पेट्रोल, डीजल में बेतहाशा मूल्य बृद्धि पर कल कांग्रेस का धरना
मधुबनी : पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ में आखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के निर्देश एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आह्वान पर जिला में कल धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
मधुबनी जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बर झा ने सभी प्रखंड अध्यक्षों को पत्र भेजकर कहा है कि प्रखंड स्तर पर यह कार्यक्रम 30 जून से चार जुलाई के बीच सम्पन्न होगा। धरना प्रदर्शन के बाद महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम से स्मरपत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा जाएगा।
मधुबनी जिला अध्यक्ष प्रो० झा ने कहा है कि कल का धरना कार्यक्रम कोबिड-19 के मद्देनजर दिन के 12 बजे से दोपहर 02 बजे तक पार्टी कार्यलय के सभागार में आयोजित किए जाने का फैसला लिया है।
इस कार्यक्रम में जिला के पदाधिकारियों, प्रदेश प्रतिनिधियों, वरिष्ठ नेताओं, मोर्चा संगठन के अध्यक्षो एवं पदाधिकारियो, प्रकोष्ठ के अध्यक्षो एवं पदाधिकारियो एवं कांग्रेसजनों से अपील किया है कि कार्यक्रम में भाग लेकर गरीब, किसान ,मजदूर, छोटे-छोटे व्यपारियो, छात्रों, नौजवानों, मध्यमवर्ग विरोधी मोदी सरकार को मूल्य बृद्धि वापस लेने पर विवश करें।
वज्रपात की सटीक जानकारी देगा इन्द्रवज्र एप
मधुबनी : हाल के दिनों में वज्रपात से जान-माल की क्षति हुयी है। वज्रपात (ठनका) से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार द्वारा इन्द्र वज्र एप लाॅंच किया गया है। यह एप आमजन को वज्रपात एवं मौसम की सटीम जानकारी मुहैया करायेगा। इस मोबाईल एप इन्द्र वज्र के उपयोग से प्राकृतिक क्षति को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा इस प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने मोबाइल में इंद्र वज्र एप डाउनलोड करने की सलाह दी गयी है।
इंद्र वज्र मोबाइल एप कोई भी स्मार्टफोन यूजर आसानी से अपने मोबाइल में इंस्टाॅल कर सकते हैं। उपयोगकर्ता को प्ले स्टोर में जाकर इंद्र वज्र टाइप करने के बाद इस्टाॅल आॅप्शन को दबाना होगा। एप के इंस्टाॅल होने के बाद अपना मोबाईल नंबर प्रवेश कर एप को उपयोग में ला सकते हैं।
इस मोबाईल एप में वज्रपात गिरने से 40 से 45 मिनट पूर्व ही अलार्म टोन के साथ चेतावनी संदेश प्रसारित होगा। इससे उपयोगकर्ता को वज्रपात का आभास हो जायेगा तथा वे सतर्क हो सकेंगे। इस प्रकार वज्रपात से होने वाली क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होने बताया कि इसके अलावा इंद्र वज्र मोबाइल एप मौसम के पूर्वानुमान सहित अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान को भी बताएगा। इस एप पर जीपीएस प्रणाली के माध्यम से वज्रपात गिरने वाले स्थान के बारे में भी उपयोगकर्ता जान सकेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा जिलेवासियों से अपील की गयी है कि अनावश्यक रूप से घर से नहीं निकलें। जिला प्रशासन द्वारा विषम परिस्थिति से निपटने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गयी है। सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखा गया है। जिलाधिकारी द्वारा वज्रपात के समय क्या करें, क्या नहीं करें से संबंधित जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निदेश दिया गया है।
वज्रपात (ठनका) से बचाव हेतु क्या करें :
1. यदि आप खुले में हो तो शीघ्रतिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें।
2. सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें।
3. समूह में न खड़े हो, बल्कि अलग-अलग खड़े रहें।
4. यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें।
5. धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें।
6. आसमानी बिजली के झटका से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
7. स्थानीय रेडियो तथा अन्य संचार साधनों के माध्यम से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
8. यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें हो तोः-
◆ जहां हैं वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पते रख लें।
◆ दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन के तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटने दें।
◆ जमीन पर कदापि न लेटें।
वज्रपात (ठनका) से बचाव हेतु क्या नहीं करें :
1. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे के समीप तथा छत पर नहीं जायें।
2. तालाब और जलाशय के समीप न जायें।
3. बिजली के उपकरण या तार के साथ संपर्क से बचें व बिजली के उपकरणें को बिजली के संपर्क से हटा दें।
4. ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक हैं, उनके दूर रहें।
5. बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
6. उंचे इमारत (मकान) वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें।
7. साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं लें, क्योंकि उंचे वृक्ष, उंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
8. पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।
9. यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छूएं।
दो बच्चे की माँ लड़के के साथ हुई फरार
मधुबनी : झंझारपुर नगर पंचायत वार्ड क्षेत्र की एक दो बच्चों की मां अपने से कम उम्र के एक लड़के साथ भाग गयी। इसका खुलासा महिला के पति ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करा कर की है, जिसमें उन्होंने ललन कुमार साह को नामजद किया है। प्राथमिकी में पति ने कहा है कि उनकी पत्नी की उम्र 27 साल है।
शादी के बाद वे लोग खुशी से रह रहे थे, लेकिन ललन साह बहला फुसलाकर उनकी पत्नी को भगा ले गया है। पत्नी अपने साथ एक अबोध बच्चे को भी लेकर फरार है। थाना प्रभारी चंद्रमणि ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस महिला की बरामदगी के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
पुलिस ने अपहृता को किया झंझारपुर नगर थाना क्षेत्र से युवक के साथ भागी युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया है।164 के बयान में युवती ने उक्त युवक के साथ शादी कर लेने की बात कही। 19 वर्षीय युवती को कोर्ट ने पति के पास भेजने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने युवती को उनके पति को सुपुर्द कर दिया।
वहीं, थाना प्रभारी चंद्रमणि ने कहा है कि युवती के पिता के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें नगर पंचायत वार्ड 4 निवासी कमलेश साह सहित उनके परिजनों पर लड़की का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था।
आस्था का केंद्र बना जयनगर का शिलानाथ शिवालय
मधुबनी : जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से तीन किलोमीटर दक्षिण पश्चिम अवस्थित शिलानाथ महादेव सैकड़ों वर्षो से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। लोगों की आस्था ऐसी कि जो भी श्रद्धालु मिथिला का भ्रमण करने आते वो अवश्य शिलानाथ महादेव का दर्शन करने पहुंचते हैं।
पौराणिक महत्व है शिलानाथ का
सैकड़ों वर्ष से स्थापित शिलानाथ महादेव का पौराणिक महत्व है। धार्मिक ग्रंथ वर्षकृत में भी शिलानाथ महादेव का वर्णन है। कहा जाता है कि बनारस में काशी विश्वनाथ की स्थापना काल में ही शिलानाथ महादेव की भी स्थापना की गई थी। ताकि मिथिलाचल के लोगों को काशी विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य शिलानाथ महादेव के दर्शन से ही प्राप्त हो सके। प्राचीन काल में कमला नदी भी इसी मंदिर के बगल से होकर गुजरा करती थी।सैकड़ों वर्ष से स्थापित शिलानाथ महादेव का पौराणिक महत्व है।
धार्मिक ग्रंथ वर्षकृत में भी शिलानाथ महादेव का वर्णन है। कहा जाता है कि बनारस में काशी विश्वनाथ की स्थापना काल में ही शिलानाथ महादेव की भी स्थापना की गई थी। ताकि मिथिलाचल के लोगों को काशी विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य शिलानाथ महादेव के दर्शन से ही प्राप्त हो सके। प्राचीन काल में कमला नदी भी इसी मंदिर के बगल से होकर गुजरा करती थी। शिवरात्रि एवं सावन महीने में यहां लोगों की भारी भीड़ जुटती है।
