27 अप्रैल : मधुबनी की मुख्य ख़बरें

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चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सैकड़ों जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई राशन

मधुबनी : जिले के जयनगर शहर के खर्गा रोड में तीसरे चरण में सैकड़ों जरूरतमंदों के बीच राशन सामग्री वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जयनगर चैंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा किया गया।

बता दें कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न तरह के कामगारों के रोजी-रोटी का संसाधन बंद रहने से राशन की समस्या हो रही है। शहर के विभिन्न संगठनों ने जरूरतमंदों के लिए अलग अलग राशन सामग्री वितरण कर जरूरतमदों को राहत देने का नेक काम कर रहे है।  इससे पहले इसी रोड में इसी संस्था के द्वारा लगभग 400 जरूरतमंदों के बीच राशन किया गया था।

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जयनगर चैंबर के व्यापारियों के सौजन्य से विभिन्न पंचायतों में सैकड़ों जरूरतमंदों के बीच राहत सामग्री वितरण किया गया है, जिसमे पहके दो दिन लगातार फिर आज भी राहत वितरण सामाग्री जरूरतमंद लोगों को दिया गया है। आज इस मौके पर चैम्बर के अनिल बैरोलिया, सचिव पवन यादव, नारायण बेसबाल, पप्पू बैरोलिया, राकेश गुप्ता, अनूप बुडाकिया, ध्रुव गुप्ता, रंजीत गुप्ता, अशोक गुप्ता, दीपक सुरेका, आलोक चौखानी समेत अन्य पदाधिकारी एवं व्यापारी शामिल थे।

जिले में मिले 5 कोरोना संक्रमित मरीज, हड़कंप

मधुबनी : जिले में कोरोना के 5 संक्रमित मरीज मिलाने के बाद लोगों में हड़कंप मच गई है। एक ही दिन पांच कोरोना मरीजों की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सकते में आ गया है।

कोरोना पॉजिटिव मरीज मधेपुर से 1, पुलिस लाइन मधुबनी से 1, झंझारपुर से दो, जबकि कुलआही ही से 1 मिले हैं। मधुबनी करहरा गांव में 34 वर्षीय युवक में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। झंझारपुर से 30 वर्षीय और 32 वर्षीय युवक में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। कलुआही के 65 वर्षीय एक पुरुष में कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है।

गरीब,मजदूर एवं नि:सहायों कराया जा रहा प्रतिदिन निःशुल्क भोजन

मधुबनी : कोरोना वायरस के कहर से देश ही नहीं दुनिया इस की चपेट में आकर जिंदगी बचना मुश्किल हो गया है। लोगो को सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सक, प्रशाशन हर संभव प्रयास कर रहे है। पूरे देश में लॉक डाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी व अधिकारियों को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यह भी एक सत्य है लंबे लॉक डाउन के चलते गरीब परिवारों को रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। तो वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ता असहाय परिवारों की मदद को वरदान बनकर सामने आए है। कलुआही प्रखंड के लोगों के लिए मसीहा बनकर खड़े हैं मोहन सिंह। प्रखंड के कलुआही निवासी मोहन सिंह को गरीब एवं असहाय लोगों को मदद करने का जुनून सवार है।

कोरोना महामारी जैसे भीषण संकट से जूझ रहे नि:सहाय, गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोगों के बिच मोहन सिंह द्वारा अपने निजी कोष से गंगा प्रसाद मेमोरियल विद्यापीठ के कैंपस में राहत शिविर चलाकर पिछले दस दिनों से भोजन का पैकेट बनाकर प्रतिदिन करीब दो सौ से ढाई सौ गरीब, नि:सहाय,मजदूर एवं जरूरतमंद लोगों को भोजन का पैकेट बनाकर सोशल डिस्टेंस का पालन के लिए घर-घर पहुंचाया जाता है। एवं स्कूल कैंपस में प्रतिदिन एक सौ से डेढ़ सौ लोगों को भोजन कराया जाता है।

