सरकारी पंप से पानी लेने गए युवक को दबंगों ने पीटा, स्थिति नाजुक
नवादा : जिले में दबंगों द्वारा पानी को लेकर एक बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है। दबंगो द्वारा एक युवक की बेरहमी से पिटाई की गई है। उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। घटना नारदीगंज थाना क्षेत्र के इचुआ गांव की बतायी गयी है।
घटना के संबंध में बताया गया है कि लखन चौधरी नामक युवक पानी के लिए गांव में लगे सरकारी मोटर चालू करने गए था। नारदीगंज थाना क्षेत्र के इचुआ गांव के ही दबंग 4-5 लोगों ने उसे मोटर चालू करने से मना किया। जब उसने कहा कि चापाकल सूख गया है। घर में पानी नहीं है।
बताया जा रहा है कि उसके ऐसा कहते ही दबंगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। इस घटना में युवक बुरी तरह से घायल हो गया। घायल युवक को परिजनों द्वारा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।इधर घटना के बाद से गांव में तनाव व्याप्त है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा हर घर नल का जल योजना के तहत पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन उसपर दबंग लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। दबंग लोग पानी लेने से उन्हें रोकते है और विरोध करने पर मारपीट की घटना को अंजाम देते है।
वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि पानी को लेकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है। दोनों ओर से मामला दर्ज कराया गया है। जांच की जा रही है। बता दें कि जिले में पानी को लेकर जिले में लगातार ऐसी घटना सामने आ रही है।
सरकार की ओर से लगाए गए पानी के मोटर पर कई इलाकों पर दबंगों का कब्जा है। वहीं जब स्थानीय लोग इसका विरोध करते है तो उनके साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाता है।
पशु चारा के बजाय प्लास्टिक और कचरा खाने पर मजबूर
नवादा : जब गाय नहीं होगी, गोपाल कहाँ होंगे, हम सब इस दुनिया में, खुशहाल कहाँ होंगे। आज के संदर्भ में गाय की दयनीय अवस्था के बारे में लिखी गई ये पक्तियां कई सवाल खड़ा कर रही है। भारतीय संस्कृति में गाय केवल एक पशु ही नहीं, बल्कि उसे माता का दर्जा दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि गाय में हमारे सभी देवी-देवता निवास करते हैं। इसी वजह से मात्र गाय की सेवा से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं । हिन्दू धर्मं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रात: स्नान करके गौ स्पर्श करता है, वह पापों से मुक्त हो जाता है। गोसेवा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार गौ माता ही जीव को वैतरणी नदी से पार उतारकर दुर्लभ मोक्ष की प्राप्ति कराती है। गोस्वामी तुलसीदास ने भगवान राम के अवतार का एक कारण गौरक्षा को बताया है।
देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, लेकिन इस साल देशभर में जन्माष्टमी 23 अगस्त को मनाई जाएगी या 24 अगस्त को इसको लेकर उलझन की स्थिति थी। कहीं जन्माष्टमी 23 अगस्त की बताई जा रही है तो कहीं इसे 24 अगस्त को बताया जा रहा है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद यानी कि भादो महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था, जो कि इस बार 23 अगस्त को पड़ रहा है।इस वजह से जन्माष्टमी 23 अगस्त को ही मनाई जा रही है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू धर्मंकेअनुसार जन्माष्टमी का त्योहार बड़ा महत्वूर्ण है । शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु ने कंस का वध करने के लिए देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में धरती पर भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण 16 कलाओं से युक्त माने जाते हैं।
