शिशुओं में कुपोषण को दूर करने में अनुपूरक आहार की भूमिका अहम
- आंगनबाड़ी केन्द्रों में अन्नप्राशन एवं टीएचआर के माध्यम से अनुपूरक आहार को लेकर किया जाता हैं जागरूक
- बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य समाज के विकास के लिए जरुरी हैं अनुपूरक आहार
- बच्चों में कुपोषण रोकने के लिए अनुपूरक आहार की होती हैं अहम भूमिका
- 6 माह के बाद शिशुओं को जरुर दें अनुपूरक आहार।
मधुबनी : शिशुओं में कुपोषण को कम करने में अनुपूरक आहार की अहम भूमिका मानी जाती है। क्योंकि 6 माह तक के नौनिहालों का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता है एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन तीन गुना एवं लम्बाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ जाती है औऱ इन दो वर्षों में शिशुओं की तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है।
देश के प्रधानमंत्री के द्वारा मार्च 2018 में बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य समाज की परिकल्पना को पूरा करने के उद्देश्य से पोषण अभियान की शुरुआत की गयी थी. जिसके तहत 6 माह से लेकर 2 साल तक के बच्चों के सम्पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए शिशुओं को 6 माह के बाद स्तनपान के साथ ही ऊपरी आहार की उपयोगिता काफ़ी बढ़ जाती है। लेकिन अनुपूरक आहार के आंकड़ें इस पर अधिक बल देने की जरूरत को उजागर करता है. बीते कुछ दिनों में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण पोषण की कई गतिविधियां बाधित हुई हैं, जिसका संचालन पुनः करने का फैसला स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है।
टीएचआर एवं अन्नप्राशन के द्वारा अनुपूरक आहार पर दिया जाता हैं विशेष बल:
आईसीडीएस डीपीओ ने बताया 6 माह के बाद स्तनपान के साथ-साथ अनुपूरक आहार की जरूरत ज़्यादा होती है. क्योंकि इस दौरान नवजात शिशुओं के शरीर एवं मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है। इसे ध्यान में रखते हुए ज़िले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महीने में एक बार अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया जाता है. आयोजित कार्यक्रम के दौरान 6 माह तक के शिशुओं को अनुपूरण आहार खिलाया जाता है। साथ ही उनके माता-पिता को इसके संबंध में जानकारी भीं दी जाती है। इसके अलावे सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रतिमाह टेक होम राशन (टीएचआर) का वितरण किया जाता है, जिसमें 6 महीने से 2 वर्ष के शिशुओं के लिए चावल, दाल, सोयाबीन या अंडा लाभार्थियों को उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही टीएचआर के द्वारा मिले हुए राशन को हमलोग अनुपूरक आहार बनाने की विधि भी सिखाया जाता हैं।
गृह भ्रमण पर दिया जाता हैं अधिक बल:
आंगनबाड़ी सेविका अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में पूर्व नियोजित घरों का भ्रमण करती हैं साथ ही वैसे नवजात शिशुओं की पहचान करती हैं जिनका समय से विकास नही होता हैं, 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को अनुपूरक आहार, माताओं में एनीमिया की पहचान एवं रोकथाम के साथ ही शिशुओं में शारीरिक वृद्धि का आंकलन करने का कार्य करती हैं।
अनुपूरक आहार में इसको कर सकते है शामिल:
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् से अनुशंसित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (हैदराबाद) द्वारा जारी आहार के दिशा निर्देशानुसार शिशु के लिए प्रारंभिक आहार तैयार करने के लिए घर में ही मौजूद मुख्य खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे सूजी, गेहूं का आटा, चावल, रागा, बाजरा आदि की सहायता से हल्का गुनगुना पानी या हल्के गर्म दूध में दलिया बनाया जा सकता है। शिशुओं के आहार में चीनी/गुड को भी शामिल किया जा सकता हैं क्योंकि उन्हें अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है. वसा की आपूर्ति के लिए आहार में एक छोटा चम्मच घी या तेल डाला जा सकता हैं और दलिया के अलावा अंडा, मछली, समय-समय पर मिलने वाले ताज़े फलों एवं सब्जियों जैसे अनुपूरक आहार शिशुओं के स्वास्थ्य विकास में सबसे ज़्यादा सहायक माना जाता हैं।
