बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए गुरुजी हो रहे ट्रेंड
नवादा : नवादा सदर प्रखंड बीआरसी में चार दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारभ हुआ। इस प्रशिक्षण के माध्यम से वैसे बच्चे जो अब तक स्कूल नहीं आते हैं उन्हें स्कूल तक किस तरह से लाया जा सकता है, कैसे उन बच्चों में स्कूल और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाई जा सकती है इसकी जानकारी दी गई।
मास्टर ट्रेनर जतिन कुमार ने कहा कि वैसे बच्चे जो स्कूल नहीं आते हैं उन्हें स्कूल से जोड़ने के लिए खास तरह की तकनीक के जरिए उन्हें जोड़ा जा सकता है।
सर्वप्रथम शिक्षकों के द्वारा स्कूल से बाहर रह रहे सभी बच्चों की जानकारी लेकर उनकी सूची तैयार की जाएगी। फिर उन बच्चों को स्कूल लाकर शिक्षक, मॉनिटर या प्रभारी शिक्षक के माध्यम से उस बच्चे के बारें में तीन कार्य दिवस पर जानकारी ली जाएगी।
साथ ही बताया कि ऐसे बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र भी चलाने की योजना है। जहां बच्चों को मनोरंजक तरीके से शिक्षा दी जाएगी। ऐसे में विद्यालय के उन शिक्षकों की महती जवाबदेही बनती है कि प्रशिक्षण में बताई गई बातों को ध्यान से सुनकर उसे अपने विद्यालय में उतारें। बीआरसी से जो प्रशिक्षण लेकर जाएंगे वे अपने विद्यालय के दूसरे शिक्षकों को इस बात की जानकारी देंगे।
बाल श्रम उन्मूलन में आम लोगों का सहयोग आवश्यक
नवादा : नवादा नगर के एक होटल में आइएलओ एवं जनहित विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में बाल श्रम उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तहत एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। श्रम विभाग के संयुक्त आयुक्त अरविद कुमार, एडीएम ओम प्रकाश, श्रम अधीक्षक अमरेंद्र नारायण, आइएलओ के जेएल नरसिम्हन एवं विनोद शंकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
जनहित विकास समिति के सचिव एमपी सिन्हा ने कार्यशाला से अवगत कराया। वहीं आइएलओ के अधिकारी ने बाल श्रम उन्मूलन को लेकर मैप 16 विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसमें नवादा को भी शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य नवादा जिले को बाल श्रम से मुक्त कराना है।
एडीएम ओमप्रकाश ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन को लेकर केंद्र व राज्य की सरकारें सहित संस्था की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। एनसीएलपी के तहत विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इस समस्या को जड़ से समाप्त करने की जरुरत है। उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिए आगे आकर गंभीर प्रयास करें।
एएसपी ने अपने अनुभवों को साझा किया और बाल श्रम को समाप्त कराने की दिशा में सार्थक प्रयास करने की बात कही। मौके पर काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
ट्रैक्टर पलटने से मजदूर की मौत
नवादा : नवादा जिलांतर्गत नरहट थाना क्षेत्र के खुशियाल बिगहा गाँव के अंशु कुमार की मौत ट्रैक्टर पलटने से हो गई। घटना सिरदला थाना क्षेत्र के बैजनाथपुर कजरा के समीप घटी।
घटना की सूचना मिलते ही नरहट और सिरदला थाना पुलिस दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच मामले की तहकीकात में जुट गई। घटना स्थल सिरदला थाना क्षेत्र में होने के कारण सिरदला पुलिस ने शव को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया। बताया जाता है कि खुशयाल बिगहा निवासी रतनराम के 26 वर्षीय पुत्र अंशु कुमार ट्रैक्टर पर मजदूर का काम करता था।
