भाकपा माले ने स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को ले मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
मधुबनी : जयनगर में आज भाकपा (माले) ने राजव्यापी विरोध दिवस के तहत वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट होने व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त की मांग को लेकर भाकपा (माले) जयनगर के द्वारा जयनगर बस्ती पंचायत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका।
स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कहा कि पूरे बिहार में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। इलाज के अभाव में लोग बेमौत मारे जा रहे हैं, और भाजपा-जदयू की सरकार चुनाव-चुनाव खेलने में मस्त है। 06 महीने बीत गए लेकिन सरकार ने जांच-इलाज-रोजी-रोजगार किसी मामले में कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया। सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी कि खुद गृह विभाग के उपसचिव उमेश रजक की हत्या आईजीआईएमएस-एनएमसीए-एम्स के बीच दौड़ा-दौड़ा कर दी गई। सहज ही सोचा जा सकता है कि बीमार पड़ने पर आम आदमी की हालत क्या होगी? हाल ही में आरा में कोरोना जांच की लंबी लाइन में लगे पीरो के वीरेन्द्र प्रसाद गिर पड़े और वहीं तड़पकर दम तोड़ दिया।
बिहार में जांच देश के 19 राज्यों में सबसे कम है। काफी थू-थू होने पर अनुमंडल अस्पताल में जांच की व्यवस्था की घोषणा की गई है। इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक विस्तारित करने की बात भी सरकार ने की है। इसे लागू करने के लिए सरकार की घेराबंदी जरूरी है। अन्यथा यह भी महज घोषणा बाजी बनकर रह जाएगी। तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्राथमिक इलाज की भी ठोस व्यवस्था जरूरी है।
बीमारी का फैलाव देखते हुए तमाम अनुमंडल और जिला अस्पतालों में कोरोना के बेहतर इलाज और आईसीयू की व्यवस्था होनी चाहिए। इसी तरह, सिर्फ मेडिकल कॉलेज के लिए जिलों को बांट देने से काम नहीं चलेगा। तमाम मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू बेड की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी की जरूरत है। निजी अस्पताल में भी इलाज की घोषणा की गई है। लेकिन इसका खर्च बीमार को खुद उठाना पड़ेगा। यह एकदम से अन्यायपूर्ण फैसला है। जरूरत इस बात की है कि महामारी की विकराल होती जा रही स्थिति के मद्देनजर तमाम निजी अस्पतालों को सरकार अपने नियंत्रण में ले और वहां सरकारी खर्च पर कोरोना के इलाज की व्यवस्था करे।
घोषणा बाजी में सरकार पीछे नहीं है। लेकिन, कोरोना के नाम पर खूब लूट चल रही है। जनता में मुफ्त मास्क, सैनिटाइजर व साबुन का वितरण लापता है। मुफ्त बांटने की बजाय सैनिटाइजर पर 18% जीएसटी लगा दिया गया है। इसी तरह मास्क बांटने की बजाय बिना मास्क वाले राहगीरों से जुर्माना वसूला जा रहा है। पूंजीपतियों से पैसा वसूलने की बजाय लुट पिट चुकी जनता की ही जेब काटने में सरकार लगी हुई है।
फिर से लगे लॉक डाउन ने पहले ही से रोजी-रोटी खो चुके मेहनतकश आम-अवाम के सामने विपत्ति का पहाड़ खड़ा कर दिया है। भारी वर्षा से कई जिलों के लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। जान बचाने के लिए वे बांध आदि जगहों पर बड़ी संख्या में आ गए हैं। इससे बाढ़ पीड़ितों में कोरोना संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है।
महागठबंधन वाले कुछ समय को छोड़ दिया जाए तो बिहार में विगत 15 वर्षों से भाजपा के हाथ में ही स्वास्थ्य विभाग है। आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी बिहार के ही हैं। बावजूद इसके बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा सबों के सामने है। नकारा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त किए बगैर स्वास्थ्य व्यवस्था में कुछ भी सुधार की उम्मीद पालना बेमानी है। स्थल पर मो० मुस्तुफा, मो० सबीर, केवल मण्डल, रामचन्द्र यादव, चन्दन राय, रामशरण राम, उपेंद्र यादव, अरुण राय सहित अन्य लोगों ने संबोधित किए।
