31 अगस्त : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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मिथिला मैथिली संघर्ष समिति ने उठायी मांग

  • कहा मैथिली में हो प्रारंभिक शिक्षा

मधुबनी : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में मिथिलांचल में मैथिली भाषा में पढ़ाई शुरू किए जाने की मांग को राजनीतिक मुद्दा बनाने का निर्णय लेते हुए मिथिला मैथिली संघर्ष समिति के सदस्यों ने इसको लेकर जनांदोलन प्रारंभ करवाने का निर्णय लिया है।

पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू किए जाने के बाद से मिथिला क्षेत्र में प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा मैथिली में आरंभ किए जाने की मांग जोड़ पकड़ने लगी है।

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मधुबनी जिला के कलुआही प्रखंड अंतर्गत कालिकापुर स्थित कालीमंदिर परिसर में मिथिला मैथिली संघर्ष समिति के सदस्यों ने बैठक कर बिहार सरकार से आगामी सत्र 2020-2021 में लागू करने की मांग की।

पिछले क्षेत्र भ्रमण के दौरान पुरसौलिया गांव में प्रदेश के पीचडी मंत्री विनोद नारायण झा से भी मैथिली भाषा में प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू करवाने की मांग की गई थी।

उक्त बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक गंगाधर झा ने किया। इस बैठक में मैथिली भाषा के चर्चित कवि खेलनंद मिश्र, नवोनाथ झा विवे, मोचन झा, चुल्हाई पासवान, बिपिन झा, सुधाकर झा सहित अन्य शामिल थे।

सम्मान समारोह आयोजित कर दी जयनगर डीएसपी सुमित कुमार को विदाई

मधुबनी : जिले के जयनगर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी कार्यलय के समीप सामुदायिक प्रशिक्षण भवन के सभा कक्ष में निर्वतमान डीएसपी सुमित कुमार के स्थानांतरण होने पर सम्मान सह विदाई समारोह का आयोजन किया गया।

इस समारोह कार्यक्रम का संचालन सुमन शर्मा ने किया। उक्त विदाई समारोह में उपस्थित अधिकारियों, अनुमंडल के लगभग सभी थाना के पुलिस अधिकारियों, कर्मियों, जवानों और व्यवसायिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगो ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के द्वारा डीएसपी सुमित कुमार को मिथिला के पाग दोपट्टा, फूल, माला, मिथिला पेंटिंग, अंग वस्त्र समेत अन्य उपहार देकर सम्मानित कर विदाई दी गई।

उक्त कार्यक्रम में जयनगर एसडीएम बेबी कुमारी, सर्किल इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार झा, सीओ संतोष कुमार, ईओ अमित कुमार, थाना अध्यक्ष राज किशोर राम, अपर थाना प्रभारी एसएन सारंग, लदनिया थाना प्रभारी इंदल यादव, बासोपट्टी थाना प्रभारी मनोज कुमार, देवधा थाना प्रभारी रमेश कुमार शर्मा, जयनगर के तीनों चैम्बर के प्रतिनिध, कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

वक्ताओं ने डीएसपी के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि लगभग चार वर्ष के कार्यकाल में उन्हें सवेदनशील पुलिस पदाधिकारी बताया लोगों की समस्याओं के समाधान और विधिव्यस्था बनाये रखने में अहम योगदान दिया। अपने संबोधन में भावुक हुए एसडीपीओ सुमित कुमार ने लगभग 04 वर्ष की कार्यकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, सहकर्मियों, जनप्रतिनिधियों, आम लोगों से विधिव्यस्था बनायें रखने में काफी मिला। सभी के सहयोग की सराहना करते हुए आभार जताया। उन्होंने कहा कि मिथिला लोग और बोल दोनों मीठी हैं। जाते-जाते मुहर्रम को लेकर और क्षेत्र के विधिव्यस्था को लेकर सभी लोगों से पुनः सहयोग की अपील की, और पदाधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश देते गये।