क्या कहते हैं आंकडें:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार पूर्णिया जिले में 6 माह से 8 माह तक सिर्फ 18.6 प्रतिशत बच्चे है जिन्हें स्तनपान के साथ पर्याप्त मात्रा में अनुपूरक आहार प्राप्त होता है वहीं 6 माह से 23 माह के बीच कुल केवल 11.7 प्रतिशत बच्चे हैं जिन्हें पर्याप्त आहार प्राप्त मिलता है।
कुपोषण से बाधित होता बच्चों का विकास:
कुपोषण के कारण बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास रुक जाता हैं औऱ वे कई तरह की बीमारियों से ग्रसित भी हो जाते है, जैसे:- वजन कम होना, गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाना, सामान्य बच्चों की तरह मानसिक विकास नहीं होना, वजन और शारीरिक क्षमता का कम होना और सामान्य बच्चों की तरह लंबाई का नहीं बढ़ना आदि पोषण की कमी के कारण होने वाली समस्याओं में शामिल हैं।
पोषण को लेकर इन बातों का रखें ख्याल:
- 6 माह बाद स्तनपान के साथ ही अनुपूरक आहार शिशु को दें।
- स्तनपान के अलावे दिन में कम से कम 6 बार शिशुओं को दें सुपाच्य आहार।
- शिशुओं को अंकुरित साबुत, आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर खिलाना चाहिए।
- अंकुरित आहार से शिशुओं को मिलती हैं सबसे अधिक ऊर्जा।
- बच्चें अगर अनुपूरक आहार नहीं खाए तो दिन में कई बार खिलाये दो-दो चम्मच आहार।
बाइक ने साइकिल को मारी ठोकर, एक जख्मी
मधुबनी : बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय जानेवाली सड़क में बाइक सवार ने साइकिल सवार को ठोकर मार दिया, जिसके कारण साइकिल सवार बेहटा गांव निवासी मोहम्मद अमीरुद्दीन 60 वर्ष गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घायल साइकिल पर सवार होकर प्रखंड कार्यालय जा रहा था, जहां सामने से आ रहे बाइक सवार ने ठोकर मार दिया। इधर आनन-फानन में साइकिल सवार घायल को इलाज के लिए पीएचसी बेनीपट्टी लाया गया, जहां चिकित्सक डॉ० पी०एन० शर्मा ने हालत नाजुक देख घायल साइकिल सवार को सदर अस्पताल मधुबनी रेफर कर दिया है। इधर बाइक सवार के भी जख्मी होने की बात बताई जा रही है। उधर सूचना पर पहुंची बेनीपट्टी थाना पुलिस ने बाइक जप्त कर जांच शुरू कर दी है।
शहर में लाइटें लगाने का कार्य हुआ शुरू
- लगाए जाएंगे 2200 लाइटें
मधुबनी : कोरोना काल के दौरान हुए लॉक डाउन के बाद अनलॉक 1.0 के शुरू होते ही एक्शन मूड में आई जयनगर नगर पंचायत। पूरे शहर को सौंदर्यीकरण प्लान के अंतर्गत पिछले बैठकों में पास किये गए सभी 14 वार्डों में कूल 2200 लाइटें लगाने का कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है।
इस बाबत जानकारी देते हुए जयनगर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद कैलाश पासवान ने बताया वर्ष-2018 में ही इस लाइटें को लगाए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ, पर किसी कारण से अब 2020 में लगाया जा रहा है। नगर विकास मंत्री, सुरेश शर्मा के द्वारा निर्देशित ओर शहर सौंदर्यीकरण किये जाने वाले मुख्य प्रस्तावों में एक कार्य ये भी था, जो अब किया जा रहा है।
इस बात को जानकारी लेने के लिए जब नगर पंचायत जयनगर के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो जैसा पहले भी वो फ़ोन नही उठाते हैं, वैसे ही आज भी उनसे रिंग होने के बाद संपर्क नही हो सका।
क्वारंटाइन केंद्र में कुव्यवस्था को ले प्रवासियों ने किया सड़क जाम
