व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे
नवादा : नवादा व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा भगवान भरोसे है। तभी तो यहां आये दिन वारदातों की भरमार रहती है। न्यायालय परिसर के एक गैट पर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की परिंदा भी पर मार नही सकता। वही दूसरे गेट भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है जहॉ कोई भी व्यक्ति बेरोक टोक न्यायालय परिसर में प्रवेश कर सकता है। इस गेट की सुरक्षा व्यवस्था नगण्य रहने के कारण। न्यायालय परिसर मोटर साईकिलों का स्टैंड बन गया है। उल्लेखनीय है कि व्यवहार न्यायालय परिसर में प्रवेश करने के लिये।दो गेट बने हुए हैं। एक गेट से अधिवक्ता व अदालत पहुँचने वाले पक्षकार प्रवेश करते हैं। पक्षकारों को न्यायालय परिसर में प्रवेश करने के पूर्व कड़ी सुरक्षा जॉच से गुजरना पड़ता है। वहीं न्यायायिक पदाधिकारी व कर्मी दूसरे गेट से प्रवेश करते हैं। उक्त गेट पर भी पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है। लेकिन इन दिनों उक्त गेट से आम व्यक्ति तथा पक्षकार अपने मोटर साईकिल के साथ बिना कोई जॉच अथवा पूछताछ के अंदर प्रवे कर रहे हैं, जो अदालती परिसर के सुरक्षा पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। इतना ही नही अदालत परिसर को पूर्ण सुरक्षित रखने के उद्देश्य से परिसर के चाहर दीवारी पर कंटीले तारलगाये गये हैं। कई वॉच टावर बनाये गये हैं। परिसर में कई स्थानों पर सीसीटीभी कैमरा भी लगाया गया है। जो इस बात का सूचक है कि सरकार अदालत परिसर की सुरक्षा के लिये कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। लेकिन पदाधिकारियों के प्रवेश गेट का यह।आलम है कि उक्त गेट पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नही है। गेट सदाखुला रहता है। जहॉ कोई पुलिसकर्मी तैनात नही दिखते हैं। कोई भी व्यक्ति काफी आराम से दोपहिया वाहन के साथ अंदर प्रवेश कर बङी घटना को अंजाम दे सकता है।
अदालत परिसर में तैनात पुलिस पदाधिकारी ने इस सम्बंध में बताया कि पदाधिकारियों के प्रवेश गेट पर दो महिला तथा एक पुलिसकर्मी की तैनाती है। लेकिन वे कहां अपनी ड्यूटी कर रहे हैं किसी को पता तक नहीं चल पा रहा है।
गौरतलब हो कि पूर्व में अदालत परिसर में भयानक बम विस्फोट की घटना सहित कई गम्भीर घटना घट चुकि है। कई कैदी अदालत परिसर से भाग चुका है। वैसे परिस्थिति मे भी अदालत परिसर के सुरक्षा पर साथ खेलवाड किया जाना किसी अप्रिय घटना को अमांत्रण देने के समान है।
डॉ पायल तड़वी की हत्या के विरोध में आइसा व इनौस ने निकाला विरोध मार्च
नवादा : इनौस व आइसा के जिला इकाई ने मुम्बई के जेबीएल नायर हॉस्पीटल के रेजिडेन्ट डॉ पायल तड़वी की संस्थानिक हत्या के विरोध में प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रतिवाद मार्च अम्बेडकर पार्क से निकलकर शहर के मुख्य मार्गो का भ्रमण करते हुए प्रजातंत्र चौक पहुंचा। जहां प्रतिवाद मार्च नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गया।