नरहट थाना क्षेत्र के खनवां गांव स्थित ईट भट्ठा से ट्रैक्टर पर ईट लादकर सिरदला थाना क्षेत्र के लौंद गांव गया था। ईट को खाली कर वापस लौटने के क्रम में बैजनाथपुर गांव के समीप ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर से अपना संतुलन खो दिया। जिससे ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर गढ्ढे में जाकर पलट गई। ट्रैक्टर के डाला से दबकर अंशु की मौत हो गई। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी मशीन से ट्रैक्टर के डाला को हटाकर काफी मशक्कत के बाद अंशु का शव बाहर किया। तत्पश्चात शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार अंशु की शादी दो वर्ष पूर्व हुई थी। अंशु की मौत के बाद उसकी पत्नी, मां और एक बच्चा बेसहारा हो गया। मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। लोग उसे ढ़ाढस बंधाने का काम कर रहे थे। बता दें इसके पूर्व परनाडाबर मोङ के पास ट्रैक्टर से गिरकर ईंट भट्ठा के मजदूर की मौत एक दिन पूर्व हो चुकी है।
स्वास्थ्य केंद्र परिसर में दर्जनों वाहनों की अवैध पार्किंग
नवादा : पकरीबरावां प्रखंड मुख्यालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर इन दिनों निजी वाहन मालिकों के लिए अवैध गैराज साबित हो रहा है। स्वास्थ्य परिसर में दर्जनों छोटे-बड़े वाहन को लगाया जा रहा है। जिस पर किसी प्रकार की पहल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा नहीं की जा रही है। जिसके कारण आए दिन लगातार वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
सूत्रों की मानें तो यह वाहन मालिक अपने वाहन को स्वास्थ्य केंद्र में इसलिए लगाते हैं क्योंकि देर रात्रि या सुबह में जब भी किसी रोगी को नवादा रेफर किया जाता है तो इनके सांठगांठ से रोगियों को भेजा जाता है।
सूत्रों का यह भी मानना है कि स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस लगे रहने के बाद भी कई बार रोगियों के परिजन को निजी वाहन मंगाने के लिए मजबूर किया जाता है। विभाग के कुछ कर्मचारी ऐसे वाहन मालिकों से मिले होते हैं जैसे ही रोगी को रेफर करने की बात आती है। वह सीधा ऐसे वाहन मालिकों को खबर कर देते हैं जिनकी वाहन स्वास्थ्य केंद्र में लगी होती है। मामले पर स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एम जुबेर से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु प्रयास विफल रहा।
लगातार हो रही बारिश ने खोली नगर परिषद की पोल
नवादा : तीन दिनों से रूक-रूककर हो रही झमाझम बारिश से जहां किसानों व गर्मी से लोगों को राहत मिली है। वहीं बारिश ने नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दिया है। नवादा की कई सड़कें तथा कार्यालय जलमग्न हो गए हैं। मेन रोड, गोला रोड, स्टेशन रोड, पुरानी जेल रोड, कचहरी रोड, पुरानी बाजार, सब्जी बाजार सहित कई मार्ग जलमग्न हो गया।
जबकि सदर अस्पताल, समाहरणालय तथा नगर परिषद कार्यालय सहित कई सरकारी दफ्तरों में घुटना भर पानी जमा हो गया। राहगीरों को पैदल चलने में तो परेशानी उठानी पड़ी। वहीं सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रोगियों को भी काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा।
बिते कई दिनों से उमसभरी गर्मी से परेशान रहे नगरवासियों के लिए बदला हुआ मौसम किसी सौगात से कम नहीं थी। बारिश के दौरान हर चेहरे पर खुशी दिखी, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र के किसान हो या फिर नगरवासी। बारिश की पानी में भींग कर लोगों ने लुफ्त उठाया। तीन दिनों की बारिश की पानी कई दुकानों में प्रवेश कर गया। दुकानदार अपने दुकान से पानी निकालने के लिए काफी परेशान दिखे। बारिश से नगर की सभी नालियां उफनाई, सड़कों पर पहुंचा गंदा पानी मंगलवार, बुधवार व गुरूवार की बरसात के कारण पहले से कचड़ा से पटी तमाम नालियों की पानी सड़क व गलियों में बहने लगी। इसके चलते ज्यादातर इलाकों में नालियों का गंदा पानी व कचरा ओवर फ्लो होकर रास्ते से बह रहा था। लोग नाली की पानी में प्रवेश कर अपने घर जाने को मजबूर दिख रहे थे। बारिश ने नगर परिषद की बदहाल सफाई व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी है। लोग नगर परिषद की सफाई व्यवस्था के साथ-साथ संबंधित वार्ड पार्षदों को कोस रहे हैं।
