कनीय शिक्षक बने प्रभारी प्रधानाध्यापक
नवादा : जिले के कन्हाई लाल साहू इंटर विद्यालय, नवादा में कनीय शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य संचालन करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सौंपी है। इस सबंध में क्षेत्रिय शिक्षा उपनिदेशक मगध प्रमंडल, गया ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजकर कारण सहित सुस्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने की मांग किया है। उन्होने कार्यालय पत्रांक 391 दिनांक 17 मई 2019 के आलोक में लिखा है कि इस विद्यालय में कार्यरत वरीय शिक्षक सुरेन्द्र पाण्डेय ने परिवाद दायर कियाथा। जिसमें जिला शिक्षा कार्यालय ज्ञापांक 588 दिनांक 26 अप्रैल 2019 के द्वारा सुरेन्द्र पाण्डेय से 30 कनीय शिक्षक मनोज कुमार को प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर करने हेतु अधिकृत किया गया है, जो विभागीय नियमों के प्रतिकूल है। क्षेत्रिय शिक्षा उपनिदेशक ने निर्देश देते हुए कहा परिवाद पत्र में अंकित तथ्यों के आलोक मे विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए कारण सहित सुस्पष्ट प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर अद्योहस्ताक्षरी को उपलब्ध करना आवश्यक है। इस सबंध मे वरीय शिक्षक सुरेन्द्र पाण्डेय ने बताया क्षेत्रिय शिक्षा उपनिदेशक के आदेश के वावजूद अभी तक इस विद्यालय मे कनीय शिक्षक मनोज कुमार प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य सम्पादित कर रहे है, जो न्याय संगत नहीं है।
डीएम ने दिया निर्देश बरसात पूर्व पूरा करें सभी कार्य
नवादा : जिला पदाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में कार्यालय कक्ष में तकनीकी विभाग की बैठक आयोजित की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए डीएम कौशल कुमार ने कार्यपालक अभियंता भवन को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भवन विभाग द्वारा जितनेभी योजना चल रही है, स्टीमीट बनाकर टेंडर का कार्य शीघ्र पूरा करें। खासकर नवादा प्रखंड कार्यालय, वारिसलीगंज एवं पकरीबरावां प्रखंड कार्यालय केनिर्माण कार्य हेतु प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि कौआकोल प्रखंड के पुराने जर्जर भवन को एक सप्ताह में तोड़कर साफ करें।
भवन प्रमंडल कार्यपालक अभियंता के द्वारा बताया गया कि आईटीआई भवन, वीवीपैट, संयुक्त श्रमिक भवन, परिवहन विभाग निर्माण हेतु कार्य प्रगति पर है। डीएम कौशल कुमार ने कार्यपालक अभियंताभवन प्रमंडल को निर्देश देते हुए कहा कि मंडल कारा के अधूरे कार्यां को जल्द से जल्द पूरा करें। कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश देतेहुए डीएम कौशल कुमार ने कहा कि चिन्हित स्थानों पर चापाकल जल्द लगायें। नल-जल से संबंधित सभी अधूरे कार्य को शीघ्र पूरा करने एवं ग्रामीणजलापूर्ति योजना को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंता डूडा को निर्देष देते हुए कौशल कुमार ने कहा किहरिश्चन्द्र स्टेडियम में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न न हो, उसके लिए अच्छे-अच्छे मिट्टी की भराई एवं पूरे हरिश्चन्द्र स्टेडियम के ग्राउन्ड में लाइटिंग की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि शहर के मेन सड़क के सभी पोल पर लाइटिंग की व्यवस्था की जाय। पांचू तालाब के कार्य प्रगति पर है। निर्देश देते हुए डीएम कौशल कुमार ने कहा कि पांचू तालाब का सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से सम्पन्न करें ताकि मॉर्निंग वाक् की सुविधा दी जा सके। बस स्टैंड में शौचालय निर्माण एवं बाउन्ड्री निर्माण का भी निर्देश दिया गया साथ ही डूडा द्वारा शहरों में पेय जल के पाइप लाइन की व्यवस्था सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया। बैठक में एलईएओ कार्यपालक अभियंता समेत तकनीकी विभाग से जुड़े सभी अभियंता मौजूद थे।
24 जून से 5 जुलाई तक चलेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवारा
नवादा : केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु दर को शून्य स्तर तक लाने के लिए जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवारा की शुरूआत की गई। पार नवादा के अंसार नगर मुहल्ला स्थित शहरी स्वास्थ्य केन्द्र में बच्चों व अन्य लोगों को ओआरएस की घोल देकर कार्यक्रम की शुरूआत किया गया।
पखवारा का उद्घाटन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ उमेश चन्द्र ने फीता काटकर किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान 24 जून से बिहार के 38 जिलों में शुरू किया गया है, जो 5 जुलाई तक आयोजित किया जाना है।
मौके पर उपस्थित जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुल मृत्यु का लगभग 10 प्रतिशत मृत्यु डायरिया से हो जाती है। डायरिया का प्रकोप गर्मी एवं मॉनसून के महीनों में अधिक होता है। डायरिया में होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस जिला में इस अभियान में 5 लाख 19 हजार 77 घर एवं 3 लाख 24 हजार 591 बच्चे लक्षित है। इस दौरान पूरे जिले में कुल 220 ओआरएस जिंक कॉर्नर बनाया गया है। अभियान के लिए 2 लाख 16 हजार 753 ओआरएस तथा 5 लाख 1 हजार 9 सौ जिंक टैबलेट सभी प्रखंडो में वितरित किया गया है।
नवादा में शत् प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने जिले के सभी जनप्रतिनिधि, विकास मित्र, टोला सेवक तथा समाज के गणमान्य लोगों से जनमानस में डायरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने और समाज में छोटे बच्चों का भविष्य स्वास्थ्य व सुरक्षित करने की अपील की।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तथा डेभलपमेंट पार्टनर्स जैसे यूनिसेफ, केयर एवं अन्य विभाग सहयोग दे रहे है।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि बिना व्यापक पैमाने पर सामाजिक जागरूकता के इस अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता। यूनिसेफ, बिहार सरकार को सामाजिक जनजागरण में पूरी मदद दे रहा है। साथ ही जिले के सभी विभाग के सहयोग से कार्यक्रम को पूर्णरूपेण सफलता पूर्वक निष्पादित किया जाना है। मौके पर सीडीओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम तथा डीडीए सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
पुरानी मान्यता दरकिनार कर अर्जक पद्धति से हुई शादी
नवादा : आमतौर पर मान्यता है कि जिस दिन परिवार के किसी सदस्य की मौत होती है उस दिन शादी समेत कोई शुभ कार्य उनके घर में नहीं की जाती। पर इस पुरानी मान्यता और परंपरा को दरकिनार करते हुए नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के गोतरायण निवासी रीता मेहता और भीम नारायण मेहता ने अपनी पुत्री चांदनी की शादी अर्जक पद्धति से रविवार को नवादा के ननौरा निवासी लखन महतो के पुत्र दीपक राज से संपन्न करायी।
स्मरणीय है कि पिछले वर्ष 23 जून को ही वधू चांदनी के दादाजी हरि मेहता की मृत्यु हो गयी थी। विवाह समारोह में वर वधू का शपथ अर्जक संघ के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र पथिक ने सत्यनिष्ठा के साथ हिन्दी में कराया। जिसमें दोनों ने पति पत्नी के रूप में रहने, समता का व्यवहार और आचरण करते हुए वैवाहिक जीवन को मधुर और अविछिन्न बनाने का संकल्प लिया तथा मानव-मानव की बराबरी वाले समाज को सहयोग प्रदान करने का शपथ लिया।
इस विवाह में न तो ब्राह्मण की आवश्यकता पड़ी और न संस्कृत में श्लोक या मंत्र पढ़ा गया और न ही कोई वैदिक कर्मकांड या विधि अपनायी गयी।
अवधेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में विवाह का प्रतिज्ञापन कराने वाले श्री पथिक ने कहा कि कम समय, कम खर्च और कम परेशानी अर्जक विवाह पद्धति की विशेषता है जिसमें दिखावा, दहेज, गाली गलौज वाली गीत, अवैज्ञानिक रीति रिवाज, कन्यादान आदि की मनाही है। इस कारण यह पूरे देश में काफी प्रचलित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बेटी कोई वस्तु नहीं है जिसे दान किया जाये। यह संविधान का अपमान है। साथ ही वर पक्ष को ऊंचा और वधू पक्ष को नीचा समझने की परंपरा भी अनैतिक है। समारोह का संचालन अर्जक नेता राकेश कुमार कर रहे थे।