मधुबनी : जयनगर के डी०बी० कॉलेज में वनाये गए क्वारेंटाइन केंद्र में रकेह रहे प्रवसियों ने आज दोपहर कॉलेज गेट के सामने बाँस-बल्ला लगा कर व्याप्त कुव्यवस्था को लेकर एनएच-527बी को जाम कर दिया, ओर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिनग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गयी। हालांकि तुरंत सूचना पाकर जयनगर थाना मौके पर पहुंच कर उनको समझाया ओर एनएच जाम किये प्रवासियों को वहां से हटाया ओर परिचालन शुरू करवाया।
एनएच जाम कर रहे प्रवासियों का आरोप लगा रहे थे कि सुविधाओं का टोटा है इस क्वारेंटाइन केंद्र पर। कल से कुछ लोगों को बुखार और सर्दी है, कहने के बावजूद कोई सुध लेने को नही आया। आज जब इनका आक्रोश फुट पड़ा तब जाके इन्होंने क्वारेंटाइन केंद्र से निकल सामने एनएच-527बी को जाम कर दिया। हालांकि मेडिकल टीम वहां इनके एनएच जाम करने के दौरान ही वहाँ पहुंच गई, ओर ऑन ड्यूटी कर्मियों ने प्रवासियों को इनके आने की सुचना दी ओर समझा-बुझा कर स्थानीय पुलिस के साथ जाम खुलवाकर वापस इनको क्वारेंटाइन केंद्र ले आये।
इस बाबत जानकारी देते हुए मेडिकल टीम के डॉक्टर ने बताया कि आज हम लोगों को सर्दी-बुखार की शिकायत मिली, ओर हमलोग आये हैं यहां जांच के लिए। ओर यहां तो ये लोग एनएच ही जाम करने में लगे हुए थे। इस बाबत जब जयनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी चन्द्रकान्ता देवी से संयोर्क किया गया, तो वो फोन ही नही उठायी।
जब इस बाबत जयनगर थानाध्यक्ष राजकिशोर राम से संपर्क किया तो उन्होंने जाम खुलने की बात कही। बरहाल जो भी हो और जयनगर प्रखंड में लगातर अन्य कई क्वारेंटाइन केंद्र पर अनियमितता ओर सुविधाओं के नाम और महज खानापूर्ती की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में भी इस तरह के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं, ओर जयनगर +2 उच्च विधालय में बनाये गए क्वारेंटाइन केंद्र पर भी कई बार हो-हंगामा हो चुका है, जिसको संबंधित अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद शांत कराया गया।
बाजार खुले पर नहीं आ रहे ग्राहक
मधुबनी : अनलॉक-वन के तीसरे दिन बुधवार को सुबह से स्थानीय बाजार में रौनक रही। दोपहर में आसमान में बादल छाने के साथ मौसम सुहाना होने से बाजार में खरीदारी की भीड़ रही। बाजार में चहल-पहल बढ़ने के साथ दोपहिया व चार पहिया वाहनों के शोरूम में भी खरीदारों की आवाजाही देखी गई। वाहन शोरूम, किराना, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, बर्तन, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, जूता-चप्पल, मोबाइल, रेडीमेड समेत अन्य प्रतिष्ठानों पर खरीदारी अब बढ़ती जा रही है। आज शहर में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। कारोबार फिर से पटरी पर लौटने से व्यवसायियों में खुशी देखी जा रही है। वे राहत की सांस ले रहे हैं। हालांकि, इस भीड़ से संक्रमण के खतरे को लेकर कुछ सचेत हैं तो कुछ लापरवाह भी।
मधुबनी शहर के शिवशक्ति हीरो के संचालक साकेत महासेठ ने बताया कि तीन दिनों में करीब 90 बाइक की बिक्री हुई है। लग्न का मौसम बीत जाने से बाइक की मांग काफी कम है। वहीं महारानी होंडा के प्रोपराइटर राहुल पूर्वे ने बताया कि तीन दिनों में 80 बाइक की बिक्री हुई है। तिरुपति ऑटोमोबाइल्स के संचालक रवींद्र नारायण राय ने बताया कि आठ ट्रैक्टर की बिक्री हुई है। इसके अलावा यहां की ई-रिक्शा एजेंसी से आधा दर्जन ई-रिक्शा की बिक्री हुई है।
मधुबनी शहर के विभिन्न चौकों पर जमकर लीची की खरीदारी चल रही है। वहीं फल मंडी में आम ओर मुजफ्फरपुर से आने वाले लीची की काफी आमद है, पर खरीदारों की तादाद से परेशान हैं दुकानदार। लोग काफी समय के बाद निकले। बाजार में लोग आवश्यक वस्तुओं के अलावा आम, लीची की खरीदारी कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग खरीदारी के लिए बाजार पहुंच रहे हैं। बाजार में अधिकतर लोगों के चेहरे पर गमछा, मास्क देखा जा रहा है। हालांकि, भीड़भाड़ वाले इलाकों में शारीरिक दूरी की अनदेखी देखी जा रही है। आने वाले समय में कपड़ा बाजार में तेजी की उम्मीद।