पति-पत्नी दोनों दिव्यांग, फिर भी नहीं मिल रहा प्रोत्साहन लाभ
नवादा : किसी विवश और लाचार व्यक्ति को सरकारी योजना का लाभ लेने में किस कदर परेशानी होती है उसकी वानगी आज नवादा कलेक्ट्रेट में देखने को मिली। सदर प्रखंड अंतर्गत खरांट पंचायत के पनशल्ला जगरनाथपुर गांव के सुनील रविदास बारिश में भींगकर गांव से कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। सुनील ने बताया कि मुख्यमंत्री नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए वे महीनों से कलेक्ट्रेट आ रहे हैं। 3 जुलाई 2017 को उनकी शादी दिव्यांग बेबी देवी से हुई। उसकी पत्नी भी उसी की तरह दोनों पैरों से दिव्यांग है।
योजना लाभ के लिए पिछले साल 2018 में ही आवेदन किया था। जो अब तक लंबित है। अनेकों बार प्रखंड व पंचायत स्तर से जांच भी की गई। लेकिन लाभ मिलना बाकी है। सरकार की इस योजना के अनुसार उन्हें प्रोत्साहन लाभ के तहत 50-50 हजार रुपए मिलने हैं। वह शारीरिक रूप से लाचार होकर भी अनेकों बार 10 किलोमीटर दूर तय कर अपने गांव से नवादा आते है। उसने योजना के बारे में बताया कि सामाजिक सुरक्षा कोषांग से इस योजना लाभ की जानकारी मिली थी।
अजा से होते हुए भी अब तक नहीं मिला पक्का मकान
रविदास जाति बिहार में अत्यंत गरीब व अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है। लेकिन सुनील रविदास ने कहा कि गरीब आदमी की कोई नहीं सुनता। उसने बताया कि वह चार भाई है। सभी के बीच बंटवारा हो गया है। मां की मौत हो चुकी है। बुजूर्ग पिताजी मजदूरी करके गुजारा करते हैं। लेकिन अब तक उसे पक्का मकान नहीं मिला है। सुनील ने बताया कि आवास दिलाने वाले कर्मी उसका नंबर नहीं आने की बात कहकर टाल रहे हैं। जबकि उसके गांव में ही उससे अधिक संपन्न लोगों को घर मिल गया। उसे अगले साल यानि 2020 में घर देने का दिलासा दिया गया है।
सुनील ने कहा कि उसके घर में शौचालय नहीं था। वह खुले में ही चला जाता था। लेकिन तीन साल पहले जब उसकी शादी हुई तो उसने शौचालय की जरूरत समझते हुए बनाया। इसके लिए उसने गांव के ही एक व्यक्ति से कर्ज लिया। लेकिन अफसोस इस बात का है कि अब तक उसे विभाग से शौचालय प्रोत्साहन के एक रुपए भी नहीं मिले।
उसने बताया कि उसे हरेक माह पेंशन का लाभ मिलता है। लेकिन उसकी पत्नी जो कि दिव्यांग है उसे पिछले तीन साल से पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उसके पास ट्राईसाइकिल भी नहीं है। वह अपनी परेशानी किससे करे समझ में नहीं आता। सुनील रविदास मैट्रिक फेल है। वह आजीविका के तहत अपने घर पर कुछ बच्चों को पढ़ाकर जीवन जी रहा है।
प्रभारी पदाधिकारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग नवादा ने बताया कि लाभुक को योजना का लाभ दिलाने के लिए ही बुधवार को कलेक्ट्रेट बुलाया गया था। बहुत जल्द ही उसके बैंक अकाउंट में योजना की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। योजना के अनुसार सुनील रविदास व उसकी पत्नी दोनों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
शराबियों की लगातार गिरफ्तारी खड़े कर रहे कई सवाल