विवाह मंच का उद्घाटन करते हुए शोषित साप्ताहिक के संपादक रघुनीराम शास्त्री ने पुरानी परंपरा को अनुपयोगी बताते हुए अर्जक रीति को अपनाने पर बल दिया और कहा अर्जक संघ की रीति रिवाज मानववादी है।
विवाह समारोह में प्रो उमाकांत राही, संजय अदरखी, बबन मेहता, पत्रकार रविराज किरण, बृजमोहन सिंह आदि ने वर वधू को मंगलकामना देते हुए कहा कि जो शपथ आज दोनों ने लिया है उसे आजीवन लागू करेंगे।
गांव में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जिस दिन बाबा की मृत्यु हुई उसी तारीख को शादी करना अपशकुन माना जाता है फिर भी चांदनी के माता पिता का फैसला काबिले तारीफ है। क्योंकि शाम में श्रद्धांजलि और दो तीन घंटे बाद शादी करवाना सभी के वश में नहीं है।
समारोह में अर्जक संघ की सृजन टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करते हुए समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों पर बड़ा प्रहार किया। साथ ही बबन मेहता ने जादू दिखाकर तंत्र मंत्र का भंडोफोड़ किया।
एमयू के प्रोफेसर को भूटान में किया गया सम्मानित
नवादा : 18-22 जून, 2019 को गलोवल लीडर्स फाउंडेशन द्वारा तृतीय एशियन लीडर्स सम्मेलन भूटान की राजधानी थिंपू में आयोजित की गई। इस सम्मेलन का विषय था दक्षिणी एशिया के विकास के पहलू।
इस अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन में मगध विश्वविद्यालय बोधगया के अंतर्गत आने वाले वारिसलीगंज के एसएन सिन्हा कालेज के भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो अशोक राम को एक वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था।
प्रो राम ने उच्च शिक्षा के दशा व दिशा पर अपना व्याख्यान दिया। इन्होंने अपने व्याख्यान में भूटान देश की उच्च शिक्षा एवं अन्य विकासशील देशों की उच्च शिक्षा का तुलनात्मक वयाख्यान प्रस्तुत किया।
इस सम्मेलन में कई देशों के शिक्षाविद, अर्थशास्त्री लोगों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। सम्मेलन में मुख्य अतिथि भूटान सरकार के श्रम व मानव संसाधन मंत्री ली-योन-पो दोरजी, भूटान सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं पूर्व स्वास्थय मंत्री विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अन्तराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में प्रो राम को ‘इंस्पेरिंग बेस्ट एडुकेशनिस्ट अवार्ड’ से उच्च शिक्षा में विशेष योगदान के लिए भूटान सरकार के केंद्रीय श्रम व मानव संसाधन मंत्री ली-योन-पो दोरजी ने सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर परिवार, कॉलेज, विश्वविद्यालय के शुभचिंतकों में ख़ुशी का माहौल हैं एवं प्रो राम को बधाई दी।
प्रो अशोक राम के भूटान में सम्मानित होने पर वारिसलीगंज के शिक्षकों, शिक्षा प्रेमियों तथा छात्र छात्राओं ने खुशी का इज़हार करते हुए प्रो श्री राम को बधाई दी है।
अधिकारी नहीं कर्मचारी के हस्ताक्षर से जारी किया जा रहा आदेश
नवादा : जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की लालफीताशाही रविवार को तब सामने आयी जब अधिकारी के बजाय कर्मचारी के हस्ताक्षर से आदेश जारी किया गया। मामला सोमवार से विद्यालय खोलने को लेकर है। आश्चर्य तो यह कि इसकी प्रतिलिपि समाहर्ता तक को भेजी गयी है।
बताया जाता है कि समाहर्ता कौशल कुमार के आदेश के आलोक में लू व भीषण गर्मी को देखते हुए 23 जून तक के लिए सभी सरकारी व निजी विद्यालयों को बंद करने का आदेश निर्गत किया था। इस क्रम में आदेश उल्लंघन करने के मामले में चार निजी विद्यालय संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।