सभा को सम्बोधित करते हुए एपवा के जिलाध्यक्ष सावित्री देवी, सचिव सुदामा देवी, इनौस के संयोजक भोला राम तथा आइसा के दीपक कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि पायल तड़वी की संस्थानिक हत्या, रोहित बेमुला की याद को जाता कर दी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल और दूसरा जनादेश वाली मोदी सरकार के पूरे कार्यकाल में जिस तरह से नफरत व जातिये घृणा फैलाई गई है। जिसे पार्टी घोर निंदा करती है। फलस्वरूप बहुत ही सुनियोजित तरीके से दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासियों तथा सभी कमजोर वर्ग पर हमला किया जा रहा है। पायल तड़वी एक होनहार मेडिकल की छात्रा थी, लेकिन इस देश के भीतर मौजूद मनुवादी सोच के लोगों के लिए एक आदिवासी सामाज में पैदा ली लड़की को डॉक्टर बनना पच नहीं पाया और उनका लगातार शोषण होता रहा जिससे उसने अपनी जान गवानी पड़ी। मौके पर अनुज प्रसाद, सरस्वती देवी, मीणा देवी, शांति देवी, वसंती देवी तथा संजू दास सहित दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद थे।
रोहणी नक्षत्र में धान का बिचड़ा पानी के आभाव में नहीं डाल पा रहे किसान
नवादा : कई साल से सुखाड़ का दंश झेल रहे किसान इस साल भी सुखाड़ की आशंका से सहमे-सहमे से हैं। कृषि कार्य शुरू करने का मुख्य नक्षत्र रोहिणी आधा पार कर चुका है लेकिन अभी दूर-दूर तक वर्षा होने की संभावना दिखाई नहीं पड़ रही है। इसी नक्षत्र में किसान धान का बिचड़ा खेत में डालते हैं। क्योंकि रोहिणी नक्षत्र में डाला गया बिचड़ा निरोग माना जाता है।
इस नक्षत्र में डाले गए बिचड़े से रोपे गए धान में रोग नहीं लगता है और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है। लेकिन बिचड़ा डालने की बात तो दूर है अभी तक किसान उसके लिए जुताई कोडाई करके खेत को तैयार भी नहीं कर पाए हैं। ऐसा भूगर्भीय जल स्तर के बहुत नीचे चले जाने और वर्षा नहीं होने के कारण हो रहा है।
नंदपुर निवासी रबिन्द्र सिंह, बिक्कू निवासी संतोष कुमार तथा पसई निवासी जनार्दन सिंह समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से जिले में उचित मात्रा में वर्षा नहीं हो रही है। बरसात के शुरुआती में तो प्रचुर मात्रा में वर्षा हुई लेकिन उसके बाद फिर पूरे मौसम में कभी वर्षा नहीं हुई।
डीजल और मोटर पम्पसेट से कुछ-कुछ धान बचाया गया था। लेकिन उसी समय से भूगर्भीय जलस्तर नीचे जाना शुरू हो गया था। आज आलम यह है कि किसी भी गांव में एक भी बोरिंग नहीं चल रहा है। आदमी तो आदमी मवेशी को भी पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। सभी बोरिंग, चापाकल, तालाब तथा पोखर सूखा हुआ है। जिसके कारण खेतों का पटवन नहीं हो रहा है।
वर्षा हुए दस महीने हो गए हैं। खेतों में मोटा मोटा दरार पड़ा हुआ है। जुताई करना तो दूर खेत में चलना फिरना भी मुश्किल हो गया है। इस परिस्थिति में धान का बिचड़ा तैयार करना मुश्किल हो रहा है। यदि धान का बिचड़ा नहीं तैयार होगा तो फिर रोपनी का कार्य कैसे होगा। भूगर्भीय जलस्तर नीचे चले जाने के कारण जिले में मूंग का फसल भी किसान नहीं लगा पाए हैं और ना ही जेठुआ सब्जी का खेती किये हैं। जिसके कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कृषि विभाग ने इस वर्ष 74 हजार हेक्टेयर भूमि में धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए 7400 हेक्टेयर भूमि में धान के बिचङे डाले जाने हैं। बारिश के अभाव में कृषि का सारा कार्य ठप पङा है।
एसएफएल की टीम ने लिया घटना स्थल का जायजा
