27 जुलाई : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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पीएम मोदी की सराहना से गदगद हुए मधुबनी पेंटिंग से जुड़े कलाकार

मधुबनी : मधुबनी पेंटिंग की लोकप्रियता देश-विदेश में है। कोरोना काल में यह संक्रमण से बचाव के साथ रोजगार का बड़ा साधन बन गया है। मुधबनी पेंटिंग से सजे मास्क लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। देशभर में इसकी मांग है।

इस कला और इसके कलाकारों के प्रयास की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मन की बात में की। उन्होंने कहा की स्थानीय कलाकारों ने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया है, कि सकारात्मक सोच और प्रयोग आपदा को अवसर व विपत्ति को विकास में बदल सकता है।

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प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात में कहा कि पूरी दुनिया देख रही है, कि बिहार में युवाओं और महिलाओं ने अपने टैलेंट व स्किल के दम पर कुछ नए प्रयोग शुरू किए हैं। कई वूमन सेल्फ हेल्प ग्रुप ने मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बनाने शुरू किए और देखते ही देखते ये खूब पॉपुलर हो गए हैं।

स्थानीय बाजार से अमेजन तक अब इनकी धमक हो चुकी है

मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क की पहुंच आज स्थानीय बाजार से निकलकर अमेजन तक है। ऑनलाइन मार्केटिंग साइट पर यह मास्क काफी लोकप्रिय है। पूरी दुनिया के लोग इसे खरीद रहे हैं। हाल ही में फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी ट्वीटर पर इस मास्क की प्रशंसा की थी।

दीवार से कागज, फिर कपड़े और खिलौनों के बाद मास्क पर मधुबनी पेंटिंग ने इस कला को नई पहचान दी है। मछली, अरिपन, देवी-देवता, फूल-पत्ती, पक्षी की पेंटिंग वाले सूती कपड़े का दो लेयर वाला मास्क लोगों को लुभा रहा।

मधुबनी शहर के लहेरियागंज निवासी लक्ष्मी पांडेय और परिवार के सदस्य पूरे दिन मास्क तैयार कर रहे हैं। मांग बढऩे पर अलग से दर्जी को रख लिया है। मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बाजार में 70 से 100 रुपये में उपलब्ध हैं। कलाकार बताते हैं कि एक मास्क तैयार करने में करीब 40 से 50 रुपये की लागत आ रही है। एक कलाकार प्रतिदिन 20-25 मास्क तैयार कर रहा। इससे वह रोजाना एक से डेढ़ हजार तक की कमाई हो जाती है।

पद्मश्री प्राप्त कलाकार बौआ देवी ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क के बारे में प्रधानमंत्री के उद्गार से निश्चित रूप से इस कला को नई ऊंचाई मिलेगी। यहां बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मधुबनी पेंटिंग से जुड़कर देश-विदेश में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।

शाहपुर में पश्चिमी कोशी नहर पर बना बांध टूटा, हजारों एकड़ की फसल हुई बर्बाद

मधुबनी : जिले के पंडौल प्रखंड के शाहपुर गांव में पश्चिमी कोसी नहर का बांध टूट गया है। इस बांध के टूटने से हजारों एकड़ में लगी फसल पानी से पूरी तरह डूब गया है। वहीं पानी गांव घरों में भी पहुंच गया है, जिससे पंचायत के दर्जनों कच्चे के घर गिर गये हैं। लोगों को मवेशियों के लिये चारा भी नहीं मिल रहा, बारिश के पानी से हुए जल जमाव से शाहपुर गांव के लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त है।

गांव में कच्चे घर गिर रहे हैं, वहीं मवेशियों का चारा पर आफत हो गया है। किसानों के हजारों एकड़ में लगे धान का फसल बर्बाद हो गया है। गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है।

इस प्रखंड क्षेत्र के शाहपुर, गंगापुर, सलेमपुर, मधेपुरा, बाड़ागांव, बेलाही सहित क्षेत्र के दर्जनों गांव इससे परेशानी में आ गये हैं। इस बाबत स्थानीय किसान मनोज झा बताते हैं, कि इस लॉक डाउन में किसी प्रकार कर्ज लेकर धान की खेती की थी।

