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नवादा बिहार अपडेट

24 जुलाई : नवादा की मुख्य ख़बरें

मुखिया पति सहित दो अपराधी गिरफ्तार, हथियार बरामद

नवादा : जिला के वारसलीगंज थाना क्षेत्र के सौरचंडीपुर गांव से एसडीपीओ ने दल-बल के साथ छापा मार कर दो अपराधी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक रायफल और दो कारतूस बरामद किया गया है।

पकरीबरावां एसडीपीओ मुकेश कुमार शाहा ने बताया कि फरार चल रहे दिलीप राउत व विपिन सिंह को गिरफ्तार किया गया है। विपिन सिंह के घर से एक रायफल व दो गोली बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि दोनों अपराधी की तलाश काफी समय से पुलिस को थी। मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार दिलीप राउत सौर चांदीपुर गांव के मुखिया गुड़िया देवी का पति है। उसके सहयोगी विपिन सिंह को भी गिरफ्तार किया है।

मशरुम उत्पादन कर युवा कर सकते हैं स्वरोजगार

नवादा : जिले के ग्राम निर्माण मण्डल, कृषि विज्ञान केंद्र सर्वोदय आश्रम सोखोदेवरा में मशरूम उत्पादन को लेकर युवाओं को रोजगार सृजन को लेकर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन केवीके के वरीय वैज्ञानिक डॉ रंजन कुमार ने द्वीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर कौआकोल एवं रोह प्रखण्ड के चयनित 25 किसानों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा कम लागत व समय में अच्छी आय का सृजन कर सकते हैं।

मशरूम उत्पादन के कोर्स कॉर्डिनेटर कल्पना सिन्हा ने कहा कि मशरूम काफी पौष्टिक एवं स्वास्थ्य वर्द्धक खादय पदार्थ है। जिसके सेवन से काफी मात्रा में शरीर में पोटैशियम, विटामिन, आयरन एवं प्रोटीन की प्राप्ति होती है। मशरूम हमारे शरीर के कोलस्ट्रोल को नियंत्रित करता है एवं इसके सेवन से मोटापा में भी कमी आती है। इस दरम्यान  उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम उत्पादन को लेकर तकनीक भी बताई।

केवीके के वैज्ञानिक डॉ जयवंत कुमार ने मशरूम के कई किस्मो को बताते हुए उसमे लगने वाले रोग एवं उसके निदान की संक्षिप्त जानकारी दी। मौके पर उद्यान वैज्ञानिक विकास कुमार, सुमित रंजन, नीलम कुमारी, निशांत कुमार, पिंटू पासवान आदि मौजूद थे।

शराब की भट्ठियों को पुलिस ने किया ध्वस्त

नवादा : जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के दरियापुर गांव में पुलिस ने शराब की कई भट्ठियों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान सैंकड़ों लीटर निर्मित व अर्धनिर्मित महुआ शराब को जमीन पर बहा दिया गया।

शराब निर्माण में प्रयुक्त कई उपकरणों को भी नष्ट किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस लाइन से कुछ दूर आगे दरियापुर गांव में छापेमारी की गई। स्वाट दस्ता ने गांव पहुंच कर देखा कि कई भट्ठियां सुलग रही हैं। तत्काल सभी भट्ठियों को तहस-नहस कर दिया गया। हालांकि पुलिसकर्मियों के पहुंचने से पहले धंधेबाज भाग निकले। एएसपी अभियान कुमार आलोक ने बताया कि किसी भी सूरत में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। धंधेबाजों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिये छापामारी आरंभ की गयी है।

कम हो रही बिरहोर जाति की संख्या

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखण्ड के सोखोदेवरा पंचायत की नौकाडीह एवं विरहोरटांड़ टोला में आदिम जनजाति समुदाय के विरले प्रजाति विरहोर समाज के लोग आज आधुनिक युग में भी आदिम काल की जीवन जीने को विवश हैं। ये परिवार जहां आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं, तो इनके परिवार के नौनिहाल बच्चे आज भी शिक्षा से काफी दूर हैं।