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल थाना क्षेत्र के भोरमबाग महादेव मठ के नजदीक पहाड़ के पास कदहर नहर से 24 मई को अपहृत जमुई जिले के सिकंदरा बाजार के तीन युवकों की नृशंस हत्या के बाद हत्यारों को पकड़ने की दिशा में पुलिसिया कार्रवाई तेज हो गई है। इस कड़ी में गुरुवार को पटना से पहुंचे एसएफएल टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान उन लोगों के साथ रहे स्क्वायड डॉग की मदद से खोजबीन शुरू की गई।
एएसआई सुरेंद्र प्रसाद राम ने बताया कि पटना से पहुंचे एसएफएल की टीम के द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर हत्या से संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा किया गया।
बता दें कि 24 मई की संध्या 7:00 बजे कौआकोल थाना क्षेत्र के कदहर नहर के पास से जमुई के सिकंदरा बाजार निवासी राजकुमार उर्फ पल्लू यादव, बिक्की कुमार रजक तथा जितेंद्र कुमार उर्फ रिंकू यादव की बोलेरो सवार अज्ञात अपराधियों ने अपहरण कर लिया था। अपहरण की घटना के लगभग 6 दिन बाद गुरुवार को भोरमबाग पहाड़ी के पास तीनों युवकों की लाश बरामद की गई। इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। अब देखना यह है कि आखिर पुलिस प्रशासन कब तक उन तीनों युवकों के हत्यारों तक पहुंच पाती है।
एसपी से मिलकर की गिरफ्तारी की मांग
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल थाना क्षेत्र के बनैली गाँव की सुलोचना देवी ने एसपी से मिलकर न्याय के साथ जान माल सुरक्षा की मांग की है।
बता दें कि मार्च माह के आखिरी महीने में गांव के ही बबलू मंडल, रघुनंदन मंडल, जोधन मंडल पंकज मंडल के खिलाफ एससी/एसटी के तहत केस की थी। मामला यह था कि सुलोचना देवी के पुत्र शतीस कुमार 13 वर्ष की पिटाई कर दी इन चारों आरोपियों ने यह कहकर की मेरे गली में मत घूमो जब उसके बड़े भाई सचिन पासवान बचाने के लिए दौड़ा तो उसकी भी पिटाई कर दिया चारो ने। लेकिन इससे लगा कि मामला कुछ नहीं है बच्चे की है तो सुलझ जाएगा।
सुलोचना ने कुछ नहीं बोली। चुकी उसका घर में कोई भी पुरुष नहीं रहता है। पति मुम्बई में कमाता है, लेकिन लगभग आधे घंटे बाद चारो आरोपियों ने घर में अकेली सुलोचना को देखकर घुस गए और भद्दी-भद्दी गाली गलौज करने के वाद उसका साड़ी खींचने लगा इस पर सुलोचना ने विरोध किया तो उसे जबरदस्ती अर्धनग्न कर दिया जब चिल्लाई तो उसके पड़ोसी गोतनी दौड़ी उसे दो चार थप्पड़ जड़ दिया और गाली गलौज किया। जब सुलोचना के साठ वर्षीय ससुर ने इसका विरोध किया तो उसे भी चार पाँच फैट जड़ दिया जिससे वो गिर पड़े। आखिर में डरी हुई सुलोचना न्याय के लिए कौआकोल थाना पहुंची और एफआईआर दर्ज करवाई। लेकिन आज दो माह बीत गए अभी तक आरोपी निश्चिंत घूम रहा है। कई लोगो से संदेश भिजवाया की केस वापस लो नहीं तो जान मार देंगे।
थक हार कर एसपी के पास पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। सामाजिक कार्यकर्ता धर्मदेव पासवान राज्य समन्वयक राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री का हुक्म है कि किसी भी सूरत में आरोपी बचना नहीं चाहिए दूसरे तरफ थाना सुस्त नजर आते हैं। बड़ी चिंता होती है कि आखिर न्याय कैसे मिलेगा। सैकड़ो दलित केस पेंडिंग है और पीड़ित परिवार का चक्कर लगाते-लगाते बुरा हाल है। पासवान ने नवादा एसपी से न्याय की माँग की है।
धारधार हथियार से किया हमला, महिला समेत चार जख्मी
