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नवादा बिहार अपडेट

27 फरवरी को नवादा के प्रमुख समाचार

आवास सहायक पर नजराना लेने का आरोप

नवादा : ग्रामीण विकास विभाग पटना के सचिव के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों का नाम आवास सॉफ्टवेयर पर जोड़कर ग्राम पंचायत कार्यालय से पारित कर रिपोर्ट प्रखंड कार्यालय को सौंपने का निर्देश आठ फरवरी को दिया गया था। जिसके आलोक में उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड के विडिओ अखलेश कुमार ने सभी आवास सहायक के साथ बैठक कर बताया गया था कि जिसके घर में सरकारी नौकरी, पूर्व से आवास का लाभ, या फिर पूर्व से पक्का निर्मित मकान हो ऐसे अभ्यर्थी का नाम नहीं जोड़ने की हिदायत दी गयी थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बावजूद इस निर्देश के राजन, उपरडीह, बडगांव, धीरौंध, बांधी पंचायत के आवास सहायक ने नियमों को ताक पर रखकर नजराना लेकर नाम जोड़ रहे हैं।
मामले का खुलासा तब हुआ जब उपरडीह पंचायत के बिलारपुर मंडल गांव निवासी राजो प्रसाद आदि ने बीडीओ से शिकायत की कि सूची में नाम जोड़ने के नाम पर नजराना मांगा जा रहा है। राजन पंचायत के चिरैया गोरियाद्दा गांव में करीब चार सौ नाम नजराना लेकर जोड़ा गया है। बीडीओ अखिलेश्वर कुमार ने बताया कि शिकायत के बाद संबंधित आवास सहायक के विरूद्ध मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

वाहन जांच में 3 ट्रैक्टर सहित कई बाइक जप्त

नवादा : नवादा में पकरीबरावां पुलिस ने नवादा-जमुई पथ पर जांच अभियान चलाया गया। अभियान का नेतृत्व थानाप्रभारी सरफराज इमाम स्वयं कर रहे थे। जांच के दौरान तीन बालू लदे ट्रैक्टर को व कई बाइक को जप्त किया। सभी जप्त वाहन को थाना लाया गया। जांच के दौरान बाइक के कई कागजात के साथ-साथ हेलमेट की भी जांच की गई।
थानाप्रभारी ने कई बाइक चालकों को हेमलेट और जूते पहनने के फायदे बताये। अगली बार इस तरह की गलती न करने की भी हिदायत दी गयी। इस जांच के दौरान बाइक चालकों में हड़कम्प मच गया। जिसे जहां जगह मिली वहीं से बाइक लेकर भागने लगे। बता दें कि पकरीबरावां तथा धमौल पुलिस के द्वारा यह जांच अभियान चलाया जा रहा है।

रंगदारी की धमकी के बाद व्यवसायी की दुकान पर पुलिस तैनात

नवादा : नवादा के पकरीबरावां डुमरी मुशहरी में एक दुकानदार से मारपीट करने व उसकी दुकान पर पर्चा चिपका कर रंगदारी मांगने की घटना को लेकर पुलिस ने पीड़ित दुकानदार व उसकी दुकान पर सुरक्षा लगा दी है। सुरक्षा रात्रि से लगा दी गई है। रात में पुलिस बल के जवान तैनात रहते हैं तो दिन में चौकीदार की तैनाती रहती है। यानी 24 घंटे पुलिस की तैनाती रहती है।
दुकान में भय के कारण पीड़ित दासो साव नहीं रहते लेकिन उनके भाई और दादी रहती हैं। इस घटना से घटनास्थल की गलियों में सन्नाटा सा पसर गया है। इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चा होने लगी है। जिसके कारण अगल-बगल के गांव में भी भय का वातावरण व्याप्त हो गया है। पकरीबरावां पुलिस ने शक के आधार पर इस मामले को लेकर कुछ लोगों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया है। इस बाबत एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने बताया कि मामले का उद्भेदन अतिशीघ्र हो जाएगा। बता दें कि शनिवार को डुमरी गांव निवासी संजीव कुमार उर्फ दासो साव को उस समय कौआकोल-पकरीबरावां पथ के बुधौली मोड़ पर दिन के लगभग 11 बजे 7-8 की संख्या में रहे नकाबपोशों ने दुकानदार की बाइक को रोककर लप्पड़-थप्पड़ करते हुए उससे 15 लाख रुपए फिरौती की मांग की। नहीं देने पर उसके तीनो भाइयों की हत्या की बात कहकर सभी बाइक सवार नकाबपोश अलग-अलग दिशा की ओर चल दिये।

पइन का भराव कर चला रहे व्यवसायिक गतिविधि

नवादा : नवादा के पकरीबरावां प्रखंड मुख्यालय दुकानदारों के समक्ष प्रशासन नमस्तक है। जिसके कारण यातायात से लेकर पैन से सिंचाई का पानी तो दूर नाली का भी पानी नहीं निकल पा रहा है। सबसे अधिक परेशानी वारसलीगंज मोड़ पर दिखने को मिलेगा।
मुख्यालय की धड़कन कहे जाने वाले इस मोड़ से होकर बिहार, बंगाल तथा झारखण्ड के विभिन्न शहरों के दर्जनों वाहनों के साथ-साथ दर्जनों वाहन, जैन धर्मालंबियों का प्रसिद्ध स्थल लछुआर को जाते है। इसके साथ ही सैकड़ों स्थानीय वाहनों के आलावे पटना के वहानों का भी आवागमन होता है। बड़े-बड़े मालवाहक वाहन भी वारसलीगंज-पकरीबरावां के रास्ते पटना-झारखंड एवं देवघर, भागलपुर आदि जगहों के लिये यह पथ काफी लाभप्रद है। जिसके कारण इस मोड़ पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। वैसी स्थिति में भी अतिक्रमणकारी दुकानदार पइन को ही भर कर फुटपाथी दुकान को लगा दिया। जिसके कारण एक तरफ पथ का सिकुड़न हो रहा है तो वहीं पइन की भराई के कारण उसका अस्तित्व ही समाप्त होने की कगार पर है।
कई दुकानदारों ने तो पइन पर ही बड़े-बड़े पुल को बनाकर दुकान का ही स्वरूप दे दिया है। देखा-देखी अधिकांश लोगों ने भी यही कार्य कर दिया है। आज इस पइन का यह हाल है कि जिस पइन से पहले दो-दो पंचायत के खेतों की सिंचाई होती थी, उसी पइन से आज नाली का भी पानी नहीं निकल रहा है। और तो और पइन के किनारे अवस्थित मांस, मछली, मुर्गा आदि के कूड़ा—अवशेष को दुकानदार उसी पइन में ही डाल देते हैं। सड़ांध से चलना भी मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं, दुकानदारों ने तो पथ पर ही लोहे व स्टील की सीढ़ी तक बना ली है। बाबजूद प्रशासन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कुछ नहीं करता। बता दें कि यह स्थिति तब है जब पकरीबरावां पुलिस अनुमण्डल मुख्यालय को जीरो टॉलरेन्स का दर्जा प्राप्त है।