छात्र संघ चुनाव को ले हुई कोर कमिटी की बैठक
दरभंगा : कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह की अध्यक्षता में छात्रसंघ निर्वाचन 2019-20 की कोर कमेटी की बैठक हुई। आरके कॉलेज मधुबनी में मतपत्रों का विधि मान्य मुद्रण नहीं हुआ था। इस प्रसंग में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य के प्रस्ताव पर तत्काल 1 दिसंबर 19 के मतदान कार्यक्रम को स्थगित करते हुए पुनर्निर्धारित मतदान तिथि 4 दिसंबर 2019 एवं एवं मतगणना की तिथि 5 दिसंबर 2019 का अनुमोदन किया गया। यूपी कॉलेज पूसा में उत्पन्न विधि व्यवस्था के मद्देनजर प्रधानाचार्य ने 1 दिसंबर 19 के मतदान कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
विश्वविद्यालय के निर्वाचन की कोर कमेटी ने द्वितीय चरण की निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्व 5 दिसंबर 2019 तक महाविद्यालय निर्वाचन कार्य को संपन्न कराने का निर्देश दिया है। मतदान हेतु महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय विभाग द्वारा निर्गत पहचान पत्र के अलावा नामांकन रसीद के साथ फोटो युक्त पहचान पत्रों को मान्य किया गया। बैठक में अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो रतन कुमार चौधरी, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रो चंद्र भानु प्रसाद सिंह ,कुलानुशासक प्रो अजीत चौधरी ,उप कुलानुशासक डॉ सुरेन्द्र प्रसाद सुमन, सीसीडीसी डॉ सुरेंद्र कुमार उपस्थित रहे।
दो दिवसीय राज्य स्तरीय शास्त्रीय स्पर्धा शुरू
दरभंगा : राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के तत्वावधान में बिहार-झारखंड स्तरीय विविध शास्त्रीय स्पर्धा 2019 -20 का उद्घाटन संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में शनिवार को किया गया। स्पर्धा पहली दिसम्बर तक चलेगी। साहित्य, व्याकरण, वेद, ज्योतिष, दर्शन से जुड़े विषयों पर ही आज भाषण प्रतियोगिता हो पायी। शेष कल रविवार को आयोजित होगी।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डॉ रामचन्द्र झा ने संस्थान की पहल को सराहा। उन्होंने कहा कि विविध शास्त्री विषयों को लेकर संस्थान करीब 50 साल से अधिक समय से ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। इसमें कई राज्यों के बच्चे भाग लेते हैं। यहां बिहार- झारखंड के बच्चों के लिए स्पर्धा की जाती है। फिर यहां से चयनित बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में भाग लेना रहता है।
वहीं कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा ने कहा कि इस स्पर्धा का अलग ही महत्व है। यहां छात्र निर्णायकों के समक्ष अपनी प्रस्तुति देते हैं। उनके शैक्षणिक स्तर एवम ज्ञान की परीक्षा खुलेआम होती है। ऐसे में पुरस्कार पाने वाले छत्रों को सभी शिक्षक व विषय विशेषज्ञ देखते हैं और मूल्यांकन भी करते हैं।वीसी ने बच्चों के उत्साह को और आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस स्पर्धा में जो छात्र प्रथम, द्वितीय एवम तृतीय स्थान पाते हैं वे व्याख्याता पद को जरूर प्राप्त करते हैं।
वहीं प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि शास्त्रीय प्रतियोगिता के जरिये संस्थान संस्कृत भाषा को सर्वजन तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है।इसके लिए वह धन्यवाद का पात्र है। किसी खास विषय पर वाद-विवाद, क्विज समेत अन्य स्पर्धा से बेशक संस्कृत को बल मिलेगा और यह बाहरी परिस्थिति से भी परिचित होगी। संस्थान का यह प्रयास सराहनीय है।
इसी क्रम में प्रॉक्टर प्रो0 सुरेश्वर झा ने कहा कि 2014 से यहां इस तरह की स्पर्धा आयोजित हो रही है। पहले तो प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी नहीं दिया जाता था। अब तो कुलपति प्रो0 झा की पहल के बाद बच्चों को प्रमाणपत्र के साथ पुरस्कार की राशि भी दी जा रही है।प्रो0 दयानाथ झा के मंच संचालन में सम्पन्न कार्यक्रम में स्वागत भाषण करते हुए सीसीडीसी प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि फाइनल प्रतियोगिता अगरतल्ला के एकलव्य परिसर में जनवरी के दूसरे सप्ताह में होगी। संयोजक डीएसडब्ल्यू प्रो0 शिवाकांत झा, डॉ नन्दकिशोर चौधरी समेत स्नातकोत्तर विभागों के शिक्षक भी मौजूद थे।वहीं मंगलाचरण प्रो0 विद्येश्वर झा एवम प्रो0 दिलीप कुमार झा ने प्रस्तुत किया। वहीं करीब दर्जनभर पीजी शिक्षकों को निर्णायक का भार दिया गया है।
मुरारी ठाकुर