यात्री बस में सफर के दौरान संक्रमण से बचने के लिए बरतें विशेष सावधानी

• कोरोना संक्रमण से बचाव में शारीरिक दूरी बहुत जरूरी
• प्रत्येक यात्रा के बाद बस की पुनः सफाई आवश्यक होगी
• बिना मास्क पहने बस में सफर की अनुमति नहीं।

मधुबनी : वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच कुछ शर्तों के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने की अनुमति दी गयी है। इस दौरान लोग आवश्यकता अनुसार यात्रा भी कर रहें है। लेकिन यात्रा के दौरान उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आवश्यक सुझाव दिया है। यात्रा के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर यात्रियों को सजग रहने एवं बस में यात्रा करते समय सह-यात्रियों से दूरी बनाकर रहने की हिदायत दी गयी है. शारीरिक दूरी हीं कोरोना से बचाव का बेहतर विकल्प है।

सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का उपयोग करते समय कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बरती जाने वाली सभी सावधानियों को अवश्य अपनाया जाना चाहिए। जिला प्रशासन के द्वारा वाहन मालिकों को वाहनों में निर्धारित सीट के अतिरिक्त एक भी यात्री नहीं लिए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही प्रत्येक यात्रा के बाद वाहन को पूरी तरह सैनिटाइज करने एवं वाहनों के अंदर व बाहर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपाय संबंधी पोस्टर व स्टिकर लगाने की बात बताई गयी है, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।

खांसते व छीकते वक्त मुंह पर रखे टिसू पेपर:

ऑफिस या किसी दूसरे शहरों में जाने के लिए बस सेवा का उपयोग करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान फेस कवर/मास्क पहनें और सह-यात्रियों से उचित दूरी बना कर रखें। ऐसे व्यवहार मे बदलाव लाकर आप कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं और दूसरों को भी बचा सकते हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक पोस्टर जारी करते हुए सार्वजनिक यात्रा के दौरान तीन बातों का ख्याल रखने को कहा है, जिसमें 2 गज की दूरी, हाथ को तुरंत साफ करना तथा खांसते या छींकते समय मुंह पर रुमाल या टिश्यू पेपर रखने की बात बताई गयी है.

मास्क लगाकर उचित दूरी बनाएं:

सार्वजनिक यात्रा के समय वाहनों में तीन लेयर वाले मास्क अवश्य लगाएं। वहीं कोशिश करें कि बगल में बैठे लोगों से दूरी उचित हो। वाहन के हिस्सों को बेवजह न छुएं। वाहन से उतरते वक्त भी सामाजिक दूरी का पालन करें। यात्रा के समय सेनेटाइजर की छोटी शीशी अपने पास जरुर रखें और कुछ अंतराल पर हाथ को सेनेटाइज करते रहें।

संक्रमण से बचाव को ले विभाग ने दिया निर्देश:

वाहनों की प्रतिदिन धुलाई के साथ आवश्यक साफ-सफाई की जाएगी। प्रत्येक यात्रा के बाद बस की पुनः सफाई आवश्यक होगी। वाहनों के अंदर चढ़ने, उतरने के समय यात्रियों को शारीरिक दूरी का अनुपालन करना होगा। बिना मास्क पहने बस में सफर की अनुमति नहीं होगी। यात्री वाहनों की रेलिंग का उपयोग कम से कम करें। वाहनों के अंदर पान, खैनी, तम्बाकू, गुटखा आदि का उपयोग वर्जित होगा। पकड़े जाने पर दंडात्मक करवाई की जाएगी।

कोरोना काल में इंद्रा पूजा में नहीं लगा मेला

मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिला के जयनगर शहर के कमला रोड में बहुत ही धूम धाम से इन्द्र पूजा समिति के द्वारा इन्द्र पूजा सार्वजनिक रूप से किया जाता है, जो काफी प्रसिद्ध है। इस इन्द्र पूजा को देखने दूर-दूर से काफी लोग आते है। मनोरंजन के लिए समिति की ओर से मेला का भी व्यवस्था होता है। किसी तरह का अप्रिय घटना न हो इस कारण प्रशासनिक एवं स्वास्थ व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त रहती है। इस बार भगवान इन्द्र और इन्द्ररानी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूजा कमेटी के द्वारा पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

