5 जुलाई : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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स्व-विकास में छात्रों की रूचि बढ़ी

दरभंगा : स्टूडेंट को स्व-विकास के लिए प्रेरित कर रहे एलएनएमयू प्रशासन अपने लक्ष्य में दिन-प्रतिदिन अग्रसर हो रहे हैं। आज संवाद कार्यक्रम में छात्रों की बढ़ी हुई संख्या यह दर्शा रही है कि छात्र ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेने को इच्छुक हैं। आज के कार्यक्रम में न केवल दरभंगा के छात्रों ने भाग लिया बल्कि मधुबनी जिला के छात्रों ने भी इस संवाद में भाग लिया। आज के टॉपिक में सबसे अच्छे स्पीच देने वालें सीएम साईन्स कॉलेज, दरभंगा के छात्र अनूप आनन्द को पुरस्कृत किया गया। छात्रों के विशेष आग्रह पर कुलपति के मार्गदर्शन में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय शुक्रवार को  पांचवी बार संवाद कार्यक्रम में छात्रों के बीच थे। नए छात्रों को कुलसचिव ने MITHLA शब्द के वर्णात्मक विश्लेषण कर समझाया। साथ ही STRENTH, WEAKNESS, OPPORTUNITY, THREAT (SWOT) Analysis के बारे में विस्तार से समझाया।

7 जुलाई को पटना में जुटेंगे संस्कृत अनुरागी

दरभंगा : लोक संस्कृति में गहरी रुचि रखने वाले तमाम लोगों खासकर संस्कृत अनुरागियों के लिए एक बेहद ही खुशी व मनोबल बढ़ाने वाली खबर यह है कि अब कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय 07 जुलाई रविवार को राजभवन, पटना के राजेन्द्र मंडप में शास्त्रार्थ कराने जा रहा है। एकदम विलुप्त हो चुकी शास्त्रार्थ परम्परा को जीवित करने का हरसम्भव प्रयास कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों से यहाँ जारी है। अब इसका विस्तार स्वरुप राजभवन में देखने को मिलेगा। कार्यक्रम हर एंगिल से ऐतिहासिक हो इसकी भरपूर कोशिश की जा रही है और आठ सदस्यीय आयोजन समिति के सभी सदस्य कार्यक्रम को फाईनल टच देने में जी-जान से जुटे हुए हैं।

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उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि राजभवन में विश्वविद्यालय द्वारा इतने व्यापक स्तर का यह पहला कार्यक्रम है और इसी मौके पर विश्वविद्यालय के पञ्चाङ्ग का भी विमोचन कराया जाएगा। महामहिम कुलाधिपति पांच बजे अपराह्न कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

राजभवन में जुटेंगे संस्कृतानुरागी

07 जुलाई को रजभवन में कई ख्याति प्राप्त संस्कृत विद्वानों का जमावड़ा रहेगा। सभी शास्त्रार्थ कार्यक्रम के गवाही बनेंगे। विश्वविद्यालय मुख्यालय में आयोजित होते रहे शास्त्रार्थ कार्यक्रमों से पटना में सम्पादित होने वाला कार्यक्रम बिल्कुल ही अलग होगा। कुल मिलाकर मिथिला, काशी एवं  दक्षिण परम्परा के अनुसार राजभवन में शास्त्रार्थ होगा। मिथिला परम्परा में शास्त्रार्थी होंगे व्याकरण के विद्वान प्रो0 सुरेश्वर झा एवं प्रो0 शशिनाथ झा। इसी तरह काशी परम्परा पर होने वाले शास्त्रार्थ में वाराणसी के दोनों विद्वान प्रो0 वशिष्ठ त्रिपाठी एवं प्रो0 रामपूजन पांडे भाग लेंगे। वहीं दक्षिण परम्परा में होने वाले कार्यक्रम में प्रो0 श्रीपाद सुब्रमण्यम एवम प्रो0 पीआर वासुदेवन शास्त्रार्थ करेंगे। मौके पर पूरे सूबे के संस्कृत कालेजों के सभी कर्मी मौजूद रहेंगे। साथ ही सीनेट, सिंडिकेट से मान्य सदस्यों के साथ साथ सभी कुलपतियों के अलावा जनप्रतिनिधिगण एवं अन्य गणमान्य वुद्धिजीवी भी आमंत्रित किये गए हैं।

अनुवादक की भी की गई है व्यव्यस्था

संस्कृत में सम्पादित होने वाले शास्त्रार्थ में हुई चर्चा को आमजन भी आसानी से समझ सके इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। कार्यक्रम के संयोजक प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार मिथिला परम्परा के लिए डॉ गणेश्वरनाथ झा, काशी परम्परा के लिए दिल्ली के डॉ महेश झा एवं दक्षिण परम्परा के लिए डॉ प्रियव्रत मिश्र अनुवादक की भूमिका में रहेंगे। वहीं पूरे कार्यक्रम का पर्यवेक्षण करेंगे संस्कृत विश्वविद्यालय, नागपुर के कुलपति प्रो0 श्रीनिवास बरखेड़ी।