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर थाना क्षेत्र के दर्शन गांव के बधार में पुरानी रंजिश को लेकर धारधार हथियार से हमला कर चार लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। घायलों में एक महिला भी शामिल हैं। दो घायलों को पीएमसीएच पटना रेफर किया गया है। घटना के पीछे पुरानी रंजिश बताई जा रही है। घटना के बावत पीड़ित पक्ष द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर दोनों आरोपितों को जंगली इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि पिछले साल तीज के दिन इसी गांव के राजकुमार यादव के पुत्र जितेंद्र यादव ने घर में घुस कर एक महिला के साथ दुष्कर्म किया था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपित फरार हो गया था। करीब छह-सात महीना के बाद 28 अप्रैल, 2019 को गोविदपुर थाना ने नवादा रेलवे स्टेशन से जितेंद्र को नाटकीय तरीके से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों पर आरोपित पक्ष द्वारा केस में समझौता के लिए दवाब बनाया जाने लगा।
परिजन उसे जल्द जेल से बाहर निकालने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। इस बीच मंगलवार की शाम में दुष्कर्म पीड़िता के परिजन अपने खेत में पटवन की तैयारी कर रहे थे। तभी दुष्कर्म आरोपित जितेंद्र के पिता राजकुमार यादव (रिटायर्ड सिपाही) और भाई वीरेंद्र यादव लाठी डंडा और तलवार लेकर पहुंचा और वहां मौजूद लोगों पर हमला बोल दिया। जिसमें एक महिला समेत चार लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। तलवार के वार से विनोद यादव का पेट फट गया। जबकि विनोद के भाई उमेश यादव का जांघ कट गया। दोनों वहीं घायल होकर गिर पड़े। इसके बाद विनोद यादव का बेटा सुजीत यादव और उसकी मां कलवा देवी आई तो उसे भी लाठी डंडा से वार घायल कर दिया। हमलावरों की खूनी खेल से ग्रामीण सहम गए। किसी ने प्रतिरोध नहीं किया।
घटना को अंजाम देने के बाद दोनों हमलावर झारखंड की ओर फरार हो गए। घायलों को तत्काल गोविदपुर पीएचसी लाया गया। जहां डॉ. विनोद कुमार ने प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल से विनोद व उमेश को पटना रेफर कर दिया गया। सूचना के बाद थानाध्यक्ष ज्योति पुंज दल बल के साथ दर्शन गांव पहुंचे।
उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आरोपितों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी की। लेकिन सभी आरोपित फरार मिले। बाद में मिली गुप्त सूचना के आधार पर आरोपित पिता-पुत्र राजकुमार यादव (रिटायर्ड सिपाही) और वीरेंद्र यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
शिक्षक ने चलाया जल संरक्षण अभियान
नवादा : जल अमूल्य है इसकी बर्बादी भविष्य के लिए काफी खतरनाक है। जहां भी जल की बर्बादी हो रही है उसे बचाने की कोशिश करना हर मानव का कर्तव्य है। उक्त बातें ‘सेव वाटर-सेव लाइफ’ के अभियान पर रहे शिक्षक श्रीकांत ने कहीं। उन्होंने वारिसलीगंज नगर पंचायत की वार्ड संख्या-10 पुरानी बैंक रोड में मुख्यमंत्री नल-जल के तहत बिछाए गए पाइप लाइन से बर्बाद हो रहे जल को रोकने के लिए फुलवारी गली के बाल सांसद को सक्रिय किया है। जल बचाओ-जीवन बचेगा के नारों के साथ जल बचाओ अभियान टीम के बच्चे घर-घर जाकर महिलाओं और गृहिणिओं से पानी के फालतू खर्च को रोकने तथा नल जल का बर्बाद हो रहे पानी को बचाने का आग्रह किए। पहले चरण में पुरानी बैंक रोड, मेन रोड, सब्जी बाजार आदि जगहों पर पाइप में लगाया गया नल आदि से जल के रिसाव को बच्चों ने