श्रीकृष्ण भगवान ने गौसेवा करते हुए जीवन व्यतीत किया।गाय की सेवा करने मात्र से ही श्रीकृष्ण भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के साथ ही गौमाता की भी पूजा की जाती है। भगवान कृष्ण का पूरा जीवन गाय की सेवा में व्यतीत हुआ। हिन्दू गायों की सेवा को ही परम धर्म मानते हैं। हिन्दू मानते हैं जिस घर में गाय की सेवा होती है उस परिवार के कलह-क्लेश व सभी प्रकार के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं।
हिन्दू धर्म में गाय की पूजा सुख-समृद्धि देने वाला धार्मिक कर्म माना गया है। भारतीय संस्कृति में गाय का बेहद उच्च स्थान है। वेद पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति गाय माता की सेवा करता है, उसपर आने वाली विपदाएं समाप्त हो जाती हैं। पद्म पुराण में कहा गया है कि गाय के मुख में चारों वेद बसते हैं।
आज देश की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि देश में कुत्ते बिस्किट खा रहे है और पेट की आग बुझाने के लिए सैकड़ों गाय प्लास्टिक बैग खाकर प्रतिदिन अकाल मौत का शिकार बन रही है।
ऐसे में यह सवाल विचारणीय हो जाता है कि आखिर क्या वजह है कि भारतीय संस्कृति में बेहद उच्च स्थान रखने वाली गाय इस समय दर-दर की ठोकरें खा रही हैं ? क्यों प्राचीन काल से ही भारत में समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली गाये आज भूखी प्यासी है और कचरे के ढेर पर पॉलीथिन और कूड़ा करकट खाने को मजबूर है ? पॉलीथिन खाने से गायों व अन्य जानवरों के मरने की घटनाएं तो अब आम हो गई हैं।
पिछले कुछ समय से आए दिन समाचार पढ़ते आ रहे हैं कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके गाय के पेट से 60 किलो पॉलिथीन निकाली है,तो कही गाय के पेट का ऑपरेशन करके बीस-तीस किलो पॉलीथिन निकाला गया।
कोर्ट के पॉलीथिन पर प्रतिबंध के निर्देश के बावजूद शहरों में अब तक इस पर रोक नहीं लग सकी है, बाजार में सरेआम दुकानदारों द्वारा फेंकी जा रही प्रतिबंधित पॉलीथिनों को चारा नहीं मिलने की वजह से खाकर गाय मर रही हैं।
प्लास्टिक सिर्फ मानव जीवन और पर्यावरण को ही नहीं जानवरों के लिए भी बेहद हानिकारक है। गाय द्वारा इसको खा लेने पर वह अंदर जाकर अमाशय में जमा हो जाती, जिससे पाचन क्रिया बिल्कुल बिगड़ जाती है। गैस की शिकायत बढ़ने से पेट फूलता है। जिसके कारण गाय तड़प तड़प कर दम तोड़ देती है ।
हिन्दू धर्म में तो गाय के महान और अनमोल गुणों को देखते हुए उसे मां, देवी और भगवान का दर्जा दिया गया है। गाय वैदिक काल से ही भारतीय धर्म, संस्कृति, सभ्यता और अर्थव्यवस्था का प्रतीक रही है। परंतु क्यों आज गाय सड़कों पर आवारा घूमती व भूखी गाय कचरे से गंदगी व पॉलिथीन खाने को मजबूर है।
सुख-समृद्धि की प्रतीक रही भारतीय गाय आज कूड़े में प्लास्टिक की थैलियां खाती दिखती है। कैसी विडंबना है कि आज के समय में गायें घोर उपेक्षा और बदहाली की जिंदगी जी रही हैं और भूख से दम तोड़ रही हैं । सड़को किनारे फेंकी गई खाद्य वस्तुओं के साथ-साथ प्लास्टिक खाने से गाय की दर्दनाक मौत होने की घटनाएं आम हो गई है ।
1857 के विद्रोह की शुरुआत मंगल पांडे से हुई जब गाय और सुअर की चर्बी लगे कारतूस लेने से मना करने पर उन्होंने विरोध जताया। ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज की 34वीं बंगाल नेटिव इनफैंट्री में मंगल पांडे ने एनफील्ड पी-53 राइफल का विरोध किया, जिसके कारतूस पर सुअर और गाय की चर्बी लगी थी । अपनी हिम्मत और हौसले के दम पर समूची अंग्रेजी हुकूमत के सामने पहली चुनौती पेश करने वाले व आजादी की लड़ाई के अगदूत कहे जाने वाले मंगल पांडे 1857 में 8 अप्रैल को शहीद हुए थे ।