नदियों के जलस्तर में कमी, लेकिन तबाही बरकरार

वहीं, मधेपुर प्रखंड में बाढ़ की स्थित अभी भी विकराल बनी हुई है। कोसी, कमला, भूतही बलान एवं गेहुमा नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद लोग थोड़ी राहत की सांस लेने लगे हैं, लेकिन बाढ़ से़ प्रभावित गांव के लोगों की परेशानी बरकरार है। बाढ़ से अभी भी सैकड़ों परिवार विस्थापित होकर आसपास के सड़कों एवं उचें जगहों पर अपने बाल बच्चों एवं मवेशी के साथ शरण ले रखे हैं।

कोसी नदी के बाढ़ से प्रभावित गढ़गांव, मैनाही, परियाही, असुरगढ़, बगेबा, बसीपटृी, बकुआ, भरगामा, करहारा, द्वालख, जानकीनगर सहित अन्य गांव के लोगों के आवागमन का एक मात्र सहारा नाव ही बना हुआ है। इन गांव के लोगों को मवेशी का चारा एवं शुद्ध पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है।

इधर गेहुमा नदी के जलस्तर में कमी आने से लोग थोड़ी राहत महसूस करने लगे हैं। बावजूद गेहुमा नदी के बाढ़ से प्रभावित सुन्दर, विराजीत, बाथ, सिकरिया, रमचंद्रा, पचही, बांकी, प्रसाद वीरपुर, भीठ-भगवानपुर, कमलपुर, महासिंह हसौली, खौर मदनपुर, बेहरा सहित अन्य गांव के लोगों में तबाही का मंजर कायम है।

इन गांवों के सैकड़ों परिवार के घर आंगन में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है, विस्थापित परिवार सड़कों पर शरण ले रखे हैं। वीरपुर महादलित बस्ती के चार दर्जन से अधिक परिवारों के घर में पिछले एक पखवाड़ें से घर आंगन में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रखा है। बाढ़ से विस्थापित परिवारों के लिए सड़क ही सहारा बना हुआ है। लोग सडक पर पांलिथिन टांगकर अपने बाल बच्चों एवं मवेशी के साथ समय व्यतीत करने को विवश है। बाढ़ से विस्थापित परिवारों में सरकार एवं प्रशासन के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है़।

मधवापुर समेत पूरे मधुबनी जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित करें सरकार : रामाशीष यादव

मधुबनी : राजद के पूर्व विधायक रामाशीष यादव ने रविवार को मधवापुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का पैदल भ्रमण किया। पूर्व विधायक बाढ़ प्रभावित बोकहा, रतौली, मिन्ती, पोखरैनी, डुमरा, सलेमपुर, पहिपुरा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं से अवगत हुए।

इस दौरान डुमरा गांव में कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष शिवचंद्र झा के दरवाजे पर प्रेस को बताया कि बिहार सरकार मधवापुर प्रखंड समेत मधुबनी जिला को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करे, साथ ही बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत व बचाव कार्य चलाए।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बाढ़ की हालत विकराल होती जा रही है, लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। बाढ़ पीड़ितों के लिए अब तक कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों की समस्या के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। प्रभावित क्षेत्रों में नाव के लिए हाहाकार मचा है।

बाढ़ के कारण विस्थापित परिवार विद्यालय व सड़क पर शरण लिए हुए हैं, उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। लोग कोरोना महामारी और विनाशकारी बाढ़ की दोहरी प्राकृतिक आपदा से त्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अगर मधवापुर प्रखंड समेत मधुबनी जिला को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं करती है, तो वे लॉकडाउन खत्म होने के बाद आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष शिवचंद्र झा, मुखिया देवेंद्र यादव, सरपंच रामसरोवर राय, रामनंदन साहू, जीबछ यादव, उपेंद्र राय, मोहन पासवान, श्याम यादव, ईश्वरदेव यादव, इंद्रजीत दास, संजय यादव, सुजीत कुमार, विंदेश्वर साह, मलहू मुखिया, अमरनाथ यादव, धर्मबीर प्रजापति सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।

बाढ़ पीड़ितों के साथ भेदभाव कर रही सरकार : भावना झा

मधुबनी : बेनीपट्टी विधानसभा से कांग्रेस विधायक भावना झा ने बेनीपट्टी प्रखंड के परौल गांव के दुर्गा मंदिर परिसर में विधायक ऐच्छिक कोष से आठ लाख 42 हजार रुपये की लागत से बनने वाली सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर विधायक ने कहा कि राज्य की सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ भेदभाव बरत रही है। बेनीपट्टी प्रखंड में बाढ़ से तबाही मची हुई है, लेकिन सरकार व प्रशासन पीड़ितों के समस्याओं की प्रति गंभीर नहीं हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में नाव का घोर अभाव है, जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सरकार मधुबनी जिला को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं कर बाढ़ पीड़ितों के साथ घोर अन्याय किया है। सरकार बाढ़ पूर्व तैयारी की धरातल पर हवा निकल गई है। गांवों के विकास में सामुदायिक भवन, सड़क, पुस्तकालय भवन, तालाब पर घाट की निर्माण जरूरी है।

