27 अगस्त : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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बिहार में बनेगी यूपीए की सरका: ऋषि मिश्रा

मधुबनी : जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान माया की कांग्रेस का जनाधार काफी बढ़ा है। कार्यकर्ता पूरे जोश-खरोश के साथ क्षेत्र में काम कर रहे हैं। नए-नए लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। पूरा माहौल एनडीए के विरोध में है।

सुशासन की सरकार सूबे में खून-खराबा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। जदयू ने हमेशा से अपने एलाइंस व लोगों को धोखा देने का काम किया है। 2010 में जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ लिया, वहीं 2015 में आरजेडी से नाता तोड़कर सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। जदयू का असली चेहरा सामने आ चुका है। अब जनता पूरी तरह से नकार चुकी है।

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उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। नीचे से लेकर ऊपर तक बिना पैसा दिए काम नहीं होता है। हर एक स्कीम में परसेंटेज बंधा हुआ है। आम जनता का कार्य नहीं हो रहा है। अब जदयू परसेंटेज की सरकार बनकर रह गई है। किसी भी थाना पर एफआइआर जल्द नहीं लिया जा रहा है। पुलिस को शराब के धंधे में लगा दिया गया है। अब शराब दुकान की बजाए होम डिलीवरी से मिल रहा है।

पर्यवेक्षक श्री मिश्रा ने कहा कि सूबे की सरकार ने किसानों को ठगने का काम किया है। बाढ़ जैसी विभीषिका में किसान को देखने वाला कोई नहीं है। सरकार 6 हजार रुपए देकर नींद से सो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ० शकील अहमद के कांग्रेस पार्टी में वापसी पर उन्होंने कहा, कि इससे बिहार में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।

वहीं, मधुबनी जिला अध्यक्ष प्रोफेसर शीतलाम्बर झा ने कहा कि मधुबनी जिला में कांग्रेस काफी मजबूत हुई है। जिला में अधिक से अधिक सीटें कांग्रेस को मिले। जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता चुनाव के दौरान गठबंधन के उम्मीदवार को पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि डॉ० शकील अहमद के पार्टी में वापसी होने से जिला में कांग्रेस और मजबूत होगी। इससे पहले जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई, जिसमें आगामी चुनाव को लेकर व्यापक रूप से चर्चा हुई।

उक्त बैठक में संजय कुमार मिश्र, ज्योति रमन झा, मनोज मिश्र, कृष्णकांत झा गुड्डू, हिमांशु कुमार, फुरकान अहमद समसी, अकील अंजूम, नवेंदु झा, विजय कुमार झा भोला, विजय कुमार रावत, पवन कुमार यादव, आलोक झा, डॉक्टर मुनेश्वर यादव, कौशल किशोर चौधरी, मीना देवी कुशवाहा, सुरेश चंद्र झा रमन, मोहम्मद साबिर, अनिल चंद्र झा, दशरथ झा, ऋषि देव सिंह, कृष्ण कुमार झा, अनुरंजन सिंह, अशोक कुमार, सुनील कुमार झा, ललन कुमार झा, चंदर साह, वीरेंद्र झा, सुरेंद्र कुमार महतो, सुधीर झा, कौशल राजपूत, मुकेश कुमार झा पप्पू, चरितर पासवान सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।

गर्भावस्था के दौरान अधिक थकावट हो तो थायराइड की कराएं जांच

  • कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एहतियात जरूरी

मधुबनी : कोरोना काल मे गर्भवती महिलाओं को ज़रूरी एहतियात बरतनी चाहिए। इस समय संक्रमण से बचाव के लिए हर ज़रूरी कदम उठाना चाहिए खासकर स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में विशेष रूप से सावधान रहें।

निजी क्लिनिक चला रहे डॉ विनय कुमार लोगों को इसे लेकर जागरूक कर रहे हैं। बाहर निकलते या अस्पताल जाने पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ताकि खुद को और गर्भ में पल रहे शिशु को संक्रमण से बचाया जा सके। इसके अलावा गर्भावस्था में यदि बहुत अधिक थकावट महसूस होती है तो थायराइड टेस्ट जरूर करवा लें। कोई भी लापरवाही स्वास्थ्य और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

