कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए संक्रमितों के शवों को सुरक्षित निस्तारण का दिया निर्देश
• राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी ने पत्र जारी कर दिए निर्देश
• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, ने जारी किया था दिशानिर्देश
• शवों से संक्रमण फ़ैलने के ख़तरे के मद्देनजर बरती जा रही है सावधानी
मधुबनी : कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार की चुनौतियों को कम करने एवं संक्रमितों को बेहतर उपचार प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है. साथ ही कोविड-19 संक्रमितों की मौत होने पर उनके शवों के सुरक्षित प्रबंधन एवं निस्तारण को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा दिशानिर्देश भी जारी किया गया है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी खालिद अरशद ने 21 मार्च को ही चिकित्सा महाविद्यालयों के अधीक्षकों , आईजीआईएमएस, एम्स, पटना एवं सभी सीविल सर्जन को पत्र लिखकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा शव प्रबंधन को लेकर जारी दिशानिर्देशों के अनुपालन करने के निर्देश दिए थे.
शव प्रबन्धन में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को सावधानी बरतने की सलाह :
दिशानिर्देश के अनुसार शव प्रबंधन में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को स्टैण्डर्ड इन्फेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल प्रोटोकॉल अनुपालन करने की सलाह दी गयी है। जिसमें उनके द्वारा हाथों की सफाई एवं पर्सनल प्रोटेक्टिव एक़ुइप्मेन्ट( वाटर रेसिस्टेंट एप्रन, ग्लव्स, मास्क एवं आईवियर) इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. साथ ही शव प्रबंधन में इस्तेमाल हुयी किसी भी प्रकार के एक़ुइप्मेन्ट एवं डिवाइस को डिसइन्फेक्ट करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
आईसोलेशन रूम या क्षेत्र से शव निकालने में बरतें सावधानी :
कोरोना संक्रमित की मृत्यु के बाद उन्हें आईसोलेशन रूम या क्षेत्र से निकालने के दौरान एवं बाद में सतर्कता बरतने के विषय में भी विस्तार से सलाह दी गयी है. मरीज के शरीर में लगी ट्यूब व कैथटर को सावधानी पूर्वक हटाया जाना है. शव के किसी हिस्से में हुए जख्म या खून के रिसाव को ढंकना है. उस हिस्से को एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट की मदद से कीटाणुरहित व ड्रेसिंग कर शव को प्लास्टिक बैग में रखा जाना है और ध्यान रखना है शरीर से तरल पदार्थ का रिसाव बाहर न हो. संक्रमित के इलाज के दौरान इस्तेमाल सभी चीजों को बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के अनुसार ही नष्ट करना है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन कर परिजन ले सकते हैं शव :
दिशानिर्देश में कोविड-19 संक्रमित मृतक के शव को उनके परिजनों के हवाले करने के निर्देश दिए गए हैं। शव को विशेष रूप से तैयार किये गये प्लास्टिक बैग में रख कर ही शव को उनके परिजन को देने के निर्देश दिए गए हैं. यह बताया गया है कि परिजन कोविड-19 के सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ शव का दर्शन कर सकते हैं. लेकिन शव को नहलाना चूमना व गले लगाना आदि पर रोक है। शव पर किसी प्रकार का लेप नहीं लगाना है. शवदाह गृह या कब्रिस्तान में भी अंतिम संस्कार कार्य में लगे लोगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह हाथ धोने , मास्क व दस्तानों का इस्तेमाल करने एवं परस्पर दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही शव के अंतिम संस्कार में अधिक भीड़-भाड़ नहीं करने की बात भी कही गयी है। इसके लिए परिजनों व अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यों को संपादित करने वालों को ही मृतक की अंतिम यात्रा में शामिल होने की सलाह दी गयी है। शव के अंतिम संस्कार के बाद इस कार्य में लगे परिजनों एवं लोगों को साबुन एवं पानी से हाथ धोने, मास्क का इस्तेमाल करने, परस्पर दूरी बनाए रखने एवं व्यक्तिगत साफ़-सफाई के नियमों का पूरी तरह पालन करने की अपील भी की गयी है।
परिजन कर सकते हैं जरूरी विधि-विधान:
गाइडलाइन में कहा गया है कि अंतिम संस्कार के दौरान वैसी गतिविधियां जिनमें शव के संपर्क में आने की जरूरत नहीं हो, जैसे पवित्र जल का छिड़काव, मंत्रोच्चार या ऐसे अन्य कार्य किए जा सकते हैं. शव को जलाने के बाद उसके राख से किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा नहीं है. इसलिए इसे जमा किया जा सकता है।
बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद खुले आसमान में छोड़ा अनाज
मधुबनी : जिले के जयनगर में मालगोदाम के रेक पॉइंट पर उतारा गया अनाज(गेहूं) की कई बोरियां वर्षा के कारण भींग गया हैं। अनाज की सही से रखरखाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण अनाज भींगने से बर्बाद हो गया हैं, यह विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही हैं। अब भींगे हुए अनाजों को पशु खा रहे हैं। जबकि अब भींगा हुआ अनाज को ट्रकों पर लोर्ड किया जा रहा हैं, जो एफसीआई पहुँचाया जा रहा।
पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान ओर जिला प्रशासन के द्वारा अलर्ट जारी करने के बाद भी विभाग ने अनाज को बचाने के लिए पहले से एहतियातन कदम क्यों नही उठाये?