बेनीपट्टी प्रखंड को विकसित करने के लिए व्यापक कार्य योजना के तहत गांवों में सड़क व पुलों का निर्माण कराया गया है। इस अवसर पर पूर्व मुखिया कौशल किशोर चौधरी, बिभुती भूषण चौधरी, संजय झा, सुन्दर मिश्र, मुकुल यादव, सत्यदेव झा, मदन झा, अखिलेश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

कोरोना संक्रमण ने पकड़ी रफ्तार, संख्या हुई 800 के पार

मधुबनी : कोरोना वायरस से संक्रमित 48 नए मामले के साथ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अब आठ सौ के पार हो गई है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को जारी रिपोर्ट में मधुबनी जिले में 48 नए लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात कही गई है। इसके साथ ही जिले में अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 823 हो गई है।

हालांकि, कोरोना वायरस से संक्रमित जिले के 681 मरीज कोरोना वायरस को हराकर पूरी तरह स्वस्थ भी हो चुके हैं। अब तक जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। फिलहाल, जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित एक्टिव केस की संख्या 140 है। अच्छी बात यह है कि जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट बेहतर है। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट लगभग 83 फीसद है।
गौरतलब है कि जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से कोई भी वर्ग अछूता नहीं रहा है।

वरीय प्रशासनिक अधिकारी, जेल अधिकारी, जेल सिपाही, सरकारी कर्मी, चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस अधिकारी, पुलिस के जवान, सांसद, विधान पार्षद, होमगार्ड के जवान, डाटा इंट्री ऑपरेटर, व्यवसायी से लेकर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, समाजसेवी एवं आमलोग तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है।

शनिवार को भी जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित 54 मामले सामने आए थे। वहीं, रविवार को भी कोरोना वायरस से संक्रमित 48 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की तेज रफ्तार से जिलेवासी समेत जिला प्रशासन, स्वास्थ्य महकमा की चिता बढ़ी हुई है। हालांकि, जिले में रिकवरी रेट बेहतर रहने से जिलेवासी, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमा राहत की थोड़ी सांस भी ले रहे हैं।

नाजायज संबंध का विरोध करने पर विवाहिता की हत्या, आरोपी हुआ फरार

मधुबनी : साहरघाट थाना क्षेत्र के स्थानीय महापात्र टोल में रविवार को नाजायज संबंध का विरोध करने पर विवाहिता की गला दबा कर हत्या करने का मामला सामने आया है।

मृत महिला सुधा देवी (30) नवोनाथ झा की पत्नी बताई जा रही है। पति नवोनाथ झा पिछले काफी दिनों से बाहर रहते हैं। घटना की सूचना पर पहुंची साहरघाट थाना पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, मधुबनी भेज दिया है। इस मामले में मृत महिला के बाबा सीतामढ़ी जिला के भिट्ठामोड़ गांव निवासी इंद्रकांत झा ने थाने में हत्या की एक प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें बगल के पड़ोसी गुलशन कुमार झा को आरोपित किया है।
आरोप है कि मृत सुधा के पति पिछले काफी दिनों से बाहर नौकरी करते हैं।

घर में अकेली महिला दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहती थी। बगल के पड़ोसी गुलशन कुमार झा की नजर महिला पर टिकी थी। वह उसके साथ नाजायज संबंध बनाने की कोशिश में जुटा था। रविवार की दोपहर घर में अकेली महिला के साथ नाजायज संबंध बनाने की कोशिश की।

महिला ने विरोध किया तो गुलशन ने उसके साथ मारपीट की और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। थानाध्यक्ष सुरेंद्र पासवान ने बताया कि नाजायज संबंध बनाने से मना करने पर महिला को मारपीट कर उसकी गला दबा कर हत्या की बात सामने आ रही है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। मृत महिला के बाबा इंद्रकांत झा के लिखित आवेदन पर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर हत्यारोपित के घर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। इधर, घटना को लेकर जहां मृत महिला के घर कोहराम मचा हुआ है। वहीं, महापात्र टोल में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।