बारिश के बाद तापमान में गिरावट को देखते हुए सोमवार से विद्यालय खोलने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से पत्रांक 792 दिनांक 23 जून को पत्र निर्गत किया गया है। उक्त पत्र में सोमवार 24 जून से सभी सरकारी व निजी विद्यालयों को प्रातः काल से संचालन करने का आदेश निर्गत किया गया है जबकि एक जुलाई से सुबह 9 बजे से चार बजे तक विद्यालय संचालित किया जाएगा।
नियमतः उक्त आदेश पत्र पर जिला शिक्षा पदाधिकारी या फिर किसी डीपीओ को हस्ताक्षर होना चाहिए था लेकिन ऐसा न कर लिपिक राजेश कुमार के हस्ताक्षर से जारी किया जाना अपने आप में आश्चर्यजनक है और तो और समाहर्ता तक को पत्र की प्रतिलिपि भेजकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है।
3 वर्ष से डॉक्टर का इंतजार कर रहा पशु स्वास्थ्य केंद्र
नवादा : जिले के पकरीबरावां प्रखंड के बढौना गांव में लगभग 3 वर्ष पूर्व ही 50 लाख की राशि से पशु स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण बिहार सरकार के निर्देश पर किया गया था।
ग्रामीणों की मानें तो विगत वर्ष ही पशु स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया गया। तब से आज तक एक भी डॉक्टर स्वास्थ्य केंद्र में दर्शन नहीं दिए है।जिसके कारण ग्रामीणों को जानवरों के छोटे-मोटे इलाज के लिए भी मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता है।
ग्रामीणों की मानें तो यदि उक्त पशु स्वास्थ्य केंद्र को प्रारंभ किया जाता है तो उसके पास पड़ोस के लगभग एक दर्जन गांव के लोगों को पशुओं के इलाज के लिए मुख्यालय का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा।
ग्रामीणों का मानना है कि कई बार इस संदर्भ में विभाग के वरीय अधिकारी से संपर्क साधा गया है परंतु कभी भी चिकित्सक भेजे जाने के क्षेत्र में पहल नहीं की जा रही है।
मामले को लेकर पंचायत के मुखिया राजेश कुमार बताते हैं कि विगत सप्ताह ही वरीय अधिकारी से इस संदर्भ में शिकायत की गई थी जिसके बाद चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति विभाग द्वारा की गई है। चिकित्सक आकर स्वास्थ्य केंद्र का हाल भी ले रखे हैं। जल्द ही ग्रामीणों को पशु चिकित्सक द्वारा रोगियों का इलाज की सुविधा उपलब्ध हो जाए।
कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अधिवक्ता संघ का चुनाव नहीं
नवादा : जिला अधिवक्ता संघ का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। लेकिन अबतक संघ की नई कमेटी का नए सिरे से चुनाव नहीं कराया गया है। जिसके चलते जिले के वकीलों में नाराजगी देखी जा रही है। पूरे मामले को लेकर निरंजन कुमार सिंह समेत तकरीबन डेढ़ सौ वकीलों ने हस्ताक्षरयुक्त स्मार पत्र स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष को भेजा है। जिसमें कहा गया है कि नवादा जिला अधिवक्ता संघ का दो वर्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और स्टेट बार काउंसिल के निर्देशों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। संघ के जिलाध्यक्ष व सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि चार वर्षों के कार्यकाल में कार्यकारिणी की एक भी बैठक नहीं बुलाई गई। नए सिरे से चुनाव कराने को लेकर गत 16 अप्रैल को वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल संघ के अध्यक्ष से मिला था। जिसमें अध्यक्ष ने एक सप्ताह के भीतर चुनाव प्रक्रिया शुरु कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन आजतक चुनाव की प्रक्रिया शुरु नहीं हुई। जिसके बाद पुन: जिलाध्यक्ष को 105 अधिवक्ताओं के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपा गया। साथ ही स्टेट बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को छाया प्रति भेजी गई। लेकिन उसके एक माह बीत जाने के बाद भी चुनाव नहीं कराया गया। स्मार पत्र में यह भी कहा गया है कि संघ के अध्यक्ष व सचिव के कार्यकलाप से दहशत का माहौल है। अधिवक्ताओं ने जिला अधिवक्ता संघ के आय-व्यय की जांच करते हुए तदर्थ समिति का गठन कर अविलंब चुनाव कराने की मांग की है।
क्या कहते हैं संघ के अध्यक्ष व सचिव?