विलुप्त परम्परा को जीवित करने का प्रयास : वीसी

कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा ने कहा कि शास्त्रार्थ परम्परा में मिथिला का बड़ा धाक था। अब इस विलुप्त हो चुकी परम्परा को नया जीवन देने के लिए ही उन्होंने महामहिम के समक्ष शास्त्रार्थ करने की ठानी और उसपर महामहिम ने कृपापूर्ण सहमति भी दे दी। बड़े पटल पर आयोजन से इस परम्परा को बेशक शक्ति मिलेगी और आमजन भी इसकी व्यापकता से सीधे रूबरू होंगे। उन्होंने कहा कि इस पौराणिक परम्परा को वर्तमान सन्दर्भों में समझने व समझाने का प्रयास किया जाएगा।

44वे इसरो आईआईआरएस कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने इस वर्ष पूरे बिहार में आईआईआरएस आउटरीच डिस्टेंस लर्निंग की सुविधा शुरू करने का गौरव प्राप्त किया है। अप्रैल में शुरू हुआ पहला कोर्स रिमोट सेंसिंग तथा जीआईएस जैसे आधुनिक तकनीक पर केंद्रित था।

यह विभाग का एक अनोखा तथा अभिनव प्रयास है जिसमें विद्यार्थियों को इंटरनेट के माध्यम से आईआईआरएस इसरो देहरादून के वैज्ञानिकों द्वारा सीधा प्रसारण कर शिक्षा दी जा रही है।

कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह के कुशल मार्गदर्शन में 44वे इसरो आईआईआरएस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

डॉ मनु राज शर्मा ने बताया की 22 अप्रैल से 26 अप्रैल तक संचालित विधिवत कार्यक्रम ‘भूस्खलन तथा भूकंप के क्षेत्रीकरण, मापन तथा भविष्य रूपरेखा’ पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में छात्रों को सुदूर संवेदन की तकनीक द्वारा भूस्खलन तथा भूकंप को मापने तथा भविष्य में संभावित घटनाक्रमों की शिक्षा दी गई।

इस पाठ्यक्रम की ऑनलाइन परीक्षा विश्वविद्यालय भूगोल विभाग, एलएनएमयू, दरभंगा में जुलाई 4 मई, 2019 को आयोजित की गई। इस परीक्षा का सफल संचालन हुआ तथा इस परीक्षा में में कुल 11 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए। विश्वविद्यालय भूगोल विभाग, एलएनएमयू ने बिहार राज्य का पहला विभाग होने का गौरव प्राप्त किया है जिसमें नवीन तकनीक ‘रिमोट सेंसिंग तथा जीआईएस’ पर आईआईआरएस इसरो द्वारा सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। इस उपलब्धि पर विभागाध्यक्ष डॉक्टर जयानंद मिश्र ने कुलपति महोदय को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा तथा सभी छात्रों को बधाई दी। छात्रों को डिजिटल सर्टिफिकेट एक माह के भीतर आईआईआरएस-इसरो, देहरादून से प्राप्त होगा। इस उपलब्धि पर विभाग के शिक्षक डॉ. अनुरंजन तथा डॉ. गौरव सिक्का ने छात्रों को बधाई दी है।

कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. मनु राज शर्मा ने जानकारी दी कि इस प्रकार के कार्यक्रम का लाभ विभाग आगामी शोध कार्य तथा मिथिलांचल के भौतिक क्षेत्रीय अध्ययन में उठाएगाl  विभाग आगामी वर्ष में दूर संवेदन तथा जीआईएस पर आधारित डिप्लोमा कोर्स के परिचालन के लिए प्रयासरत हैI  इसरो द्वारा प्रक्षेपित आगामी कोर्स ‘वायु प्रदूषण’ पर आधारित है जो वर्ष के अगस्त माह में प्रारंभ होगा।

सर्जना शिविर में सफल विद्यार्थी हुए सम्मानित

दरभंगा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् दरभंगा द्वारा एमआरएम महाविद्यालय में आयोजित सर्जना निखार शिविर का समापन समारोह किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर बिहार के प्रांत प्रचारक राम कुमार, विशिष्ट अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलानुशासन प्रो अजीत कुमार चौधरी, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अरविंद कुमार झा, कार्यक्रम व्यवस्था प्रमुख गृह विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ कन्हैया चौधरी, कार्यक्रम संयोजक निशा शरण सिन्हा, प्रो संतोष कुमार झा, अनुराधा श्रीवास्तव, विद्यार्थी परिषद दरभंगा मधुबनी के विभाग संगठन मंत्री हेमंत कुमार झा सभी अतिथियों ने एक साथ स्वामी विवेकानंद एवं सरस्वती माता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किए। वहीं मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर बिहार के प्रांत प्रचारक राम कुमार ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा आयोजित सर्जना निखार शिविर गर्मी छुट्टी के माह में छात्राओं के एक लिऐ एक अच्छा प्रशिक्षण शिविर लगाया जाता है। यहा से छात्राओं विभिन्न विषयो का प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि छात्र कल का नहीं अपितु आज का नागरिक है वह केवल शैक्षणिक जगत का घटक ही नहीं वरन् देश का एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं।