बाढ़ व कोरोना को ले राजद ने सरकार पर बोला हमला

मधुबनी : राष्ट्रीय जनता दल के जिला उपाध्यक्ष अवधेश कुमार तिवारी ने बाढ़ व कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए सरकार पर हमला बोल दिया है। उन्होंने बताया कि मधुबनी जिला के सभी प्रखण्डों में बाढ़ के पानी से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। लोग बाढ़ के पानी से घिरकर त्राहिमाम कर रहे हैं।लेकिन मधुबनी जिला प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देख रहा है। मधुबनी जिले में कहीं भी लोगों को जलप्रलय से बाहर निकालने के लिये नाव की व्यवस्था जिला प्रशासन ने नहीं किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं निंदनीय है।

राजद मधुबनी राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से बाढ में फंसे लोगों को अविलंब बाहर निकालने, बाढ़ पीड़ितों को राशन एवं नगद राशि उपलब्ध कराने की मांग करती है। साथ ही पूरे जिले में बाढ़ की भयंकर स्थिति को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग करती है।मधुबनी शहर में भी जलजमाव के कारण लोगों को घर से आवश्यक कार्य हेतु निकलना दुर्भर हो गया है। मधुबनी जिला प्रशासन युद्धस्तर पर अविलंब ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई चालू कर पीड़ित जनता को भूख से मरने से बचाये। जिला में पशुओं के चारा का भी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं होना भी प्रशासनिक अधिकारियों के घोर लापरवाही को दर्शाता है। राजद मधुबनी जिला को अविलम्ब बाढ़ पीड़ित क्षेत्र घोषित करने की मांग करती है, अन्यथा पार्टी जनता को लेकर सड़क से विधानसभा तक आंदोलन करेगी।

अब जिले में होगी रैपिड टेस्ट से कोरोना की जाँच

मधुबनी : जिला पदाधिकारी डॉ० नीलेश रामचंद्र देवरे ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किट की आपूर्ति निर्बाध करने का सिविल सर्जन को निर्देश दिया है।मधुबनी जिला के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड-19 के सिम्पटम वाले मरीजों का रैपिड टेस्ट किया जा रहा है।

मधुबनी जिला पदाधिकारी डॉ० नीलेश रामचंद्र देवरे ने इस बाबत सभी प्रखंडो के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के एम०ओ०आई०सी० को पर्याप्त मात्रा में रैपिड टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश सिविल सर्जन, मधुबनी को दिया है, ताकि कोई लक्षण वाला मरीज किट के आभाव में जांच किए बिना प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से वापस ना जाए। ज्ञातव्य हो कि हाल में राज्य सरकार के आदेश के अनुसार कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों की जांच की व्यवस्था स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर करने का आदेश दिया गया था।

नीतीश सरकार में हुआ बेनीपट्टी का चहुमुखी विकास : बशिष्ठनारायण सिंह

मधुबनी : जनता दल (यू) के राज्यस्तरीय वर्चुअल सम्मेलन के क्रम में आज बेनीपट्टी बिधानसभा का वर्चुअल सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में प्रमुख वक्ता के रूप मे प्रदेश अध्यक्ष सांसद बशिष्ठनारायण सिंह, राज्यसभा के उप सभापति डॉ० हरिवंश, अल्पसंख्यक वर्ग आयोग के चेयरमैन प्रो० युनुस हुसैन हकीम, बिहार सरकार के मंत्री डा० अशोक चौधरी, मंत्री रामसेवक सिंह तथा मंत्री शैलेश कुमार ने बिहार के विकास पर बारीकी से चर्चा की।
इस सम्मेलन में बिधानसभा के बेनीपट्टी तथा कलुआही प्रखंड के सभी पंचायतों के नेता पदाधिकारी से लेकर बूथ स्तरीय हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठनारायण सिंह ने बिकास के मुद्दे पर नीतीश सरकार के कार्यकाल को बिहार के लिए स्वर्णिम काल बताते हुए कहा कि स्वच्छ छवि तथा दूरगामी सोच के बदौलत नीतीश कुमार ने बिकास के मुद्दे पर बिहार को दूसरी आजादी दी। कांग्रेस तथा राजद के शासनकाल में ध्वस्त हो चुकी सभी आयामों को एक नया स्वरूप दिया। स्वास्थ्य शिक्षा मनोरंजन आधारभूत संरचना औद्योगिक निवेश के माहौल को न्याय के साथ स्थापित किया, जिसका उदाहरण बेनीपट्टी मे हुए सैकडों महत्वपूर्ण कार्य बिद्यमान है।उन्होंने कार्यकर्ताओं से इन मुद्दों को गाँव एवं बूथ स्तर पर प्रचारित करने का आह्वान किया।