क्या है थाइराइड:

जागरूकता की मुहिम चला रहे डॉ विनय कुमार ने बताया कि थायराइड मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारी है, जिसमें थायराइड हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाता है और शरीर के अंदर की कई क्रियाओं में भी गड़बड़ी हो जाती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान अगर यह समस्या होती है तो यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। इस बीमारी में वजन अचानक से बढ़ने लगता है और व्यक्ति रोज के कामकाजों में रुचि नहीं लेता है। इसके अलावा यदि आपको बहुत अधिक थकावट महसूस होती है तो थायराइड टेस्ट जरूर करवा लें। कोई भी लापरवाही स्वास्थ्य और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। गर्भ के दौरान थायराइड की समस्या हो रही है तो तुरंत निकट के अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है। चिकित्सक के अनुसार दवा व परहेज़ करें।

  • प्रेग्नेंसी के दौरान थायराइड के लक्षण:
  • थकावट महसूस होना
  • मिचली आना
  • उल्टी
  • हार्ट बीट तेज हो जाना
  • भूख नहीं लगना
  • अधिक ठंड लगना

थायराइड बढ़ने पर क्या खाएं:

डॉ कुमार ने बताया थायराइड बढ़ने पर हल्दी वाला दूध काफी फायदेमंद है। यदि आप हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहती हैं तो हल्दी को भूनकर खाएं।

  • दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिलाकर लें। इससे भी थायराइड की समस्या कंट्रोल हो सकती है।
  • नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज जरूर करें।
  • रोजाना सुबह खली पेट लौकी का जूस पीने से भी थाइराइड से राहत मिलती है।
  • बादाम और अखरोट में सेलीनीयम तत्व मौजूद होता है जो थायराइड में फायदा करता है। इस के सेवन से गले में सूजन से भी आराम मिलता है।

संक्रामक रोग से बचाव के लिए टीकाकरण आवश्यक:

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में विभिन्न तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान उनका शरीर संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु की रक्षा के लिए सिर्फ पौष्टिक भोजन और व्यायाम ही काफी नहीं है। कुछ अन्य बातों पर भी गौर करने की जरूरत है और टीकाकरण उन्हीं में से एक है। गर्भ में पल रहे शिशु की देखभाल और सुरक्षा के लिए गर्भवती मां को टीके जरूर लगवाने चाहिए। टीकाकरण से मां और शिशु दोनों कई प्रकार के संक्रामक रोगों से बचे रहते हैं। टीके लगने से गर्भवती महिला का शरीर एंटीबॉडी की तरह काम करता है, जो शिशु को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण जरूरी है। डॉ कुमार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जल्दी से जल्दी टिटनेस टॉक्साइड (टीटी) के दो टीके लगाये जाने चाहिए। इन टीकों को टीटी-1 एवं टीटी-2 कहा जाता है। इन दोनो टीकों के बीच 4 सप्ताह का अंतर रखना आवश्यक है।

बिस्फी विधानसभा क्षेत्र में 90 फ़ीसदी सड़के बनी : फैयाज अहमद

मधुबनी : बिस्फी विधानसभा का खासा महत्व है। मैथिल कवि कोकिल विद्यापति की जन्मस्थली के तौर पर मशहूर बिस्फी और उसी नाम की यह विधानसभा है। जिला राजनीतिक रूप से भी सुर्खियों में रहा है, क्योंकि यहां से जितने वाले नेता काफी रसूखदार रहे हैं।

वर्तमान में राजद कोटे से विधायक डॉ० फैयाज अहमद 2010 में पहली बार विधायक बने। फैयाज अहमद ने बताया कि जब हम चुनाव लड़ने गए तो वहां की सड़कों की हालत काफी खराब थी, 2010 के बाद सड़कों का निर्माण कराना शुरू किया। 2010 से 2015 तक काफी सड़कों का निर्माण कराया। स्कूल, सामुदायिक भवन के साथ कई और निर्माण कार्य को किया, जो बाकी रह गया उसको 2015 से 20 तक पूरा किया।

