23 अक्टूबर : दरभंगा की मुख्य ख़बरें

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अंतर महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता के विजेता हुए पुरस्कृत

दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय एकलव्य एवं तरंग की चैन प्रतियोगिता का आगाज आज कुलपति महोदय के द्वारा किया गया। संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में इस कार्यक्रम का आयोजन महाराजा के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन के साथ शांति दूत प्रतीक कबूतर को आकाश में छोड़ कर के इस कार्यक्रम का आगाज किया साथ ही प्रति कुलपति डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह भी मौजूद रहे।

जहां एक ओर महाविद्यालयों से आए हुए प्रतिभागियों का परिचय प्राप्त किया एवं परिचय प्राप्त करने के बाद उसी क्रम में कुलपति महोदय ने कहा खेल जीवन का एक मुख्य अंग है। खेल को जीत की भावना से नहीं बल्कि खेल की भावना से खेलें। जिससे जीवन में शिष्टाचार और एक निश्चित आती है।

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इस खेल प्रतयोगिता में 400 मीटर की रेस में प्रथम स्थान रितेश कुमार, द्वितीय स्थान टोनी कुमार व तृतीय स्थान गोपाल कुमार चौधरी और लंबी कूद में प्रथम स्थान प्रशांत कुमार झा द्वितीय स्थान अंशु कुमार चौधरी और तृतीय स्थान रितेश कुमार, 200 मीटर स्पर्धा रितेश कुमार नीतीश कुमार मिश्रा द्वितीय तृतीय अंशु कुमार चौधरी, 100 मीटर में गंधर्व कुमार झा प्रथम, द्वितीय रितेश कुमार और तृतीय स्थान पर प्रवीण कुमार रहे।

एबीवीपी दरभंगा इकाई की हुई बैठक

दरभंगा : बुधवार 23 अक्टूबर, 2019 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दरभंगा जिला इकाई की  बैठक स्थानीय कार्यालय में सर टोला में किया गया इस बैठक में मुख्य रूप से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र नेता भूपेंद्र सिंह उपस्थित थे उन्होंने कार्यकर्ता को संगठन के कार्य पद्धति पर विचार विमर्श किया।

वही भूपेंद्र सिंह ने कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए कहा कि यह संगठन छात्रों से प्रारंभ हो, छात्रों की समस्याओं के निवारण हेतु एक एकत्रित छात्र शक्ति का परिचायक है। विद्यार्थी परिषद् के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है। विद्यार्थी परिषद् का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।

स्थापना काल से ही संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने छात्र-हित से लेकर भारत के व्यापक हित से सम्बद्ध समस्याओं की ओर बार-बार ध्यान दिलाया है। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद् समय-समय पर आन्दोलन चलाता रहा है। बांग्लादेश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद् ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ बार-बार आवाज उठाती रही है। इसके अतिरिक्त अलगाववाद, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ हम लगातार संघर्षरत रहे हैं। बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड है। इसके अलावा वैसे निर्धन मेधावी छात्र, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिय़े निजी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा सकते, उनके लिये स्वामी विवेकानंद निःशुल्क शिक्षा शिविर का आयोजन किया जाता है।

वह इस बैठक में विभाग संगठन मंत्री हेमंत मिश्रा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुमित सिंह, पिंटू भंडारी, चैतन्या झा, संदीप, दीपक कुमार, यस जूमनानी, केशव आचार्य, सावन कुमार, अनूप आनंद, राकेश कुमार, सुभाष कुमार, आशुतोष गौरव, श्रीकांत कुमार, छात्रा कार्यकर्ता पूजा झा, अभिलाषा कुमारी, अमृता कुमारी इत्यादि कार्यकर्ता मुख्य रूप से उपस्थित थे।

 मुरारी ठाकुर     

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