निष्पक्ष तथ्य ही अनुसंधान की सफ़लता का मूल मंत्र
दरभंगा : आईसीएसएसआर नयी दिल्ली, द्वारा संपोषित दस दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन बाबा साहब भीमराव अंबेदकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शिल्पी वर्मा ने तथ्य संकलन एवं प्रकाशन की प्रक्रिया के विभिन्न आयामों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में आयोजित सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान पद्धति शास्त्र पर आयोजित कार्यशाला में आज प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि अनुसंधान की सफलता तथ्य संकलन पर निर्भर करता है तथ्य संकलन पक्षपात रहित होना चाहिए। तथ्यों को परिभाषित करते हुए इसके प्रकारों को रेखांकित किया तथ्यों एवं सूचना के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए इन्होंने तथ्य संकलन के विभिन्न प्रविधियां उपकरणों की जानकारी शोध छात्रों को दिया।
डॉक्टर वर्मा ने कहा कि तथ्यों के संकलन मे इस बात की सावधानी आवश्यक है की अलग-अलग प्रकार के तथ्यों का संकलन अलग अलग प्रविधि से हो। उन्होंने साहित्यो की चोरी से सावधान करते हुए कहा कि इस क्रम में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने सावधानी हेतु अनेक तकनीकी की स्थापना की है। इसलिए आवश्यक है कि शोध छात्र ना तो स्वयं नकल करें और ना आप के तथ्यों का नकल हो इसके लिए जागरूक रहें।
प्रोफ़ेसर वर्मा ने प्रकाशन प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए कहा कि शोध के दौरान एवं शोध के उपरांत लेख एवं पुस्तक प्रकाशन आवश्यक है तथा इसमें सहायक संस्था तथा प्रकाशन स्थलों की जानकारी दी तथा कहा कि हर प्रकाशन संस्थान के अपने-अपने नियम है जिसकी जानकारी भी शोधार्थियों को रखनी होगी। प्रकाशन से पूर्व सहकर्मी समीक्षा तथा प्रूफ रीडिंग अवश्यक होना चाहिए।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने विषय प्रवेश एवं आज के अतिथि का मिथिला की परंपरा के अनुसार स्वागत एवं अभिनंदन किया।कार्यशाला में प्रोफेसर गोपी रमण प्रसाद सिंह, डॉ सरोज चौधरी, डॉ संजीव झा, डॉक्टर परमानंद डॉ मंजू झा डॉ लक्ष्मी, डॉ शंकर कुमार लाल मुख्य रूप से उपस्थित हुए। कार्यशाला को-कॉर्डिनेटर डॉ सारिका पांडे ने आज के तीनों सत्र की जानकारी दी।
मुरारी ठाकुर