फर्जी कंपनियां अधिक ब्याज पर लोन देकर महिलाओं का कर रहे शोषण
मधुबनी : प्रशासन के नाक के नीचे कई वर्षो से फर्जी कंपनी के नाम पर कमिटी बनाकर महिलाओं को लोन देकर शोषण करने का काम कर रही है। यह कंपनियां इसके बाद पचास परसेंट तक इन महिलाओं से किस्त के रूप में साप्ताहिक वसूली करती है। इतना हीं नही इस लॉकडाउन में भी दबाव बनाकर किस्त वसूलने से बाज नही आती है।
ऐसा हीं एक कमिटी भारत फाइनेंस सहयोगी इंडसलड बैंक के फर्जी नाम से नगर के लहेरियागंज के रामगंज वार्ड नंबर दो एवं तीन नाका के पास स्थित सामुदायिक भवन में चल रही है, जहाँ प्रत्येक सप्ताह कंपनी के आदमी के द्वारा राशि की वसूली की जाती है। सामुदायिक भवन के ऊपर एक बोर्ड भी मिथिलांचल कम्युनिटी हॉल के नाम से लगा हुआ है।
स्थानीय लोगो की शिकायत पर जब वहाँ मीडियाकर्मी पहुँचे, तो देखा की लगभग एक दर्जन महिलाओं के द्बारा फर्जी कंपनी के भारत फाइनेंस के कर्मचारी के द्वारा राशि की वसूली की जा रही है। जब मीडिया कर्मी के द्बारा रखी गई रकम की विडियो बनाई जा रही थी, तो फर्जी कंपनी के द्वारा हड़बड़ाहट में जल्दी से रकम साथ लाये बैग में रख लिया गया।
इस बाबत जब मीडियाकर्मी ने कंपनी के कर्मचारी से कंपनी एवं लोन के बारे में पूछताछ आरंभ की, तो उसने कुछ भी बताने से इंकार किया और अपने पदाधिकारी से बात करवाया। लेकिन वह पदाधिकारी ने भी कुछ नही बताया, एवं अपने कर्मचारी को भी कुछ भी नही बताने की हिदायत दे दी। सूत्रों के अनुसार पता चला है की कंपनी के द्वारा 11महिलाओं की कमिटी बनाती है, और अपने टेढ़े-मेढ़े नियम से सभी को जाल में फंसाती है।
इस सम्बन्ध में उपस्थित महिला उपभोक्ता ने बताया विगत चौदह वर्षो से हम इस कंपनी से लोन लेते है, और साप्ताहिक किस्त भरते है। एक उपभोक्ता ने बताया की कंपनी के द्बारा चालीस से पचास परसेंट ब्याज की वसूली हमलोगो से की जाती है, और इस लॉकडाउन की विषम परिस्थिति में भी कंपनी साप्ताहिक वसूली करने से बाज नही आती है। कंपनी का नियम इतना कड़ा है की उपभोक्ता ऋणी को जैसे भी हो साप्ताहिक किस्त की राशि की भुगतान करनी है, इसके लिये कंपनी पहले ही कई कागजों पर ऋणी का हस्ताक्षर ले चुके है। जिससे ऋणी पर साप्ताहिक किस्त भरने का दबाव बना रहता है।
आश्चर्य इस बात का है की सरकार के द्बारा कम ब्याज की दर पर आम जनता के लिये ऋण देने के लिये कई योजनाएं बैंक एवं अन्य सरकारी संस्थान के द्वारा चलाई जा रही है, तो फिर इस तरह की फर्जी कंपनी के जाल के चुंगल में कैसे फंस जाती है? यहाँ तक की इस तरह की फर्जी कंपनी के लालच में फंसकर कई ऋणी रोड पर आ चुके है। पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या कर चुके है, एवं जमीन तक गंवा चुके है।
बरहाल जो भी हो सरकार को इस दिशा में पहल कर ठोस कदम उठाने की जरूरत है, एवं जिला प्रशासन को ऐसे फर्जी कंपनी पर नकेल कसकर ठोस कदम उठाकर कंपनी चलाने वालों को गिरफ्तार करने की जरूरत है। ताकी आने वाले समय में इस तरह के फर्जी कंपनी से लोग शोषित होने से बच सके।
जिले को मिला 1000 रैपिड एंटीजन कीट, अब 30 मिनट में मिल रही रिपोर्ट
• अनुमंडल अस्पताल को दिया गया 450 एंटीजन किट
• पीएचसी को दिए गए 500 किट
• संदिग्ध मरीजों की चार तरीकों से की जाती है कोविड-19 का जांच।
मधुबनी : मधुबनी जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के ओर से इससे बचाव को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है तथा नये-नये उपकरणों की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।जिले में अब रैपिड एंटिजन कीट से कोरोना का जांच की जा रही है। जिले को 1000 रैपिड एंटिजन किट उपलब्ध करायी गयी है. जिले में पहले ट्रूनेट मशीन तथा आरटीपीसीआर से जांच की जा रही थी. अब रैपिड एंटीजन कीट से भी जिले में जांच हो रही है। इसमें रैपिड एंटीजन किट को कारगर अस्त्र माना जा रहा है। यह ऐसी किट है जो 30 मिनट में टेस्ट का परिणाम दे रही है। यही कारण है कि जहां भी कोरोना वायरस का मरीज मिल रहे हैं, उसे क्षेत्र में इसी किट का इस्तेमाल कर वायरस के संक्रमण विस्तार को रोका जा रहा है।