स्टेट बार काउंसिल ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव टालने का निर्देश दिया था। अब चुनाव की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है, विजय कुमार सोना, अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ।
चुनावी प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची तैयार की जा रही है। वोटर लिस्ट तैयार होते ही संघ के चुनाव से संबंधित कार्यक्रमों को प्रकाशित कर दिया जाएगा, अजीत कुमार, सचिव, जिला अधिवक्ता संघ, नवादा।
जिले में फल-फूल रहा सफेद बर्फ का धंधा, स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़
नवादा : जिले में सफेद बर्फ का धंधा फल-फूल रहा है। शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं होने के कारण नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य के साथ भी जमकर खिलवाड़ हो रहा है। जिले भर में फैली बर्फ फैक्ट्रियां खाद्य पदार्थों को ठंडा करने के नाम पर इसकी बिक्री कर रही हैं। लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और है। गंदे व जैसे तैसे पानी से बनाए जा रहे ये बर्फ जूस, लस्सी, ठंडई आदि में मिलाए जा रहे हैं। सफेद बर्फ स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक माना जाता है। ऐसे में लोग ई-कोलाई, टायफाइड, जौंडिस, बुखार व दस्त समेत कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
04 मई 2018 से लगी है रोक
केंद्र सरकार के एफएसएसआइ ने 04 मई 2018 को एक सर्कुलर जारी कर सफेद बर्फ के प्रयोग व उत्पादन पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही नीला रंग मिलाने का आदेश निर्गत किया था। लेकिन इस पर अबतक अमल तक आरंभ नहीं कराया जा सका है। परिणाम है कि सफेद बर्फ का धंधा धडल्ले से जारी है।
पेय पदार्थों में मिलाए जा रहे अखाद्य बर्फ
जिले में पेय पदार्थों की ब्रिकी होने से बर्फ की मांग अधिक होती है। जूस, लस्सी से लेकर अन्य पेय पदार्थों को ठंडा करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है। मात्र 200 रुपये खर्च कर ठेले वाले व अन्य दुकानदार अपनी जरूरतों को पूरी कर लेते हैं। जिले भर में इनकी संख्यों हजारों में है जो अखाद्य बर्फ का प्रयोग धडल्ले से कर रहे हैं। लेकिन इस पर लगाम लगाने की फिक्र किसी को नहीं हैं। यहां तक कि अधिकारी भी इस प्रकार के बर्फ का उपयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
नहीं दिखता नीला बर्फ
जिले भर में कहीं भी नीले रंग का बर्फ खोजे नहीं मिलता। एफएसएसआइ के 04 मई 2018 के आदेशानुसार खाद्य व अखाद्य बर्फ की पहचान के लिए बर्फ फैक्ट्रियिों के मालिकों को इंडिगो कारमाइन या ब्रिलिएंट ब्लू कलर मिलाना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन फूड एवं ड्रग ऑथरिटी की लापरवाही के कारण आजतक इसे लागू नहीं किया जा सका है। इसलिए जिले में कहीं भी नीले रंग का बर्फ दिखाई नहीं दे रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचाना था। नीले रंग के बर्फ का उपयोग मांसाहारी व शाकाहारी खाद्य पदार्थों जैसे मीट,मछली, दूध-दही फल व सब्जियों को अधिम समय तक सुरक्षित बनाए रखने के लिए ठंडा किए जाने के लिए करना था।
स्थानीय निकाय की भी है जिम्मेवारी
ऐसी भी बात नहीं है कि कार्रवाई की जिम्मेवारी सिर्फ फूड व ड्रग ऑथरिटी को ही है। नगर निकाय को भी अपने क्षेत्रों में कार्रवाई करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। अकेले नगर में ही करीब आधे दर्जन से अधिक बर्फ फैक्ट्रियां सफेद बर्फ बनाने व बिक्री का धंधा कर रही है, लेकिन इस पर रोक लगाने के मामले में नगर निकाय उदासीन है। इतना ही नहीं ऐसी फैक्ट्रियों को नगर निकाय से अनुज्ञप्ति लेना अनिवार्य है। लेकिन नगर व आवास विभाग में मामला लटके होने के कारण धंधा धड़ल्ले से जारी है।
शुद्धता का नहीं रखा जाता ध्यान
बर्फ की फैक्ट्रियों में अगर आप चले जाएं तो आपको खुद ब खुद घृणा हो जाएगी। कार्य कर रहे तीन से चार मजदूरों के कंधों पर पानी डालने से लेकर जमे बर्फ को निकालने की जिम्मेवारी होती है। गंदे पैर व हाथ से ये किसी प्रकार के पानी से बर्फ बना डालते हैं। सबसे खराब हालात मशीन की होती है जिसकी सफाई वर्ष में मात्र एकबार विश्वकर्मा पूजा में ही होती है। बर्फ ले जाने के क्रम में भी इनकी शुद्धता का ख्याल नहीं रखा जाता। जैसे तैसे बोरा या प्लास्टिक से ढक कर ले जाया जाता है। रास्ते में धूल-कण पडना आम बात है।
क्या कहते हैं चिकित्सक?