घोर गरीबी, अशिक्षा के कारण यह समुदाय न सिर्फ अपना अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। बल्कि समाज के मुख्यधारा से भी कटा हुआ है।

जीविका का नियमित स्त्रोत नहीं होने के कारण पूरा परिवार यत्र-तत्र भटकता रहता है। ऐसे में इनके बच्चों की नियमित शिक्षा नहीं मिल पा रही है। प्रशासनिक उपेक्षा व स्थानीय जनप्रतिनिधि की अनदेखी के कारण बिरहोर जाति विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गयी है। नवादा जिला में कौआकोल प्रखंड के बिरहोर टांड़ और नौकाडीह टोला में आदिवासी समुदाय की इस बिरादरी के कई परिवारों की दुर्दशा देखकर हृदय द्रवित हो जाता है। सरकार मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने का दावा तो कर रही है। परन्तु इस समुदाय के लगभग 50 लोगों की आबादी आज भी जंगली जड़ी-बूटी और दातुन बेचकर किसी तरह अपना और अपने परिवार का किसी तरह जीवन यापन कर जिंदगी बिताने को मजबूर हैं।

स्वास्थ्य को लेकर भी इन परिवार के लोग सरकारी सहायता लेने से महरूम हैं। आज भी बीमार पडऩे पर वे अस्पताल नहीं जाते। जंगल में ओझा-गुणी से झाड़-फूंक करा या फिर जंगली जड़ी-बूटियों का सेवन कर ही बीमारी से निजात पा रहे हैं। रहने को इनलोगों के पास अपना पक्का मकान तक भी नहीं हैं। झाड़ीनुमा फूस का घर बनाकर ये परिवार बेहद कष्टप्रद जिंदगी जी रहे हैं। बावजूद इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं हैं।

पेयजल की भी स्थिति इन परिवारों के बीच काफी गंभीर है। चापाकल का फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने को लेकर ये परिवार मजबूर हैं। जबकि ये परिवार के कई महिला लोग आज भी भिक्षा माँग कर अपनी जिंदगी जी रहे हैं। इन टोलों में आज तक सात निश्चय योजना ले तहत नल का जल भी नहीं पहुंच सका है। इस सबंध में शुकर बिरहोर, चैती बिरहोर, कारी बिरहोर आदि बताते हैं कि उनलोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। ठंढा के मौसम में कुछ पदाधिकारी एवं नेताओं के द्वारा कम्बल वितरण कर दिलासा दिला दिया जाता है कि अब सब कुछ सामान्य हो जाएगा, परन्तु ऐसा कुछ नहीं होता है। सरकार द्वारा दिया जाने वाला अनाज भी समय पर नहीं दिया जाता है।

इस संबंध में बीडीओ संजीव कुमार झा कहते हैं कि नौकाडीह टोला में 4 परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास की स्वीकृति दे दी गई है जबकि 2 अन्य परिवार को मुख्यमंत्री वास स्थल योजना के तहत सीओ को जमीन चयन करने के लिए प्रतिवेदित किया गया है। जल्द ही आवास मुहैय्या करवाकर अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाया जाएगा, जबकि विरहोरटांड़ में सामूहिक रूप से एक स्थान पर ही लोगों के रहने ले लिए व्यवस्था की जाएगी।

बहरग़इयां पइन की अर्से से नहीं हुई सफाई,  गंदगी का लगा अंबार

नवादा : नगर में गंदगी की समस्या गंभीर है। नगर की नियमित साफ-सफाई नहीं होने से सड़कों पर कचड़ा पसरा रहता है। शहर का पुरानी जेल रोड इलाका मेडिकल हब माना जाता है। इस इलाके में शहर के नामी गिरामी चिकित्सकों का आवास है। और उनका क्लिनिक भी संचालित हो रहा है। जहां सुबह से देर रात तक शहर समेत ग्रामीण इलाकों से मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। लेकिन इस इलाके में नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। जगह-जगह सड़कों के किनारे गंदगी का अंबार लगा रहता है। नाली हमेशा जाम रहता है। इसके साथ ही बरहगैनिया पइन भी इसी इलाके से होकर गुजरी है। जिसकी कई सालों से सफाई नहीं कराई गई है। पइन में गंदगी का अंबार लगा है और पानी की निकासी भी नहीं हो रही है।