पिछले कुछ समय से तो भारत में गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने तक मांग उठने लगी है। आजकल भारत में जहां गौ रक्षा, गौ सुरक्षा और गौ संवर्धन को लेकर कवायदे हो रही हैं, वहीं भगवान श्रीकृष्ण के देश में पवित्र गाय अपनी प्राणरक्षा के लिए कूड़े के ढेर में कचरा और प्लास्टिक खाने पर मजबूर है।
भूखी प्यासी गाय करे करुणामयी पुकार, ये मानव कर मेरी सेवा और ले ले मंगल दुआएं हज़ार। हमें यथा संभव गाय की सेवा करनी चाहिए ताकि गौ सेवा करके हम अपने जीवन को धन धान्य और खुशियों से भर सके क्योंकि अथर्ववेद में गाय को ‘धेनु: सदनम् रमीणाम’ कहा गया है और इसे धन-संपत्ति का भंडार कहा गया है।
नावार्ड द्वारा डेयरी उद्यमिता पर कार्यशाला का आयोजन
नवादा : नगर के अस्पताल रोड स्थित द होटल सेलिब्रेशन के सभागार में डेयरी उद्यमिता विकास योजना तथा केन्द्र प्रायोजित अन्य योजनाओं को लेकर नावार्ड ने कार्यशाला का आयोजन किया। नावार्ड के जिला विकास प्रबंधक गणेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में डेयरी उद्यमिता विकास योजना, एग्री क्लीनिक तथा एग्री विजनेस सेन्टर जिनका कार्यान्वयन विभिन्न बैंको के माध्यम से किया जाना है के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।
जिला विकास प्रबंधक श्री कुमार ने उपस्थित लोगों को बताया कि बैंकर्स एवं अन्य स्टेटहोल्डर्स के मध्य योजनाओं से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आयोजित कार्यशाला में उन्होंने प्रजेन्टेशन के माध्यम से सभी योजनाओं के संबंध में प्रतिभागियों को जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अन्तर्गत बिहार राज्य में 16.26 करोड़ रूपये की निधि आवंटित की गई है। जिसका उद्देश्य डेयरी तथा इस पर आधारित व्यवसाय के लिए बैंक ऋण के विरूद्ध लाभुकों को सब्सिडी का लाभ दिया जाना है, ताकि उनमें उद्यमिता का विकास हो सके।
डीईडीएस योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के किसानों के लिए 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 33.33 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध है। उन्होंने देशी नस्लों को बढ़ावा देने पर बल दिया। इसके अलावा डीडीएम नावार्ड ने बताया कि एग्री क्लीनिक एवं एग्री विजनेस सेन्टर एग्रीकल्चर ग्रेजुएट के लिए कृषि के क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है।
जिला विकास प्रबंधक ने बैंको से अपने नियम एवं शर्ता के अन्तर्गत अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने का आह्वान किया। तथा बैंको को जल्द से जल्द आवेदनों को मेरिट के आधार पर निष्पादन करने का अनुरोध किया।
गव्य विकास अधिकारी डीके राय ने कहा कि इन योजनाओं के संबंध में अधिक से अधिक जागरूकता की जरूरत है, ताकि इन योजनाओं के क्रियान्वयन को गतिशीलता मिले। उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्र प्रायोजित योजनाए समाज के कमजोर वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाये जाते है जिसका उद्देश्य इन लाभुकों को विभिन्न गतिविधियों के लिए ऋण की उपलब्धता कराना है। मंच का संचालन दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत अधिकारी सुरेन्द्र कुमार ने किया। मौके पर निदेशक सर्वेश कुमार के अलावे दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद थे।