शिलानाथ मन्दिर में दर्शन करने के लिए कैसे पहुंचे:
जयनगर रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैण्ड से ऑटो अथवा अन्य साधनों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। एनएच 105 के किनारे डीबी कॉलेज के पीछे शिलानाथ महादेव मंदिर विराजमान हैं।
कमला नदी पर बनेगा अत्याधुनिक बराज, प्रक्रिया शुरू
मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर में कमला नदी पर बने बीयर को बराज में बदलने की प्रक्रिया आधुनिक होगी। यह ऑटोमेटिक बराज होगा, जिसका संचालन मशीन से होगा। बराज बनने से इलाके को न सिर्फ अधिक सिंचाई सुविधा मिलेगी, बल्कि बाढ़ से बचाव भी होगा। बीयर को बराज में बदलने का एस्टीमेट तैयार हो चुका है। इसके अनुसार इस पर लगभग 363 करोड़ खर्च होंगे। वर्ष 1974 में बने इस बीयर की सिंचाई क्षमता 84 हजार 521 एकड़ थी। बराज से एक लाख दस हजार एकड़ में सिंचाई होने लगेगी। हालांकि बीयर अब अपनी पूरी क्षमता पर काम नहीं कर पा रहा है। गत वर्ष इससे मात्र 46 हजार एकड़ में ही सिंचाई हो पाई थी। इस लिहाज से अगर गणना करें तो बराज बनने से सिंचाई क्षमता दूनी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बराज का रूप देने की घोषणा चार दिन पहले की थी। गत वर्ष कमला नदी में अधिक पानी आने से बांध कई जगह टूट गये थे। जब बराज बना था तब नदी का डिस्चार्ज 1.40 लाख क्यूमेक माना गया था, लेकिन अब डिस्चार्ज बढ़कर 2.19 लाख क्यूमेक हो गया है।
इस पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने नदी में बदलाव का अध्ययन आईआईटी रुडकी के प्रध्यापक नयन शर्मा से कराया। श्री शर्मा ने भी अपनी रिपोर्ट में समस्या का निराकरण के लिए बीयर को बराज का रूप देने की सलाह दी थी।
विभाग ने तभी से इस पर कागजी काम करना शुरू कर दिया था। अब मुख्यमंत्री ने खुद ही इसकी घोषणा कर दी है। इस कारण अब काम में कोई बाधा नहीं रही। बरसात के दिनों में जो पानी गांवों में जाकर बाढ़ की स्थिति पैदा करता था। अब बराज में उसे बांधकर खेतों की सिंचाई में उसका उपयोग हो सकेगा। बराज एक नजर में
- 1.10 लाख एकड़ में होगी सिंचाई
- 363 करोड रुपये खर्च होंगे।
- 6224 घनसेक पानी जमा होगा।
- 10 स्लुईस होंगे दस-दस मीटर के
- 2.19 लाख क्यूमेक हो गया है नदी का डिस्चार्ज।
कमला बीयर को बराज में परिवर्तित करने से मिथिला क्षेत्र के बड़े भूभाग में सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह फैसला उत्तर बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। विभाग इसपर जल्द काम शुरू करेगा।
मात्र तीन घंटे की बारिश में डूबा शहर
मधुबनी : शहर में मात्र तीन घंटे की बारिश के कारण कई घरो में पानी घुस गई है। प्रशासन के द्वारा दी गई कई आश्वासन की पोल खुल गई है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा सिर्फ लोगो को सजग एवं सुरक्षित रहने की सलाह दे रहे है। धरातल पर कोई ठोस प्लान के साथ काम नहीं दिख रही है, जबकि यहाँ के तीन कैनालौ की उड़ाही एवं मास्टर प्लान के साथ काम करने के लिये लिये करोड़ों की राशि आई हुई है।
मधुबनी नगर परिषद तो पंगु बन कर रह गई है। यहाँ हर योजना मे लूटने का लोग अपना अधिकार समझते है। बस थोड़ा सा काम दिखाकर राशि उगाही की जा रही है। कहीं कोई कहने वाला नहीं है, जिससे स्थानीय जनता बुनियादी सेवाओ से महरूम है। लोग अब आक्रोशित हो रहे हो कभी भी इनका गुस्सा फुट पड़ सकता है।
शहर के संतूनगर लोहरसारी, गदियानि मुहल्ला जो तीन वार्डों से घिरा है, वहां के लोगो के त्राहिमाम संदेश पर हमारे संवाददाता ने उस मुहल्ला का जायजा लिया तो दंग रह गये। वहाँ खुद संवाददाता के द्वारा घुटने पर पानी में जाने को विवश होना पड़ा जाकर देखा तो कई लोगो के घरो मे पानी घुटनों तक घुस गया है। लोगो का जीना मुहाल हो गया है। बेडरूम में पानी, किचन मे पानी, टायलेट मे पानी, मोटर में पानी। यानि की पानी हीं पानी है हर जगह। यहाँ तक की कितनों के घरो में ख़ाना तक नहीं बना है। लोग भूखे है, छोटे छोटे बच्चे बिस्किट खाकर समय कांट रहे है, और सांप बिच्छू का खतरा अलग लाइन कटी हुई है। लोगो का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
