नेपाल बंद, कई जगहों पर बम बरामद
अररिया : नेपाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित नेकपा विप्लव समूह के नेपाल बंद के आह्वान पर मंगलवार को जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।
वाहनों नहीं चलने से लोग परेशान रहे। लंबी दूरी के वाहनों कि आवाजाही ठप रही। वही शिक्षण संस्थान कल कारखाने बंद थे। बंद को सफल बनाने के लिए तथा लोगों में दहशत फैलाने के लिए आंदोलनकारियों ने मोरंग के सुंदर हरैचा ठडिया चौक से प्रेशर कुकर बम रखा था, परंतु ने सेना ने बम बरामद कर निष्क्रय कर दिया। वहीं बिराटनगर के ढाठ के समीप शंकास्पद विस्फोटक बरामद हुआ है। जबकि इटहरी धरान मार्ग पर भी इटहरी पुलिस के द्वारा भी बम की बरामदगी हुई। बंदी के दौरान बिराटनगर में एक ट्रक भी जला दिया गया। डीएसपी घनश्याम श्रेष्ठ ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है। यह बंदी प्रतिबंधित नेकपा विप्लव समूह युवा संगठन ने कराया था। इस संगठन के कार्यकर्ता तीर्थराज घिमिरे की मौत गोली लगने से हो गई थी। इसी आक्रोश में नेपाल बंद का एलान किया गया था। विप्लव समूह द्वारा रखे गए बम से काठमांडु के अलग अलग स्थानों पर बिस्फोट से चार लोगों की मौत हुई है।
वहीं बंदी को लेकर नेपाल पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्क थी। जगह जगह चौक चौराहे पर नेपाल पुलिस, सेना तैनात थे। मोरंग एसपी मनोज कुमार केसी ने बताया बंदी के दौरान बिराटनगर व आसपास के इलाके में कहीं से बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। बंदी का प्रभाव सीमा के इस ओर अर्थात भारत के जोगबनी में भी दिखा यहां के बाजार भी सुनसान रहे और लोगों कि आवाजाही व व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ। फिलहाल नेपाल के हालात बिगड़ते जा रहे हैं और सेना ने मोर्चा सम्भाल रखा है।
नजराना के बिना नहीं होता आवास योजना में भुगतान
अररिया : अररिया के सिकटी प्रखंड क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मजदूरी का भुगतान में पीआरएस द्वारा 500 -1000 रुपए लेने के बाद हीं मजदूरी का भुगतान किया जाता है। जो लाभुक निर्धारित पैसा नहीं देता है, वैसे लाभुकों का भुगतान नहीं किया जाता है। एमएलसी प्रतिनिधि सह प्रमुख प्रतिनिधि मो. खुर्शीद आलम ने बताया कि पीआरएस बिना पैसा लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मजदूरी भुगतान नहीं किया जाता है। जो लाभुक निर्धारित पैसा दे देते हैं, उसका भुगतान कर दिया जाता तथा जो लाभुक पैसा नहीं देते हैं, उसका मानव दिवस में जीरो अंकित कर दिया जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने वालों घरो की मजदूर का भुगतान मनरेगा से किया जाता है।
8 से 10 हजार की होती है वसूली
वहीं प्रधानमंत्री योजना के तहत विभिन्न पंचायतों के मुखिया द्वारा 8 से 10 हजार रुपए की वसूली की जा रही है। एक लाभुक पार्वती देवी ने बताया कि मुखिया द्वारा दस हजार की मांग किया गया था।एक तरफ मोदी जी और उनकी पार्टी देश में सबका साथ सबका विकास कि बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार में ‘सबका शोषण सबकी हकमारी’ अभियान चलता प्रतीत होता है।
संजीव कुमार झा