वहीं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्रों में छुपी हुई विविध प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाली गतिविधियों महाविद्यालयों में बढ़ाने का प्रयास के साथ ही स्वयं अपनी इकाइयों द्वारा सर्जना निखार शिविर एस्से विभिन्न कार्यक्रम चलाकर छात्र-छात्राओं एवं समाज को बढ़ाने का कार्य करती है।

वहीं कार्यक्रम व्यवस्था प्रमुख गृह विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ कन्हैया चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित सर्जना निखार शिविर में छात्राओं को लगभग 15 विषयो का एक माह तक प्रशिक्षण शिक्षकों के द्वारा सभी विषयों में दिया गया। यहा से लगभग सैकड़ो छात्राओ आपनी अर्थीक उपाजन किया है।

वही दरभंगा मधुबनी के विभाग संगठन मंत्री हेमंत झा ने छात्राओं को संबोधित करते हुऐ कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् भारत का एक ऐसा छात्र संगठन स्थापित हुआ। वही स्वागत भाषण कार्यक्रम प्रमुख पूजा झा कर रही थी उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सर्जना निखार शिविर दरभंगा विद्यार्थी परिषद छात्रा इकाई के द्वारा विगत 14 वर्षों से यह कार्यक्रम होता आ रहा है इस बार भी कार्यक्रम जून माह मे महाविद्यालय में आयोजन किया गया। उन्होंने बताया 9 जुलाई, 1994 को विधिवत एक छात्र संगठन के रूप में पंजीकृत हुआ। स्वाधीनता के साथ साथ देश के सर्वोगीण विकास की चुनौती भी खड़ी हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों इस कार्यक्रम में आने के लिए स्वागत क्या।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अरविंद कुमार झा ने कहा कि सर्जना निखार शिविर से छात्राओं एक समाज को नई दिशा देने की कार्य करेगी। इस महाविद्यालय में शिविर आयोजन करने के लिए विद्यार्थी परिषद् को धन्यवाद दिये। उन्होंने बताया छात्रा आज समाज एवं देश के विभिन्न क्षेत्र में बढ़-चढ़कर विभिन्न कार्य में भाग ले रही है ऐसे ऐसे कार्यक्रम महाविद्यालय विश्वविद्यालय में समय-समय पर आयोजित होना चाहिऐ इससे छात्राओं को स्वावलंबी आत्मनिर्भर बनने सके

इस कार्यक्रम के संचालन अंजली कुमारी, धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम साह प्रमुख सोनम सिंह ने किया इस कार्यक्रम में प्रत्येक विषयों मे प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाने वाले छात्राओं को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। जैसे मेहंदी में प्रथम पूर्णिमा सोनाली, द्वितीय राखी शर्मा, तृतीय मोनिका कुमारी, इंग्लिश स्पोकन में प्रथम काजल शर्मा, द्वितीय अनामिका कुमारी, तृतीय अंजू कुमारी, ब्यूटीशियन में प्रथम निक्की कुमारी, द्वितीय कुमारी अनुप्रिया, तृतीय निशा कुमारी, पत्रकारिता में प्रथम त्रिपुरा कुमारी, द्वितीय प्रिया सिंह, तृतीय ज्योति कुमारी, कंप्यूटर में प्रथम अनू कुमारी, द्वितीय अंजली कुमारी, तृतीय स्वाति कुमारी, मिथिला पेंटिंग में प्रथम वंदना कुमारी, द्वितीय चन्दा कुमारी, तृतीय अनु कुमारी, ड्रेस डिजाइनिंग में प्रथम पूजा कुमारी, द्वितीय अंजली कुमारी, तृतीय अनूपम कुमारी, फाईन आर्ट मे प्रथम प्रिया कुमारी, द्वितीय अंजली कुमारी,  तृतीय अन्नु  राजपूत

वही ग्रुप नृत्य में डोली कुमारी, काजल कुमारी, नेहा कुमारी, पूजा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी ने प्रस्तुत किया चंदा कुमारी ने प्रस्तुत किया।

इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयो का प्रशिक्षक राम विनोद ठाकुर,   प्रतिभा झा, प्रियंका कुमारी, राजू कुमार, देव सिंह, दोयल मोना इत्यादि शिक्षका उपस्थित थे।

वही इस कार्यक्रम को सफल संचालन में कार्यक्रम प्रमुख पूजा झा, सह प्रमुख सोनम सिंह,  कार्यकारिणी सदस्य अभिलाषा कुमारी, प्रीति कुमारी, आरती कुमारी, कमला कुमारी, काजोल कुमारी, पूजा कुमारी, सोनी कुमारी इत्यादि कार्यकर्ता सफल संचालन किया।

मुरारी ठाकुर

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