राज्यसभा के उप सभापति डॉ० हरिवंश ने पार्टी की बिचारधारा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक राजनीतिक दल के रूप में जदयू की बिचारधारा गांधी, लोहिया, जेपी अंबेदकर तथा कर्पूरी की सोच का निष्कर्ष हैं। भारतीय संविधान मे आस्था तथा समाजवाद धर्मनिरपेक्षता एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति आस्था जदयू कार्यकर्ताओं की मूल पहचान है।

वहीं, अल्पसंख्यक वर्ग आयोग के चेयरमैन प्रो० युनुस हुसैन हकीम ने नीतीश कुमार को अकलियतो का सबसे सच्चा हितैषी बताते हुए कहा कि इस समुदाय का उपयोग राजद तथा कांग्रेस जैसी पार्टियों ने केवल वोट-बैंक के रूप में किया, लेकिन नीतिश कुमार ने अल्पसंख्यकों को बिकास के शिखर पर पहुचाया। 8064 कब्रिस्तान की घेराबंदी की गयी। भागलपुर दंगो की जांच कर दोषियों पर कारवाई की गयी। पूरे राज्य मे 11610 दंगा पीडितो को मुआवजा मिला। राज्य मे ढाई हजार मदरसों की स्वीकृति देकर पूर्ण वेतनमान दिया गया। हुनर योजना, मुस्लिम परित्यक्ता सहायता योजना, अल्पसंख्यक छात्रावास योजना, अल्पसंख्यक बित्त निगम, अल्पसंख्यक रोजगार योजना जैसे प्रावधानों के तहत इस समाज को बिकास के मानचित्र पर स्थापित किया।

वहीं, भवन निर्माण मंत्री डा० अशोक चौधरी ने नीतीश कुमार के शासनकाल को श्रेष्ठ शासन की संज्ञा देते हुए कहा कि लालू राबडी के शासन काल में ध्वस्त हो चुकी व्यवस्था को अपने हिसाब से ठीक किया, तथा प्रदेश मे कानून का राज स्थापित किया। न्याय के साथ विकास की परिकल्पना को आम लोगों तक पहुचाया।

मंत्री ने आंकड़ो का उदाहरण देते हुए कहा कि महिला अपराध, बलात्कार, दहेज, हत्या, फिरौती, लूट, डकैती, दंगे, सांप्रदायिक तनाव जैसी कुसंगितयो को समूल नाश कर बिकास से जीवन यापन को जोडा।

वहीं, सामाजिक न्याय मंत्री रामसेवक सिंह ने महिला सशक्तीकरण तथा दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों पर नीतीश माडल को देश स्तर पर एक उदाहरण बताते हुए कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं मे पचास प्रतिशत तथा सभी सरकारी नौकरियों में तैंतीस प्रतिशत आरक्षण का कानून बनाकर आधी आबादी के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का काम किया।शराबबंदी, दहेज प्रथा तथा बाल विवाह जैसी सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों को बृहत् आंदोलन के माध्यम से आम लोगों से जोडने का काम किया।

वहीं, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने आधारभूत संरचना के मुद्दे पर नीतीश सरकार को सबसे सफल शासक बताते हुए कहा कि राज्य में सड़क पुल पुलिये का जाल बिछाकर बिहार के बारे में लोगों की सोच को बदलने का काम किया। हर गाँव तथा टोले को पक्की सड़क को जोडा गया। राज्य मे एनएच, पीडब्लूडी, आरइओ सडको का कायाकल्प हुआ। बेनीपट्टी में व्यवहार न्यायालय उप कारा एएनएम नर्सिंग कालेज पोलीटेक्नीक कालेज अग्निशमन केन्द्र नीतीश सरकार की बडी उपलब्धि है, तथा बेनीपट्टी को नगर पंचायत का दर्जा एवं बाढ नियंत्रण का प्रमंडलीय कार्यालय प्रकियाधीन है।