क्यों मानते है इंद्र पूजा :

इन्द्र को सभी देवताओं का राजा माना जाता है। वही वर्षा पैदा करता है, और वही स्वर्ग पर शासन करता है। वह बादलों और विद्युत का देवता है। इंद्र की पत्नी इंद्राणी कहलाती है। इंद्रपद पर आसीन देवता किसी भी साधु और राजा को अपने से शक्तिशाली नहीं बनने देता था, इसलिए वह कभी तपस्वियों को अप्सराओं से मोहित कर पथभ्रष्ट कर देता है, तो कभी राजाओं के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े चुरा लेता है।

ऋग्वेद के तीसरे मण्डल के वर्णनानुसार इन्द्र ने विपाशा (व्यास) तथा शतद्रु नदियों के अथाह जल को सुखा दिया जिससे भरतों की सेना आसानी से इन नदियों को पार कर गई। दशराज्य युद्ध में इंद्र ने भरतों का साथ दिया था। सफेद हाथी पर सवार इंद्र का अस्त्र वज्र है और वह अपार शक्तिशाली देव है। ऐसे माना जाता है, कि इंद्र की सभा में गंधर्व संगीत से और अप्सराएं नृत्य कर देवताओं का मनोरंजन करते हैं।

इन्द्र के युद्ध कौशल के कारण आर्यों ने पृथ्वी के दानवों से युद्ध करने के लिए भी इन्द्र को सैनिक नेता मान लिया। इन्द्र के पराक्रम का वर्णन करने के लिए शब्दों की शक्ति अपर्याप्त है। वह शक्ति का स्वामी है, उसकी एक सौ शक्तियां हैं। चालीस या इससे भी अधिक उसके शक्तिसूचक नाम हैं, तथा लगभग उतने ही युद्धों का विजेता उसे कहा गया है। वह अपने उन मित्रों एवं भक्तों को भी वैसी विजय एवं शक्ति देता है, जो उस को सोमरस अर्पण करते हैं। इन्द्र और वरुण नामक दोनों देवता एक दूसरे की सहायता करते हैं। वरुण शान्ति का देवता है, जबकि इन्द्र युद्ध का देव है एवं मरूतों के साथ सम्मान की खोज में रहता है। कुछ जगहों पर इन्द्र को वर्षा के देवता माना जाता है, इसलिए कई जगह इन्द्र का भी पुजनोत्सव मनाया जाता है।

मधुबनी जिले के जयनगर में कोरोना काल के कारण पर्व त्योहार का आनंद फीका पड़ गया है। जहां हर वर्ष पर्व त्योहार के मौके पर गांव से शहर तक हर तरफ इन्द्र पूजा और अन्य पूजा की धूम मची रहती थी। साउंड सर्विस के ध्वनि से हर तरफ माहौल भक्तिमय रहता था। वहीं इस वर्ष मेला का रंग बिल्कुल फीका पर गया है। न तो वो भीड़ दिखाई दे रही है, न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम,न ही खाने-पीने की दुकान,और न ही मेला में लगा झूला।

विदित हो हर वर्ष जयनगर में धूम-धाम से इन्द्र पूजा मनाया जाता था। इस बार कोरोना के कारण मेला लगाने पर प्रतिबंध है। प्रशासनिक पदाधिकारी के आदेश का पालन करते हुए भगवान इन्द्र और इन्द्ररानी की प्रतिमा स्थापित की गई है, और पूजा पाठ किया जा रहा है।

इस अवसर पर पूजा कमेटी के संरक्षक अशोक पासवान, शंभू प्रसाद, रूपेश शाह, मनोज पासवान, संतोष साह, राहुल, सोनू महतो, छोटू, मिथिलेश, विकास, लाल, रोशन, दीपू, प्रह्लाद सहित अन्य मौजूद थे।