आखिर जानबूझ कर ऐसा क्यों किया गया? बरहाल जो भी हो, अब भींगे हुए हालात में अनाज को जल्द-से-जल्द लोड करवा कर एफसीआई गोदाम तक पहुंचाया जा रहा है। ओर अब कैमरे पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नही है।
जयंती पर याद किए गए पूर्व मंत्री
मधुबनी : बेनीपट्टी स्थित कांग्रेस कार्यालय में पूर्व मंत्री सह कांग्रेस के वरिष्ट नेता स्व० युगेश्वर झा की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, विधायक सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने उनके प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सह कांग्रेस के वरिष्ट नेता डा. शकील अहमद ने कहा कि स्व. युगेश्वर झा एक जुझारू और पार्टी के प्रति समर्पित नेता थे। उन्होंने पार्टी के अपना पुरा जीवन न्योछावर कर दिया। उनके कारण पार्टी को काफी मजबूती मिली। डा. अहमद ने कहा कि एक समय स्व. झा जयनगर में कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित सभा में पहुंचने से पूर्व वह दुर्घटना में घायल हो गए थे, बावजूद उन्होंने पार्टी के प्रति समर्पित भावना का उदाहरण देते हुए पार्टी के लिए सभा किया। इससे अधिक पार्टी के लिए समर्पित भावना और क्या हो सकती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके जैसा नेता न कोई है और न होगा। जबकि विधायक भावना झा ने कहा कि अपने पापा स्व. झा के आशिर्वाद से ही आज मै विधायक हूँ। उन्होंने ही मुझे अच्छे बुरे का ज्ञान कराया। मै काफी सौभाग्यशाली हूँ कि मै उनकी पुत्री हूँ। विधायक ने कहा कि मै उन्ही के बताये हुए रास्ते पर चलकर उनके सपनो को पुरा करने का प्रयास कर रही हूँ।
इस अवसर पर शब्बीर अहमद, बैद्यनाथ झा, नलनी रंजन उर्फ रूपन, दीपक कुमार झा मंटू, सुकेश झा, नीतीश कुमार झा, मिहिर झा, विजय चैधरी, सतीश चंद्र झा, नवो नारायण झा, मो. अमानुल्लाह खां, विजयकांत झा सहित कई कार्यकर्ताओं ने अपना अपना विचार प्रकट किया। दूसरी ओर कार्यक्रम समाप्ति से पूर्व उपस्थित लोगों ने पूर्व जिलाध्यक्ष स्व. चंद्रकांत झा को भी श्रद्धांजलि दी।
जिले में विभिन्न जगहों पर ठवज्रपात से सात लोगों की मौत
मधुबनी : जिले में गुरुवार को अलग-अलग जगहों पर ठनका गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। घोघरडीहा प्रखंड के ब्रह्मपुर दक्षिणी पंचायत के बेलहा गांव में ठनका गिरने से पति पत्नी की मौके पर मौत हो गई। सोती लाल मण्डल 50 वर्ष एवं उनकी पत्नी अरहलिया देवी 45 वर्ष कृषि कार्य के लिए कोसी तटबन्ध के पूरब खेत में काम करने गये थे। इसी दौरान ठनका गिरने से दोनों की मौत हो गई। फुलपरास प्रखंड के सुग्गापट्टी गांव में ठनका के चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में गृहस्वामी भूषण यादव 65 वर्ष, एकलौता पुत्र संतोष कुमार यादव 28 वर्ष और बहू शुभकला देवी 26 वर्ष शामिल है। तीनों खेत में धान रोपने गये थे।
मधेपुर थाने के भखराईन गांव में सुरेन्द्र मुखिया 68 वर्ष की मौत हो गई। बेनीपट्टी के बिरौली गांव में कमलेश पासवान के 24 वर्षीय पुत्र परतोष कुमार पासवान की मौत ठनका से हो गयी। वह खेत में काम कर रहा था। वहीं उसी गांव के रामाशीष पासवान का पुत्र अमला पासवान घायल हो गया। वह भी खेत में काम कर रहा था। दूसरी ओर भटहिसेर गांव की बबलू मुखिया की 30 वर्षीय पत्नी लालो देवी घायल हो गई। वह एक पेड़ की नीचे पानी से बचने के लिए छुपी थी। उसी वक्त पेड़ पर ठनका गिरा और वह झुलसकर घायल हो गई। सभी को बेनीपट्टी पीएचसी लाया गया है। जहां दोनों घायल को मधुबनी रेफर कर दिया गया है। संबंधित प्रखंडों के सीओ ने बताया कि आपदा मद से सहायता राशि दी जाएगी।
नए कोरोना मरीज़ की पुष्टि पर डीएम ने की कंटेन्मेंट जोन की घोषणा
