पिछले दस वर्षों से विकास से अछूता रहा तरैया : संगम बाबा
सारण : छपरा, इसुआपुर लगभग पिछले दस सालों से तरैया की विकास की गति रुक गई है। तरैया के विकास के पहिया को आगे बढ़ाने के लिए अब तरैया के जनता को शिक्षित, युवा, व समाज के प्रति समर्पण का भाव रखने वाले को ही जनता का सेवा करने का मौका दे।
उक्त बातें मुखिया संगम ने इसुआपुर के रामचौरा पंचायत के बंगरा गाँव व तरैया के नन्दनपुर, रामबाग, गंडार व नेवारी समेत आधा दर्जन गांवों में डोर टू डोर जनसम्पर्क करने के दौरान कही। वही संगम बाबा ने बताया की मेरा डोर टू डोर जनसंपर्क करने का मुख्य कारण है कि मैं जब-तक लोगों के समस्या को भली-भांति नहीं समझूंगा तब-तक उसका निराकरण नहीं हो पायेगा।इसीलिए मेरा प्रयास है, समाज के सभी वर्गों के पास पहुँचकर उनके समस्या का समाधान करू। मौके पर राजकुमार सिंह, परवेज़ आलम, अनुज सिंह, भिखारी सिंह, मुन्ना राम, धीरज राम, मैनेजर राम, बहादुर राम, गणेश राम, धर्मेंद्र राम, धर्मेन्द्र सिंह, दिनेश सिंह, मनु सिंह, गुड्डू यादव, मुन्ना गिरी मौजूद थें।
केदारनाथ पांडेय के समर्थन में शिक्षकों ने घर-घर किया संपर्क
सारण : छपरा, माध्यमिक शिक्षक संघ के सदर अनुमंडल सचिव सुजीत कुमार के नेतृत्व में शिक्षक नेताओं की एक जत्था बीएसटीए अध्यक् सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी केदारनाथ पांडे के समर्थन में शिक्षकों के घर-घर जाकर प्रथम वरीयता का मत के लिए संपर्क किया गया।
संपर्क के दौरान तमाम नियोजित शिक्षक सरकार समर्थित एनडीए के प्रत्याशी के विरोध में एकजुट होकर अपने आक्रोश को साझा किया एवं तमाम शिक्षक साथियों ने बिहार सरकार के विरुद्ध लड़ने वाले प्रत्याशी को विजई बनाने के लिए संकल्पित हुए एवं तमाम नियोजित शिक्षकों ने बिहार सरकार के समर्थित एनडीए प्रत्याशी को एक स्वर में ध्वनिमत से हराने का संकल्प लिया एवं सभी नियोजित शिक्षक साथियों से अपील किए की अपने स्तर से घूम घूम कर शिक्षक साथियों के आवास पर मिलकर बताएं कि हम सभी बिहार के तमाम नियोजित शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में बीएसटीए को मजबूत करते हुए एनडीए घटक दल के प्रत्याशी को हराने का संकल्प लिया है।
सदर अनुमंडल सचिव के साथ शिक्षक नेता कुमार अर्णाज प्रकाश कुमार सिंह नागेंद्र सिंह प्रखंड सचिव सुनील कुमार मनोज कुमार शर्मा मनोज कुमार गुप्ता हिम्मत सिंह यादव सत्येंद्र पांडे आदि शिक्षक नेता शामिल थे।
कम हो रही कोरोना मरीजों की संख्या पर सावधानी अभी भी जरुरी
सारण : छपरा, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। मरीजों के ठीक होने की संख्या में भी बढ़ोतरी रही है। लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। इसलिए मास्क का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाता तब तक सुरक्षा व सर्तकता हीं कोरोना का बेहतर इलाज है। घर पर साफ कपड़े से भी थ्री लेयर मास्क तैयार किया जा सकता है। संक्रमण रहित लोगों के लिए यह घरेलू मास्क सुरक्षित है। कपड़े को तीन बार फोल्ड कर रबर बैंड और पिन की सहायता से यह मास्क बनाया जा सकता है।यह मास्क हवा में मौजूद अन्य बैक्टीरिया से भी बचाव कर सकता है।
मास्क का सही डिस्पोजल बेहद जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा बाजार में बिक रहे थ्री लेयर मास्क व एन 95 सहित अन्य मास्क का एक निश्चित चक्र होता है। इससे अधिक समय तक लगाने पर यह खतरनाक साबित हो सकता है। एन 95 मास्क भी लगभग दो से तीन दिनों तक उपयोग के बाद डिस्पोज करना जरूरी है। वातावरण में कई तरह के वायरस संचरण करते हैं। ऐसे में अधिक दिनों तक यह मास्क लगाने से उसमें ये वायरस इकट्ठा हो सकते हैं, जो सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। सामान्य तौर पर कोई व्यक्ति इन मास्क को घर में कहीं भी रख देता है लेकिन इसका सही निस्तारण जरूरी है।
