद्यालय का नेट, बीपीएससी,सीटेट आदि का अल्पसंख्यक कोचिंग छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहा है। यह महाविद्यालय सांस्कृतिक गतिविधि, खेलकूद, एनएसएस तथा एनसीसी में हमेशा आगे रहा है। कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। छात्र शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही अच्छा इंसान बन सकते हैं। प्रधानाचार्य ने कहा कि महाविद्यालय के पुस्तकों का बारकोडिंग किया गया है। यहां का लाइब्रेरी ई-लाइब्रेरी बन चुका है। छात्र कहीं से भी पुस्तकालय का लाभ उठा सकते हैं। छात्र महाविद्यालय के नियमों का पालन करें तथा नियमित रूप से वर्ग आएं। अन्यथा उनका नाम काटकर उनके घर सूचनार्थ भेज दिया जाएगा।

इस अवसर पर कुलपति ने हाल ही में अवकाश प्राप्त महाविद्यालय के दो शिक्षकों डॉ मोहम्मद मोहसीन, समाजशास्त्र विभाग तथा डॉ विजय कुमार झा,गणित विभाग को पार्क,चादर तथा माला पहनाकर सम्मानित किया। प्रधानाचार्य ने पाग, चादर तथा शिशु पौधा प्रदान कर कुलपति का स्वागत किया। कार्यक्रम में सभी शिक्षक,शिक्षकेतर कर्मी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।डॉ आर एन चौरसिया के निर्देश पर एनएसएस के 20 स्वयंसेवक तथा एनसीसी के 20 कैडेट मो अशलम,शालू कुमारी तथा संतोष कुमार के नेतृत्व में अपना सराहनीय योगदान किया।कार्यक्रम का संचालन करते हुए अंग्रेजी विभागाध्यक्षा प्रोफेसर इंदिरा झा ने महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत  चर्चा करते हुए बताया कि अब तक इस सत्र में 3346 छात्र-छात्राओं ने स्नातक प्रथम खंड में तथा 1680 स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में नामांकन लिए हैं।आगत अतिथियों का स्वागत शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र शर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सचिव प्रो नारायण झा ने किया।

मुरारी ठाकुर