जिले में यातायात सुगमता के लिए बनेंगे चार नए बाईपास, डीएम को भेजा प्रस्ताव

मधुबनी : जिले में यातायात में समय की बचत, सुगम एवं बाधामुक्त आवागमन के लिए जिले में चार बाइपास पथों का निर्माण किया जाएगा। चारों बाइपास पथों के निर्माण पर 15 हजार लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। चारों बाइपास पथों का निर्माण हो जाने से जिले की करीब 35 लाख आबादी को यातायात संबंधी लाभ मिलेगा। चारों बाइपास पथों की कुल लंबाई 47.10 किमी होगी। 11 मीटर से लेकर 33 मीटर तक चौड़ी बाइपास पथों का निर्माण किया जाएगा।

निर्माण के लिए इन बाइपास पथों का किया गया चयन :

1). पंडौल हाईस्कूल से रामपट्टी चौक।
2).कनकपुर (सकरी) से जगतपुर (रहिका)।
3). जलधारी चौक, मधुबनी-रांटी चौक।
4). विदेश्वर स्थान से मोहना।

1). पंडौल हाईस्कूल-रामपट्टी चौक बाइपास पथ :

पंडौल हाईस्कूल से राजनगर प्रखंड के रामपट्टी चौक तक 14 किमी लंबी बाइपास पथ के निर्माण पर दो हजार लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह सड़क पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल, मधुबनी के अधीन है। यह बाइपास पथ पंडौल हाई स्कूल से प्रारंभ होकर कमलपुर गुमटी, सरहद, बटलोहिया, नवहथ से गुजरते हुए रामपट्टी चौक एनएच 527-ए में मिलती है। यह बाइपास पथ 15 से 20 मीटर तक चौड़ी बनाने की योजना है। यह बाइपास पथ जिला मुख्यालय से करीब आठ किमी हटकर है। इस बाइपास पथ के निर्माण होने से करीब 12 लाख आबादी को पटना जाने में समय की बचत होगी।

2). कनकपुर (सकरी) से जगतपुर (रहिका) बाइपास पथ :

कनकपुर (सकरी) से जगतपुर (रहिका) तक 19.40 किमी लंबी बाइपास पथ के निर्माण पर आठ हजार लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह पथ पश्चिमी कोसी नहर प्रमंडल सकरी के अधीन है। यह बाइपास पथ एनएच-57 के कनकपुर से मकरमपुर, पंडौल, सोहराय, बिरसायर टोला, समौल, बसुआड़ा, भच्छी, सप्ता से गुजरते हुए जगतपुर एनएच-527-ए में मिलती है। यह बाइपास पथ 25 मीटर से 30 मीटर तक चौड़ी बनाने की योजना है। यह बाइपास पथ जिला मुख्यालय से करीब तीन किमी हटकर है। इस बाइपास पथ के निर्माण होने से करीब 10 लाख आबादी को पटना जाने में समय की बचत होगी।

3). जलधारी चौक, मधुबनी-रांटी चौक बाइपास पथ :

जलधारी चौक, मधुबनी से राजनगर प्रखंड के रांटी चौक तक की दो किमी लंबी बाइपास पथ के निर्माण पर एक हजार लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह पथ मधुबनी जिला मुख्यालय के जलधारी चौक से चकदह होते हुए रांटी चौक एनएच-527-ए में मिलती है। यह पथ ग्रामीण कार्य प्रमंडल, मधुबनी के अधीन है। यह बाइपास पथ 10 से 12 मीटर तक चौड़ी बनाने की योजना है।

4). विदेश्वर स्थान-मोहना बाइपास पथ :

विदेश्वर स्थान से मोहना तक 11.70 किमी बाइपास पथ के निर्माण पर चार हजार लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह पथ विदेश्वर स्थान एनएच-57 से सर्वसीमा, नरुआर आइबी, पिपराघाट, अदलपुर, लंगरा चौक होकर गुजरते हुए मोहना एनएच-57 को जोड़ती है। यह बाइपास सड़क पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल, मधुबनी तथा सिचाई विभाग, झंझारपुर के अधीन है। यह बाइपास पथ 11 मीटर से लेकर 33 मीटर तक चौड़ी बनाने की योजना है।