सोशल डिस्टेंस का पालन के लिए भोजन का सिलसिला दिन भर जारी रहता है जैसे जैसे लोग एका एकी करके आते-जाते हैं वैसे उसे भोजन कराया जाता है, तथा कलुआही मे विभिन्न चौक चौराहा तथा बैरियर तथा अन्य जगहों ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मी भी यहां आकर भोजन करते हैं। मोहन सिंह ने बताया की यह राहत सामग्री निजी कोष से चला रहे हैं, उन्होंने बताया कि गांव के बाहर जहां से सूचना मिलता है कई गरीबों जरूरतमंद लोग है जहां भोजन नहीं पहुंचाया जा सकता है वहां खाद्य सामग्री की पैकेट बनाकर 5 किलो चावल, 2 किलो आलू, 1 किलो सरसों तेल, नमक एवं साबुन का पैकेट सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए घर पर ही पहुंचा दिया जाता है। मोहन सिंह ने बताया कि जरूरतमंद लोगों की सूची सुबह में ही बना ली जाती है एवं इसके बाद भोजन का पैकेट उन लोगों के घर पर गाड़ी से पहुंचा दिया जाता है। उनके इस नेक काम के लिए कलुआही के वीडियो किशोर कुमार एवं थानाध्यक्ष राजकुमार मंडल जी सराहना किए हैं।

छात्र संघर्ष समिति ने कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की उठाई मांग

मधुबनी : छात्र संघर्ष समिति अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग किया है कि कोटा में फसे हजारों बिहारी छात्र-छात्राएं को अवीलंब बिहार लाने की व्यवस्था करें। करोना महामारी के कारण बिहार के हजारों छात्र-छात्राएं कोटा में फंस गए हैं। देश के अधिकांश राज्यों के द्वारा कोटा में फंसे अपने अपने राज्यों के छात्र छात्राओं को वापस बुला लिया गया है। लेकिन बिहारी छात्र- छात्राएं को कोटा से लाने की व्यवस्था बिहार सरकार के द्वारा नहीं होने से हजारों छात्र-छात्राएं काफी परेशान हैं।

छात्रों के अभिभावक भी काफी मानसिक परेशानी में है। कोटा में रह रहे अधिकांश छात्र – छात्राएं मेस पर निर्भर रहकर ही भोजन कर रहे थे। कोटा में अधिकांश मेस सिस्टम अब बंद कर दिया गया है। जिससे छात्र- छात्राओं को भोजन करने में काफी दिक्कत आ रही है। वहीं श्री यादव ने कहा बिहार के बड़े-बड़े नेता व अधिकारी पास निर्गत करवाकर अपने बच्चों को वापस ले आए हैं। लेकिन जिसका कोई पैरवी नहीं है वैसे हजारों छात्र-छात्राएं कोटा में फंसे हुए हैं। कोटा में फंसे हजारों छात्र-छात्राएं काफी मानसिक परेशानी में है। कोटा में कहीं-कहीं दो मंजिला और तीन मंजिला मकान में सिर्फ एक या दो छात्र ही बचे हुए है।मानसिक परेशानी में छात्र- छात्राएं गलत कदम भी उठा सकता है।

कोटा में अधिकांश कम उम्र के छात्र- छात्राएं ही तैयारी करते है। छात्र संघर्ष समिति बिहार सरकार से मांग करती हैं। कोटा में फंसे हजारों बिहारी छात्रों को अपने स्तर से वापस लाने की व्यवस्था अविलंब करें। देश के अधिकांश राज्यों के द्वारा कोटा से अपने-अपने राज्यों के छात्र- छात्राओं को वापस लाया गया है, उसी तरीके से बिहार सरकार भी कोटा में फंसे हजारों छात्र- छात्राएं को बिहार लाने की व्यवस्था अविलंब करें। यदि बिहार सरकार के द्वारा कोटा में फंसे हजारों छात्र छात्राओं को अविलंब वापस नहीं लाते हैं तो लॉक डॉन समाप्त होने के तुरंत बाद छात्र संघर्ष समिति के द्वारा मधुबनी जिले में बड़ी छात्र आंदोलन की शुरुआत किया जाएगा।

कोरोना से बचाव के लिए लोगों को कर रहे जागरूक

मधुबनी : जागरूकता अभियान संस्था के बिट्टू मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि इस लॉकडाउन में हमारी तरफ से प्रयास लगातार जारी है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाती गंगौर पंचायत की जागरूकता अभियान संस्था की सदस्य अमीषा कुमारी एवं स्वेता कुमारी। इस समय एक दूसरे की मदद करने की जरूरत है। लॉक डाउन का पालन करें, बेवजह घर से ना निकले। सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखें एवं अपने आसपास के लोगों को मदद करें ,जागरूक करें। हम लोगों की तरफ से प्रयास तब तक जारी रहेगा, जब तक कि हमारा देश करोना को हरा नहीं देता। अगर हम लोग सकारात्मक प्रयास पर डटे रहेंगे तो जीत हमारी ही होगी। हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमारी संस्था की लड़कियां हमारी अनुपस्थिति में भी इस तरह से कार्य कर रही है।

सुमित राउत

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