नीति आयोग के डायरेक्टर ने किसानों को हल्दी की खेती करने की दी सलाह
नवादा : नीति आयोग के डायरेक्टर अजीत कुमार गुरुवार को उग्रवाद प्रभावित रजौली पूर्वी पंचायत के दत्तीटीलहा गांव पहुंचे। मौके पर एसडीओ चंद्रशेखर आजाद तथा बीडीओ प्रेम सागर मिश्रा मौजूद थे। गांव के विद्यालय के प्रांगण में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के दर्जनों किसान व महिला शामिल हुए।
उपस्थित किसानों के बीच नीति आयोग के डायरेक्टर ने कहा कि आप लोग अपने खेतों में हल्दी की खेती करें, ताकि आप लोगों को ज्यादा आमदनी हो सके।
साथ हीं उन्होंने कहा कि जो खेत उपजाऊ नहीं है उसमें फलदार वृक्ष जैसे पपीता, केला, आम, लीची, अमरूद, सब्जी, अनार तथा गन्ना जैसे फसल लगाएं जिससे आप लोगों की आमदनी बढ़ सके। तथा उन्होंने कहा कि अगर किसान अपने खेतों में हल्दी की खेती करना शुरू करते हैं तो मैं इस गांव में उसे बनाने का प्लांट लगाने का प्रयास करूंगा जिससे आपलोगों को हल्दी की सही कीमत मिल सके। आज बाजार में हल्दी की कीमत बहुत ज्यादा है और इसकी जरूरत सभी जगह है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हल्दी एक शुभ पौधा है। दिल्ली, मुंबई तथा विदेशों तक लोग हल्दी को अपने घर के आगे लगाते हैं ताकि उसे शुभ माना जाता है। इससे आप सभी किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
किसानों ने कहा जंगली जानवर करते हैं फसल को नुकसान
नीति आयोग के डायरेक्टर ने जब किसानों को हल्दी की खेती करने के बारे में बताने लगे तो किसानों ने कहा कि मेरे गांव के आस-पास बहुत उपजाऊ जमीन है और हमलोग हल्दी की खेती कर भी सकते हैं लेकिन हमलोगों के सामने समस्या यह है कि जंगल से दर्जनों की संख्या में आए नीलगाय हम लोगों का फसल को पूरी तरह बर्बाद कर देता है। इसी वजह से हमलोग वैसे फसल नहीं लगाते हैं। जिसके बाद डायरेक्टर ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इस बारे में हम वन विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे।पानी को लेकर डायरेक्टर ने जताई चिंता:-
डायरेक्टर ने कहा कि आज स्थिति यह है कि भू-जल धीरे धीरे कम होते जा रहा है। इसका मुख्य कारण हमलोग हैं क्योंकि हमलोग लगातार पेड़ों को काट रहे हैं उसे लगा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि हमलोग जागरुक होकर प्रत्येक व्यक्ति पेड़ लगाना सुनिश्चित करें। पेड़ लगाने के बाद उसे अपने बच्चों की तरह उस पर भी ध्यान दे, ताकि वह बड़ा होने के बाद वह पेड़ आपको बहुत सुकून पहुंचाएगा। तब आपको लगेगा कि आप अपने जीवन में कुछ अच्छा काम किए हैं।
अस्तित्व विहीन कुआं और पइन का भी लिया जायजा
गांव से गुजरने वाले पइन और गांव में रहे सरकारी कुआं का जायजा लिया और इस पर गांव वाले से बात किया।ग्रामीणों को डायरेक्टर ने कहा कि अगर कोई जल स्रोत का अतिक्रमण करता है तो उसके खिलाफ जल अदालत में शिकायत करें। उस शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। कार्रवाई में अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति को फूल के माला पहना कर पूरे गांव में घुमाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जल अदालत प्रत्येक शनिवार को पंचायत सरपंच के यहां लगेगा जिसमें आप लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर अतिक्रमण हटाने में कोई समस्या होगी तो वरीय पदाधिकारी इसमें पहल करेंगे।
इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ गांव के सरकारी कुआं का जायजा लिया। तथा गांव से निकलने वाले पइन को भी उन्होंने देखा और इसकी स्थिति पर चिंता जाहिर की है। कार्यक्रम के अंत में ग्रामीण पुरुष और महिलाओं के साथ मिलकर सभी अधिकारियों ने विद्यालय परिसर में ही एक-एक पौधा लगाया और इसे बचाने के लिए ग्रामीणों को संकल्प दिलाया।
