एसएसबी आईजी ने भारत-नेपाल बॉडर का किया निरीक्षण
मधुबनी : एसएसबी पटना सीमांत मुख्यालय के महानिरीक्षक संजय सिंह जयनगर पहुंचकर बाजार समिति स्थित एसएसबी बटालियन मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक किया तथा इंडो-नेपाल सीमा का निरीक्षण भी किया। बैठक मुख्यालय स्थित बाहरी परिसर में सोशल डिस्टेसिंग का ख्याल रखते हुये किया गया। वे लॉकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग पालन में हो रही लापरवाही को मेंटेन को ले सड़क पर आने की सम्भावना पर चर्चा किया, तथा इसके लिये तैयार रहने के लिए भी कहा गया। सरकार के निर्देश मिलने पर लोकल पुलिस के साथ इनकी भी सहभागिता हो सकती है। एसएसबी खासकर कोरोना संकट व बॉर्डर निरीक्षण को लेे जयनगर पहुंचे थे।
मधुबनी में जेडीयू नेता की हत्या, लाश ठिकाने लगाते समय हुआ ख़ुलासा
आईजी ने एसएसबी अधिकारियों व जवानोंं को कोरोना को लेकर पूरी तरह से जागरूक व अलर्ट रहने की बात कही है। उन्होंने जवानों से हमेशा मास्क लगाने व एक एक घण्टा के अंतराल पर हाथोंं को साबुन से हाथ धोने का निर्देश दिया, ताकि वे लोग भी पुरी तरह सुरक्षित रहे। साथ ही कोरोना से बचाव को लेकर एहतियात बरतने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा की जिस प्रकार से कोरोना की कहर जारी है, और लोग सही ढंग से लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही कर रहे है। इस स्थिति में लोकल प्रशासन के साथ सड़क पर उतर कर कमान संभालना हो सकता है। आईजी बैठक के बाद ने सीमा बीओपी पर पहुंचकर निरीक्षण किया। तथा बॉडर के सील व जवानों की मुस्तैदी, गश्ती के वस्तु स्थिति का जायजा लिया। तथा कई आवश्यक निर्देश दिये। इस मौके पर कार्यवाहक कमांडेंट शंकर सिंह समेत अन्य अधिकारी व जवान उपस्थित थे।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों की इलाज में कोताही को ले लोग नाराज़
मधुबनी : झंझारपुर नर्सिंग स्कूल में पांचों कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती कराये जाने पर लोग नाराज है। इनमें झंझारपुर से दो, मधुबनी शहरी क्षेत्र, कलुआही और मधेपुर से एक-एक पीडि़त हैं। हालांकि, यहां की इलाज की व्यवस्था बेहतर नहीं है। कुछ चिकित्सक और कर्मी सैनिटाइजर व मास्क के सहारे कार्यरत हैं।
झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल के डीएस डॉ. किशोर चंद्र चौधरी ने कहा कि यहां भर्ती पांचों मरीजों में अभी लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। लक्षण आने पर यहां कफ और बुखार का इलाज दवा देकर किया जा सकता है। तबीयत ज्यादा खराब होने पर डीएमसीएच या पीएमसीएच रेफर किया जाएगा। क्योंकि, यहां इलाज की व्यवस्था नहीं है। यह क्वारंटाइन सेंटर जैसा ही कार्य कर रहा है।
वहीं इस बाबत स्थानीय लोगों में आक्रोश भरा है। उन लोगों का कहना है कि पांचों मरीजों को यहां पर रखने के प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्णय से लोगों में हम आशंकित है। वे सब लोग इस क्षेत्र के लिए घातक बन सकते हैं। इनका कहना है कि इलाज की व्यवस्था जिला स्तर पर होनी चाहिए। संपूर्ण जिला क्षेत्र के मरीजों को यहां कैसे भर्ती कर दिया गया? जिले में पॉजिटिव का इलाज सिर्फ खानापूर्ति है।
लॉकडाउन उल्लंघन में बेनीपट्टी के 15 व्यवसायियों पर प्राथमिकी