मधुबनी : पीएमसीएच से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार लौकही प्रखंड का 01 पुरूष, झंझारपुर प्रखंड का 07 पुरूष, लौकहा (खुटौना) प्रखंड का 01 पुरूष, लदनियां प्रखंड का 01 पुरूष एवं 01 महिला तथा 01 लड़की, मधेपुर प्रखंड का 03 पुरूष एवं 02 महिला, राजनगर प्रखंड के 02 पुरूष को कोरोना से संक्रमित प्रतिवेदित किया गया है। उक्त प्रखंड के संबंधित गांव/पंचायत से कोविड-19 का मामला संपुष्ट पाए जाने के कारण, इसके अन्यत्र प्रादुर्भाव को रोकने हेतु संबंधित प्रखंड के उक्त क्षेत्र को कंटेनमेंट जाने के रूप में जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा घोषित किया गया है।
लौकही प्रखंड का ग्राम-महदेवा, वार्ड नं014, झंझारपुर प्रखंड का ग्राम-अड़रिया, ग्राम-संग्राम, ग्राम-बिस्टौल, ग्राम-मौआही, खुटौना प्रखंड के ग्राम-भजनाहा, लदनियां प्रखंड के ग्राम-सिधपकला, वार्ड नं0-13, कुमरखत, ग्राम-कमतौलिया, वार्ड नं0-10, कुमरखत, मधेपुर प्रखंड के ग्राम-मधेपुर, वार्ड नं0-08, एवं राजनगर प्रखंड के ग्राम-गोसाई टोल, पटवारा, वार्ड नं0-05 एवं ग्राम-भरिया विशनपुर, वार्ड नं0-06 में कोविड-19 के संक्रमित पाये गये है। उक्त क्षेत्र को एपिसेेंटर घोषित करते हुए इसके 03 कि0मी0 के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
डॉ० नीलेश रामचंद्र देवरे, जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी/ थानाध्यक्ष/प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों को कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत की जाने वाली सभी गतिविधियों के लिए विभाग द्वारा दिये गये निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं कृत कार्रवाई का दैनिक प्रतिवेदन ससमय भेजने का निदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री के लौटते ही विकास की खुली पोल, पहली बारिश में ही मेन रोड का हुआ कबाड़ा
मधुबनी : भारत-नेपाल सीमा पर अवस्तिथ मधुबनी जिले के जयनगर में अकोन्हा, बेतोन्हा बाँध एवं कमला पुल का कल देर दोपहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरीक्षण किया। उनके साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे।
उनके जाते ही आज हुई पहली बारिश में विकास के उन तमाम दावों की पोल खुल गयी, ओर मेन रोड में ही बड़ी गाड़ियां सड़कों में बने गढों में फंसने लगी हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सड़कों का मरमत्ती का कार्य जैसे-तैसे हालात में युद्ध स्तर पर रातों-रात किया गया, पर जैसे ही बारिश हुई, विकास की कलई खुल गयी।
इस बाबत नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी आदतन पहले के जैसे ही कॉल नही उठाये जिनसे उनका वक्तव्य इसपर लिया जाता। हालांकि ये पहली बार नही है, जब नगर पंचायत के तमाम विकास के दावों के पोल खुलता हुआ नजर आ रहा है। फिर चाहे वो मेन रोड हो, या स्टेशन रोड, किराना गली, सब्जी मंडी हर जगह सड़क झील में तब्दील हो चुकी थी। आलम ये था कि हर जगह पैदल चलना तक दुश्वार हो गया था। फिलहाल जो भी हो पर अभी मानसून का आना बांकी है, ओर हर बार की तरह इस बार भी नारकीय हालात होने वाले हैं शहर के।
मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में भारी भारी बारिश की दी चेतावनी
मधुबनी : मौसम विज्ञान केन्द्र, पटना के द्वारा मौसम की वत्र्तमान गतिविधि एवं संख्यात्मक मौसम माॅडल के आकलन के अनुसार राज्य के अधिसंख्य भागों में अगले 72 घंटों के दौरान भारी से अत्यंत भारी वर्षापात एवं वज्रपात की संभावना व्यक्त की गयी है। इसके कारण जानमाल के हानि होने की, निचले स्थान में जलजमाव, यातायात बाधित, बिजली सेवा बाधित, नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
इसका मुख्य प्रभाव नेपाल के तराई से सटे क्षेत्र एवं उत्तर और मध्य बिहार के निम्न जिलों यथा-पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज एवं कटिहार में रहने की संभावना है। जिलाधिकारी, डॉ निलेश रामचन्द्र देवरे द्वारा मधुबनी जिले के आम नागरिकों को उचित सावधानी एवं सुरक्षा उपाय बरतने की सलाह दी गयी है। साथ ही जिला स्तरीय सभी पदाधिकारियों एवं सभी अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, थानाध्यक्षों को अलर्ट पर रहने का निदेश दिया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सकें।
सुमित राउत