सैनिटाइजर नहीं तो साबुन से धोएं हाथ:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि बाजार में हर कोई सैनिटाइजर खरीदना चाह रहा है, जिससे इसके दाम भी बढ़ गए। लेकिन साबुन से भी हाथ धोकर कोरोना वायरस सहित अन्य वायरस से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए जो तरीका बताया गया है उसी के अनुसार साबुन से हाथ धोने चाहिए। लोगों को स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आप भीड़ वाली जगह जाने से बचें। हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें। घर से जाते समय या आने पर साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। कपड़े साफ पहनें। इन बातों का ध्यान रखकर भी बचाव किया जा सकता है।
इस तरह से बनाएं रूमाल से मास्क:
स्टेप 1 – एक साफ रूमाल या मोटा कपड़ा लें।
स्टेप 2 – उसके अंदर एक टिश्यू पेपर रखें।
स्टेप 3 – फिर रूमाल को तीन बार फोल्ड करें।
स्टेप 4 – दोनों कोनों पर रबर बैंड लगाएं।
स्टेप 5 – रबर बैंड की जगह से फोल्ड कर पिन लगाएं।
कोरोना काल में भी नवजात शिशुओं का रखा जा रहा विशेष ख्याल
सारण : छपरा, वैश्विक महामारी कोरोना संकट में भी नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इसको लेकर एचबीएनसी (गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल) कार्यक्रम फिर से शुरू कर दिया गया है। क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर नवजात शिशुओं का देखभाल किया जा रहा है। शिशु के जन्म के 42 दिनों तक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर नवजात का ख्याल रख रही है और निगरानी कर रही हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छोटे बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार, समुचित विकास और बाल्यावस्था में होने वाली बीमारियों जैसे डायरिया, निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु से बचाव करना है। आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर माँ-बच्चे को स्वस्थ रखने, मां को खानपान के साथ साथ बच्चे को शुरू के छह माह तक केवल स्तनपान कराने, बच्चे को छूने से पूर्व हाथ धोने, बच्चा कहीं निमोनिया का शिकार तो नहीं हो रहा है आदि गतिविधियों की जानकारी दे रहीं हैं।
छह बार विजिट कर रहीं आशा कार्यकर्ता:
शिशु के जन्म के बाद आशा कार्यकर्ता छह बार विजिट करती हैं। शिशु के जन्म के पहले दिन फिर तीसरे दिन, 7वें दिन, 14 दिन, 21 दिन, 28वें दिन और 42 दिन विजिट कर रहीं हैं। स्तनपान के बारे में जानकारी दे रहीं है। बच्चे मां का दूध पर्याप्त ले रहा है या नहीं। छह माह अन्य आहार और पानी तक नहीं देना आदि के बारे में जानकारी दे रहीं है।
एमसीपी कार्ड के माध्यम से बच्चों के विकास की निगरानी:
सिविल सर्जन डॉ. माधेवश्वर झा ने बताया कोविड 19 के कारण कार्यक्रम बाधित हुआ था, जिसको पुनः शुरू किया गया है। इसमें आशा कार्यकर्ता द्वारा एमसीपी कार्ड के माध्यम से बच्चों के विकास पर नजर रखी जा रही है। प्रसव के समय कम वजन वाले शिशुओं की विशेष देखभाल की जा रही है। आशा कार्यकर्ता को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा तैयार किए जाने वाले वृद्धि एवं विकास निगरानी चार्ट पर नजर रखनी होती है। चार्ट पर बच्चे की आयु के आधार पर वजन और लंबाई दर्ज होता है। इसके अलावा टीकाकरण का भी पूरा लेखा जोखा रहता है। बीमारी से बचाव के उपायों की जानकारी शिशु की माता को देनी होगी और शिशु के बीमार पड़ने की स्थिति में समुचित चिकित्सा केंद्र में ले जाने की सलाह दी जाती है।
