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26 अगस्त : सारण की मुख्य ख़बरें

नव पदस्थापित पुलिस अधीक्षक का किया अभिनंदन

सारण : जिले में नव पदस्थापित पुलिस अधीक्षक धुरत शायली सावलाराम को भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष और प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान की महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष अनु सिंह के नेतृत्व में महिलाओं ने बुके और शॉल देकर उनका स्वागत किया।

इस अवसर पर अनु सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से महिला पुलिस अधीक्षक आने से महिलाओं में आत्मविश्वास जगी है और नई पुलिस अधीक्षक महोदय महिलाओं के विश्वास पर खरी उतरेंगी। आज के इस कार्यक्रम में उनके साथ महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष विद्यावती देवी, जिला की महामंत्री सुमन देवी, जिला की महामंत्री नेहा यादव, महिला मोर्चा की जिला कोषाध्यक्ष सुषमा सोनी भी साथ में थी।

राज्य खाध आयोग के अध्यक्ष ने गोदाम का किया निरीक्षण

सारण : राज्य खाध आयोग के अध्यक्ष विद्यानन्द विकल ने एकमा प्रखंड का एसएफसी गोदाम का निरीक्षण किया। जहा उन्होंने जांच के क्रम में कई अनियमितता पर सरकार से प्रतिवेदित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि माप तौल से संबंधित गड़बड़ी ,खाद्यान्न का रख रखाव में गड़बड़ी एजीएम के लापरवाही से 40 पैकेट चावल सड़ गया है, खाद्यान्नों के उठाव वितरण पंजी संबंधी गड़बड़ी संवेदक के द्वारा सन्तोषप्रद नही पाया गया।

वही जांच में कई गड़बडि़या पाई गई है। जिसके लिए कार्रवाई के लिए सरकार में लिखा जाएगा। उन्होंने खेद व्यक्त करते बताया कि बिहार के सभी जिलों में जन वातारण के दुकान बहाल करने मे एसी/एसटी के लिए रोस्टर प्रदान किया गया है। रोस्टर लागू है। एक मात्र सारण जिला जो भारी संख्या में इस समाज के लोग निवास करते है। लेकिन जन वितरण के दुकान को बहाल करने मे एसी/एसटी का पीडीएस नियुक्ति में रोस्टर लागू नही है जो जांच का विषय है। सारण में शून्य है रोस्टर। जिसकी रिपोर्ट सरकार को करेंगे।

उन्होंने अपने इस दौरे के क्रम में छपरा अम्बेडकर, रैदास महासंघ के साथ बैठक कर इस समाज के लोगो को आह्वान करते कहा कि माले, माओवादी, बसपा सोच से ऊपर उठकर नीतीश कुमार के रास्ते पर आकर सत्ता का हिस्सा बने, बहुजन पार्टी वामपंथी विचारधारा वाली पार्टियों का बिहार में कोई अस्तित्व नही है। बिहार अराजक स्थिति अत्याचार को बढ़ावा देना उन्ही का काम देंन रही है। मौके पर जिला जदयू अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू, डॉ. कलिंदर राम भगवान दास शिवजी राम नागमणि महाराज राम लाल राम भोला राम कृष्ण राम शिवनाथ राम सहित अन्य लोग शामिल थे।

मनाई गई बिहार विभूति बीपी मण्डल की 102वीं जयंती

सारण : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और मण्डल आयोग के अध्यक्ष जन नेता बिहार विभूति बीपी मण्डल की 102वीं जयंती मंगलवार को रामजयपाल कॉलेज परिसर स्थित लक्ष्मीनारायण यादव अध्ययन केन्द्र में मनाया गया।

जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए जे.पी. विश्वविद्यालय, छपरा के कुलसचिव सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण ने कहा कि बी पी मण्डल ने इस देश के करोड़ों-करोड़ शोषित-पीडि़त-अभिवंचित पिछड़ों को समाज में गरिमापूर्ण ढंग से जीवन यापन करने के लिए एक ऐसा विधि सम्मत अवसर प्रदान किया है। जिससे आप हम भारत सरकार की नौकरियों में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान का क्षेत्र निश्चित रूप से प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र है, परन्तु विशेषाधिकार प्राप्त लोग उन्हें गरीबों-पिछड़ों से छीनते रहे हैं किंतु मण्डल की सिफारिशों के बाद अब सामाजिक, राजनैतिक और नौकरशाही में अमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

उन्होंने जे पी विश्वविद्यालय की कई समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। जयंती समारोह के आयोजक-संयोजक विधान पार्षद प्रो वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि आरक्षण एक ऐसा हथियार है जिसने विकास की धारा में पिछड़ गए लोगों के लिए मुक्ति का मार्ग खोल दिया है। डॉ लाल बाबू यादव का मानना है कि उत्तर भारत के हिन्दी भाषी क्षेत्र में राज्य के मुख्यमन्त्रियों एवं नौकरशाही के बड़े पदों पर अगर दलित-पिछड़े देखे जा रहे हैं तो यह बी पी मण्डल के मिशन का ही प्रभाव है। इस अवसर पर एक प्रस्ताव पारित कर निजी क्षेत्रों के नौकरियों में भी आरक्षण का प्रावधान लागू करने के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया।