इस वर्चुअल सम्मेलन में बेनीपट्टी बिधानसभा को बिकास के उच्च शिखर पर पहुचाने की बात लगभग हर वक्ताओं ने की। इस वर्चुअल सम्मेलन में प्रदेश जदयू के नेता तथा अलीनगर दरभंगा के बिधानसभा प्रभारी प्रफुल्ल कुमार ठाकुर, जिला महासचिव प्रोफेसर सुभाष ठाकुर, जिला सचिव राजेन्द्र मिश्र, संतोष चौधरी, प्रखंड जदयू के मीडिया प्रभारी अभिषेक झा, पंचायत अध्यक्ष सच्चिदानन्द झा समेत सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

कोरोना व बाढ़ की दोहरी मार झेल रहे लोग : प्रो० शितलाम्बर झा

मधुबनी : कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो० शीतलाम्बार झा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आज सम्पूर्ण जिला के लोग प्राकृतिक आपदा की दोहरी मार झेलने को विवश है। अत्यधिक बर्षा एवं नेपाल के नदियों से आने बाली पानी से जिला के सभी प्रखंडो में भयंकर बाढ़ का रूप धारण कर लिया है। जिलों के सभी नदियों का जल स्तर आज भी खतरे की निशान से ऊपर बह रही है। लोग भयभीत है, एवं बाढ़ के पानी लोगों के घर मे घुसी हुई है। कई प्रखंड के जिला से सम्पर्क भंग हो चुकी है। कई गांवों का रास्ता बंद अवरुद्ध हो गई। आज जिला के हजारों परिवार विस्थापित जीवन जीने को विवश है। लाखों लोग बेघर हो गए। किसानों का फसल लगभग 80 प्रतिशत समाप्त हो गया। मजदूर त्राहिमाम कर रहा है। वहीं, छात्र, नौजवान, बेरोजगार, छोटे दुकानदार, रिक्सावाला, ठेलावाला सभी का रोजगार समाप्त हो गया है।

जल जमाव से लोग बीमार हो रहा है, ओर सरकार उदासीन बनी हुई है। लोगों को न राहत मिल रही है, न कहीं सामुदायिक किचन की व्यवस्था है, न नाव की व्यवस्था है, न मेडिकल टीम कार्यरत है, ओर पशुओं के लिए न चारा ही उपलब्ध कराई जा रही है। कुल मिलाकर बिहार सरकार फेल हो गई है।
प्रो० झा ने सरकार एवम जिला प्रशासन को इस दोहरी विपदा में सम्वेदनशील होने को कहा है। साथ ही सरकार से माँग किया है की सम्पूर्ण जिला को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाय।

मधुबनी जिला के सभी नागरिकों को दोहरी विपदा से लड़ने के लिए प्रति परिवार तत्काल 25 हजार रुपया सहायता दिया जाय। किसानों को फसल क्षति प्रति एकड़ 30 हजार रुपये के दर से अविलंब दिया जाय। बेघर हुए गरीबो को प्रधानमंत्री आवास तुरंत उपलब्ध कराई जाए। छात्रों, नौजवानों, बेरोजगरों, छोटे दुकानदारों, रिक्शा एवं ठेला वालों को तत्काल 10 हजार रुपया सहायता दिया जाए। पशुओं का चारा उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ ग्रस्त इलाका में मेडिकल टीम एवं दवाई की व्यवस्था की जाए। बाढ़ के पानी से डूब कर मरने बाले पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपया मुआवजा दिया जाय। यदि सरकार ने त्वरित कार्रवाई कर लोगों को मदद नही की, तो कांग्रेस पार्टी पूरे जिला में आंदोलन करने पर विवश होगी, जिसकी जवाबदेही सरकार एवं जिला प्रशासन पर होगी।

विश्व हेपेटाइटिस डे: कोरोना संक्रमण से भी गंभीर, हेपेटाइटिस बी का संक्रमण

•विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष 9 लाख लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी से होती है
•इस वर्ष की थीम “हेपेटाइटिस फ्री फ्यूचर”

मधुबनी : कोरोना महामारी काल में कई ऐसे अन्य रोग भी हैं जो इससे कहीं अधिक गंभीर है, जिसमें हेपेटाइटिस बी भी शामिल है. हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस के लिए जागरूक करना है. लोगों में जागरुकता नहीं होने के कारण लोग सही समय पर हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगाते हैं, जिसके कारण यह इस रोग के होने की सम्भावना बढ़ जाती है.इस वर्ष हेपेटाइटिस डे की थीम “हेपेटाइटिस फ्री फ्यूचर” रखी गयी है. हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है जो ह्रदय को प्रभावित करता है एवं रोग बढ़ने पर सिरोसिस, लिवर कैंसर एवं ह्रदय अघात तक हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 9 लाख से अधिक लोगों की हेपेटाइटिस-बी के कारण मृत्यु होती है.