स्वीकृति के लिए डीएम को भेजा प्रस्ताव :

पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल, मधुबनी के कार्यपालक अभियंता ने यातायात में समय की बचत, सुगम एवं बाधामुक्त यातायात के लिए जिले में बाइपास सड़क के निर्माण को जिन चार पथों को चिह्नित किया है, उसकी पूर्ण विवरणी के साथ अनुमोदन के लिए जिला पदाधिकारी को भेज दिया है। मधुबनी जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया गया है, कि अनुमोदन करने के उपरांत उसकी सूचना पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल, मधुबनी को उपलब्ध कराई जाए, ताकि बाइपास पथों को स्वीकृति के लिए समर्पित किया जा सके।

सदर डीसीएलआर एवं पीजीआरओ का हुआ तबादला

मधुबनी : जिले में सदर अनुमंडल मधुबनी के भूमि सुधार उप समाहर्ता बुद्ध प्रकाश एवं अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (पीजीआरओ), जयनगर अवधेश आनंद का तबादला कर दिया गया है।

सदर डीसीएलआर बुद्ध प्रकाश को स्थानांतरित कर नगर विकास एवं आवास विभाग, पटना में परियोजना पदाधिकारी सह उप निदेशक के पद पर पदस्थापित किया गया है। जबकि, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जयनगर अवधेश आनंद को स्थानांतरित कर पूर्णिया जिला के वयासी अनुमंडल के भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापित किया गया है।

वहीं, तारापुर के तत्कालीन एसडीओ उपेन्द्र सिंह जो पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे थे, उन्हें अब अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जयनगर के पद पर पदस्थापित किया गया है।

जयनगर के नए पीजीआरओ उपेन्द्र सिंह उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। वहीं अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, भागलपुर सदर सुधीर कुमार सिन्हा को स्थानांतरित कर झंझारपुर के भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापित किया गया है। श्री सिन्हा पटना जिले के रहने वाले हैं। जबकि, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना सिटी राकेश कुमार को स्थानांतरित कर अब सदर अनुमंडल, मधुबनी के भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापित किया गया है। राकेश कुमार पूर्णिया जिले के निवासी हैं।

वहीं, पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे सुरेन्द्र राय को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, फुलपरास के पद पर पदस्थापित किया गया है। सुरेन्द्र राय वैशाली जिले के निवासी हैं। उक्त स्थानांतरण-पदस्थापन के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकार के अपर सचिव विमल कुमार झा के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर दिया है।

कार्यपालक सहायकों ने किया तीन दिनों का सामूहिक अवकाश

मधुबनी : बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के आह्वान पर जिले के कार्यपालक सहायक विभिन्न मांगों के समर्थन में एक से तीन सितंबर तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस संबंध में संघ के जिलाध्यक्ष राजू कुमार राय ने जिला पदाधिकारी समेत सभी संबंधित पदाधिकारियों को पत्र भेजकर दे दिया है।

उक्त जानकारी कार्यपालक सहायक सेवा संघ के जिला इकाई, मधुबनी के मीडिया प्रभारी पारस ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि जिन मांगों को लेकर कार्यपालक सहायक तीन सितंबर तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, उसमें कार्यपालक सहायकों की कार्य प्रकृति एवं सरकार के महत्वकांक्षी योजनाओं में किए जा रहे योगदान पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए सेवा स्थायी करना, सेवा स्थाईकरण होने तक उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए जारी संकल्प में निहित सभी निदेशों का अनुपालन कराया जाना, सभी नवनियोजित कार्यपालक सहायकों को बेल्ट्रॉन द्वारा आयोजित दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता से मुक्त किया जाना, पूर्व में किए गए आन्दोलन के क्रम में की गई कार्रवाई वापस लेते हुए उक्त अवधि में कटौती किए गए मानदेय का भुगतान किया जाना शामिल है। कार्यपालक सहायकों के सामूहिक अवकाश पर जाने से सरकारी दफ्तरों में कामकाज प्रभावित हो सकता है।

सुमित राउत

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