उन्होंने बताया कि गांव घर के गली में नाली नहीं था, उसे बनवाया। 80 फीसदी से 90 फीसदी तक सड़कें बनवा दी गई हैं। 350 सड़कों का निर्माण कराया गया है, जिसमें छोटे-बड़े सभी सड़क शामिल हैं। बिस्फी विधानसभा में दो प्रखंड आता है।

बिस्फी प्रखंड का 28 पंचायत और रहीका प्रखंड में 12 पंचायत है। कुल मिलाकर 40 पंचायतें इसमें है। 10 वर्ष पहले चार से पांच हाई स्कूल था, लेकिन 10 वर्षों में प्रत्येक पंचायत में स्कूल का निर्माण कराया गया है, ऐसा विधायक फैयाज अहमद ने दावा किया।

उन्होंने बताया कि बिस्फी विधानसभा में बिजली की काफी समस्या थी, लेकिन बिजली के भी समस्या को दूर कराया गया है। तार बदले गए, ट्रांसफार्मर की व्यवस्था कराई गई। 2010 से 15 के बीच में अपने ऐच्छिक कोष से 40 से 50 ट्रांसफार्मर लगाने का काम किया गया। सड़क, बिजली और शिक्षा के मामले में बहुत प्रयास करके अपने क्षेत्र में विकास किया है।

विधायक फैयाज अहमद ने कहा कि यह विधानसभा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, जिसमें 16 पंचायत बाढ़ से हमेशा प्रभावित रहते हैं। बाढ़ में पूरे क्षेत्र का भ्रमण करते हुए लोगों के दुख दर्द में शामिल होते आए हैं। यही नहीं उनका दावा यह भी है, कि उन्हें जरूरत की सामग्री भी उपलब्ध कराते हैं।

उन्होंने आगे यह भी बताया कि मेरा शिक्षा क्षेत्र में हमेशा कार्य रहा है, चाहे वह स्कूल का या हायर एजुकेशन का हो। अपने क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज को खोला और क्षेत्र के लोगों के साथ जिले के लोगो को 15% से 20% छूट दिया जाता है। मेरा स्कूल भी है, और उसमें भी जो ट्यूशन फीस माफ कर देते हैं या कम कर देते हैं।

एमएलए ने बताया कि सभी जाति, धर्म को एक साथ लेकर चलते हैं। कई मंदिर और मस्जिद बनवाए गए हैं। यहां सामाजिक सद्भाव बनाने का प्रयास किया गया है। क्षेत्र की गरीब लड़कियों को शादी करवाने का काम किया।

खैर, यह तो नेताजी के दावे थे, जिसे वहां की जनता ही बेहतर रूप से आकलन कर बता सकती है। देखना यह है कि क्या फैयाज अहमद पर फिर से बिस्फी की जनता मेहरबान होगी क्या?

शकील अहमद की घरवापसी पर कांग्रेस और युथ कांग्रेस ने जताई खुशी

मधुबनी : कांग्रेस पार्टी ने आखिरकार पूर्व मंत्री डॉ० शकील अहमद का निलंबन वापस ले लिया। बुधवार को पार्टी महासचिव ने इस बाबत बिहार प्रभारी के नाम पत्र जारी कर दिया है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मधुबनी से लड़ा था चुनाव, इसलये उनको तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

डॉ० शकील अहमद ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मधुबनी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। कांग्रेस पार्टी ने इसे पार्टी विरोधी मानते हुए उन पर निलंबन की कार्रवाई की थी। हालांकि, निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन के बाद डॉ० अहमद को उम्मीद थी, कि चुनाव में कांग्रेस उनका समर्थन करेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