कोरोना संक्रमण की कम समय में हो रही पुष्टि:
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिलने का मुख्य कारण टेस्ट अधिक होना है। जिले में अब तक एक 11,000 संदिग्ध मरीजों की जांच हो चुकी है। रैपिड एंटीजन टेस्ट के कारण टेस्ट की रिपोर्ट भी जल्द आ रही है। जिले को रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए 1000 किट मिली है, जिसे तीन अनुमंडल अस्पताल में 150-150 तथा जिले के कुल 20 पीएचसी को 500 किट दिए गए हैं।रैपिड एंटीजन टेस्ट कोरोना संक्रमण की त्वरित जाँच में काफी कारगर साबित हो रही है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट क्या है:
रैपिड एंटीजन कोरोना जांच की नई तकनीक है। इसमें संदिग्ध व्यक्ति की नाक में स्ट्रिप डालकर स्वैब का सैंपल लिया जाता है। किट में सोल्यूशन की तीन ड्राप डालकर फ्लूड के साथ मिलाया जाता है। इसमें केवल 30 मिनट में रिजल्ट आ जाता है। अगर रिपोर्ट में एक लाइन आती है तो रिपोर्ट नेगेटिव होती है।अगर लाइन दो हो जाए तो वह कोरोना पॉजिटिव माना जाता है। यह किट सबसे ज्यादा कारगार सिद्ध हो रही है।
अब जानिए कैसे होती है कोरोना वायरस की जांच:
कोरोना वायरस का संदेह है या फिर कोरोना के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, बहती नाक, सांस लेने में दिक्कत है, तो सबसे पहले डॉक्टर से चेकअप कराना होगा। चेकअप किसी भी अस्पताल में करा सकते हैं। फोन पर भी सलाह ले सकते हैं। अगर डाक्टर को लगता है कि मामला कोरोना का है, तो वो जांच की सिफारिश करेंगे। कोरोना के संदिग्ध व्यक्ति का सैंपल घर से ही लिया जा रहा, जिससे वो किसी दूसरे के संपर्क में न आए। टेस्ट के लिए सैंपल लेने के दौरान भी सावधानी और जरूरी सुरक्षा उपाय अपनाने की हिदायत दी गई है।
टेस्ट करने के चार तरीके:
• स्वाब टेस्ट: इस टेस्ट में एक कॉटन स्वाब से गले या नाक के अंदर से सैंपल लिए जाते हैं।
• नेजल एस्पिरेट: वायरस की जांच करने वाला आपकी नाक में एक सॉल्यूशन डालने के बाद सैंपल कलेक्ट कर उसकी जांच करता है।
• ट्रेशल एस्पिरेट: ब्रोंकोस्कोप नाम का एक पतला ट्यूब आपके फेफड़े में डालकर वहां से सैंपल लेकर उसकी जांच की जाती है।
• सप्टम टेस्ट: यह फेफड़े में जमा मैटेरियल या नाक से स्वाब के जरिये निकाले जाने वाले सैंपल का टेस्ट होता है।
30 मिनट के भीतर आ रहे नतीजे:
एंटीजेन टेस्ट में 30 मिनट के अंदर रिजल्ट मिल रहा है। वहीं आरटी-पीसीआर में रिजल्ट आने में 6 से 24 घंटे लग जाते हैं. तब तक तो संक्रमित व्यक्ति को पता नहीं होता कि वो पॉजिटिव है और वो कई लोगों को वायरस फैला चुका होता है। रैपिड एंटीजन में आधे घंटे के अंदर ही रिपोर्ट सामने आ जाती है, ऐसे में शख्स को आइसोलेट किया जा सकता है। संक्रमित शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।
तीसरे दिन भी जारी रही संविदा कर्मियों की हड़ताल, स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप
मधुबनी : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी बैनर तले मधुबनी जिले के स्वास्थ्य विभाग के सभी संविदा कर्मियों ने जिला स्वास्थ समिति मधुबनी में तालाबंदी किया कर प्रदर्शन किया एवं अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। इस प्रदर्शन में जिला अंतर्गत संविदा पर कार्यरत जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी,जिला डेटा सहायक, जिला कार्यालय सहायक, जिला लेखा सहायक, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एफ.