27 जनवरी : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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छात्र-छात्राओं के हितों की रक्षा ही मूल संकल्पना : प्रो.सिंह

दरभंगा : भारतीय संविधान तो 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा द्वारा पारित हो गया था किंतु इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसके पीछे ऐतिहासिक कारण भी है, 26 दिसंबर 1929 के लाहौर कांग्रेस में पूर्ण स्वराज की घोषणा हुई और 26 जनवरी 1930 को संपूर्ण देश में स्वराज दिवस मनाया गया।

इस ऐतिहासिक निर्णय को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और तब से प्रतिवर्ष हम गणतंत्र दिवस का आयोजन करते हैं। संविधान के विषय में कुलपति महोदय ने कहा कि संविधान हमें अधिकार देता ही साथ ही  कर्तव्यों का भी बोध कराता है। समावेशी विकास की संकल्पना भी प्रस्तुत करता है। हम प्रथमतः एवं अंततः भारतीय हैं और हमारा सबसे पहला कार्य कर्तव्य के प्रति ईमानदार होना होता है।

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उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस की प्रासंगिकता विश्वविद्यालय के लिए है और हमारे आपके अधिकार हैं और कर्तव्य भी हैं। छात्र-छात्राएं और शिक्षक पढ़ाये , विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं के हितों की रक्षा करें यह हमारी मूल संकल्पना है।  मौलिक और शैक्षणिक विकास हमारी प्राथमिकता रही है। विमशों का अनवरत सिलसिला चला है नैक से पुनर्मूल्यांकन हेतु तैयारियां चल रही है। शिक्षकों के खाली पदों को बहुत हद तक भरा जा चुका है, इससे शैक्षणिक सन्नाटा टूटा है राज्य और राष्ट्र ने हमारी नोटिस ली है । विश्वविद्यालय की रैंकिंग में हम राज्य में प्रथम एवं पूरे देश में चौथे स्थान पर हैं।

कुलपति न कह की राजभवन द्वारा प्रदत जिम्मेदारियों का हम ने बखूबी निर्वाह किया है, राजभवन में पूरे प्रांत के लिए एक कार्यशाला का आयोजन कर दूरी के बावजूद अपनी क्षमता का परिचय दिया है। उन्होंने गणतंत्र दिवस के इस पावन राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर विकास की गति को बनाए रखने का संकल्प दिया। अध्यापन के साथ हमारे सामाजिक सरोकार भी हैं जिसका सामूहिक इजहार गत 19 जनवरी को हम ने अभूतपूर्व मानव श्रृंखला बनाकर किया जल जीवन हरियाली नशाबंदी तथा दहेज व बाल विवाह उन्मूलन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है आइए आज हम नए बिहार और नए भारत के निर्माण का संकल्प ले एक बार फिर आप सबों को 71 में गणतंत्र दिवस की अशेष शुभकामनाएं और बधाइयां।

संस्कृत की प्रगति के लिए मंत्री ने दिया सहयोग का भरोसा

दरभंगा : संस्कृत विश्वविद्यालय के चार दिवसीय स्थापना दिवस कार्यक्रम के दूसरे दिन सोमवार को मुख्य अतिथि बिहार सरकार के खाद्य एवम उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने

कहा कि शास्त्रार्थ के बारे में सुनने को मिला था। आज उसे साक्षात देखने का भी मौका मिला। इससे मन प्रफुल्लित है। उन्होंने देवभाषा संस्कृत के विकास के लिए हर सम्भव सरकारी मदद का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने विद्वतजनों से अपील भी की कि संस्कृत सिखाने के लिए सरल तरीके का छोटा पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए।वहीं कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा ने कहा कि संस्कृत बहुत ही सरल भाषा है। हल्के प्रयास से ही इसे बेबाकी से लिखा व पढ़ा जा सकता है। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि पूर्वकुलपति प्रो0 विद्याधर मिश्र के पर्यवेक्षण में व्याकरण विषय पर डा साधना शर्मा एवम डॉ यदुवीर स्वरूप ब्रह्मचारी के बीच शास्त्रार्थ हुआ। संयोजिका थी प्रियंका तिवारी।

वहीं उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 सर्व नारायण झा ने रविवार को कहा कि शास्त्रार्थ पुरानी परंपरा है। मिथिला का इसमें विशेष स्थान शुरू से रहा है। कई कारणों से यह परम्परा मृत हो चुकी थी लेकिन संस्कृत विश्वविद्यालय ने इसे फिर से जीवंत कर दिया है। ऐसा कर विश्वविद्यालय ने देश स्तर पर एक आदर्श कायम किया है। उन्होंने आशा जताई कि अब यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। वहीं प्रोवीसी प्रो0 चन्द्रेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि देश के अन्य आधुनिक विषयों पर भी विद्वानों के बीच शास्त्रार्थ होना चाहिए। ताकि इस विश्वविद्यालय के माध्यम से समाज को एक अलग दिशा मिल सके। विशिष्ट अतिथि सिंडिकेट सदस्य डॉ अजित चौधरी ने कहा कि जीवंत शास्त्रार्थ सुनकर वे आज धन्य हो गए। उन्होंने आशा जताई कि इसी तरह विश्वविद्यालय से ज्ञानमयी धारा प्रवाह अनवरत जारी रहे। बता दें कि