व्यापारिक गतिविधियों में कपड़ा बाजार पुराने दिनों में लौटने लगा है। शहर के कई गारमेंट के संचालको ने बताया कि कपड़ा बाजार में अभी मंदी कायम है। फिलहाल लग्न और पर्व त्योहार नहीं होने से कपड़ा बाजार में आने वाले समय में तेजी की संभावना है। बसों में अभी यात्रियों की संख्या कम।
अनलॉक वन में बस समेत अन्य छोटे-बड़े भाड़े के वाहनों का परिचालन शुरू होने के बाद सड़क पर छोटे वाहनों में यात्रियों की संख्या देखी गई। वहीं बसों में अभी यात्रियों की संख्या कम देखी जा रही है। स्थानीय प्राइवेट बस स्टैंड से बसों का परिचालन शुरू होने के बाद भी। स्टैंड में यात्रियों की संख्या कम देखी गई। स्टैंड से दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना के अलावा जिले के अन्य हिस्सों के लिए खुलने वाले बसों में कम यात्री होने से बस संचालकों में निराशा रही।
बिहार मोटर्स ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के मधुबनी जिलाध्यक्ष उमाशंकर ठाकुर मुन्ना ने बताया कि यात्रियों की संख्या कम होने से बसों के संचालन से घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं मां ट्रैवल्स बस सर्विस के संचालक भूषण कुमार साह ने बताया कि अभी कम यात्री के कारण बसों का संचालन फायदेमंद नहीं हो रहा है। फिर भी बस संचालन जारी रखा जा रहा है।
बाजार में यूं तो चहलकदमी बढ़ी। यदा-कदा दुकानों में एकाध ग्राहकों को खरीदारी करते देखा गया। मगर भारत-नेपाल सीमा सील रहने और नेपाली ग्राहकों की आवाजाही नहीं होने से दुकानदार पूरे दिन ग्राहकों का इंतजार करते रहे। कपड़ा, किराना, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन, चाय, पान, व नाश्ते की दुकानें खुलने से बाजार में थोड़ी हलचल बनी रही। दुकानदारों द्वारा दुकान से दो फीट की दूरी पर घेराबंदी की गई है। शारीरिक दूरी के सभी उपाय किए जा रहे हैं।
भारत-नेपाल सीमा से सटे जयनगर शहर के व्यापारियों ने बताया कि उपभोक्ता एक सप्ताह के बाद ही घर से निकलने की हिम्मत जुटा पाएंगे। बंदी की मार से व्यवसायियों की कमर टूट गई है। किराना व्यवसायी सुनीत गुप्ता बताते हैं, ये बाजार भारत-नेपाल सीमा पर होने के कारण यहां का व्यवसाय नेपाली ग्राहकों से चलता है। नेपाल बंद रहने का प्रभाव बाजार पर पड़ता है। बाजार में जब तक नेपाली ग्राहकों के आने का सिलसिला शुरू नहीं होगा, बाजार की रौनक फीकी रहेगी।
बता दें कि नेपाल-भारत सीमा सील रहने का असर जिले के सभी सीमावर्ती बाजारों पर पड़ता है। दुकानें तो खुलीं, मगर दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे। वहीं, मधवापुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के गणेश कुमार साह कहते हैं कि मधवापुर बाजार का व्यवसाय नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर है। नेपाल बंद तो बाजार बंद है। दुकानदार दुकानें तो खोल दीं। मगर, खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं।
86 साल बाद फिर कलकल के आवाज के साथ बहेगी कमला नदी
मधुबनी : कोरोना काल में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी की समस्या के बीच मधुबनी के झंझारपुर प्रखंड से हौसला बढ़ाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां लोहना दक्षिणी पंचायत में पुरानी कमला नदी की धारा को 86 साल बाद फिर से अविरल बनाने का काम जोर-शोर से जारी है। दरअसल मधुबनी के पिपराघाट से दरभंगा तक बहने वाली पुरानी कमला नदी की दिशा साल 1934 में आई बाढ़ के बाद झंझारपुर प्रखंड में दूसरी ओर मुड़ गई थी। समय के साथ पुरानी कमला नदी अपना अस्तित्व खोती चली गई, जबकि 86 साल पहले पुरानी कमला नदी की अविरल धारा से इलाके के लाखों किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलती थी।