मौके पर सीओ संजय कुमार झा, पंचायत के मुखिया सुरेश साव व प्रखंड के कई कर्मी व कर्मचारी, जीविका के दीदी और स्वास्थ्य कर्मी रहे उपस्थित थे।
धान की फसल की जगह वैकल्पिक खेती की दी गई सहलाह
नवादा : गुरूवार को राजौली प्रखंड के अमावा पश्चिमी और पूर्वी पंचायत के किसान समन्वयक चंदन कुमार की अध्यक्षता में अमावां संगत परिसर में कैंप लगाकर धान की खेती नहीं लगाने वाले किसानों का सर्वे किया गया।
सर्वे में किसानों का विस्तृत जानकारी लिया गया। कैंप की खबर बुधवार की शाम को दे दी गई थी। जिससे दोनों पंचायत के दर्जनों किसान कैंप में पहुंचे और अपना-अपना एलपीसी जमा किया। साथ ही कम बरसात होने के कारण धान की खेती नहीं लगाने की बात किसानों ने कहा। जिस पर किसान समन्वयक रूनजय कुमार ने धान नहीं लगाने वाले किसानों को कहा कि आप लोग अपने अपने खेतों में कम पानी में मकई, तोड़ी, राहड़ की फसल लगा सकते हैं।
इसके लिए किसान भवन से आपलोगों को बीज दिया जाएगा। यह फसल 60 से 65 दिन में पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है। और पानी भी बहुत कम लगता है। इससे यह होगा कि आपका खेत पर खाली नहीं रहेगा और समय पर आप गेहूं का भी फसल बुआई कर सकते हैं। कैंप में किसानों से आधार कार्ड, एलपीसी, बैंक पासबुक एवं किसान रजिस्ट्रेशन का कागजात लिया गया।
किसान समन्वयक ने यह भी कहा कि इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि रजौली प्रखंड के किस पंचायत में कितना धान का फसल का बुआई हुआ है और कितना नहीं हुआ है। इसी को स्पष्ट करने के लिए सरकार की ओर से यह सर्वे कराया जा रहा है। मौके पर किसान राकेश सिंह, अशोक राय, जितेंद्र कुमार तथा मृत्युंजय सिंह सहित दर्जनों किसान उपस्थित थे।
महिला की मौत के बाद डॉक्टर, कर्मी क्लीनिक बंद कर हुआ फरार, हंगामा
नवादा : सदर अस्पताल के समीप डॉ बीके शर्मा के निजी क्लीनिक में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में जमकर हंगामा करते हुए तोड़फोड़ किया। हंगामा करते देख डॉक्टर और कर्मी क्लीनिक बंद कर फरार हो गये। हंगामा की सूचना मिलते हीं नगर थानाध्यक्ष इंसपेक्टर जितेन्द्र कुमार दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर मामला को शांत किया।
बताया जाता है कि नगर थाना क्षेत्र के गोवर्धन मंदिर मुहल्ला निवासी रामचन्द्र चौधरी की 25 वर्षीय पुत्री तारा स्वरूप की तबियत अचानक खराब हो गई। तबियत खराब होने के बाद परिजनों ने तारा को इलाज के लिए सदर अस्पताल के समीप डॉ बीके शर्मा के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत इलाज के दौरान हो गई।
मृतका के पिता रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि अपनी पुत्री की शादी नगर थाना क्षेत्र के सिद्धेश्वरपुर निवासी जयपाल चौधरी के पुत्र लालमनी चौधरी के साथ किया था। शादी के बाद तारा की तबियत खराब रहने लगा। तब तारा मायके चली आई और मायके में हीं इलाज कराने लगी। इसी दौरान बुधवार की सुबह तारा की तबियत अधिक खराब हो गई। तबियत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए डॉ बीके शर्मा के क्लीनिक में भर्ती कराया। जहां दिनों भर उसका इलाज चलता रहा। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई।