मधुबनी : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन के उल्लंघन में बेनीपट्टी बाजार के किराना, फल, सब्जी, पाइप दुकान समेत 15 व्यवसायियों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वहीं लॉकडाउन का उल्लंघन कर अनावश्यक रूप से बाइक व अन्य वाहन लेकर सड़क पर निकलने वालों एक दर्जन लोगों की बाइक पकड़कर 16 हजार रुपये जुर्माना की वसूली की गई है।
अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश रंजन तथा डीएसपी अरुण कुमार सिंह, पुनि सह थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार सिंह, सीओ प्रमोद कुमार सिंह बेनीपट्टी बाजार में लॉकडाउन का जायजा लेने के लिए निकले सोमवार करीब शाम साढ़े छह बजे निकले। एसडीएम तथा डीएसपी ने अनुमंडल कार्यालय से बाजार के डॉ० आंबेडकर चौक, बेहटा बाजार, इंदिरा चौक, डॉ० लोहिया चौक, उगना चौक तक पैदल चलकर लॉकडाउन का जायजा लिया। लॉकडाउन के उल्लंघन कर देर शाम तक किराना दुकान, सब्जी दुकान, फल दुकान, मोबाइल दुकान खुली देख सीओ एवं थानाध्यक्ष को सभी का नाम पता नोटकर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
सीओ प्रमोद कुमार सिंह ने लॉकडाउन उल्लंघन कर दुकान खोलने के आरोप में सब्जी दुकानदार पवन कुमार, मो० सुलेमान, फूलबाबू, खोसीफ, फल दुकानदार सत्यनारायण साह, रंजीत साह, मो० शबीर एवं किराना दुकानदार अवधेश कुमार, किशोरी साह, बिक्की मेहता, विश्वनाथ महथा, फोटा स्टेट दुकारदार मुकेश कुमार, पाइप दुकानदार विश्वनाथ साह, मोबाइल दुकानदार सरोज मिश्र समेत 15 दुकानदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
इसमें लॉकडाउन के निर्देशों का पालन नहीं करने व निर्धारित समय के बावजूद दुकान को खोलने की बात कही गई है।
सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेसिंग का नहीं हो रहा पालन
मधुबनी : जिले में पांच कोरोना पोजेटिव रोगी के खबर के बावजूद जयनगर समेत आसपास के इलाकों में लॉकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग अब भी फेल है। खासकर स्टेशन मैन गेट से पटना गद्दी रोड तक मे लगे सब्जी मंदी, देवधा हाट, बेला व बरही हाट समेत अन्य जगहों पर लगने वाली सप्ताहिक हाटों पर सोशल डिस्टेसिंग से लोग बिल्कुल बेपरवाह है।
कोरोना संकट के इस दौर में एक भी भूल सैकड़ों लोगों के लिए आफत बन सकती है। जबकि जानकारी के अनुसार सोमवार को प्रशासन ने बेला गांव से दो कोरोना संदिग्धों को क्वारंटाइन कर सेम्पल कलेक्ट किया गया। सुबह व शाम को विभिन्न सड़कों पर भी लोग टहलते देखे जा रहे है। कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सोशल डिस्टेसिंग से बेपरवाह होकर ग्रुपबाजी में देखे जा रहे है। मानों कोरोना संकट से जयनगर सेफ हो। प्रशासन भी खानापूर्ति ड्यूटी के तहत सुबह व शाम एकाध बार अपने ड्यूटी का इतिश्री करने में लगे है।
