26 जुलाई : नवादा की मुख्य ख़बरें

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वाहन मालिकों के बकाये का करें भुगतान

नवादा : समाहरणालय कार्यालय कक्ष में डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में वाहन शाखा की समीक्षा की गयी। जिसमें लोकसभा आम निर्वाचन के अवसर पर अधिगृहित वाहनों के बकाये मुआबजा एवं इंर्धन भुगतान की समीक्षा की गयी। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि अगले 15 दिन में बकाये राशि का जल्द भुगतान किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जो वाहन स्वामी अपने बकाये मुआवजा का भुगतान प्राप्त नहीं किये हैं, वे शीघ्र जिला परिवहन कार्यालय में अपना लॉग बुक जमा कर दें।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में समाचार पत्रों में औपचारिक विज्ञापन भी दें। बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी अभ्येन्द्र कुमार, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री निवास तथा अन्य पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

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हल्की बारिश से सदर अस्पताल तालाब में हुआ तब्दिल

नवादा : चौंकिये नहीं यह कोई बाढग्रस्त क्षेत्र नहीं बल्कि नवादा सदर अस्पताल है। हल्की बारिश में ही यहां जल जमाव होना आम है। ऐसे में यहां आने जाने वाले मरीजों व उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पङ रहा है।

शुक्रवार की दोपहर हुई हल्की बारिश में ही अस्पताल में जल जमाव होने से रोगियों को गोद में उठाकर परिजनों को आने जाने को मजबूर होना पङा। गंदे पानी के कारण कीङे मकोङे तैरते नजर आये सो अलग। अस्पताल में संक्रमण का खतरा है सो अलग।

वैसे पूरे नगर क्षेत्र का कमोवेश यही हाल है। समाहरणालय से लेकर सभी सरकारी कार्यालयों में जल जमाव से लोगों को परेशान होना पङ रहा है। लेकिन सदर अस्पताल में जल जमाव सुखाङ क्षेत्र का नहीं बल्कि बाढग्रस्त क्षेत्र का अहसास कराता है। इसे नगर परिषद की विफलता कहा जाये या फिर जिला प्रशासन का?

वज्रपात से छात्र की मौत

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविन्दपुर प्रखंड क्षेत्र के हरनायणपुर गांव में दोपहर हुई वज्रपात की घटना में 12 वर्षीय स्कूली छात्र की मौत हो गयी। मुखिया अफरोजा खातुन ने परिजनों को सांत्वना देते हुए संस्कार के लिये आश्रित को 03 हजार रुपए उपलब्ध कराया है।

बताया जाता है कि स्व कारू राजवंशी का पुत्र मृतक सचिन कुमार वर्षा आरंभ होने के बाद विद्यालय से शौच के लिये बधार की ओर चला गया। इस क्रम में वज्रपात हुआ और घटनास्थल पर उसकी मौत हो गयी। दो भाइयों में वह बङा था। घर में विधवा मां, व छोटे भाई को छोङ वह इस दुनियां से असमय चला गया। घटना के बाद विद्यालय के सभी शिक्षक विद्यालय बंदकर फरार हो गये। इससे ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है।

बता दें एक सप्ताह के अंदर जिले के विभिन्न भागों में हुई वज्रपात की घटना में 13 लोगों की हुई मौत में नौ बच्चों की मौत हो चुकी है।

पथ दुर्घटना में युवक की मौत

नवादा : सड़क दुर्घटना में नवादा जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के डीही गांव के दिलीप सिंह की मौत हो गई। घटना पटना—रांची एनएच 31 पर रजौली थाना क्षेत्र के करीगांव मोड़ के पास गुरुवार की रात हुई।

बताया जाता है कि वे अपने गांव से रजौली के करिगांव जा रहे थे। इसी दौरान कोडरमा की ओर से आ रहे तेज रफ्तार कार ने उनके मोटरसाइकिल में जोरदार टक्कर मार दिया। हादसे में उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। घटना की सूचना मिलते ही रजौली पुलिस के एसआई राजेश कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और शव को सदर अस्पताल नवादा ले गए। घटना की सूचना परिजनों को दे दी गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। मृतक समाजसेवी ललन सिंह के चचेरे भाई थे।

दिलीप की मौत पर सूचना जन सम्पर्क मंत्री नीरज कुमार, हिसुआ विधायक अनील सिंह, जदयू नेता दीपक कुमार मुन्ना, पूर्व प्रमुख रेणु देवी, समाजसेवी प्रदीप सिंह, पूर्व मुखिया मीना देवी, शकील अनवर आदि ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।

जंगल से भटक कर आये हिरण को ग्रामीणों ने मार डाला

 नवादा : उग्रवाद प्रभावित कौआकोल के जंगलों से पानी की तलाश में रिहायशी इलाके में आये सांभर हिरण को ग्रामीणों ने मारकर जख्मी कर दिया। सूचना के आलोक में पहुंची पुलिस जख्मी हिरण को बरामद कर बचाने का हरसंभव प्रयास किया लेकिन ईलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी।