हेपेटाइटिस के प्रकार:

हेपेटाइटिस वायरस मुख्यतः पांच प्रकार के होते है, जिसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी एवं हेपाटाइटिस ई शामिल है। इनमें हेपेटाइटिस बी सबसे अधिक खतरनाक एवं जानलेवा होता है। इसकी रोकथाम जन्म के समय टीका देकर की जा सकती है। थकावट, गहरे रंग का पेशाब, पीला मल, पेट में दर्द, भूख का ख़त्म हो जाना, वजन में अप्रत्याशित कमी, त्वचा एवं आँखों का पीला पड़ना एवं गंभीर स्थिति में मुँह से ख़ून की उल्टी जैसे लक्षण हेपाटाइटिस वायरस संक्रमण के होते हैं। हेपेटाइटिस ए और इ दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होते है। हेपेटाइटिस बी, सी और डी, संक्रमित रक्त और शरीर के संक्रमित द्रवों से फैलते हैं।

इन कारणों से होता है हेपेटाइटिस:

हेपेटाइटिस को बेहद गंभीर रोगों की सूची में शामिल किया जाता है. हेपेटाइटिस बी का संक्रमण सबसे ज्यादा मां से बच्चे को होता है। हेपेटाइटीस का संक्रमण खून चढ़ाने,इस्तेमाल की गई सूई के प्रयोग,रेजर और दूसरे के टूथब्रश का इस्तेमाल करने, असुरक्षित यौन संबंध ,टैटू बनवाने, नाक-कान छिदवाने से होता है।

इनमें संक्रमण का होता है अधिक ख़तरा :

•  जन्म के समय हेपाटाइटिस-बी का टीका नहीं लेने वाले
•  शरीर पर टैटू करवाने से
•  असुरक्षित यौन संबंध बनाने से
•  माता से गर्भस्थ शिशु को
•  नशीली दवा सेवन करने से
•  हेपाटाइटिस पीड़ित से उसके पार्टनर को
•  बेहतर स्वच्छता नहीं रखने से
•  घर में किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से
•  संक्रमित ख़ून चढ़ाने से

क्या है हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय :

• सुरक्षित यौन सम्बन्ध
• हेपेटाइटिस से बचाव के लिए रक्त चढ़ाने के पूर्व रक्त की जांच जरूरी
• स्टेरलाइज़्ड सुई व सिरिंज का प्रयोग
• सुरक्षित रक्त चढ़वाना
• गर्भवती महिला को संक्रमण होने पर इलाज ज़रूरी
• टैटू के लिए नई सुई का प्रयोग
• खाना बनाने व खाने से पहले हाथ धोएं
• स्वच्छ व ताज़ा भोजन खाएं
• शौच के बाद हाथों को स्वच्छ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोएं

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया हेपेटाइटिस के विषय में जानकारी और सावधानी रख कर हेपेटाइटिस के संक्रमण से बचाव संभव हो सकता है।हेपेटाइटिस से बचाव और इसका इलाज संभव है। बशर्ते कि लोग जागरुक रहें। अगर लोग हेपेटाईटिस की जांच कराएं और वैक्सीन ले तो इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है।

बच्चे में डायरिया के लक्षण दिखते ही जाएं डॉक्टर के पास

मधुबनी : सूबे में मानसून लगातार सक्रिय है। बारिश और मौसम में बदलाव से बच्चों में अक्सर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में बच्चों में डायरिया की समस्या आम हो जाती है। डायरिया की चपेट में आने से नवजात और बच्चों में डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) की समस्या बढ़ जाती है। समय पर इलाज नहीं होने से यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। हालांकि इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस को लेकर परेशान है। वहीं परिजन बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। बच्चे की सामान्य बीमारी को नजरअंदाज या घर के इलाज से काम चला रहे हैं। संक्रमण की चपेट में आने के डर से वे अस्पताल और डॉक्टर के पास जाने से बच रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के मध्य डायरिया से बचाव भी बेहद जरूरत है। अगर यह ज्यादा बढ़ गया तो बच्चे की जान भी जा सकती है।

क्या है डायरिया :