मौत होने के बाद अपना बचाव करते हुए डॉ बीके शर्मा ने तारा को रेफर कर दिया। रेफर करने के बाद प्राइवेट क्लीनिक के पास रहे सदर अस्पताल में तारा को ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृत घोषित करने के बाद परिजन उग्र हो गये। तथा निजी क्लीनिक पहुंच हंगामा करते हुए तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया। कुछ देर के लिए अस्पताल रोड में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सवाल
नवादा : जिले के नारदीगंज प्रखंड के 8 संकुलों में 63 प्राथमिक विद्यालय है। जिसमें सबसे बदतर हाल नारदीगंज संकुल स्थित प्राथमिक विद्यालय मोतीनगर की है। अनुसूचित बाहुल्य गांव के इस विद्यालय का संचालन पिछले नौ वर्षों से सामुदायिक भवन में हो रहा है। जहां बच्चे अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। इस भवन में एक कमरा व बरामदा है। जहां छात्र व छात्राओं को शिक्षा दिया जा रहा है। सबसे आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इसी कमरे में कार्यालय के साथ-साथ मध्याह्न भोजन बनाया जाता है और बच्चों को शिक्षा भी दी जाती है। इस परिस्थिति में गुणवता शिक्षा की बात यहां बेमानी ही दिखती है।
90 छात्रों का है नामांकन
विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 90 है। जिसमें प्रथम में 18, द्वितीय में 15, तृतीय में 25, चतुर्थ में 18 और पंचम कक्षा में 14 छात्र हैं। छात्रों की औसत उपस्थिति 60 से 70 प्रतिशत होती है। छात्रों को शिक्षा देने के लिए तीन शिक्षकों की पदस्थापना है। जिसमें प्रभारी शिक्षक शैलेंद्र कुमार,शिक्षक विमला कुमारी के अलावा जयशंकर प्रसाद शामिल हैं। मध्याह्न भोजन बनाने के लिए रसोईया पानो देवी व गौरी देवी कार्यरत हैं।
2010 में हुई विद्यालय की स्थापना
इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी। तब से अबतक विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हो सका है। जबकि गांव में बिहार सरकार की पर्याप्त भूमि है,वावजूद विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के वजह से आजतक भूमि उपलब्ध नहीं कराया गया है। ठंड के मौसम में बच्चें सिकुड़ जाते है, तो जेठ की तपती दोपहरी में बच्चों के हलक सूखते हैं। वहीं वर्षा के दिनों में भींग कर पठन-पाठन करने के लिए मजबूर हैं। अधिकारी सबकुछ जानकर अंजान हैं। उन्हें नौनिहालों के भविष्य की कोई चिता नहीं है।
नहीं है शौचालय
संचालित स्कूल परिसर में शौचालय नहीं होने से कार्यरत शिक्षकों खासकर महिला शिक्षक व छात्राओं को काफी परेशानी होती है। महिला शिक्षक व छात्राएं शौच क्रिया से निवृत होने के लिए इधर-उधर जगह तलाशते हैं। शिक्षा विभाग के उदासीन रवैए के कारण यहां गुणवत्ता शिक्षा मजाक बनकर रह गई है। सरकार व शिक्षा विभाग नौनिहाल बच्चों के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रही हैं। अधिकारी कुंभकर्णी निद्रा में सोए हैं।
क्या कहते हैं छात्र?
सरकारी विद्यालय हैं, लेकिन भवन नहीं बन पाया है। हमलोग छात्र सामुदायिक भवन में पढ़ने को विवश हैं। एक कमरे और बरामदा पर स्कूल संचालित है। जिससे अच्छे ढंग से पढ़ भी नहीं पाते हैं, लवकुश कुमार,छात्र मोतीनगर।
ठंड का महिना हो या गर्मी का अथवा बारिश का बरामदे पर पढ़ने में परेशानी होती है। विद्यालय का अपना भवन होतो तो पढ़ाई बेहतर होती, अखिलेश कुमार,छात्र
विद्यालय का अपना भवन नहीं होने के कारण शौचालय एवं पेयजल की सुविधा हमलोगों को नहीं मिल पा रही है। गांव में लगा चापाकल से प्यास बुझानी पड़ती है। सरकार को भवन निर्माण पर ध्यान देना चाहिए, लक्ष्मी कुमारी, छात्र।
शौचालय नहीं रहने के कारण खुले में शौच करते हैं। प्रतिदिन पढ़ने को आते है,लेकिन खेल मैदान नहीं होने से हमलोगों को काफी परेशानी होती है, रीना कुमारी,छात्रा।
क्या कहते है प्रभारी?