उद्घाटन सत्र के बाद व्याकरण विषय पर डा0 एल सविता आर्या एवम प्रियंका तिवारी के बीच जमकर शास्त्रार्थ हुआ।प्रो0 शशिनाथ झा के पर्यवेक्षण में चले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे पूर्वकुलपति एवम राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित प्रो0 रामचन्द्र झा एवम संयोजक की भूमिका में रहे डॉ यदुवीर स्वरूप ब्रह्मचारी। स्वागत भाषण करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो0 सुरेश्वर झा ने पूरे कार्यक्रमों की रूपरेखा बतायी। धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 दिलीप कुमार झा ने किया।इसके बाद क्विज एवम अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गए। मालूम हो कि मंगलवार को भी 11 बजे से शास्त्रार्थ होगा।

नवनिर्मित एनेक्सी व बीएड भवन का कुलपति ने किया उद्घाटन

दरभंगा : 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कुलपति आवासीय कार्यालय में निर्मित एनेक्सी भवन एवं बीएड रेगुलर कोर्स हेतु निर्मित नये भवन का उदघाटन कुलपति प्रो सुरेन्द्र कुमार सिंह के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।

एनेक्सी भवन का उदघाटन करते हुए कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि यहां पुराना टूटा हुआ भवन था जिसका जीर्णोद्धार कर इस भवन का निर्माण किया गया है। इस भवन का उपयोग अति गोपनीय कार्यों के सम्पादन के साथ अन्तर्वीक्षा के समय अभ्यर्थियों के प्रतीक्षालय के रूप में किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि बीएड रेगुलर कोर्स का दो मंजिला भवन बन जाने से अब बीएड रेगुलर कोर्स के छात्रों को काफी सुविधा तो होगी ही साथ ही एनसीटीई नॉर्म के तहत आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो जाने के कारण सीटों की बढ़ोत्तरी भी हो सकती है।

कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय अभियंता सोहन चौधरी को ससमय निर्माण कार्य संपादित करने हेतु धन्यवाद दिया। मौके पर प्रतिकुलपति प्रो जय गोपाल, कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, संकायाध्यक्ष मानविकी प्रो मनोज कुमार झा, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो रतन कुमार चौधरी, हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो चन्द्र भानु प्रसाद सिंह, निदेशक दूरस्थ शिक्षा प्रो सरदार अरविंद सिंह, विभागाध्यक्ष गणित प्रो एन के अग्रवाल, बाणिज्य विभाग के प्रो अजीत कुमार सिंह, प्रधानाचार्य डॉ अरविन्द कुमार झा, बीएड रेगुलर कोर्स के विभागाध्यक्ष डा अरविन्द मिलन ,अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो एके बच्चन, वितरण समिति सदस्य अरविन्द सिंह एवं काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

भारतीय संविधान हमारे व्यावहारिक जीवन का मूल मंत्र : डॉ मुश्ताक

दरभंगा : भारतीय संविधान मात्र लिखित नियमों का पुलिंदा ही नहीं,बल्कि हमारे व्यावहारिक जीवन का मूल मंत्र है। नई पीढ़ी को संविधान की शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि उसके उज्ज्वल भविष्य के साथ-साथ देश को सही दिशा व दशा प्रदान किया जा सके।

यदि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों का भी पालन करने लगे तो राष्ट्र की सर्वांगीण प्रगति में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। हमारे मूल संविधान में 376 अनुच्छेद,8 अनुसूची तथा 146385 शब्द थे। 104 संशोधनों के बाद हमारे संविधान में 450 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हो गई हैं। उक्त बातें सीएम कॉलेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद में महाविद्यालय में झंडोत्तोलन करते हुए कहा।

इस अवसर पर प्रो विश्वनाथ झा, प्रो डीपी गुप्ता, प्रो राजानंद झा, डॉ अवनि रंजन सिंह, प्रो गिरीश कुमार, प्रो नथनी यादव, डॉ जफर आलम, प्रो रागिनी रंजन, डॉ आरएन चौरसिया, प्रो अखिलेश कुमार राठौर, डॉ जिया हैदर, डॉ अनुपम सिंह,  डॉ प्रीति त्रिपाठी, डॉ रुद्रकांत अमर, डॉ नीरज कुमार, प्रो यादवेन्द्र सिंह, बिपिन कुमार सिंह, सृष्टि चौधरी, केडी पासवान, प्रतुल कुमार सहित महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

इस अवसर पर 20 से 23 जनवरी के बीच आयोजित वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता के सफल छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र तथा स्मृतिचिह्न, एनएसएस के 11 स्वयंसेवकों को प्रमाण पत्र व मेडल एवं 11 छात्र-छात्राओं को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं एवं खेल में विशिष्ट स्थान हेतु सम्मानित किया गया।

इनमें सुधांशु कुमार रवि, नीरज कुमार,अमरजीत कुमार,कुमार सौरभ,आचार्य भास्कर,राहुल प्रियदर्शी, विक्रम चौधरी,खुल्द महफूज, दिनेश कुमार,आतिका बद्र, शशिकांत यादव,उत्कर्ष मिश्रा,जयकांत यादव,राकेश प्रतिहस्त,दीपक कुमार,गणेश महतो,अमन ठाकुर, रूपा रजक,इमरोज़ी खानम, आयशा परवीन,राजू ठाकुर, अविनाश झा,चंद्र किशोर यादव,मुकेश कामत,नीली रानी,वरुण राय,सुमित झा, आयुषी सिंह,बुशरा कौशर, विष्णुकांत राजू आशीष ठाकुर,रोज अंकुर,प्रकाश साहनी तथा श्रेया कुमारी आदि शामिल हैं।

मुरारी ठाकुर  

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