बताया जाता है कि कौआकोल के जंगलों से पानी की तलाश में भटक कर सांभर हिरण रोह थाना क्षेत्र के भंडाजोर गांव आ पहुंचा। ग्रामीणों की नजर पङते ही लोग उस पर टूट पङे जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जबतक उसका काम तमाम हो पाता किसी ने सूचना पुलिस को दे दी।

सूचना के आलोक में पहुंचे थानाध्यक्ष कौशलेन्द्र कुमार ने गांव के बाहर से जख्मी हिरण को बरामद कर थाना लाया तथा उसे बचाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन असफल रहे। बाद में उसे वन विभाग के हवाले कर दिया गया।
बता दें प्रतिवर्ष पानी की तलाश में हिरण कौआकोल के जंगलों से भटककर रोह, रूपौ थाना क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में आता रहा है। इनमें से का शिकार ग्रामीण कर मास,चमङा से लेकर सिंग आदि की बिक्री कर दिया करते हैं। इस वर्ष की यह पहली घटना है।

तालाब से 10 वर्षीय बच्चे का शव बरामद, हत्या का आरोप

नवादा : नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के टाटी मीरबीघा गांव में तालाब में डूबने के एक 10 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने वारिसलीगंज पकरीबरवां पथ को मीरबीघा के निकट जाम कर दिया। सड़क के बीचोंबीच शव को रख कर जमकर हंगामा किया। इस दौरान पकरीबरवां पथ पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया।
मृतक के पिता नरेंद्र तांती का कहना है कि उसके बेटे सौरभ की मौत तालाब में डूबने से नहीं हुई है, बल्कि उसकी हत्या कर शव को तालाब में फेंक दिया गया है।

पिता का कहना है कि गुरुवार की देर शाम 4:30 बजे सौरभ दुकान के लिए निकला था उसके बाद वह घर लौट कर नहीं आया। काफी खोजबीन के बाद देर रात करीब 1:00 बजे गांव के ही तालाब से उसकी लाश बरामद हुई।
एसडीपीओ व अन्य अधिकारियों द्वारा आश्रीत को मुआवजा व अन्य सुविधा दिलाये जाने के आश्वासन के बाद जाम को वापस लिया जा सका। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है।

वहीं इस मामले में पकरीबरांवा एसडीपीओ मुकेश कुमार साह का कहना है कि प्रथम दृष्टया बच्चे की मौत तालाब में डूबने से हुई लग रही है। दुर्घटना और हत्या दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही रहस्य पर से पर्दा उठ सकेगा।

सुखाड़ से निपटने के लिए पंचायतो में लगा नलकूप बेकार

नवादा : वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र में सुखाड़ से निबटने के लिए सरकारी स्तर से किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने को प्रखंड में 3 दर्जन से अधिक नलकूप लगाए गए हैं। लेकिन स्थानीय अधिकारियों व सरकार की उदासीनता के कारण अधिकांश बंद पड़े हैं। प्रखंड क्षेत्र के सर्वाधिक सूखा प्रभावित पंचायतो में एक सकरी नदी के पश्चिमी किनारे बसा सौर पंचायत के सात गांव सौर, दौलतपुर, राजापुर, हैबतपुर, सवाइया, महदीपुर व पचवारा में कुल सात नलकूप 1994 में लगाया गया था। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण सरकारी रुपया खर्च होने के बावजूद किसानों को नलकूप लगाए जाने के बाद से अब तक एक बूंद पानी भी मयस्सर नहीं हुआ।

सौर पंचायत के पूर्व मुखिया अक्षय कुमार उर्फ गोरेलाल सिंह बताते हैं कि सर्वाधिक सुखाड़ से ग्रसित अपने पंचायत में किसानों की खुशहाली के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मिन्नतें कर पंचायत के सातों गांव में एक एक नलकूप करवाया था। नलकूप लगने के समय गांव में खुशी की माहौल थी। किसानों में उम्मीद जगी थी की गांव को सूखे से निजात मिल जाएगी। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता व अकर्मण्यता के कारण लगभग 25 वर्ष बाद भी किसी नलकूप से किसानों का कोई पटबन हो सका है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

बताया की पंचायत में लगाए गए नलकूप को चालू करवाने के लिए न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सरकारी कार्य होने का हवाला देकर न्यायालय भी मुकदमे को खारिज कर दिया। बता दें कि सकरी नदी के किनारे बसा पंचायत सौर, बरनावा व पैगरी तो वारिसलीगंज का पश्चिमी भाग में बसा सर्वाधिक सुखाड़ की चपेट में रहने वाला दोसुत, मौसमा, ठेरा में प्रखंड का सबसे अधिक नलकूप लगा हुआ है। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण मात्र इक्के दुक्के को छोड़कर सभी के सभी बंद पड़े हैं।

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