देवधा उत्तरी पंचायत के सरपंच सुजीत साह ने जानकारी दिया कि देवधा हाट के निकट सोशल डिस्टेसिंग से बेपरवाह हो लोग खरीदारी करते देखे जा रहे है। चौक व चौराहे पर भी चाय-पान के दुकानों पर लॉकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग फेल है। सरपंच ने लोगों से लॉकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग पालन को लेकर लोगों से अपील किया। इसी तरह सोमवार को बेला चौक पर लगे हाट पर भीड़भाड़ मेले जैसा था। जहां सोशल डिस्टेसिंग से लोग बेपरवाह था। बरही पंचायत समेत अन्य पंचायतों में लगने वाले हाटो पर कमोवेश स्थिति इसी तरह की स्थिति बनी हुयी है। पंचायत के मुखिया पति ने बताया कि पुलिस लॉकडाउन 2.0 के बाद यहां नही आयी। जयनगर शहर के बैंकों के बाहर भी काफी भीड़ लगी हुई रहती है, जो किसी भी समय खतरनाक बन सकता है इस कोरोना काल में।
कोरोना को ले मधुबनी में संसय का स्थिति, प्रशासन लापरवाह
मधुबनी : शहर में कोरोना का मरीज पॉजिटिव मिल जाए वहां का हालात कैसा होना चाहिए। जिस महिला सिपाही को पॉजिटिव पाया गया है, वह छुट्टी के बाद नगर परिषद में एक विवाह कार्यक्रम में शामिल हो रही है। अपने पति और बच्चे के साथ रहती है। यह काफी गंभीर हालत पैदा कर सकता है, क्योंकि यहां पर कई लोग रहते हैं। यहीं पर सामुदायिक भोजनालय और रैन बसेरा चल रहा है। यहां के भोजनालय पर कई अधिकारी और प्रतिनिधि आते जाते रहें हैं।
शीघ्र इसे सील कर सेनेटाइज करना चाहिए, साथ ही यहां आने जाने वाले को सुरक्षा के दृष्टिकोण से क्यारंटीन होना चाहिए। उस पर अभी तक क्या हो रहा है ये तो प्रशासन के लोग ही जानते है।
लेकिन मधुबनी शहर की सुरक्षा के लिए यह अतिआवश्यक है। शीघ्र कार्रवाई होना चाहिए पूरी दुनिया में जिस गांव बस्ती और बिल्डिंग में कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है। उसको पूरी तरह सील कर दिया जाता है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और एजेंसी ने भी सख्त आदेश दे रखा है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि मधुबनी में जिस कमरे में महिला सिपाही रखी थी जो पॉजिटिव पाई गई है।
उसी कमरे के बाहर हर दिन हर समय तीन दर्जन से आदमी ज्यादा उसी स्थान पर वह खाना खा रहे हैं। वहीं पर इनका रहना है लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन सोई हुई है। नगर परिषद ने महिला सिपाही के कमरे को तोड़कर दोपहर में कमरे के ताला को तोड़कर आज की दोपहर में दवा का छिड़काव कर दिया और अपने कर्तव्य का इतिश्री समझ लिया। जिला प्रशासन की देरी मधुबनी शहर ही नहीं पूरे जिले के साथ ही पूरे मिथिलांचल के लिए काफी घातक साबित हो सकता है।
मधुबनी व दरभंगा में संक्रमण के बाद बढ़ी बेचैनी, लोग परेशान
मधुबनी : डीएम डॉ० नीलेश रामचंद्र देवड़े ने आज बुधवार को बताया कि पडोसी जिलों से संक्रमण की खबरें आ रही है, ऐसे में हमें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। अपनी यात्रा जानकारी कदापि न छुपाएं, बल्कि आगे बढ़कर एक जवाबदेह नागरिक का परिचय देते हुए जिला प्रशासन को अविलंब बताएं। ताकि हम आपकी सभी तरह से सहायता कर सके और संक्रमण को उसके फैलने से पहले ही रोक सके। ऐसा कर न सिर्फ आप अपने को बल्कि, अपने सभी को कोरोना संक्रमण से बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक कई लोगों का सैंपल जांच हेतु भेजा गया है, जिनमें कुछ की रिपोर्ट आना बांकी रह गई है। हालांकि पांच पॉजिटिव मीले हैं, पर घबराने की कोई बात नही है।