अब एक बार फिर जल संसाधन विभाग ने इस नदी को फिर से जिंदा करने की सुध लेते हुए नदी उड़ाही के कार्य को मंजूरी दी जिस पर जोर-शोर से काम जारी है। झंझारपुर प्रखंड के लोहना दक्षिणी पंचायत में पुरानी कमला नदी के जीर्णोद्धार का काम करीब 1 महीने से जारी है। खास बात ये है कि 49 लाख 91 हजार की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में करीब साढ़े 4 सौ पुरुष और महिला कामगारों को उनके अपने पंचायत में ही रोजगार का अवसर भी मिला है, जिससे लोगों में काफी खुशी है।
वहीं इसमें मनरेगा से लौटी मजदूरों की मुस्कान। कोरोना बंदी के चलते दूसरे प्रदेशों से थक हारकर घर लौटे हजारों प्रवासी मजदूर अब अपने गांव, अपने शहर में पसीना बहाकर खुद के साथ अपने जिले और राज्य की भी किस्मत बदलना चाहते हैं। राहत की बात ये है कि फिलहाल इन मेहनतकश हाथों को मनरेगा के तहत रोजगार का अवसर मिला है, जहां इन मजदूरों का जोश देखते ही बन रहा है।
मधुबनी जिला प्रशासन की ओर से भी मजदूरों को काम उपलब्ध कराने को लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। मधुबनी जिला अधिकारी डॉ० निलेश रामचंद्र देवरे का कहना है कि मधुबनी जिले के 21 प्रखंडों में करीब 90 हजार मजदूरों को रोजगार की दरकार थी, जिसमें 88 हजार कामगारों को रोजगार उपलब्ध करा दिए गए हैं। मधुबनी जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक मधुबनी जिले में फिलहाल जल संरचना से संबंधित नहर, पईन और तालाब की खुदाई के कुल 715 प्रोजेक्ट पर काम जारी है।
श्रम शक्ति के बेहतर इस्तेमाल से बदलेगी तस्वीर। जानकारों के मुताबिक कोरोना काल में तेजी से बढ़ रही प्रवासी मजदूरों की संख्या फौरी तौर पर भले ही परेशानी का सबब बन रही हो, लेकिन आने वाले दिनों में प्रवासी कामगारों की ये फौज मधुबनी जैसे पिछड़े जिले को विकास की राह पर लाने में बड़ा योगदान दे सकती है। शायद यही वजह है कि बाहर से लौटे कामगारों को उनकी काबिलियत के अनुसार काम उपलब्ध कराने को लेकर सरकार गंभीर दिख रही है, और इसी कड़ी में मधुबनी में इन दिनों प्रवासी मजदूरों की स्कील्ड की स्क्रीनिंग का काम भी जोर-शोर से जारी है।
एसडीएम ने शीध्र ही वंचितों के राशन कार्ड फार्म जमा कराने का दिया निर्देश
मधुबनी : जयनगर अनुमंडल एसडीएम शंकर शरण ओमी ने बस्ती पंचायत स्थित जीविका कार्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने जीविका द्वारा विभिन्न पंचायतों से किये जा रहे वंचित राशनकार्ड धारी परिवारों के जमा आवेदनों की समीक्षा किया। उन्होंने जीविका के बीपीएम से शीध्र फार्म जमा कराने का निर्देश दिया, ताकि लोगों को ससमय राशन कार्ड निर्गत हो सके, तथा उन्हें इसका लाभ प्राप्त हो।
निरीक्षण के दौरान राशन कार्ड आवेदन भरने में कठिनाई को दूर करने पर दिशा-निर्देश दिये। एसडीएम श्री ओमी ने बताया कि जीविका द्वारा फिलवक्त 1200 फार्म ही जमा कर सके है, जबकि करीब उतना ही फार्म और जमा होने की सम्भावना है। उन्होंने जीविका कर्मी से शीध्र राशन कार्ड फोर्म जमा कराने का निर्देश दिया।
पूर्व के विवाद में एक युवक को घेरकर मारी गोली, ग्रामीणों ने एक अपराधी को दबोचा
मधुबनी : जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के रांटी ड्योढ़ी के समीप एक युवक को गोली मारी गई है। रांटी के बढ़ई टोला के श्याम पासवान के पुत्र दीपक कुमार पासवान को छाती व पैर में गोली लगी है। गोली मारकर भाग रहे एक युवक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया है। घटना की सूचना पर पुलिस पहुंच गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि दो-तीन दिन पूर्व रामपट्टी के कुछ युवकों के साथ मारपीट की घटना हुई थी। इसी आक्रोश में कुछ युवकों ने रांटी डयोढ़ी के समीप घेरकर दीपक को गोली मार दी। उसे स्वजनों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उनकी चिकित्सा चल रही है।