सबसे अधिक कष्ट लोहरसारी में रहने वाले अकेले रहने वाले बुजुर्ग दंपति मिथिलेश कुमार सिन्हा की है, जो खुद बीमार है और उनकी पत्नी उनका देखभाल करती है। उनके घर मे भी पानी घुसने के कारण कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई सामानों की क्षति हो गई है। उनके घर मे भी ख़ाना नहीं बनने के कारण भूखे रहना पड़ रहा है।
स्थानीय जनता आक्रोशित होकर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को बुरी तरह कोस रहे है। खैर कुछ भी हो जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को जल्द सामने आकर शहर मे जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिये मास्टर प्लान तैयार कर युध्द स्तर पर काम शुरू करने की जरूरत है, ताकी लोगो की समस्या का मुकम्मल निदान हो सके।
श्रृंगि मुनि आश्रम स्थापित महादेव मंदिर का जीवनकाल तथा गूढ़ रहस्यों पर शोध
मधुबनी : बिस्फी प्रखण्ड क्षेत्र में भारी बारिश के बीच ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष अयोध्यानाथ झा की अध्यक्षता में स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहे पुरातत्वज्ञ शुशांत कुमार एवं मुरारी कुमार झा के द्वारा सिंगिया अवस्थित श्रृंगि मुनि आश्रम तथा वहां स्थापित महादेव मंदिर का जीवनकाल तथा गूढ़ रहस्यों पर शोध किया गया।
पुरातत्वज्ञ शुशांत कुमार के द्वारा बताया गया कि वास्तव में ये मंदिर बहुत ही प्राचीन प्रतीत हो रहा है। इसमें स्थापित शिवलिंग पूरे मिथिलांचल में सिर्फ दो से तीन जगह पर ही अवस्थित है। श्रृंगि ऋषि अपने जीवन के अंतिम समय इसी जगह पर बिताए थे जिस कारण उनके नाम पर ही इस गांव का नाम सिंगिया रखा गया था। आश्रम से कुछ दूरी पर उनको एक और प्राचीन जगह का अवशेष मिला जो कि अभी बिजिलपुरा के जगह से जाना जाता है, जहां वर्तमान में इस बड़े भू भाग पर सिर्फ खेती किया जाता है।
इस जगह के बारे में ग्रामीण का कहना है कि यहां पर बहुत ही प्राचीन समय में इसी नाम से एक गांव बसता था, लेकिन किसी बड़ी महामारी के वजह से ये पूरा गांव खतम हो गया था। इसी आधार पर जब पुरातत्वज्ञ इसकी जांच किए तो बहुत सारे पुराने मिट्टी के वर्तन का टुकड़ा के साथ साथ प्राचीन समय का पत्थर का टुकड़ा मिला, जिसको उन्होनें जांच के लिए अपने पास सुरक्षित रख लिए तथा उसी आधार पर पुरातत्वज्ञ मुरारी कुमार झा के द्वारा बताया गया कि ये गांव लगभग 2000 साल पुराना है। इस पुरातत्वज्ञ के कामों में उनके मदद के लिए ऋषि श्रृंगि सेवा समिति के सदस्य मदन झा, मनीष झा, नीरज कुमार मिश्रा, विकास झा, गोविंद झा, शंकर मिश्र, विवेक मिश्र, श्रवण मिश्रा, प्रदीप झा इत्यादि मौजूद थे।
बिस्फी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार हो रही बृद्धि
मधुबनी : बिस्फी प्रखंड क्षेत्र में कोरोना संक्रमण की संख्या में लगातार बृद्धि हो रही हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रखंड में कोरोना पॉजिटिव की संख्या दो से अब चार हो गई। वहीं प्रथम केस घाट भटरा एवं दूसरा नाहस जबकि नया केस तीसरा जफरा और चौथा बेलौजा में का आया हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की देर शाम दो नए पॉजिटिव केस में प्रखंड क्षेत्र के जफरा ग्राम से 49 वर्षीय पुरुष बेलौजा गांव से 26 वर्षीय पुरुष बताए जा रहे हैं। मधुबनी सदर अस्पताल के द्वारा 27 जून को जॉच हेतू सैंपल ली गई थीं। स्वास्थ्य प्रबंधक मो० रजाऊर रहमान ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव आए लोगों को आइसोलेशन सेंटर भेज दी गई हैं। तथा कोविड-19 महामारी के प्रकोप के नियंत्रण के लिए प्रखंड क्षेत्र में कई जगह सैंपलिंग के लिए शिविर भी लगाए जा रहे हैं। इसके तहत हाट बाजार भीड़ वाले इलाके चौक चौराहे पर शिविर चलाने की भी बात बताई गई। अब तक दो सौ से अधिक लोगों का सैंपल जांच केे लिए भेज दी गई हैं।
वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अबदाली द्वारा बताया गया की इन क्षेत्रों में सेनीटाइज करने एवं क्षेत्र को प्रतिबंधित करने को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही हैं।
गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि
मधुबनी : विधानसभा अंतर्गत शम्भुआड़ मंडल के बलिया चौक पर मधुबनी विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ ने गलवान घाटी में चीन व भारतीय सैनिको के बीच हुए खूनी झड़प जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपने कार्यकर्ताओं के साथ चीन के राष्ट्रपति का पुतला दहन किया।
इस मौके पर उन्होंने लोगों को चीनी समान का बहिष्कार करने की भी अपील की। चीन के सैनिकों को मुँह तोड़ जबाब देने के लिए सेना का धन्यवाद किया, और देश की रक्षा के लिए शहीद हुए जवानों को कैंडल मार्च के माध्यम से श्रधांजलि अर्पित किया। इस कार्यक्रम में भाजपा जिला मंत्री प्रमोद सिंह, मंडल अध्यक्ष रामनरेश, श्रीधर जी, आशाराम यादव, ललन झा, कुन्दन, नवीन इत्यादि लोग मौजूद रहे।
जब नहीं ली किसी ने सुद, तो खुद ही चंदा कर ग्रामीण बना रहे पुल
मधुबनी : बेनीपट्टी प्रखंड के पश्चिमी भाग में एक माधोपुर गांव है, जहां दशकों बाद भी पुरानी बागमती नदी की उपधारा पर पुल निर्माण नही हो सका। चुनाव के समय जनप्रतिनिधि, ग्रामीणों को कई बार आश्वासन दिए, मगर उसके बाद गांव में झांकनें तक नही गए। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। माधोपुर गांव राधेकृष्ण मंदिर के निकट पुरानी बागमती नदी की उपधारा बह रही है।
दशको से ग्रामीण उपधारा पर हीम पाइप और चचरी पुल बनाकर काम चलाते थे, जो बाढ़ में क्षतिग्रस्त होकर बह गया। ग्रामीणों को एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए जान हथैली पर रखकर तैर कर जाना पड़ता था। चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन ही मिला, मगर उसके बाद वायदा पुरा करने की बात तो दूर जनप्रतिनिधि गांव में झांकने तक नही आएं।
पूर्व मुखिया विष्णुकांत झा, उदयकांत झा, रमेश चंद्र मिश्र, अनिल राम सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को बारंबार कहने के बाद भी सिर्फ आश्वासन ही मिला। मगर वर्षो बाद भी पुल का निर्माण नही कराया गया। इस बार के चुनाव में किसी को गांवों में टपने नही देेंगें। अब मनरेगा योजना के तहत तकरीबन 10 लाख की लागत से उक्त उपधारा पर पुल निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।
इस पुल के निर्माण हो जाने से माधोपुर, धनूषी, बररी, फुलवरिया, बलसा, तरैया, रजबा, नवगाछी, बररी बेहटा, चानपुरा सहित कई गांवों को आवागमन में फायदा होगा। खासकर बाढ़ के समय में इन सभी गांवों के लोगों को आवाजाही में परेशानी नही झेलनी पड़ेगी।
मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी संजीव रंजन मिश्र ने बताया कि करीब 10 लाख की लागत से पुल निर्माण कराया जा रहा है। इससे कई गांवों को सामान्य दिनों के अलावे बाढ़ के समय काफी फायदा होगा। एक गांव से दूसरे गांव आने व जाने में परेशानी नही होगी।
रिश्तेदारों ने युवक पर किया हमला, इलाज के दौरान मौत
मधुबनी : बेनीपट्टी अनुमंडल के पास गुरुवार को हुए मारपीट में गंभीर रूप से जख्मी युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान राम सोगारथ मुखिया के पुत्र विकास मुखिया (18) के रूप में की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 25 जून के दोपहर राम सोगारथ मुखिया के कुछ रिश्तेदार आपसी जलन के कारण घर पर हमला कर दिया। उस समय मृतक घर मे अकेला था। परिजनों ने बताया कि आरोपियों ने बच्चे को अकेला देख हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। जिसे पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां से गंभीर अवस्था में दरभंगा-पटना रेफर कर दिया।
पटना में शनिवार की दोपहर युवक की मौत हो गई। उधर एकलौते पुत्र के हत्या से परिजनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। उधर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेज दिया है। इस संबंध में पु०नि० सह थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। एक भी आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
सुमित राउत