भारत-नेपाल सीमा पर अब और बढ़ाई जाएगी सख्ती, संदेह होने पर तुरंत हो एक्शन। डीएम ने जिले के वरीय पदाधिकारियों से समाहरणालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिग कक्ष में बैठक कर कहा कि मधुबनी के आस-पास के जिलों में कोरोना के मिल रहे केस को देखते हुए हमें ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। थोड़ी सी ढिलाई या लापरवाही काफी महंगी पड़ सकती है। जिले की सभी सीमाओं पर बेहद ही सख्ती बरतने का निर्देश वरीय पदाधिकारियो को दिया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले की सभी सीमाओं पर सभी आने-जाने वालों की जानकारी को पंजी में संधारित करें। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है, कि बाहर से आने वालों कि जानकारी जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर या जिले के पदाधिकारियों के जारी नंबरों पर वाट्सएप करें। उन्होंने जिले के जनप्रतिनिधयों एवं मीडिया प्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया है, कि बाहर से आने वाले लोगों की सूचना प्रशासन को तुरंत दी जाए। ताकि किसी प्रकार का संक्रमण फैले उसके पहले ही उन्हें क्वारंटाइन किया जा सके।
डीएम ने कहा कि बाहर से आने वाले सभी को क्वारंटाइन में ही रखा जाएगा। चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि किसी एक के चलते पूरा जिला संक्रमण का शिकार हो जाए, यह किसी भी सूरत में होने नहीं दिया जाएगा। जिला तभी तक संक्रमण से मुक्त रह सकता है, जब तक हम सभी मिलकर पूरी ईमानदारी के साथ के साथ अपनी-अपनी जबाबदेही निभाते रहेंगे।
दो पक्षो में झड़प, एक गिरफ्तार
मधुबनी : बिस्फी जिले के बिस्फी प्रखंड में इस कोरोना वायरस महामारी के समय भी मारपीट की मामला थम नहीं रही हैं। एक तरफ लोगों को लॉक डाउन में परेशानियो का सामना करना पड़ रहा हैं, और दूसरी तरफ थाना क्षेत्र के बिस्फी पंचायत के छरा पट्टी में एक ही समुदाय के दो गुटो के बीच खून की होली गई। दोनों पक्ष से लोग खून से लतपत हो गई। जहाँ बिस्फी पुलिस क़ो सुचना मिलते ही बिस्फी पुलिस मौके पर पहुँच गई, जिसमें दोनों पक्ष के चार लोग घायल हो गए। सुचना मिलते ही मौके पर बिस्फी पुलिस पहुंच जहाँ से एक ब्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। सभी घायलो के लिए जानकी देवी, गुदरी दास, मनोज दास को इलाज के लिए पीएचसी बिस्फी में भर्ती कराया गया है। बिस्फी थाना अध्यक्ष उमेश कुमार पासवान ने बताया कि मामले को लेकर गुदरी दास और विपत्ति देवी के आवेदन पर बिस्फी थाना में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। तथा मारपीट करने के आरोप में कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
क्वारंटाइन सेंटर में लोगों को उपलब्ध कराई ज़रूरी सामग्री
मधुबनी : एएनएम कॉलेज , झंझारपुर स्थित बने क्वारंटाइन सेंटर में पांचो पॉजिटिव मरीजों को रखा गया है। अस्पताल प्रबंधक , झंझारपुर के द्वारा निम्नांकित सूचना जारी की गयी है।
मधुबनी जिले में पाए गए कुल 5 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को झंझारपुर अनुमंडलीय अस्पताल परिसर प्रांगण अवस्थित नवनिर्मित ए एन एम छात्रावास में रखा गया है, जिनको आज भोजन, बिसलरी पानी, तौलिया, गुड नाइट, कपड़े धोने के लिए सर्फ, ब्रश /पेस्ट, थाली/कटोरा/ग्लास स्टील उपलब्ध कराया गया। मरीज में कोई भी लक्षण दिखने पर उन्हें अग्रेत्तर इलाज हेतु कोविड अस्पताल एनएमसीएच, पटना में भेजने का स्वास्थ्य विभाग का निदेश है।
सुमित राउत