भूमि विवाद में हुई गोलीबारी, एक जख्मी
मधुबनी : बाबूबरही थाना क्षेत्र के कुल्हरिया गांव में बुधवार संध्या जमीन विवाद को लेकर गोली चली। इसमें एक युवक माधव मेहता (24) जख्मी हो गया। उसे इलाज के लिए अंधराठाढ़ी ले जाया गया, मगर चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत के मद्देनजर डीएमसीएच रेफर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार मनोज मेहता व सतीश मेहता दोनों भाई हैं। इसे लेकर विवाद चल रहा है। मंगलवार को भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। मंगलवार रात भी गोली चलने की बात कही जा रही है। बुधवार को एक बार फिर दोनों पक्ष के लोग भिड़ गए। जख्मी पक्ष के लोगों की मानें तो मनोज मेहता के पुत्र रोशन मेहता व प्रिस मेहता ने गोलीबारी प्रारंभ की। गोली माधव के सीने में जा लगी। मनोज मेहता पत्नी तथा एक रिश्तेदार पर ईंट पत्थर बरसाने का आरोप है।
इसमें लीला देवी, कौशल्या देवी तथा बीच बचाव को आए जयकृष्ण मेहता जख्मी हुए। घटना की सूचना पर बाबूबरही थानाध्यक्ष संजय कुमार घटनास्थल पर पहुंच प्रिस मेहता व रोशन मेहता को गिरफ्तार कर लिया है।
रास्ते को ले हुए विवाद में घायल महिला की अस्पताल में मौत
मधुबनी : साहरघाट थाना क्षेत्र के बसवरिया गांव में रास्ता विवाद को लेकर हुई मारपीट में जख्मी एक महिला की मौत हो गई। मरने से पूर्व महिला के फर्द बयान पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें से एक को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। मृत महिला बसवरिया गांव निवासी महेश यादव की पत्नी तेतरी देवी (35) थी।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि पिछले 20 मई को रास्ता विवाद को लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हुआ। देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान कई लोगों ने तेतरी देवी के सिर पर ईंट से प्रहार किया। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। ग्रामीणों के सहयोग से महिला को सीएचसी मधवापुर में भर्ती कराया। यहां से उसे सदर अस्पताल व बाद में डीएमसीएच रेफर कर दिया गया।
डीएमसीएच के चिकित्सक ने भी आरबी मेमोरियल दरभंगा रेफर कर दिया। मंगलवार को महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। थानाध्यक्ष सुरेन्द्र पासवान ने बताया कि मरने से पूर्व महिला के दिए गए बयान पर प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें गांव के ही रामभरोस यादव की पुत्री विनीता कुमारी, मीरा देवी, रामसेवक यादव, किशनदेव यादव एवं रामभरोस यादव को आरोपित किया है। मुख्य आरोपित विनीता कुमारी को घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
व्यवसाई के घर पर फायरिग के मामले में एक और नामजद गिरफ्तार
मधुबनी : पंडौल थाना क्षेत्र के पाही बाजार निवासी लहसुन व्यवसायी जगदीश साहु के बेटे संजीत कुमार गुप्ता के घर पर फायरिग करने में एक और आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पंडौल थानाध्यक्ष अनोज कुमार के नेतृत्व में चले अभियान में मनीगाछी थाना क्षेत्र के सकरी ब्रह्मपुर निवासी चंदन महतो को सकरी चीनी मिल के निकट से गिरफ्तार कर लिया।
मालूम हो कि 15-16 मई की रात रंगदारी नहीं दिए जाने के कारण लहसुन व्यवसायी के घर ताबड़तोड़ फायरिग की गई थी। इस मामले में सात लोगों को नामजद किया गया था। इसमें से एक भौर पंचायत के राजेग्राम निवासी राहुल कुमार ठाकुर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पंडौल थानाध्यक्ष अनोज कुमार ने एसआइ नबी हसन खान, एएसआइ मनोज कुमार सिंह, अरुण कुमार व सशस्त्र बलों के संग चंदन महतो के घर छापेमारी की। काफी घेराबंदी के बाद उसे गिरफ्तार किया गया, अन्य नामजद की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
सुमित राउत