विद्यालय वर्ष 2010 से सामुदायिक भवन में संचालित हो रहा है। विद्यालय भवन निर्माण के लिए दो वर्ष पूर्व भूमि उपलब्ध कराने के लिए अंचल कार्यालय को पत्र भेजा गया था। अंचल कार्यालय से भूमि उपलब्ध कराने के लिए प्रतिवेदन जिला कार्यालय भेजा गया है,लेकिन अभी तक भूमि आवंटित नहीं किया गया है। विद्यालय भवन के अभाव में छात्र व छात्राओं के पठन-पाठन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है, शैलेंद्र कुमार,प्रधानाध्यापक।
क्या कहते हैं अधिकारी?
अनुसूचित बाहुल्य गांव है। इस गांव से दूसरे गांव स्थित विद्यालय की दूरी भी अधिक है। जिसकारण इसे शिफ्ट करने में परेशानी हो रही है। इस गांव में विद्यालय भवन के लिए बिहार सरकार की पर्याप्त भूमि है। भूमि उपलब्ध होते ही भवन का निर्माण कराया जाएगा। वरीय पदाधिकारी को स्थिति से अवगत कराया जाएगा, महेश्वरी रविदास,बीईओ,नारदीगंज।
आवास की राशि आई और चली गई लाभुक को पता भी नहीं
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड के सवैयाटाड़ पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा का एक मामला सामने आया है।
सवैयाटाड़ पंचायत की बसरौन गांव निवासी स्वर्गीय फागुन भुइंया के बेटे कार्तिक भुइंया ने रजौली एसडीओ को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। लिखित आवेदन में कार्तिक ने कहा है कि वर्ष 2017-18 में उसके नाम पर सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया था। लेकिन मुझे आज तक इसका लाभ नहीं मिला है। दो-तीन दिन पहले पंचायत के कुछ लोगों के द्वारा मुझसे पूछा गया कि तुम्हारे नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना का आवंटन हुआ है।
यह बात सुनकर मैं चकित रह गया। जब मैं इस बारे में गांव के कुछ लोगों से पता किया तो पता चला कि किसी दूसरे को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल गया है और राशि की निकासी भी कर ली गई है। कार्तिक ने एसडीओ को दिए आवेदन में यह भी लिखा है कि मैं अपने हक के लिए आवाज उठा रहा हूं। इसमें मेरे जान माल का भी नुकसान किया जा सकता है। कार्तिक दैनिक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। सरकार की तरफ से उसे एक आशियाना मिला था, लेकिन वह भी फर्जी तरीके से किसी दूसरे ने हड़प लिया। कार्तिक ने यह भी बताया कि मुझे आज तक न तो पंचायत की मुखिया और न ही किसी अन्य माध्यम से इस बारे में कोई जानकारी दी गई। इस मामले के सामने आने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में काफी गड़बड़ी है। अगर इस मामले की जांच हुई तो कई प्रतिनिधि और कई अधिकारी की गर्दन फंस सकती है।
इस बारे में जब प्रखंड कार्यालय से पता किया गया तो पता चला कि कार्तिक के नाम पर खुले खाते से तीन किश्तों में पैसा की निकासी की गई है। पहले किश्त की राशि 22 दिसंबर 2017, दूसरा किस्त 1 अक्टूबर 2018 और तीसरा किस्त 16 अक्टूबर 2018 को निकाला गया है। कुल एक लाख 30 हजार रुपये की निकासी हुई है।
जिले में 27 से शुरू होगी खेल प्रतियोगिता