आशा कार्यकर्ता दे रहीं ये जानकारी:
• बच्चे को हमेशा गर्म रखना: बच्चों के सर एवं पैरों को हमेशा ढक कर रखना। बच्चों को ऐसे कमरे में रखना जहाँ तापमान नियत हो।
• नाल को सूखा रखना: नाल को सूखा रखें। इसपर कोई भी क्रीम या तेल का उपयोग नहीं करें स्तनपान से पहले एवं शौच के बाद हमेशा हाथ की धुलाई करना।
• खतरे के संकेत का पूर्व में पहचान करना: बच्चे का स्तनपान नहीं कर पाना, सांस लेने में दिक्कत, बच्चे के शरीर का अत्यधिक गर्म या ठंडा होना एवं बच्चे का सुस्त हो जाना ।
• जन्म के एक घन्टे के भीतर शिशु को स्तनपान कराना एवं 6 माह तक केवल स्तनपान कराना।
• नवजात देखभाल सप्ताह के दौरान फैसिलिटी से लेकर सामुदायिक स्तर पर इनके विषय में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण का डीएम ने किया निरीक्षण
सारण : छपरा, जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा विधान सभा निर्वाचन-2020 के अवसर पर मतदान कर्मियों के प्रथम चरण के प्रशिक्षण के आज दूसरे दिन बी सेमीनरी और राजपुत उच्च विद्यालय में चल रहे प्रशिक्षण कार्य का निरीक्षण किया गया। विधान सभा चुनाव को लेकर छपरा के छः केन्द्रां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था करायी गयी है जहाँ मतदान कर्मियों को मास्टर ट्रेनरों के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का आज दूसरा दिन था। प्रथम चरण का यह प्रशिक्षण 11 अक्टूबर तक चलेगा।
प्रशिक्षण की व्यवस्था बी0 सेमिनरी, सारण एकेडमी, राजपुत उच्च विद्यालय, एलएनबी उच्च विद्यालय, राजेन्द्र कालेजिएट एवं जिला स्कूल में करायी गयी। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के प्रांगण में वर्षात का पानी होने के कारण इस केन्द्र के प्रशिक्षणार्थियों को जिला स्कूल में ट्रेनिंग दी गयी। आज कुल 2720 मतदान कर्मियों को ट्रेनिंग दी गयी। इन सभी 6 ट्रेनिंग सेन्टरों पर डमी आदर्श मतदान केन्द्र भी बनाया गया है। जिलाधिकारी के द्वारा निरीक्षण के दौरान मतदान कर्मियों से अच्छे से प्रशिक्षण प्राप्त करने और सभी प्रपत्रां को ठीक तरह से भरने के विषय में सारी जानकारी प्राप्त कर लेने की बात कही गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि पीठासीन पदाधिकारी और पी-1 मशीनों को सही ढंग से जोड़ने और संचालित करने की प्रक्रिया हैण्डस आन ट्रेनिंग के द्वारा बार-बार सीख लें। जिलाधिकारी के द्वारा शहर स्थित कई मतदान केन्द्रों का भ्रमण कर वहाँ उपलब्ध एएमएफ की सुविधा की जानकारी प्राप्त की गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ सदर अनुमंडल पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थे।
भावी प्रत्याशी डॉ संजीव सिंह का प्रधान कार्यालय का हुआ उद्घाटन
सारण : छपरा, भगवान बाजार स्थित सिलसिला पैलेस में 118 छपरा विधानसभा के भावी प्रत्याशी डॉ. संजीव सिंह का प्रधान कार्यालय का उद्घाटन जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पूर्व पेंशनअधिकारी प्रो कामेश्वर सिंह ने फीता काटकर किया । इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ कामेश्वर सिंह ने कहा कि संजीव विद्यार्थी जीवन से हैं काफी मेहनती एवं समाजिक रहे है। इस अवसर पर अशोक कुमार सिंह, विश्वनाथ सिंह, अखिलेश कुमार सिंह ने सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि मैं छपरा का नेता नहीं, बेटा बनकर दिखाऊंगा, मैं सदैव आप सबके साथ खड़ा रहूंगा।
स्वागत भाषण विक्की आनंद ने, धन्यवाद ज्ञापन मुकुंद प्रसाद ने किया जबकि मंच संचालक मनोज संकल्प ने किया। इस अवसर पर अरुण कुमार सिंह, सुशील कुमार वर्मा, सुमन कुमार वर्मा, प्रोफेसर डॉ उदय शंकर ओझा सहित शहर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।