अगर आप बाहर में पेय पदार्थ पी रहे हैं और इसमें बर्फ का उपयोग किया जा रहा है तो सावधान हो जाएं। क्योंकिे इस प्रकार के ठंडक आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे आप कई प्रकार की बीमारियों जैसे ई-कोलाई, जौंडिस, उच्च बुखार के साथ डायरिया की चपेट में आ सकते हैं। इसके साथ ही आप टाइफाइड बुखार की चपेट में भी आ सकते हैं। फलत: सफेद बर्फ का प्रयोग से हर संभव बचने का प्रयास करें, डॉ. एके अरूण, जेनरल फिजिशियन, नवादा।
क्या कहते हैं अधिकारी?
खाद्य मानकों की सुरक्षा का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा। किसी को आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जल्द ही संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर धंधे पर रोक लगाई जाएगी। नियम का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी, अनु कुमार, सदर एसडीएम, नवादा।
शोभा की वस्तु बना सरकारी एंबुलेंस का एयर कंडीशन
नवादा : राज्य सरकार स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए पानी की तरह रुपए बहा रही है। लेकिन उन सेवाओं का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। सदर अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सरकारी स्तर पर एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है। पर उससे गुणवत्तापूर्ण सेवा नहीं मिल पा रही है। एंबुलेंस के रखरखाव के निर्धारित व्यवस्था में पूरी तरह कोताही बरती जा रही है। कहने को तो सरकारी एंबुलेंस 102 एयर कंडीशन समेत कई प्रकार की सुविधाओं से लैस है। लेकिन एसी का लाभ रोगियों को नहीं मिल रहा है। सरकारी एंबुलेंस में लगा एसी शोभा की वस्तु बना है। पिछले कई सालों से मरीजों को लाने और वापस घर पहुंचाने वक्त एंबुलेंस का एसी चालू नहीं किया जा रहा है। मरीजों के परिजनों के पूछने पर कहा जाता है कि एसी खराब है। जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति का साफ तौर पर निर्देश है कि एंबुलेंस के जरिए मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवा मिलनी चाहिए। जले हुए मरीजों के लिए एयर कंडीशन वाली एंबुलेंस जरुरी है। एक एंबुलेंस चालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जबसे सम्मान फाउंडेशन के माध्यम से वाहनों का संचालन किया जा रहा है, तबसे स्थिति बिल्कुल खराब है। स्थिति तो यह रहती है कि कई बार ईंधन का अभाव हो जाता है। ऑक्सीजन नहीं रहता है। मरीजों के परिजन यह मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं और नौबत मारपीट तक पहुंच जाती है।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन?