यथासंभव ठीक किया। बाल संसद के अगुआ शिक्षक श्रीकांत ने कहा कि बाल संसद अभी कई गांवों में जल बचाने के अभियान पर कार्य करेगी। जल बचाने में लगने वाले संसाधनों को शिक्षक श्रीकांत अपनी स्वयं की निधि से उपलब्ध करवा रहे हैं। बता दे कि बाल संसद पिछले कई सालों से जल बचाओ जीवन बचाओ पर कार्य कर रही है। इस बाबत रैली, जनसंपर्क आदि आयोजित किया जाता रहा है। बाल संसद के सक्रिय बच्चों में रजत अर्श, मयंक राज, आनंद राज, रौशन, दीपक, विक्की, रिकी, राहुल, नेतृत्वकतार् शिक्षक श्रीकांत कुमार, संतोष कुमार शामिल हैं।
ई-रिक्शा के मकड़जाल से जाम से जूझ रहे लोग
नवादा : नगर में ई-रिक्शा मकड़जाल की तरह बगैर नियम कानून के जहां-तहां खड़ी किए जाने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यातायात पुलिस भी कुछ करने में अपने आप को असमर्थ पा रही हैं। ट्रैफिक पुलिस की शिथिलता के कारण यातायात की समस्याएं दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसी को इमरजेंसी होती है तो उनको भगवान भरोसे गुजरना पड़ता है। परिस्थिति यह हो गई कि जिला प्रशासन भी अब इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
इन दिनों ईद को लेकर शहर में काफी भीड़ हो रही है। ऐसे में ई-रिक्शा की मनमानी से लोगों को पैदल तक चलना मुश्किल हो गया है। प्रशासन द्वारा कई बार सख्ती बरती गई परंतु इसका कोई असर नहीं हुआ है। यहां स्थानीय नागरिक ई-रिक्शा के अनियमित संचालन से काफी त्रस्त हो चुके हैं।
शहर का प्रमुख इलाका प्रजातंत्र चौक है, जहां से मेन रोड पार नवादा, बिजय बाजार, अस्पताल रोड तथा भगत सिंह चौक के तरफ जाने के लिये भीड़ लगी रहती है। प्रजातंत्र चौक पर सड़क के बीचो-बीच ई-रिक्शा खड़ी की जा रही है और यहां तैनात ट्रैफिक पुलिस मूकर्दशक की तरह खड़े रहते हैं। दुर्भाग्य इस बात का है कि इमरजेंसी पड़ने पर भी केवल छटपटाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।
यातायात दुरूस्त रखने के लिये क्या है व्यवस्था
शहर को यातायात दुरूस्त रखने के लिये जगह-जगह ट्रफिक पुलिस की तैनाती की गई है। जिसमें 11 प्वाइंट बनाये गये हैं, जिसमें कुल 46 पुलिस बलों की तैनाती की गई है। बावजूद अभी तक यातायात में सुधार नहीं हो सका है। यातायात पुलिस बताते हैं कि कूल 46 जवानों में 14 महिला जवान है। इसमें 5 महिला और 13 पुरूष वैसे जवान हैं जो ड्यूटी पर ही ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं।
कहां-कहां है ट्रैफिक प्वाइंट
शहर में कुल 11 ट्रैफिक प्वाइंट बनाये गये हैं, जिसमें एनएच-31 पर सद्भावना चैक व बाबा के ढ़ाबा, पार नवादा पुरानी रजौली बस स्टैंड, लाल चैक, प्रजातंत्र चैक, इंदिरा चैक, नवादा जमुई पथ माल गोदाम रेलवे क्रॉसिंग, बिजय बाजार चैक, कलाली रोड, प्रसाद बिगहा साहेब कोठी गली तथा भगत सिंह चैक पर यातायात पुलिस की तैनाती की गई है।
शहर में 8 सौ ई-रिक्शा है पंजीकृत
पूरे शहर की जितनी आबादी है उसमें अब ई-रिक्शा काफी हो गया है। जिला परिवहन विभाग की माने तो यहां अभी तक करीब 8 सौ ई-रिक्शा का पंजियन किया गया है। इसके अलावा करीब 2 सौ ई-रिक्शा बगैर पंजियन के ही सड़कों पर दौड़ रही है। इसके लिये कोई यातायात नियम मायने नहीं रखता है, कब कहां कैसै खड़ा कर देना इससे कोई मतलब नहीं है। यही वजह है कि शहर का प्रमुख मार्ग जाम के शिकंजा में जकड़ चुका है।
क्या कहते हैं नगरवासी