नवादा : नारदीगंज थाना क्षेत्र में चालू माह में अबतक 22 नशेड़ी गिरफ्तार किए गए हैं। शराबियों की गिरफ्तारी कर पुलिस शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने का दावा करते हुए अपना पीठ थपथपा रही है। लेकिन पुलिस की इसी कार्रवाई से साफ जाहिर होता है कि क्षेत्र में चोरी-छिपे शराब की खरीद फरोख्त जारी है। तभी तो नशेड़ियों को सहूलियत से शराब मिल जा रही है। हालांकि इस बीच 6 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया है तो 79 लीटर महुआ शराब बरामद किए गए हैं। वैसे यह स्थिति किसी एकमात्र थाना क्षेत्र की नहीं है, बल्कि जिले के अधिकांश हिस्सों में यही हाल है। झारखंड का सीमाई इलाका होने के चलते देसी-विदेशी शराब की आवक जारी है। वहीं जंगली व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का निर्माण भी धड़ल्ले से जारी है। कई जगहों पर शराब की होम डिलीवरी भी की जा रही है।
कई स्थानों पर जारी है शराब निर्माण
नारदीगंज थाना क्षेत्र समेत जिले के कई स्थानों पर शराब निर्माण बदस्तूर जारी है। सूत्र बताते हैं कि राजगीर-बोधगया पथ पर वाणगंगा समेत अन्य कई गांवों में शराब निर्माण व कारोबार चल रहा है। लेकिन पुलिस ऐसे लोगों पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो पा रही है। लोगों का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से धंधा संचालित हो रहा है। इसके एवज में अवैध कमाई का एक हिस्सा थाने तक पहुंच रहा है। तभी सख्ती पूर्वक शराबबंदी कानून को अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है।
पुलिस पर पहले भी लगते रहे हैं आरोप
कार्रवाई में शिथिलता और धंधेबाजों से सौदेबाजी को लेकर पुलिसकर्मियों पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं। शराब धंधेबाजों को छोड़ने को लेकर सिरदला थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष व एक जमादार के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया गया है। जबकि नरहट, बुंदेलखंड थाना में पदस्थापित पुलिस अफसरों को निलंबित भी किया गया था।
उत्पाद विभाग की कार्रवाई पर भी ब्रेक
हाल के दिनों में उत्पाद विभाग की कार्रवाई भी मंद पड़ गई है। पिछले कई दिनों से उत्पाद विभाग न तो शराबी पकड़ सकी है और न ही धंधेबाज को। जबकि पूर्व में हरेक दिन जिले के विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई करते हुए धंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ा जा रहा था। कहा जा रहा है कि विभागीय अधिकारियों व कर्मियों की कमी के कारण कार्रवाई में मुश्किलें आ रही हैं।
उत्पाद अधीक्षक ने कहा कि शराबबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए लगातार कार्रवाई जारी है। विभाग के पास स्टाफ की काफी कमी है, जिसके चलते परेशानी आ रही है। जिले में अवर निरीक्षक के 10 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध मात्र दो ही पदस्थापित हैं, इनमें भी एक पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हैं। नवपदस्थापित इंस्पेक्टर ने पदभार ग्रहण किया है। कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी।
सात दिवसीय प्रशिक्षण का समापन
नवादा : उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखण्ड के सर्वोदय आश्रम सोखोदेवरा में 18 जुलाई से शुरू हुए सात दिवसीय बकरी पालन से संबंधित जिले के चयनित 30 प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण सम्पन्न हो गया।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन लोगों को बकरीपालन से होने वाली लाभ की जानकारी विस्तृत रूप से दी गई। प्रशिक्षकों ने कहा कि बकरी पालन स्वरोजगार है जिसे अपनाकर लोग बेरोजगारी दूर कर सकते हैं। पशु चिकित्सक डॉ धनन्जय कुमार ने पशु पालकों को बकरी की नस्ल,पालने के तरीके,भोजन,बीमारी और उसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान उन्होंने बकरीपालन को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिए गये।
मौके पर डॉ जयवंत कुमार सिंह, नीलम कुमारी, अनिल कुमार, सुमित रंजन, रौशन कुमार, विकाश कुमार, उदय कुमार आदि मौजूद थे।