एंबुलेंस 102 का संचालन करने वाली एजेंसी पशुपति एंड सम्मान फाउंडेशन को सभी एंबुलेंसों में एसी दुरुस्त कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए एजेंसी को दंडित किया जा चुका है और रुपये की भी कटौती की गई है, डॉ. श्रीनाथ प्रसाद, सिविल सर्जन, नवादा।
अवैध बालू लदा दो ट्रक हुआ जब्त
नवादा : जिले के शाहपुर ओपी क्षेत्र के नेपुरा मोड़ के समीप से सुबह खान निरीक्षक धर्मवीर कुमार ने बगैर चालान के बालू लदे एक ओवरलोड ट्रक को जब्त कर शाहपुर ओपी को सुपुर्द कर दिया।
पूछताछ के क्रम में चालक भोला प्रसाद ने बताया कि बालू लेकर बेगूसराय जा रहा था। वैध कागजात नहीं रहने व ओवरलोड परिचालन के आरोप में खनन निरीक्षक के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
मौके से गिरफ्तार ट्रक के चालक व उप चालक को जेल भेज दिया गया है। छापामारी के क्रम में शनिवार की देर शाम खनन निरीक्षक धर्मवीर कुमार ने नेपुरा मोड़ से ही एक और ओवरलोड ट्रक संख्या बीआर-21 जीए 8720 को जब्त किया।
इस बाबत प्रभारी ओपी अध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि खान निरीक्षक के सड़क दुर्घटना में जख्मी हो जाने के कारण शाम में जब्त ट्रक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है। खान निरीक्षक द्वारा दो ट्रकों के जब्त किए जाने के बाद बालू माफियाओं में खलबली मच गई है।
सूत्र बताते हैं कि शाहपुर मोड़ होकर प्रतिदिन गुजरने वाले बालू लदे सैकड़ों ट्रक व ट्रैक्टर में फर्जी चालान व ओवरलोडिग का खेल होता है। इलाके में सक्रिय बालू माफिया घाट से लोड होकर निकलने के बाद ट्रक पर जेसीबी से पुन: बालू भरवाते है। यह पूरा खेल पुलिस व खनन विभाग के नाक के नीचे रोज होता है। वहीं दर्जनों ट्रक बगैर चलान के अनधिकृत बालू लोड करते हैं। बगैर चालान के ओवरलोड ट्रकों को सुरक्षित बेगूसराय से लेकर नेपाल बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए हर आम व खास को खुश किया जाता है। आपात स्थिति से निपटने को बालू माफिया की टीम स्कॉर्पियो से पूरे मार्ग में चौकसी करती रहती है। छापामारी या जांच की पूर्व सूचना मिलते ही ट्रक का या तो मार्ग बदल दिया जाता है या फिर चंद घंटों के लिए मुख्य सड़क से हटाकर खड़ा कर दिया जाता है। बालू माफिया के विरुद्ध इक्का-दुक्का कार्रवाई के अलावा धंधा निर्बाध रूप से जारी है। मोटी कमाई के कारण बालू माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करना पुलिस के लिए चुनौती बना है।
बता दें नालंदा-नवादा जिले की सीमा क्षेत्र में स्थित नदियों व घाटों पर इस प्रकार का अवैध धंधा ज्यादा होता है। इस कार्य से सरकार से लेकर संवेदक तक को राजस्व का नुकसान होता है। बता दें कि इसके पूर्व वारिसलीगंज इलाके से 10 बालू लदे वाहनों को जब्त किया गया था। बावजूद अवैध धंधे पर विराम नहीं लग रहा है।
प्रेम प्रसंग में गायब दो युवती, बरामद
नवादा : जिले के उग्रवाद थाना क्षेत्र के धमनी गांव से वर्ष 2018 में प्रेम प्रसंग के मामले में गायब हुई दो युवतियों को रजौली पुलिस ने नवादा कोर्ट के पास से बरामद कर लिया। युवतियों को बरामद करने के बाद व्यवहार न्यायालय में दोनों का बयान दर्ज कराया गया।
प्रभारी थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि एसआइ रामनाथ सिन्हा ने मनीषा कुमारी व ज्योति कुमारी को नवादा कोर्ट के पास से बरामद किया है। दोनों युवतियों के परिजनों द्वारा 18 मई 2018 को रजौली थाना के कांड संख्या 157/18 के तहत अपहरण के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। दर्ज प्राथमिकी में मनीषा कुमारी को सुमित कुमार द्वारा व ज्योति कुमारी को रविकांत कुमार नामक युवक द्वारा गायब कर दिए जाने का आरोप दर्ज लगाया गया था।