इन सब के बाबत केंद्रीय मंत्री डॉ० शकील अहमद ने कहा कि मैं अपने दायित्वों का ईमानदारी से करुंगा निर्वहन। निलंबन वापसी की पुष्टि करते हुए डॉ० शकील अहमद ने दूरभाष पर बताया कि निलंबन वापसी का पत्र मिला है। निलंबन वापसी के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार प्रकट करते हैं। डॉ० अहमद ने बताया कि पार्टी से मिलने वाली जिम्मेवारी का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करुंगा। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी में थे ही, पार्टी के निलंबन के सिद्धांत का पालन कर रहे थे।

इस मौके पर मधुबनी कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो० शितलाम्बर झा, जयनगर कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष रामचंद्र साह, मधुबनी युथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुरंजन सिंह, युथ कांग्रेस जिला प्रवक्ता सीतेश पासवान सहित दर्जनों नेताओं ने खुशी जताई है।

नल-जल योजना की राशि गबन करनेवाला आपूर्तिकर्ता गिरफ्तार

मधुबनी : लदनियां थाना पुलिस ने प्रखंड के महथा पंचायत के वार्ड नं-13 महुआ गांव में जल-नल योजना के तहत राशि लेकर चंपत हुए एक अभिकर्ता सह आपूर्तिकर्ता गंगनाथ मंडल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

गिरफ्तार आरोपित पर दो मई 2020 को तत्कालीन बीडीओ नवल किशोर ठाकुर द्वारा स्थानीय थाना में 13 लाख रुपए लेकर फरार हो जाने का बाबत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

इसे रुद्रपुर थाने चौक से एएसआई राजकेश्वर सिंह के नेतृत्व में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपित पटना फुलवारी थाना क्षेत्र के औरहा का रहने वाला बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक महथा पंचायत के वार्ड न-13 के वार्ड क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव ने नल-जल योजना का कार्य कराने हेतु अभिकर्ता सह आपूर्तिकर्ता गंगनाथ मंडल के खाते पर 16 फरवरी 2020 को 13 लाख रुपए हस्तानांतरित किया था।

राशि लेकर वह फरार हो गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए समिति सचिव रामदुलार कामत ने तत्कालीन बीडीओ को आवेदन दिया। जिस पर बीडीओ द्वारा उस पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस बाबत थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर बुधवार को न्यायिक हिरासत में मधुबनी भेज दिया गया।

बिहार के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी एआईएमआईएम पार्टी : परवेज हसन

मधुबनी : विधानसभा के सकरी सागरपुर में ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम पार्टी का जनसंवाद एवं सदस्यता अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी नेता अब्दुल वकील ने की कार्यक्रम में पार्टी के युवा नेता परवेज हसन दानिश ने सैकड़ों लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई और अपने संबोधन में कहां की बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम पार्टी किंग मेकर की भूमिका निभाने जा रही हैं, क्योंकि बिहार की जनता बड़े भाई और छोटे भाई का 15-15 साल का शासनकाल देख चुकी हैं।

दानिश ने बिहार की सत्ता में बैठे लोगों पर मिथिलांचल की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा रैयाम चीनी मिल हों या सकरी, लोहट चाहें दरभंगा हवाई अड्डा की दुर्दशा देखकर साफ पता चलता है कि पटना की कुर्सी पर बैठे नेताओं ने मिथिलांचल के साथ नाइंसाफी की हैं। इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मिथिलांचल हीं नहीं पुरे बिहार में एआईएमआईएम पार्टी एक मजबूत ताकत बनकर उभरेगी और बिहार की तरक्की के लिए काम करेंगी।

उक्त कार्यक्रम को पार्टी के नेता अब्दुल वकील, मोहम्मद अर्शी, इस्तयाक अहमद,मुन्ना बाबु, अमानुल्लाह, अख्तर हुसैन, सहित दर्जनों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया।

रखना हो परिवार को खुशहाल तो पहला बच्चा 20 की उम्र के बाद, बच्चों में जरुर रखें 3 साल का अंतराल