सिमित शहर की सड़कों पर जितना ई-रिक्शा हो गया है, उससे लोगों को पैदल भी चलना मुश्किल हो गया है। प्रजातंत्र चैक पर रिक्शा वालों का जमावड़ा लगा रहता है, मंटू कुमार, अस्पताल रोड नवादा
शहर में ई-रिक्शा का भरमार हो गया है, उससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। प्रशासनिक कार्यवाई भी महज दिखावा की तरह है, विशु कुमार विश्वास, गढ़पर नवादा
यातायात व्यवस्था में लगे पुलिस जवान भी ई-रिक्शा को व्यवस्थित करने में विफल साबित हो रहे हैं। यहां नो इंट्री तक का पालन नहीं हो पा रहा है। जिस स्तर से ई-रिक्शा बढ़ा है उसके लिये व्यवस्था करने की जरूरत है, शषि कुमार, न्यू एरिया नवादा।
ई-रिक्शा का आलम ऐसा हो गया है कि समय पर न तो लोग ड्यूटी पर जा पा रहे हैं और ना ही बच्चे स्कूल पहुंच पा रहे हैं। दोपहर को स्कूल से छुट्टी होने पर जो जाम लगता है उससे बच्चे ब्याकुल हो जाते हैं, राहुल कुमार, पुरानी जेल रोड।
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिये पूर्व कमिश्नर के निर्देश पर एक कमेटी बनाया जाना है जिसका अध्यक्ष डीएम हैं। इसमें तय किया गया है कि सभी ई-रिक्शा चालकों के साथ बैठक कर इनका रूट तय किया जाना है कि किस रूट में कितना ई-रिक्शा संचालन किया जायेगा। इस माह के अंत तक इसका बैठक कर रूट तय कर लिया जायेगा। इस कमेटी में डीएम के अलावा डीटीओ, सदर एसडीओ प्रमुख हैं। लोगों को खरीदने पर रोक नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन रूट चाट बना दिये जाने से शहरवासियों को काफी राहत मिल जायेगी, अभ्येन्द्र मोहन सिंह , जिला परिवहन पदाधिकारी, नवादा।
अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने युवक को रौंदा
नवादा : राजमार्ग संख्या 31पर गुरुवार की सुबह फतेहपुर-नवादा पथ पर जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के चेता बिगहा गोवर्द्धन मंदिर के समीप अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने एक युवक को रौंद दिया। जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने चेता बिगहा के समीप एनएच 31 को जाम कर वाहनों का परिचालन ठप कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही अकबरपुर थानाध्यक्ष मोहन कुमार पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों को समझा-बुझाकर एवं मृतक के परिजन को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 20 हजार रुपये एवं स्थानीय मुखिया द्वारा कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 3 हजार रुपये की राशि देकर सड़क को जाम से मुक्त करा वाहनों का परिचालन शुरू कराया।
बताया जाता है कि अकबरपुर थाना क्षेत्र के नान्हू बिगहा निवासी स्व लच्छू यादव के 28 वर्षीय पुत्र मुंद्रिका यादव घर में हो रहे बोरिंग के लिए डीजल लाने पास के विजय पेट्रोल पम्प जा रहा था। तभी रजौली की ओर से आ रही स्कॉर्पियो ने मुंद्रिका को रौंदते हुए फरार हो गया। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस शव को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया। पोस्टमार्टम पश्चात पुलिस ने शव को उनके परिजन को सौंप दिया। इधर उनके परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा है। जाम के कारण लोगों को इस भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पङा। बाद में करीब दस बजे जाम के हटते ही यात्रियों ने राहत की सांस ली।