गौरतलब है कि 18 मई को प्रेम प्रसंग में गायब हुई युवती मनीषा कुमारी ने बताया कि वह गांव के ही सुमित कुमार नामक लड़के से नई दिल्ली स्थित एक मंदिर में शादी कर ली है और अब वह 4 महीने के एक बच्चे की मां है। वहीं ज्योति कुमारी ने बताया कि वह गांव के ही रविकांत कुमार नामक लड़के से दिल्ली में शादी कर ली और अभी वह रविकांत के बच्चे को जन्म देने वाली है। दोनों युवतियों ने बताया कि अब उन्होंने अपनी गृहस्थी बसा ली है। दोनों युवतियों ने न्यायालय से मामले को निष्पादन कर देने की मांग की है। प्रभारी थानाध्यक्ष ने कहा कि अदालती आदेश के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मारपीट में एक ही परिवार के पांच जख्मी
नवादा : जिले के कादिरगंज ओपी थाना के लोहरपुरा गांव में सुबह बालू चोरी विवाद को लेकर मारपीट हो गई। इस घटना क्रम में एक परिवार के महिला समेत पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना के बाद गांव के लोगों ने सभी जख्मी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। इस संबंध में नगर थाना में शिकायत दर्ज कराया गया है। बताया जाता है कि लोहरापुरा गांव में बालू घाट केयर टेकर सनोज सिंह अपने घर के बाहर सड़क किनारे खड़े थे। इसी बीच गांव के कुछ लोग बालू घाट से बालू चोरी कर ट्रैक्टर पर लादकर ले जा रहे थे।
केयर टेकर ने ट्रैक्टर को रोककर चालक से पूछा कि बालू कहां से लेकर आ रहा है।बालू का चालान है। वाहन चालक ने कहा कि तुम मेरा मालिक है जो तुमको बताएं। इसके बाद गाली-गलौज करते हुए वाहन लेकर फरार हो गया। कुछ देर बाद लोहे का रड व लाठी डंडा लेकर आधा दर्जन लोग केयर टेकर के घर पर पहुंचे। इसके बाद घर में घुसकर गाली-गलौज करते हुए केयर टेकर सनोज सिंह के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उनके घर में रहे महिला समेत अन्य लोगों को मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।
इस घटना क्रम में बालू केयर टेकर सनोज सिंह,पत्नी रीता देवी, भाई मनोज सिंह व भाभी अनार देवी एवं उनकी मां कुंती देवी जख्मी हो गए। सभी जख्मी का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
इस संबंध में बालू केयर टेकर सनोज सिंह द्वारा नगर थाना पुलिस को आवेदन देकर लोहरपुरा गांव निवासी श्यामसुंदर महतो, मनोज महतो, राजकुमार महतो, नौरंगी महतो व विजय महतो आदि पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है ।
पंचायत सचिव व मुखिया पर पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में शिक्षक नियोजन 2016 का फोल्डर जमा नहीं करने को लेकर विभागीय आदेश पर संबंधित मुखिया व पंचायत सेवक पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने 19 मई 19 को दो मुखिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कहुआरा पंचायत की मुखिया राकेश कुमार व हंडिया पंचायत की पूर्व मुखिया नंदू राजवंशी की गिरफ्तारी हुई। जबकि इस मामले में तत्कालीन बीईओ ने प्रखंड के नौ पंचायत की मुखिया व पंचायत सचिव के विरूद्ध मामला दर्ज कराया था। जिसका कांड संख्या 17/ 16 दर्ज है।
स्थानीय लोगों का मामना है कि फिलहाल स्थिति यह है कि पुलिस दो मुखिया को गिरफ्तार कर अपनी वाहवाही लूट रही है,जबकि पंचायत सचिव आए दिन प्रखंड कार्यालय में सरकारी कार्यों को निपटा रहे हैं। पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठना स्वभाविक है।
सबसे बड़ा सवाल है कि उठता है कि विभाग ने क्या केवल मुखिया को ही जवाबदेह मानती है। अगर ऐसा है तब पंचायत सचिवों को क्यों आरोपित किया गया। इधर मुखिया का कहना है कि पंचायत शिक्षक नियोजन का फोल्डर जमा करने की जिम्मेवारी संबंधित पंचायत सचिव की है।
शिक्षक नियोजन का फोल्डर जमा करने पर विभागीय कार्रवाई पंचायत सचिव के उपर किया जाना चाहिए। लेकिन मुखिया को भी इसमें लपेटा गया, जो न्याय संगत नहीं है। क्योंकि सरकारी आदेशानुसार पंचायत की सभी संचिका का रख-रखाव की जिम्मेवारी पंचायत सचिव की है। जिले के अन्य प्रखंडों में फोल्डर जमा नहीं करने पर सिर्फ पंचायत सचिव के उपर कार्रवाई की गई है। जबकि यहां मुखिया को भी लपेट लिया गया है।