अररिया में शिक्षक दंपती से एक लाख की लूट
अररिया : अररिया थाना से महज सौ मीटर की दूरी पर बाइक सवार दो अपराधियों ने शिक्षक दंपती से एक लाख रुपये लूट लिये और फिल्मी अंदाज में चलते बने। शिक्षक दंपती का नाम शिक्षक विनोद वैश्यन्त्री एवं शिक्षका किरण कुमारी बताया जाता है।
विनोद प्रखंड अंतर्गत समौल मध्य विद्यालय के शिक्षक हैं, जबकि किरण कीरकिचिया आदिवासी टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका हैं। घटना के संबंध में किरण कुमारी ने बताया कि वह एसबीआई मुख्य शाखा से एक लाख रुपये निकालकर पति के साथ वापस कीरकिचिया वार्ड संख्या 10 स्थित अपने घर आ रही थी। जैसे ही थाना से आगे बढ़े, पीछे से बाइक पर सवार दो अपराधियों ने धक्का देकर उन्हें गिरा दिया और रुपए से भरा पर्स लेकर चलते बने। इस दौरान शिक्षिका गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उनका इलाज निजी क्लीनिक में चल रहा है। पर्स में रुपये के अलावा चेकबुक, पासबुक व अन्य कागजात भी थे। घटनास्थल पर शिक्षक दंपती ने हल्ला भी मचाया और स्थानीय लोगों ने पीछा करने का प्रयास भी किया मगर तेज रफ्तार से फिल्मी अंदाज में अपराधी ढोलबज्जा की ओर भागने में सफल रहे। इधर घटना की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित दंपती से पूछताछ की और बैंक की शाखा पहुंचे जहां शिक्षिका द्वारा रुपये निकालने की पुष्टि हुई। सीसीटीवी के अनुसार दोनों अपराधी बैंक के समीप से ही पीछा कर रहे थे। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी मनोज कुमार ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है। बैंक सहित घटनास्थल के अगल-बगल के सीसीटीवी को खंगाला जा रहा है। डीएसपी ने अपराधियों की शिनाख्त करने और धड़पकड़ करने की बात कही। महज पांच दिन पूर्व भी सुभाष चौक स्थित एचडीएफसी बैंक परिसर से सुपौल के व्यापारी से अपराधियों ने 8.6 लाख रुपये उड़ा लिये थे।
कौन है रितिका का कातिल? पॉलिग्राफी टेस्ट की मिली इजाजत
अररिया : जिले के सबसे बहुचर्चित हत्याकांड विगत आठ जनवरी को नरपतगंज के घुरना ओपी क्षेत्र के हरिपुर गांव में 9 वर्षीय कक्षा पांचवी की छात्रा की अपहरण के बाद निर्ममता से हत्या कर शव को उसके घर के आगे के जंगल में फेंक दिया गया था। हत्याकांड के बाद आक्रोशित परिजनों एवं ग्रामीणों ने मौके पर फॉरेंसिक जांच टीम एवं डॉग स्क्वायड दस्ता को बुलाकर जांच करवाने की मांग की थी।
स्थानीय पुलिस को भी इस मामले से अलग रखकर फॉरेंसिक टीम के अधिकारी को शव सौंपा गया था। फॉरेंसिक टीम के अधिकारियों ने अपनी अभिरक्षा में शव का पोस्टमार्टम कराया था। घटना के बाद भी फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर सैंपल्स को कलेक्ट किया था। इसके बाद इस केस के अनुसंधानकर्ता को भी बदला गया था। इन दिनों पुलिस संदिग्ध से पूछताछ करती रही लेकिन घटना की कड़ी नहीं जुड़ने के कारण खुलासा नहीं हो सका। आखिरकार पुलिस ने पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए न्यायालय में आवेदन दिया तथा पिता समेत तीन लोगों को नोटिस किया गया है।
क्या है पॉलीग्राफी टेस्ट
पॉलीग्राफी यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट संदिग्ध आरोपियों का झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है। कोर्ट के परमिशन के बाद पुलिस को संदिग्धों की परमिशन लेनी पड़ती है। जिसके बाद संदिग्धों को बुलाकर पूछताछ होती है। संदिग्धों से क्या पूछताछ करनी होती है ये सवाल पुलिस को पहले से ही तैयार करने होते हैं। ये सभी सवाल पॉलीग्राफ टेस्ट करने वाली टीम को दिए जाते हैं। फिर सवाल के जवाब संदिग्धों से लिए जाते हैं। इसमें संदिग्ध की ब्रीदिंग रेट, पल्स, ब्लड प्रेशर और परसेप्शन चेक किया जाता है। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि आरोपी सच बोल रहा है या झूठ।
अब देखना यह है कि आखिर कबतक रितिका को इन्साफ मिलता है या और कौन है मासूम रितिका का कातिल ..?
संजीव कुमार झा