गंदगी से निकलने वाली सड़ांध से लोग परेशान हैं। पइन के आस-पास रहने वाले लोगों को घर में रहना मुश्किल हो गया है। मच्छरों का प्रकोप भी काफी बढ़ गया है।

शहर के अस्पताल रोड, पुरानी कचहरी रोड, मेन रोड, गोला रोड आदि इलाकों में भी सड़कों के किनारे गंदगी का अंबार लगा रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों से बाजार आने वाले राहगीरों को भी काफी परेशानी होती है।

पुरानी जेल रोड इलाके में नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। जिसके कारण जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। नालियां हमेशा जाम रहती है। कई साल से बरहगैनिया पइन की सफाई नहीं कराई गई है। पइन में गंदगी का अंबार का लगा है। गंदगी से निकलने वाली सड़ांध से लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है। शहर के अन्य इलाकों में भी सड़कों के किनारे गंदगी पसरा रहता है।

इसके अलावा शहर में जाम की समस्या भी गंभीर बनी हुई है। शहर में नित्य दिन रेलवे क्रासिग से लेकर प्रजातंत्र चौक तक जाम लगा रहता है। स्टेशन रोड,मेन रोड समेत अन्य सड़कों पर जाम की समस्या बनी रहती है। जाम में फंसे शहरवासी व राहगीर हलकान रहते हैं। जाम इस तरीके से लगता है कि सड़क पर बाइक तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। घंटो ऐसी स्थिति बनी रहती हे।

शहर की सड़कें काफी जर्जर हो चुकी है। जिसके कारण हमेशा दुर्घटना होती है। कई लोगों ने जलस्तर में गिरावट आने से उत्पन्न पेयजल संकट को सबसे बड़ी समस्या बताया। चौक-चौराहों से लेकर मोहल्लों में लगा सरकारी चापाकल बंद हो चुका है। लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर से पानी लाना पड़ रहा है। बावजूद जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

35 मिनट की बारिश से गर्मी से मिली राहत

नवादा : जिले में बीते 10 दिनों के बाद म अच्छी बरसात हुई। दोपहर सबा तीन बजे से शुरू हुई बरसात करीब 35 मिनट तक होती रही। बारिश से पहले तेज ठंडी हवा बही। इसके साथ ही जोरदार झमाझम बरसात शुरू हुई। बीते कई दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान हो रहे शहरवासियों के लिए बदला हुआ मौसम किसी सौगात से कम नहीं थी। बारिश के दौरान हर चेहरे पर खुशी दिखी। अनेक जगहों पर लोगों ने बारिश में भिगकर मौसम का लुत्फ उठाया। बारिश जब छूटी तब शहर के अधिकांश सड़कों, गलियों-मोहल्लों के रास्ते में भारी जलजमाव था। बारिश थमने के बाद स्कूल से घर लौट रहे छोटे-छोटे बच्चे इस जलजमाव में भी आनंद लेते दिखे। हालांकि अधिकांश जगहों पर जलजमाव के कारण राहगीरों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