नवादा : जिले में विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता की शुरूआत 27 अगस्त से होगी। जिलाधिकारी से इस खेल प्रतियोगिता की तिथि व पूरे आयोजन को लेकर स्वीकृति मिल गई है। फूटबॉल के अलावा हैंडबॉल, खो-खो, क्रिकेट, एथलिट, रग्बी जैसे कई खेलों का आयोजन शिड्यूल के अनुसार किया जाएगा। खेल विभाग की ओर से इसकी तैयारी बीते माह से ही की जाती रही है। इस खेलकूद प्रतियोगिता में नवादा जिले के विभिन्न प्रखंडों से विद्यालय स्तर पर चयनित बालक-बालिका खिलाड़ी अपने-अपने खेल का जौहर दिखाएंगे।
इससे पहले गांधी इंटर स्कूल के मैदान में रग्बी खेल का पूर्वाभ्यास खिलाड़ियों ने किया। वहीं प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय में भी छात्राओं ने अपनी पसंद के खेल को लेकर पूर्वाभ्यास किया। विभिन्न स्कूलों में जिला स्तरीय स्कूली खेल की तैयारी करवाते रग्बी संघ के सभी पदाधिकारी एवं सभी नेशनल खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया। विक्रम कुमार जिला सचिव, राजीव कुमार, दीपक कुमार, सुनील, अनिल कुमार, जूही कुमारी, सपना कुमारी ने हिस्सा लिया। जानकारी के मुताबिक ज्यादातर खेल आयोजन हरिश्चंद्र स्टेडियम में होंगे।
नदी संरक्षण पर स्थानीय प्रशासन मौन, तेजी से भूमि पर अतिक्रमण
नवादा : जीवन सुरक्षित रखने के लिए पानी अत्यंत आवश्यक है और नदियां इसका प्रमुख स्रोत रही हैं। लेकिन हिसुआ प्रखंड से गुजरने वाली प्रमुख तिलैया नदी के संरक्षण के प्रति प्रशासन मौन है। नतीजतन यह नदी लगातार अतिक्रमण का भेंट चढता जा रही है।
बता दें कि इस नदी के बड़े भाग को अतिक्रमणकारियों ने अवैध कब्जा कर मकान निर्माण एवं कृषि कार्य आरंभ कर दिया गया है। दिन-प्रतिदिन नदी की भराई करा उस पर कब्जा जमाया जा रहा है। यदि यही स्थिति बरकरार रही तो तिलैया नदी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा तथा नदी का स्वरुप मानचित्र के पन्नों में दबकर रह जाएगा।
बुजुर्ग बताते हैं कि कालांतर में तिलैया नदी तकरीबन 400 फीट में प्रवाहित होती थी, जो आज सिमट कर 70-80 फीट चौड़ी रह गई है। नदी के अतिक्रमण का सीधा प्रभाव जलस्रोत पर पड़ा है। अतिक्रमण के कारण नदी पाट कम हो जाने से जल स्तर में भारी गिरावट आई है।
बारत पंचायत की मुखिया कन्हैया कुमार बादल एवं युवा नेता लालजी ने बताया कि जलस्तर में गिरावट आने से क्षेत्रवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो नदी अपना आस्तित्व खो देगी और सैंकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो जाएगी। सिघौली, कैथीर, बढौना, श्रीरामपुर, बगोदर, सोनसा सहित दर्जनों गांव के लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए अंचलाधिकारी हिसुआ एवं नरहट का वर्षों से ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है। लेकिन अबतक इसकी सुध नहीं ली गई।
प्रशासन की उदासीनता के कारण नदी में 100 से ज्यादा पीलरयुक्त मकान बन चुका है, जबकि दर्जनों मकान निर्माण का कार्य अभी भी जारी है। जानकार बताते हैं कि उच्च न्यायालय पटना ने नदी, नाला, आहर, पोखर, तालाब, पइन की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का आदेश अंचलाधिकारी व जिलाधिकारी को दिया है। लेकिन प्रशासन के इस विषय पर गंभीर नहीं होने से अतिक्रमणकारियों द्वारा नदी की जमीन पर कृषि कार्य किए जा रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
अतिक्रमण के बाबत राजस्व कर्मचारी को जांच का आदेश दिया गया है। जांच प्रतिवेदन आने पर अतिक्रमणकारियों को नोटिस दी जाएगी, नितेश कुमार, अंचलाधिकारी, हिसुआ।