•दो बच्चों में अंतराल से माँ और बच्चा रहेंगे स्वस्थ
•आशा एवं एएनएम उपलब्ध करा रही परिवार नियोजन साधन
•कोरोना काल में लौटे प्रवासियों को भी किया जा रहा जागरूक

मधुबनी : कोरोना संक्रमण के प्रसार ने अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को नियमित रखने में चुनौतियाँ बढ़ाई है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सकारात्मक पहल से अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी पुनः सुचारू कर दी गयी है. इन स्वास्थ्य सेवाओं में परिवार नियोजन कार्यक्रम भी शामिल है. कोरोना संक्रमण काल में जिले में प्रवासियों के आगमन से परिवार नियोजन सेवाओं की माँग भी बढ़ी है एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रवासियों को परिवार नियोजन कार्यक्रम के विषय में जागरूक करने के लिए एक अच्छा अवसर भी निर्मित हुआ है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा परिवार नियोजन पर आम जागरूकता बढ़ाई जा रही है एवं माँग के अनुरूप परिवार नियोजन संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है.

आशा एवं एएनएम उपलब्ध करा रही परिवार नियोजन के साधन:

एसीएमओ डॉ. सुनिल कुमार ने कहा आशा और एएनएम को समुदाय में परिवार नियोजन साधनो की उपलब्धता सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी दी गई है ताकि परिवार नियोजन के साधन समुदाय में आसानी से उपलव्ध हो सके. आशा और एएनएम अपने गृह भ्रमण के दौरान योग्य दंपति से मिल रही हैं तथा लोगों को अस्थाई साधन के बारे में जानकारी दे रही हैं। साथ ही साधनों की डिमांड होने पर वे घर-घर जाकर अस्थाई साधन उपलब्ध भी करवा रही है। आशा एवं एएनएम दोहरी भूमिका निभाते हुये एक तरफ जहां वो कोरोना संक्रमण के लिए होम आइसोलेशन मे रहे कोरोना संक्रमित मरीजों का फॉलो- अप और जागरूकता फैला रही हैं, वहीं दूसरी तरफ योग्य दंपतियों और घर वापस आए प्रवासी लाभार्थियों में कंडोम और दूसरे अस्थायी साधन जैसे गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन) एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स, अंतरा, छाया जैसे परिवार नियोजन साधन का निशुल्क वितरण भी कर रही हैं। साथ हीं इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के अल्पवधि अस्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं।

परिवार नियोजन की जरूरत क्यों :

जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया परिवार नियोजन कार्यक्रम परिवार कल्याण की बात को उजागर करता है, जिसमें माँ एवं बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य लाभ प्रदान कराना मुख्य रूप से शामिल है I बच्चे के जन्म के बाद बच्चे की बेहतर परवरिश होनी भी जरुरी है. इसके लिए दो बच्चों में 3 साल का अंतराल जरुरी हो जाता है I महिलाओं का शरीर 20 साल के पहले बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार नहीं हो पाता है, यदि 20 साल के पहले कोई महिला माँ बनती है तब माँ के साथ उनके बच्चे का स्वास्थ्य भी असुरक्षित हो जाता है. बाद में यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के कारणों में शामिल हो जाता है I वैश्विक महामारी कोरोना काल में प्रवासी घर लौट रहे हैं. उनके लिए यह मौका परिवार नियोजन के फायदों को जानने का एक अच्छा अवसर साबित हो सकता है I

दो बच्चों में 3 साल के अंतराल के लाभ:

•महिला अपने पहले बच्चे की देखभाल अच्छे से कर पाएगी I
•दोनों बच्चे को पूरा दूध पिलाने का समय मिलेगा I
•माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे I
•परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा I

लगातार बच्चे होने से महिला और बच्चे के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव:

•महिला अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाएगी I
•बच्चों के उचित देखभाल नहीं होने पर उनके कुपोषित अथवा बार-बार ग्रस्त होने की संभावना रहती हैI
•बच्चे या माँ अस्वस्थ्य होंगे तो ईलाज पर खर्च बढेगा. इससे परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है I

सुमित राउत

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