बारिश से नगर की तमाम नालियां उफनाई, सड़कों पर पहुंचा गंदा पानी

मंगलवार को बरसात के कारण पहले से कचरा से पटी तमाम नालियां उफना गई। इसके चलते ज्यादातर इलाकों में नालियों का गंदा पानी व कचरा ओवर फ्लो होकर रास्ते से बह रहा था। लोग गंदगी से बचने के लिए जद्दोजहद करते दिखे। विजय बाजार, पुरानी कचहरी रोड, नगर थान रोड, राजेंद्र नगर, न्यू एरिया समेत अनेक इलाकों में जलजमाव से लोगों को परेशानी हुई। बारिश के चलते नगर परिषद की बदहाल सफाई व्यवस्था की कलई एक बार फिर खुल गई। लोग नगर की सफाई व्यवस्था को कोस रहे थे। नगर में बेहतर सीवेज व जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण गंदगी से लोगों को परेशानी हो रही है।

  • गर्मी से दम तोड़ते बिचड़ों को बारिश ने दिलाई संजीवनी
  • बारिश नहीं होने के चलते बिचड़ा लगे खेतों में पड़ रही थी दरारें
  • धान की रोपनी के लिए जिले में लगातार तेज बरसात की जरूरत, किसानों को उम्मीद
  • जिले की अधिकांश ताल-तलैये, नदी-पोखर सूखे हैं, हर तरफ पटवन का संकट है।

बरसात एक ओर जहां आम शहरवासियों के चेहरे पर खुशी ला दी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात होने व तापमान गिरने से किसानों के चेहरे भी खिल उठे। सबसे ज्यादा फायदा उन खेतों को हुआ जहां बिचड़ा लगा हुआ था। बीते कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण और तेज धूप व तापमान के कारण ये नवोदभिद धान के पौधे झूलस रहे थे। अनेक जगहों पर पानी की सुविधा नहीं रहने के चलते खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें नजर आने लगी थी। बारिश ने थोड़ा बहुत ही सही ऐसे खेतों को पानी देकर संजीवनी देने का काम किया। हालांकि किसानों को अभी लगातार बारिश की जरूरत है। क्योंकि अब समय आ गया है जब किसान अपनी खेतों में कादो करके उसमें धान की रोपनी शुरू करें। इसके लिए खेतों में पर्याप्त पानी की जरूरत है। जो कि सिचाई सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण किसानों के लिए चिता का कारण बनी हुई है। तमाम जगहों पर पानी का लेयर नीचे चला गया है। ऐसे में यदि जिले में लगातार एक दो हफ्ते तक बरसात हो जाती है तो इससे धान रोपनी की रफ्तार तो बढ़ेगी ही इससे पानी का लेयर भी सुधरने की गुंजाइश है। मौजूदा समय में जिले के तमाम आहर-पोखर व नदी-नाले सूखे पड़े हैं। इसके चलते भी किसानों को खेती में कई तरह की परेशानियां आ रही है।

पटवन के अभाव में 90 फीसद धान की रोपनी अब भी बाकी

नवादा जिले में इस साल भी धान की खेती प्रभावित हो रही है। पटवन की सुविधा नहीं रहने व अपेक्षित बरसात नहीं होने के चलते किसानों को खेती में परेशानी आ रही है। जिले में इस साल 76 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होनी है। लेकिन 23 जुलाई बीत जाने के तक जिले भर में महज 10.11 फीसद ही रोपनी हो सकी है। जिले में अब तक 7681 हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो सकी है। जहां रोपनी हुई भी है वहां किसानों ने अपने बूते समरेसुबल या डीजल पंप सेट से पानी पटाकर रोपनी की है।

जुलाई में वर्षा की स्थिति भी ठीक नहीं है। पहले हफ्ते में अच्छी बारिश के जो उम्मीद जगी थी वह दूसरे पखबारे की खराब स्थिति ने उसे तोड़कर रख दिया है। नवादा जिले में जुलाई की सामान्य वर्षापात के अनुसार 261.60 एमएम वर्षा होनी चाहिए। जबकि अब तक जिले में 146.64 एमएम ही वर्षा हो सकी है। जो वर्षा हुई है वह भी 12 जुलाई के पहले की ही है।

जिले में अब तक हुई धान की रोपनी

लक्ष्य: 76000 हेक्टेयर

उपलव्धि: 7681

जुलाई तक वर्षा: 146 एमएम