आर. यू. लेखापाल, प्रखंड लेखापाल प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक प्रखंड अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायक पर्यवेक्षक कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक, वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी यक्ष्मा पारा मेडिकल फार्मासिस्ट,एएनएम, एएनएम आरबीएसके ने भाग लिया इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिला कार्यक्रम प्रबंधक दयाशंकर निधि सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने किया प्रदर्शन में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ गोप गुट के जिला मंत्री श्री संजय कुमार एवं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोट गुटके राज्य उपाध्यक्ष के जिला मंत्री संजय कुमार एवं बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोट गुट के राज्य उपाध्यक्ष जिला मंत्री बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ गोट गुट के सुधीर नारायण झा ने भी समर्थन में नारे लगाए एवं आंदोलन को अपना समर्थन दिया इस प्रदर्शन में आईडीएसपी के सभी कर्मी एवं भिबीडीसी ऑफिस के संविदा कर्मियों ने भाग लिया।
जदयू के वर्चुअल सम्मेलन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने लिया भाग
मधुबनी : खजौली और राजनगर विधानसभा क्षेत्र के वर्चुअल सम्मेलन दिन के 3:00 बजे से आयोजित किया गया वर्चुअल सम्मेलन टीम 3:00 के विद्युत मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में जल संसाधन मंत्री संजय झा, रमेश ऋषि देव, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, तनवीर अख्तर, प्रोफ़ेसर सुहेली मेहता ने अपना-अपना संबोधन दिया।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से पहले का बिहार 2005 के बाद के बिहार पर काफी विस्तार से सभी वक्ताओं ने सभी दिशा में बिहार सरकार द्वारा किए गए कार्यों के कार्यकर्ताओं को बताने का काम किया।
वहीं, लक्ष्मेश्वर राय ने अति पिछड़ा समाज में वंचित लोगों के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्य को विस्तार से बताने का काम किया।
वहीं, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता तैयार रहे, और सशक्त भूमिका में रहे। साथ ही सरकार द्वारा काम को लोगों को बताने का काम करें हम लोगों के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे निचले तबके के विकास के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के विकास के मुख्यधारा में लाकर बिहार का नाम रोशन किया।
महिला वर्ग के लोगों के लिए सुहेली मेहता ने महिला के लिए 50% आरक्षण बिहार सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देने का काम किया। सुहेली मेहता ने महिला वर्ग के लोगों के लिए महिला सशक्तिकरण पर काफी बल दिया, और मुख्यधारा में लाकर जोड़ने का काम किए। रमेश ऋषि देव ने दलित महादलित व समाज में वंचित लोगों के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्य को विस्तार से बताने का काम किए।
वहीं, तनवीर अख्तर साहब ने मुख्यमंत्री द्वारा अल्पसंख्यक समाज के लिए किए गए कार्यों को विस्तार से बताने का काम किए। वहीं, क्षेत्रीय संगठन प्रभारी अशोक कुमार बादल, मधुबनी जिला संगठन प्रभारी अंजीत चौधरी, मधुबनी जिला अध्यक्ष अब्दुल कयूम, मधुबनी जिला मीडिया प्रभारी आलोक कुमार, डॉ० शिव कुमार यादव, जिला पार्षद विक्रमशिला देवी, फुल देव यादव, अविनाश सिंह, सुनील कुमार यादव, संगीता ठाकुर, खजौली के प्रखंड अध्यक्ष शत्रुघ्न राउत, जयनगर के प्रखंड अध्यक्ष राजकुमार सिंह, बासोपट्टी के प्रखंड अध्यक्ष नवल झा, खजौली के प्रखंड प्रमुख कुमारी उषा, सोनी कुमारी, सरिता देवी ने इस वर्चुअल सम्मेलन में भाग लिए।
बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने काफी विस्तार से अपना विचार रखे, और पार्टी के कार्यकर्ताओं को हर हाल में नीचे स्तर पर काम करते रहना चाहिए एवं अपना सीट जीतकर पार्टी के झोली में डाले।
सुमित राउत