डायरिया कई प्रकार से बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ‘एक्यूट ब्लडी डायरिया’ जिसे लोग शूल भी कहते हैं। इससे आंत में संक्रमण एवं कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ‘एक्यूट वाटरी डायरिया’ में काफी पतला दस्त होता है। यह कुछ समय या कुछ दिनों तक रहता है। इससे डिहाइड्रेशन के साथ वजन में अचानक कमी आ सकती है। वहीं 14 दिन या उससे अधिक समय तक रहने वाली समस्या को ‘परसिस्टेंट डायरिया’ कहते हैं। इसके साथ ही जन्म से कमजोर और अति कुपोषित बच्चे डायरिया की जद में जल्दी आ जाते है। बेहतर इलाज के अभाव में संक्रमण के बढ़ने का खतरा बना रहता है। इससे डिहाइड्रेशन, ह्रदय संबंधित समस्या और कमजोरी बच्चों में बढ़ जाती है।

लक्षणों को न करें नजरअंदाज, रहें सावधान :

बारिश के मौसम में जल जनित संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपके बच्चों में पेट से संबंधित समस्या लगातार आ रही है तो सावधान हो जाएं और डॉक्टर के पास जाने से परहेज न करें। परेशानी बढ़ने और ज्यादा विलंब होने पर डायरिया से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।

डायरिया के लक्षण :

• बच्चे में लगातार पतले दस्त की समस्या.
• दस्त के साथ हल्के बुखार का रहना.
• दस्त के साथ उल्टी की भी समस्या.
• खाना नहीं खाना.
• प्यास ज्यादा लगना आदि.

कोरोना संक्रमण के कारण चिकित्सक से परामर्श के लिए न करें संकोच :

अक्सर डायरिया होने पर लोग बच्चे के लिए पारंपरिक व घरेलू उपचार की सलाह देते हैं। लेकिन समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से दिखाना बेहद जरूरी होता है। हालांकि आज घर से बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी है। फिर भी ऐसे समय में चिकित्सक से परामर्श के लिए जरूर संपर्क करें. कुछ सावधानी बरतते हुए आप बच्चे को चिकित्सक से दिखा सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के छींकने या खांसने से फैलता है। इसलिए डॉक्टर के पास जाने के दौरान और अस्पताल में सामाजिक दूरी का पालन करें। अपने व बच्चे का मुंह मास्क या तौलिए से ढंककर रखें। हैंड सैनिटाइजर साथ रखें। इसेक साथ ही बेहतर होगा कि डॉक्टर से दिखाने से पहले फोन पर उनसे बात कर लें, इससे अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। डॉक्टर जानते हैं कि बच्चे जल्द संक्रमण के प्रभाव में आ जाते हैं, इसलिए इस वक्त उनसे बेहतर बचाव और देखभाल की जानकारी कोई और नहीं दे सकता।

क्या कहती है यूनिसेफ की रिपोर्ट :

संयुक्त राष्ट्र बाल राहत कोष यानी यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सबसे अधिक 8,82,000 मौतें दर्ज हुईं हैं। भारत में डायरिया और न्यूमोनिया के साथ मौसम जनित बीमारी बच्चों की मौत के सबसे बड़े कारण हैं। बुखार, पेट दर्द व श्वांस की बीमारी बढ़ने और इलाज के अभाव में बच्चे दम तोड़ देते हैं। इसलिए अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहें और इस समय में भी इस बीमारी को नजरअंदाज न करते हुए बच्चों का इलाज डॉक्टर से अवश्य करवाएं.

12970 बोतल नेपाली शराब के साथ दो तस्कर गिरफ़्तार

मधुबनी : जिले के जयनगर प्रखंड अंतर्गत देवधा थाना ने 12970 बोतल नेपाली देशी शराब के साथ दो शराब तस्करों को मौके से गिरफ्तार किया। गिरफ़्तार दोनों तस्करों की पहचान रामु मुखिया के पुत्र गंगा मुखिया एवं बिन्दे मुखिया के पुत्र विकास मुखिया के रूप में हुई है। दोनों ही तस्कर जयनगर बाजार समिति के पास के निवासी बताए जाते हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए देवधा थानाध्यक्ष ने बताया कि हमारी चौकसी के कारण तस्कर आए दिन शराब के साथ पकडे जा रहे हैं। बता दें कि जब से बिहार में शराबबंदी हुई है, भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में ये एक नया व्यापार का आयाम लेता जा रहा है। पुलिस के लाख प्रयासों के बावजूद न ही शराब तस्कर रुक रहें हैं और न ही शराब की तस्करी। आलम ये है कि अब लोग इसको रोजगार के रूप में देखने लगे हैं।

सुमित राउत

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