एक अन्य प्रस्ताव के द्वारा उच्चतम न्यायालय के अवमानना का दंश झेल रहे देश के प्रख्यात विधिवेत्ता प्रशान्त भूषण के प्रति एकजुटता प्रकट की गई और उनके विचारों से पूर्ण रजामंदी जाहिर की गई। एक अन्य प्रस्ताव में सिवान जिला के चैनपुर में स्थापित बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की तीव्र भर्त्सना की गई और प्रशासन से इस पर कानूनी कार्यवाई करने की मांग की गई। समारोह को अन्य लोगों के अलावे प्राचार्य अरुण कुमार, ईश्वर राम, सत्य प्रकाश यादव, प्रो धनजंय कुमार आजाद, विद्या सागर विद्यार्थी, अरविंद कुमार यादव, बच्चा प्रसाद यादव, बृज बिहारी यादव, रमेश चन्द्र राय, जहांगीर आलम, अवधेश कुमार, अजय कुमार खरवार, प्रो राकेश कुमार, चन्द्रकान्त आदि ने अपना विचार प्रकट किया। समारोह का संचालन डॉ. दिनेश पाल ने किया।

वित्त रहित इंटर कॉलेज कर्मियों ने निकाला कफ़न मार्च

सारण : अनुदान नहीं वेतनमान फोरम के बैनर तले सारण जिले के वित्त रहित इंटर कॉलेज के कर्मियों एवं शिक्षकों ने शहर के शिशु पार्क से विभिन्न क्षेत्रों में घूमते हुए कफन मार्च निकाला। इसके तहत वित्त रहित शिक्षक एवं कर्मी सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे तथा अनुदान के बदले वेतनमान की मांग कर रहे थे। कोविड-19 के नियमो मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन्होंने अपना कफन मार्च निकाला तथा शहर के शिशु पार्क से शुरू कर नगरपालिका चौक एवं अन्य चौक चौराहों पर से घूमते हुए समाहरणालय गए तथा अपने वेतनमान के मांग के लिए सारण जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौपे। इस कफन मार्च में मुख्य रूप से फोरम के प्रांतीय संयोजक रौशन कुमार, जिला संयोजक रंजय सिंह, एसडीएस महाविद्यालय छपरा के प्राध्यापक प्रियेश रंजन सिंह ,शिवाजी सिंह मधुप, मंजू कुमारी एवं अन्य दर्जनों महाविद्यालय के कर्मी एवं शिक्षक शामिल थे।

कोरोना महामारी के प्रति चलाई जा रही व्यापक जागरूकता अभियान

सारण : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास किये जा रहें हैं। विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। ऐसे में हम सबको अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की जरूरत है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। बैनर-पोस्टर के माध्यम से मास्क के इस्तेमाल करने , फिजिकल डिस्टेसिंग, निजी और सामुदायिक स्वच्छता एवं हाथ धोने आदि पर विशेष जोर दिए जा रहे हैं. कोरोना से बचाव के जितने भी उपाय बताए गए हैं, उन्हें आसानी से अपनाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए लोगों को अपने व्यवहार में परिवर्तन करना काफी जरुरी है. यद्यपि, कोरोना का संक्रमण चिंताजनक हो सकता है. लेकिन इससे बचाव को लेकर जो सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, यह आने वाले समय में कई रोगों से बचाव की सूत्रधार भी बन सकती है.

मास्क लगाने व 2 गज की शारीरिक दूरी रखने पर बल:

स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय के गाइडलाइंस में घर से बाहर भीड़ वाले स्थानों जैसे डेयरी, अस्पताल या दवाई दूकान या ऐसी ही अन्य जगहों पर कम से कम 6 फीट या 2 गज की शारीरिक दूरी रखने के लिए कहा गया है। कार्यस्थलों पर भी इन नियमों के पालन करने के लिए कहा गया है। साथ ही मास्क के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया है। मास्क संक्रमण की संभावना या श्वसन संबंधी रोगों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है।

सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें, अनावश्यक यात्रा न करें और समूह में न बैठें:

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार शर्मा ने आमजनों से अपील करते हुए कहा आज के परिवेश में हम सबको अपने आदतों में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। कोरोना से बचाव में व्यवहार परिवर्तन बेहद जरूरी है। खांसते-छींकते समय अपनी हथेलियों को मुंह के सामने नहीं लाएं, बातचीत के दौरान लोगों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें, अपने शरीर के तापमान और श्वसन लक्षणों की जांच नियमित रूप से करें, बुखार, सांस लेने में कठिनाई होने पर तुरंत डॉक्टर से संकर्प करने की जरूरत है। इसी तरह यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई सार्वजनिक स्थानों पर न थूके, अनावश्यक यात्रा न करे और समूह में न बैठे।

कोरोनावायरस संक्रमण से जुड़ी भ्रांतियों से बचें:

संक्रमण के इस काल में जब इस रोग को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैल रही हैं, सही जानकारी ही इसका बचाव है। ऐसी अफवाहों के फैलने से ना सिर्फ एक ही व्यक्ति बल्कि एक बड़ी आबादी खतरे में आ सकती है। ऐसे अफवाहों को रोकने की पुरजोर कोशिश समाज के हर स्तर पर होनी चाहिए। विशेष तौर पर ग्रामीणों को सही सूचनाओं को पाने में सजगता बरतनी चाहिए। इसके लिए राज्य स्तर पर टोल फ्री नम्बर 104 जारी किया गया है, जिसपर कॉल कर कोरोना के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी ली जा सकती है।

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर व्यवहार में लाये परिवर्तन:

• व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करें.
• साफ दिखनेवाले हाथों की भी अंतराल पर सफाई करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बार-बार मास्क को ऊपर नीचे करने से बचें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें.
• अपनी कोहनी के अंदरूनी हिस्से में छींके, अपने हाथों की हथेलियों में न खासें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• अपने तापमान को और श्वसन लक्षणों की जांच नियमित रूप से कराये.
• अस्वस्थ्य महसूस करने पर (बुखार, सांस लेने में कठिनाई और खांसी) डॉक्टर से मिले.